अगर मगर करना का मुहावरा क्या होगा? - agar magar karana ka muhaavara kya hoga?

अगर मगर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Agar magar karana Muhavara Arth Aur Vakya Pryog)

अगर मगर करना मुहावरे का अर्थ – बचने का बहाना ढूँढना, टालमटोल करना, तर्क करना, बहाना बनाना, आनाकानी करना, तरह-तरह के बहाने बनाना।

Agar magar karana muhaavare ka arth – bachane ka bahaana dhoondhana, taalamatol karana, tark karana, bahaana banaana, aanaakaanee karana, tarah-tarah ke bahaane banaana.

अगर मगर करना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

वाक्य प्रयोग: मोहन कि मां ने उसे बाजार से सब्जी लाने को कहा तो मोहन ने आनाकानी दिखाने लगा इसे कहते हैं अगर मगर करना।

वाक्य प्रयोग: सीता ने राधा से कहा कि जब भी तुम्हें मेरी जरूरत हो तब तुम मुझे बुला लेना लेकिन जब राधा ने सीता को बुलाया तो सीता आनाकानी करने लगी और वह अगर मगर करने लगी।

वाक्य प्रयोग: मोहन जब अपने दिए हुए उधार के पैसे लेने के लिए अपने दोस्त के पास गया तो उसका दोस्त अगर मगर करके टालमटोल करने लगा।

वाक्य प्रयोग: ऐसे तो हमें बहुत सारे दोस्त कहते मिलेंगे कि वक्त आने पर मैं तुम्हारा साथ दूंगा तुम्हारा मदद करूंगा, लेकिन जब उसकी मदद की सच में जरूरत होती है, तो वह सारे दोस्त आनाकानी करने लगते हैं अर्थात टालमटोल करते रहते हैं और इसे कहा जाता है अगर मगर करना।

यहां हमने “अगर मगर करना “जैसे बहुचर्चित मुहावरे का अर्थ और उसके वाक्य प्रयोग को समझा।अगर मगर करना मुहावरे का अर्थ है कि आनाकानी करना, किसी काम को करने का ना करने का बहाना बनाना, टालमटोल करना। इस संसार में कई ऐसे लोग आपको मिलेंगे जो कि काम ना करने के बहाने ढूंढते रहेंगे। आप अगर उनसे कोई काम कहेगे तो वे उस काम को ना करने का एक से एक बहाना बनाते रहेगा और इसका सबसे बड़ा उदाहरण आप के नौकर हो सकते हैं या फिर आप अगर अपने, किसी को काम के लिए रखे हैं वह लोग भी हो सकते हैं और आपके अपने लोग भी हो सकते हैं जो कि आप के बोले हुए किसी भी काम को करने में आनाकानी करते हो। चुकी यह मुहावरा है और मुहावरा और असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए यहां इस मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करने से हैं।

मुहावरे परीक्षाओं में मुख्य विषय के रूप में पूछे जाते हैं। एक शब्द के कई मुहावरे हो सकते हैं।यह जरूरी नहीं कि परीक्षा में यहाँ पहले दिये गए मुहावरे ही पूछा जाए। परीक्षा में सभी किसी का भी मुहावरे पूछा जा सकता है।

मुहावरे का अपना एक भाग है प्रत्येक पाठ्यक्रम में, छोटी और बड़ी कक्षाओं में मुहावरे पढ़ाया जाता है, कंठस्थ किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में यह एक मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

परीक्षा के दृष्टिकोण से मुहावरे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरे का अपना-अपना भाग होता है। चाहे वह पेपर हिंदी में हो या अंग्रेजी में यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरे कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। यदि इसे ध्यान से समझा जाए तो याद करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इसे समझ समझ कर ही लिखा जा सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग

1000+ हिंदी मुहावरों के अर्थ और वाक्य प्रयोग का विशाल संग्रह 

अगर मगर करना मुहावरे का अर्थ – agar magar karana muhaavare ka arth टालमटोल करना ‌‌‌या आनाकानी करना ।

दोस्तो इस संसार मे अनेक लोग ऐसे है जिनसे अगर कोई काम कराया जाता है तो वह काम करने मे आनाकानी या फिर उस काम को नही करने के लिए बहाने बनाने लग जाता है । फिर चाहे वह हमारा नोकर भी क्यो न हो । इस तरह ‌‌‌से आनाकानी करने को ही अगर मगर करना कहा जाता है । इस तरह के लोग कोई भी हो सकते है वह हमारा बेटा या फिर हमारा अपना भी हो सकता है जिसका हमे समय आने पर पता चलता है की वह अगर मगर करता है की नही ।

अगर मगर करना का मुहावरा क्या होगा? - agar magar karana ka muhaavara kya hoga?

अगरमगरकरनामुहावरे कावाक्यमेप्रयोग

  • ‌‌‌ज्यादा अगर मगर किया तो मै तुम्हे अपने घर से निकाल दुगा ।
  • पहले तो तुम कहते थे की जब भी तम्हे मेरी जरुरत हो तब मुझे बुला लेना पर आज जब मेने तुम्हे कुछ काम करने के लिए कहा तो तुम अगर मगर कर रहे हो ।
  • तुम कहते हो की मै तुम्हारा दोस्त हूं पर जब भी मेने तुमसे मदद मागी तब तब तमने अगर मगर किया ।
  • जब मै तुमसे पैसे लेने के लिए आता हूं  तब तुम अगर मगर कर कर बात को टाल देते हो ।

अगरमगरकरनामुहावरेपरकहानी

प्राचिन समय की बात है प्रभुराम नाम का एक आदमी अपने गाव मे रहता था । प्रभुराम के घर मे उसका पिता था जो कुछ ही दिनो पहले मर गया था और उसकी माता तो उसके बचपन मे ही मर गई थी । प्रभुराम का पिता दारु पिता था इस कारण वह लोगो से उधार रुपय ले लेता था और वापस भी नही देता था ।

‌‌‌इसी तरह ‌‌‌का प्रभुराम बन गया था क्योकी प्रभुराम का बचपन बहुत ही कठिनाई के साथ बिता था । उसका पिता उसे कभी खाना देता था तो कभी नही देता था । उस समय प्रभुराम को अपने पिता पर बहुत ही घुस्सा आता था की वह उसे खाना भी समय पर नही देता है । जब प्रभुराम बडा हो गया तो वह भी अपने पिता के जैसा बनता जा ‌‌‌रहा था ।

प्रभुराम बहुत ही चतुर था वह लोगो से कुछ भी ले सकता था अगर प्रभुराम को पैसे चाहिए होते तो वह उस आदमी के पास पास रहता जिसके पास से उसे पैसे उधार लेने थे । प्रभुराम उस आदमी के पास रहकर उसके मन को जित लेता था । उस आदमी को लगने लगता था की प्रभुराम तो बहुत ही अच्छा है ।

‌‌‌इस तरह की सोच के कारण वह आदमी प्रभुराम को पैसे दे देता था । पर बादमे जब वह वापस मागने के लिए जाता था तो प्रभुराम उसे कहता की आज तो मरे पास नही है कल ले आना इसी तरह से प्रभुराम बहाने बनाने लग जाता था । तब जाकर उस आदमी को पता चलता की यह तो अगर मगर कर कर  बात को टाल देता है।

‌‌‌एक बार प्रभुराम को लगा की अगर वह किसी तरह से शहर चला जाए तो उसे वहा पर बहुत पैसे कमाने को मिल जाएगे । ऐसी सोच के साथ ही वह शहर जाने की तैयारी करने लगा । पर उस समय प्रभुराम के पास शहर जाने के लिए भी पैसे नही थे । शहर जाने के बाद भी कुछ दिनो तक वहा पर नोकरी नही मिलती तब तक उसे खाने के लिए भी ‌‌‌चाहिए होते है ।

इस कारण प्रभुराम अपने गाव के एक आदमी के पास पैसे लेने के लिए गया था । उसके गाव मे सभी लोग बात करते थे की अगर प्रभुराम को पैसे दे दिए तो वह वापस नही देगा । पर उस गाव मे एक आदमी ऐसा था जिसको लगता था की प्रभुराम सभी ‌‌‌को पैसे नही देता है पर मेरे पक्का दे देगा  ।

उसे लगता था की अगर वह नही ‌‌‌देगा तो उसे धमका कर ले लेगे । ‌‌‌उसी आदमी के पास पैसे लाने के लिए प्रभुराम गया था और उसकी जोर सोर से तारीफ की थी । अपनी तारीफ सुनकर वह आदमी उढने गला था और प्रभुराम को कुछ कहे बिना ही पैसे दे दिए थे । प्रभुराम पैसे लेकर दुसरे दिन ही शहर चला गया था ।

शहर जाकर प्रभुराम नोकरी की तलाश मे इधर उधर ‌‌‌भटकने लगा था । उसे इस तरह से भटकते हुए एक आदमी ने देखा तो उसने सोचा की इसे नोकरी दिला देनी चाहिए तब उस आदमी ने उसे नोकरी देने के लिए कहा । तब प्रभुराम ने कहा की अगर भाई तुम मुझे बडिया नोकरी पर लग दोगे तो मै तुम्हे कभी भी नही भुलूगा ।

उस आदमी ने सोचा की इसे तो नोकरी लगाना ही होगा । जैसे तैसे कर ‌‌‌उसे नोकरी दिला दी थी । जब उसे नोकरी मिल गई तो वह बहुत ही खुश हो गया था । और ‌‌‌उधर उसके गाव मे वह आदमी उसे ढुढता फिर रहा था जिसने उसे शहर जाने के लिए पैसे दिए थे । तब उस आदमी को पता चला की जिस जिस ने प्रभुराम को पैसे दिए थे उसने उन्हे वापस नही दिए थे ।

अगर कोई उससे मागने के लिए चला जाता तो ‌‌‌वह आनाकानी करने लग जाता था । फिर एक दिन प्रभुराम के बारे मे उस आदमी को पता चला ‌‌‌। पता चल जाने पर वह आदमी प्रभुराम से पैसे लेने के लिए शहर गया और जाकर प्रभुराम से पैसे मागे तो प्रभुराम बहाने बनाने लगा था । ‌‌‌

प्रभुराम ने उस आदमी से कहा की कल ले लेना जब वह आदमी ‌‌‌अगले दिन पैसे लेने के लिए आया तो प्रभुराम ने कहा कल ले लेना । इसी तरह से प्रभुराम उसे कहता जा रहा था । तब उस आदमी को पता चल गया था की उसके पैसे अब वापस नही आएगे । इसी तरह से प्रभुराम को जिसने नोकरी दिलाई थी ‌‌‌नोकरी मिल जाने पर प्रभुराम को लगा की इसके साथ रहने ‌‌‌से मुझे बहुत फायदा होगा ।

तब वह उस आदमी के साथ ही रहने लगा था । और प्रभुराम उस आदमी को कहता था की जब भी तुम्हे मेरी जरुरत पडे तो कह देना । एक दिन उस आदमी को कुछ पैसो की जरुरत पड गई तो वह प्रभुराम से पैसे मागने लगा था । पैसो का नाम सुनकर प्रभुराम आनाकानी करने लगा था ।

अगर मगर करना का मुहावरा क्या होगा? - agar magar karana ka muhaavara kya hoga?

तब उस आदमी ने कहा की दो ‌‌‌दिन के बाद मे दे देना उस समय तो प्रभुराम ने देने के लिए ‌‌‌हां कह दि ‌‌‌थी । जब दो दिन के बाद मे वह आदमी उसके पास वापस आया तो प्रभुराम ‌‌‌पैसे न होने के बहाने बनाने लगा की आज मेरे पास पैसे नही आए है आज उस काम मे लग गए है । तब उस आदमी को पता लग गया की यह अगर मगर करता है । इस तरह से प्रभुराम अगर मगर करता रहता था । इस ‌‌‌तरह से आप इस महावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

‌‌‌अगर मगर करना मुहावर पर निबंध

साथियो जब किसी को जरुरत पडती है तो वह अपने फायदे के लिए लोगो की मदद लेता है पर जब लोग उसे काम देते है या फिर ऐसे कह सकते है की जब लोगो ‌‌‌को उसकी जरुरत पडती है तब वह उनकी मदद नही करता है बल्की मदद न करने के बहाने बनाने लग जाता है ।

‌‌‌इस तरह के लोगो से आज पुरी दुनिया भरी हुई है । ऐसे लोगो ‌‌‌को इस बात से कोई भी लेना देना नही होता की लोग उसके बारे मे क्या सोचेगे । अगर वह लोगो की मदद वापस नही करेगा या फिर मान लो जिनसे पैसे लिए थे उसे पैसे वापस नही देगा तो वह बादमे उसकी मदद कभी भी नही करेगा ।

  • पहाड़ टूट पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
  • आग लगने पर कुआँ खोदना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
  • श्री गणेश करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
  • टस से मस न होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
  • छोटा मुँह बड़ी बात मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

जिस तरह से एक आदमी ‌‌‌ने किसी से पैसे ‌‌‌ले‌‌‌रखे हो और जब वह आदमी अपने पैसे वापस मागने के लिए उसके पास आता है ।  ‌‌‌तब वह उसे पैसे नही देता है और बहाने बनाने लग जाता है । जब उस आदमी को किसी चिज की जरुरत पडती है तो वह ‌‌‌वापस उसी आदमी के पास मदद मागने के लिए जाता है तो वह आदमी उसकी मदद कभी भी नही करता है । क्योकी जब उसने उसे पैसे दिए थे तो वापस चुकाते समय वह अगर मगर करने लगा था जिसका ‌‌‌अर्थ ‌‌‌है की वह आनाकानी करने लगा था इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

अगर मगर करने का मुहावरा क्या होगा?

अगर मगर करना मुहावरे का अर्थ – agar magar karana muhaavare ka arth टालमटोल करना ‌‌‌या आनाकानी करना

कान भरना मुहावरे का अर्थ क्या है?

Solution : मुहावरे 'कान भरना. का सही अर्थ है-चुगली करना या किसी के मन में किसी के लिए गलत बात कहना।

टूट पड़ना मुहावरे का अर्थ क्या है?

टूट पड़ना - मुहावरा अर्थ ज़ोरदार हमला करना।

टस से मस न होना मुहावरे का अर्थ क्या है?

अपनी बात पर अड़े रहना; हठ छोड़ना; किसी भारी चीज़ का अपने स्थान से हिलना।