Class 10 Hindi – A Yeh Danturit Muskan Extra Questions | Most Important Questions for Class 10 Hindi | यह दंतुरित मुस्कान, फसल (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)यह दंतुरित मुस्कान, फसल (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न) Show
प्रश्न 1.कवि ने शिशु और उसकी माँ को धन्य क्यों कहा है? “यह दंतुरित मुसकान’ कविता के आधार पर बताइए। 2016उत्तर: कवि ने शिशु और उसकी माँ को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि ये दोनों कवि के जीवन में सुखद क्षण देने वाले हैं। कवि के लिए शिशु की दंतुरित मुसकान एक नया जीवन प्रदान करने वाली है। कवि के जीवन में शिशु की नए-नए दाँतों वाली भोली, सरल एवं निश्छल मुसकान एक नई ऊर्जा एवं प्राणों का संचार करने वाली है। इसलिए वह धन्य है। और धन्य उसकी माँ भी है क्योंकि यदि बच्चे की माँ नहीं होती, तो कवि बच्चे की मंद-मंद मुसकाती छोटे-छोटे दाँतों से युक्त छवि नहीं देख पाता एवं न उसे जान पाता। प्रश्न 2.यह दंतुरित मुसकान' पाठ में बाल-मनोविज्ञान की छवियाँ बड़ी अनुपम हैं।'' कथन की सार्थकता सिद्ध कीजिए।उत्तर: “यह दंतुरित मुसकान' पाठ में शिशु कवि को पहचान नहीं पाता है और यह स्वाभाविक है कि जब बच्चा किसी को पहचानता नहीं है, तब उसकी ओर वह अपलक यानि निर्निमेष देखता रहता है। इसके अलावा, जब कोई अपरिचित उसकी ओर निरंतर देखता रहता है तो वह अपना ध्यान भंग करके इधर-उधर देखता है और फिर थोड़ी देर में वह अपरिचित की ओर तिरछी नज़र यानी कनखी से देखता है कि कहीं वह अपरिचित उसे देख तो नहीं रहा है। यह एक छोटे बच्चे का मनोविज्ञान है, जो आठ या नौ महीने का है। अतः इस पाठ में बाल-मनोविज्ञान की छवियाँ यथार्थ में बड़ी अनुपम हैं। प्रश्न 3.बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ा?उत्तर: बच्चे की दंतुरित मुसकान से कवि को आनंद की अनुभूति होती है। इस मुसकान को देखकर कवि के मन में वात्सल्य भाव उमड़ने लगता है। उसे लगता है कि बच्चे की यह मुसकान मृतक में भी प्राणों का संचार कर सकती है। कठोर-से-कठोर हृदय को पिघला सकती है और बाँस तथा बबूल जैसे कठोर एवं सूखे पेड़ों में भी फूल खिला सकती है। उसे बच्चे की दंतुरित मुसकान बहुत ही मनमोहक लगती है। प्रश्न 4.फसल के उत्पन्न एवं फलदायी होने में मनुष्य के हाथों की क्या महिमा है? 2014उत्तर: फसल के उत्पन्न होने से लेकर उसके फलदायी होने में मनुष्य के हाथों की ही महिमा है। किसान अपने हाथों के अथक प्रयास एवं परिश्रम से फ़सल उत्पन्न करता है और विकसित करता है। वही बीज बोने से लेकर फसल के विकास तक प्रत्येक चरण को संभव कर, उसे फ़सल के रूप में बदलता है। हर मौसम में कठिनाई का सामना करता है और फ़सल का संरक्षण करता है। उसके परिश्रम के अभाव में यह संभव नहीं है। फसल के रूप में उसके हाथों के स्पर्श की महिमा ही फलीभूत होती है। प्रश्न 5,फसल उगाने के लिए कौन से तत्व आवश्यक माने गए हैं?उत्तर: ‘फ़सल उगाने के लिए कृषक एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग आवश्यक है। फसल कृषक के परिश्रम और प्राकृतिक तत्वों- हवा, मिट्टी, पानी, प्रकाश का प्रतिरूप है। फसल लिए नदियों का पानी, मिट्टी के गुण-धर्म अर्थात् उसकी उर्वरा शक्ति, सूरज का प्रकाश, हवा का स्पर्श एवं कृषक के हाथों के कठोर श्रम आवश्यक हैं। इन तत्वों के बिना फसल उगाई नहीं जा सकती। प्रश्न 6.बच्चे की मुसकान और एक बड़े की मुसकान में क्या अंतर है? 2013उत्तर: बच्चे की मुसकान निश्छल, कोमल, निस्वार्थ, सच्ची और मनोहर होती है। उसकी मुसकान सबको अपनी ओर आकर्षित करती है एवं आनंद प्रदान करती है। उसमें किसी भी प्रकार छल-कपट व भेदभाव नहीं होता। जबकि बड़ों की मुसकान ईर्ष्या-द्वेष, कुटिलता, व्यंग्य, स्वार्थ एवं उपहासपूर्ण भावों एवं अर्थों से युक्त होती है। ऐसी मुसकान बनावटी एवं दिखावटी होती है, जिसमें कृत्रिमता, कुटिलता एवं अस्वाभाविकता का अंश विद्यमान रहता है। ऐसी मुसकान उद्देश्य पूर्ण होने के पश्चात् गायब हो जाती है। प्रश्न 7.नदियों का पानी जादू का काम कैसे करता है?उत्तर: फसल अनेक नदियों के जल से सिंचित होती है। नदियों का जल फ़सल के रूप में परिणत होकर सामने आता है। मिट्टी के भीतर बोए हुए बीजों पर नदियों का पानी जादू का असर करता है। इसी प्रभाव से बीज अंकुरित होते हैं और धरती को चीर कर बाहर निकलते हैं और फिर धीरे-धीरे विकसित होकर फ़सल का रूप धारण करते हैं। यह नदियों के जल का जादुई प्रभाव है। प्रश्न 8.कवि के अनुसार फसल क्या है? 2012उत्तर: कवि के अनुसार फ़सल प्रकृति और मनुष्य के समन्वय एवं सहयोग का परिणाम है। नदियों के पानी का जादू, मनुष्य के परिश्रमी हाथों का स्पर्श, मिट्टी की उपजाऊ शक्ति, उसका गुण-धर्म, हवा का जीवनदायी तत्व एवं सूर्य की किरणों का रूपांतरण है। इन सबका मिश्रित रूप ही फ़सल है। प्रश्न 9.बच्चे की मुसकान मृतक में भी जान कैसे डाल देती है?उत्तर: बच्चे की मुसकान में इतनी प्रफुल्लता, इतनी जीवंतता होती है कि वह उदासीन एवं गंभीर चेहरे में भी प्रसन्नता भर देती हैं। उस मुसकान में ऐसा अपार सुख है कि मरे हुए व्यक्ति में भी प्राणों का संचार कर देती है। अर्थात् ऐसा कौन सा व्यक्ति होगा जो बालक की मुसकान को प्राप्त कर प्रसन्नता से न भर उठे। प्रश्न 10. |