अधिक पढ़ाई करने से क्या होता है? - adhik padhaee karane se kya hota hai?

जानिये कुछ ऐसे तरीकों के बारे में जिनसे आप अपनी पढ़ाई करने की क्षमता को कई गुना बढ़ा सकते हैं| आप अपनी पढ़ाई के तरीकों में छोटे से बदलाव करके अदभुत् लाभ पा सकते हैं | साथ ही साथ कम समय में ज्यादा बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं |

अधिक पढ़ाई करने से क्या होता है? - adhik padhaee karane se kya hota hai?

जैसे-जैसे एग्ज़ाम का समय पास आता जाता है, वैसे-वैसे पढ़ाई को ज़्यादा से ज़्यादा  समय देने की ज़रूरत बढ़ने लगती है क्योंकि आख़िरी के महीनों में पूरा सिलेबस दोहराना पड़ता हैं जिसकी वजह से आम दिनों की अपेक्षा ज़्यादा समय लगता है | 

अगर कोई Engineering Entrance, SSC, Banking, या फिर IAS जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा हैं तो उसे 10 से 12 घंटो तक पढ़ाई करनी पड़ सकता है | किसी भी परीक्षा के लिए लम्बे समय तक अध्ययन करना कठिन और तनावपूर्ण हो सकता है । कई बार तो छात्र बहुत कोशिशों के बाद 10 से 12 घंटे तक बैठते तो है पर पढ़ाई में अपना ध्यान केंद्रित नही कर पाते हैं।

इस आर्टिकल के द्वारा हम पढ़ाई करने के कुछ ऐसे तरीकों के बारे में जानेंगे जिनसे आप अपनी पढ़ाई करने की क्षमता को दोगुना कर सकते हैं | आप अपनी पढ़ाई के तरीकों में छोटे से बदलाव करके अदभुत् लाभ पा सकते हैं साथ ही कम समय में ज्यादा बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं |

तो आइये जानते है पढ़ाई करने के कुछ ख़ास तरीकों के बारे में

अपनी बॉडी क्लॉक को समझ कर पढ़ाई का सही वक्त सुनिश्चित करें

हर इंसान की अलग-अलग बॉडी क्लॉक होती हैं | अगर इसे पढ़ाई से रिलेट करे तो आसान शब्दों में इसे इस तरह समझ सकते है कि 24 घंटो के समय में एक समय ऐसा होता है जब हमारी कार्यक्षमता चरम सीमा पर होती है | इस समय जब हम कोई भी काम करते हैं तो वो ज़्यादा अच्छी तरह से और बेहतर तरीके से कर पाते हैं | कुछ लोगों को सुबह जल्दी उठ कर पढ़ने से ज़्यादा समझ आता है और याद रहता है  जबकी बहुत से लोगों कों रात में पढ़ने से ज़्यादा समझ आता है और अच्छी तरह याद होता है इसलिए किसी भी एग्ज़ाम की तैयारी शुरू करने से पहले अपनी बॉडी क्लॉकको एनालाइज़ करें |

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रात को बनाये अगले दिन की योजना

छात्र सुबह उठ कर कोचिंग और स्कूल जाते हैं | कुछ ऑफिस जाने वाले लोग भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, उन्हें भी सुबह-सुबह ऑफिस जाना पड़ता हैं | ऐसे में अगर आप हर दिन कुछ भी बिना प्लानिंग के पढ़ाई करेंगे तो आपको कुछ भी हासिल नहीं होगा | इसलिये किसी भी काम को करने के लिये उचित प्लान सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम होता हैं | 

अगर आपको कोई परीक्षा एक साल में क्लियर करनी है तो आपके पास पूरे साल का (या हर एक महीने का) प्लान ज़रूर होना चाहिये | हालाँकि पूरे साल का और हर महीने का प्लान सिर्फ एक खाका (या ब्लू प्रिंट) होता हैं क्योंकि हमारा हर दिन अलग होता है इसलिए प्रतिदिन के हिसाब से टाइम टेबल बनाना अनिवार्य है इसलिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी यह है कि अगले दिन आप क्या करने वाले है इसका पूरा प्लान आपको रात में ही बना लेना चाहिये लेकिन इस बात का ध्यान ज़रूर रखें की आप अपने द्वारा रात में सेट किये गये प्लान या टारगेट्स को समय से पूरा कर पा रहें है या नही |

अगर आप सुबह जल्दी (4:00 AM से 5:30 AM) उठ कर, पढ़ाई शुरू कर देते है तो 11:00 PM तक आप सारे काम – काज के साथ-साथ पढ़ाई करने का पर्याप्त समय आराम से निकल पायेंगे |

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अध्ययन की तकनीकों का मिश्रण

कुछ लोग कहते है की सुबह जल्दी उठ कर और देर रात तक पढ़ाई करने के बाद भी समय से सिलेबस ख़त्म नहीं हो पा रहा हैं या उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा है | तो उन लोगो को अध्ययन करने की तकनीक पर ध्यान देना चाहिये | 

आजकल व्यस्तता इतनी ज्यादा बढ़ गयी है ऐसे में सिर्फ नोट्स से आपको पढ़ाई करने का मौका नहीं मिल पाटा | ऐसे में आप किसी टॉपिक को समझने के लिये YouTube का सहारा भी ले सकते है | आप चाहे तो अपने स्मार्ट फ़ोन में डायग्राम, मैप्स इत्यादि की फ़ोटो क्लिक करके सेव कर सकते है और ज़रूरत पड़ने पर उसे देख सकते है और समझ सकते हैं | ये तरीक़े बस या ट्रेन में सफ़र के दौरान बहुत मददगार होते हैं | 

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अध्ययन की अवधि का ख़ास ध्यान रखें

पढ़ाई करते समय या पढ़ाई का प्लान बनाते समय अध्ययन की अवधि का ध्यान ज़रूर रखें | कुछ लोग 1 से 2 घंटे तक आसानी से पढ़ाई कर लेते पर बहुत लोगों के लिये 1 घंटा भी लगातार पढ़ना मुश्किल होता हैं | इन लोगो के लिये ज़रूरी है कि पढ़ाई के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लें या ऊपर दिये गये अध्ययन की तकनीकों का मिश्रण करे |

 पढ़ाई का पूरा प्लान बनाते समय इन छोटे-छोटे ब्रेक के समय को न नकारे | कोई भी स्टडी प्लान आपको अपनी क्षमता अनुसार ही बनाना चाहिये | अगर आज आप 1 घंटा लगतार पढ़ते है तो 1 महीने बाद कोई ऐसा जादू नहीं होगा की आप 6-9 घंटे लगातार पढ़ने लगेंगे |

अपने नोट्स बनाएं 

आप चाहे किसी बुक या youtube चैनल से पढ़ रहे हो ऐसे में अपने हाथ से नोट्स बनाना बेहद ज़रूरी हैं क्योंकि परीक्षा हॉल में जाने से कुछ देर पहले न तो आप किताब खोलकर बेथ सकते हैं और न ही youtube इसलिए आपके आप शॉर्ट नोट्स बने होने अनिवार्य हैं.

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शारीरिक व्यायाम और मस्तिष्क को विकसित करने वाले आहार

अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है या शुरू करने वाले हैं तो चाय कॉफ़ी और फ़ास्ट फ़ूड को जितना जल्दी हो सके गुडबाय कर दीजिये | जैसा की हम जानते हैं, स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। अगर कोई व्यक्ति बीमार है या कई प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त है तो वह अपने मन को एकाग्र नहीं कर सकता और इसका सीधा प्रभाव उसकी परीक्षा की तैयारी पर पड़ेगा इसलिए एकाग्रता में सुधार लाने के लिए शारीरिक व्यायाम और स्वस्थ आहार बहुत ज़रूरी है ।

 तेज़ कदमों से टहलना, जंपिंग जैक्स, दौड़ लगाने जैसे हल्के एरोबिक व्यायाम करने से आपके मस्तिष्क में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती हैं और आप ज़्यादा एकाग्रता से लम्बे समय तक पढ़ाई कर सकते हैं |

एवाकाडो, बेर, ब्रोकली, साबूत अनाज, मछली और कद्दू के बीज ये कुछ ऐसे भोजन के उदाहरण हैं जिन्हें खाने के बाद आपकी कार्य क्षमता पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा |

सारांश

आप चाहे बोर्ड एग्जाम की तैयारी कर रहे हो या फिर किसी प्रतियोगी परीक्षा की, ऊपर दिये गये तरीकों के उपयोग से आपको अच्छे परिणाम ज़रूर हासिल होंगे | शुरू में ये तरीक़े अपनाने में आपको थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है पर थोड़े समय बाद आपको कामयाबी अवश्य मिलेगी | सबसे महतवपूर्ण बात ये हैं की जब भी पढ़े और जितना भी पढ़े पूरी एकाग्रता के साथ पढ़े |

ज्यादा से ज्यादा पढ़ने से क्या होता है?

ज्यादा पढ़ाई करने से ज्यादा तो नुकसान नहीं होता है लेकिन हां अगर हर समय पढ़ाई में ही लगे रहना एक उचित मानव विकास के लिए संभव नहीं है क्योंकि एक विकासशील प्राणी समुदाय और समाज में रहकर ही विकास कर सकता है ना कि किताबों में किताब एक सिर्फ और सिर्फ जरिया है जानकारियों को प्राप्त करने का लेकिन असल में उस जानकारी को साझा ...

रात में कितनी देर तक पढ़ना चाहिए?

यह बहुत से स्टूडेंट का सवाल होता है की रात में कितने बजे तक पढ़ना चाहिए? इसका सरल सा जबाव है की 11 से 11:30 तक पढ़ाई करनी चाहिए। वह इसलिए कयोंकि जल्दी सोने के बाद सुबह जल्दी उठे और सुबह में भी कुछ देर पढ़ सकते हैं। क्योंकि देर रात तक पढ़ने से अच्छा है की सुबह के वक्त पढ़ाई करें।

क्या रात में पढ़ाई करना सही है?

रात में पढ़ाई करना इसलिए भी अच्‍छा होता है, क्योंकि रात में आपका दिमाग शांत रहता है और आपके पास कोई काम भी नहीं होता है, ऐसे में आप ध्यान लगाकर पढ़ाई कर सकती हैं। वहीं, दिन में हमारे पास कई तरह के काम होते हैं और हमारा दिमाग भी शांत नहीं रहता, कभी हम फोन से डिस्टर्ब होते हैं, तो कभी दूसरों से बात करने में।

लेट कर पढ़ने से क्या होता है?

लेटकर पढ़ने से बच्चों की बुक और आंखों के बीच दूरी सही तरह से मेंटेन नहीं हो पाती। बच्चों की आंखों पर दबाव पड़ने से आंखें धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। पाचन पर पड़ता है असर: पेट के बल लेटकर खाने और पढ़ने से बच्चों के डाइजेशन पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता हैं।