संवत् 1631 का प्रारम्भ हुआ। उस दिन राम-नवमी के दिन प्रायः वैसा ही योग था जैसा त्रेता-युग में राम जन्म के दिन था। उस दिन प्रातःकाल संत तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना प्रारम्भ की। दो वर्ष, सात महीने, छ्ब्बीस दिन में ग्रन्थ की समाप्ति हुई। संवत् 1633 के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में राम-विवाह के दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये। Show तुलसीदास की रचनाएं 1. गीतावली (1559 ई.)
3. कृष्ण गीतावली (1571 ई., भाषा : ब्रजभाषा) 4. रामचरितमानस (1574 ई., अवधी) 5. रामलला नहछू (1582 ई., सोहर छन्द में नहछू लोकाचार को वर्णन, भाषा : अवधी)
8. पार्वती मंगल (1582 ई., शिव-पार्वती के विवाह-संबंधी, भाषा : अवधी)
अवधी भाषा की रचनाएंरामचरितमानस, रामलला नहछू, बरवै रामायण, पार्वती मंगल, जानकी मंगल रामाज्ञ प्रश्नब्रजभाषा की रचनाएंकृष्णगीतावली, राम गीतावली, दोहावली, विनयपत्रिका, कवितावली, वैराग्य संदीपनी। ये कृतियां प्रामाणिक मानी जाती हैं౼ 1. दोहावली 2. कवितावली 3. गीतावली 4. रामचरितमानस 5. रामाज्ञा प्रश्न 6. विनयपत्रिका 7. रामलला नहछू 8. पार्वती मंगल 9. जानकी मंगल 10. बरवै रामायण 11. वैराग्य संदीपिनी 12. श्रीकृष्ण गीतावली। गोस्वामी तुलसीदास का नाम महान कवियों में आता है। तुलसीदास की रचनाएँ, तुलसीदास कविताएँ, तुलसीदास की कविता, तुलसीदास की छोटी कविताएँ, दोहे हर उम्र के व्यक्ति, मुश्किल हालातों और समय में लोगों को अपना जीवन जीने की एक बेहतर प्रेरणा देती हैं। उनके द्वारा लिखी गई हर एक लाइन आपके कठिन समय से आपको आगे बढ़ाने का प्रयास करती है। तो चलिए इस ब्लॉग के जरिए Tulsidas poems in Hindi के बारे में विस्तार से जानते हैं। This Blog Includes:
Satyendra Kumar कहते हैं: जून 9, 2021 को 3:40 अपराह्न पर बहुत सुन्दर जानकारी प्रतिक्रिया
View Comments (2) तुलसीदास ने कौन कौन सी भाषाओं में साहित्य रचना की?राम चरित्र मानस के अलावा उनकी कई और प्रमुख रचनाएं हैं जैसे कवितावली, गीतावली, दोहावली, कृष्णगीतावली, विनयपत्रिका आदि। तुलसीदास जी का अवधी और ब्रज दोनों भाषाओं में ही समान अधिकार था। 1632 में काशी में उनकी मृत्यु हो गई। रामचरितमानस की रचना अवधि में थी वहीं कवितावली और विनयपत्रिका की रचना ब्रज भाषा में ।
तुलसीदास जी की कौन सी पुस्तक ब्रज भाषा में लिखी गई है?गीतावली गोस्वामी तुलसीदास की काव्य कृति है। गीतावली तुलसीदास की प्रमाणित रचनाओं में मानी जाती है। यह ब्रजभाषा में रचित गीतों वाली रचना है जिसमें राम के चरित की अपेक्षा कुछ घटनाएँ, झाँकियाँ, मार्मिक भावबिन्दु, ललित रस स्थल, करुणदशा आदि को प्रगीतात्मक भाव के एकसूत्र में पिरोया गया है।
तुलसीदास की रचना कौन सी है?Goswami Tulsidas Ki Rachnayein. अपने दीर्घ जीवन-काल में तुलसीदास ने कालक्रमानुसार निम्नलिखित काल जयी ग्रन्थों की रचनाएं कीं - रामललानहछू, वैराग्यसंदीपनी, रामाज्ञाप्रश्न, जानकी-मंगल, रामचरितमानस, सतसई, पार्वती-मंगल, गीतावली, विनय-पत्रिका, कृष्ण-गीतावली, बरवै रामायण, दोहावली और कवितावली (बाहुक सहित)।
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