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शेयर करें ब्लड इंफेक्शन (सेप्सिस) क्या है? ब्लड इंफेक्शन को सेप्सिस (Sepsis) या सेप्टिसीमिया (septicemia) भी कहा जाता है। यह किसी संक्रमण की वजह से होने वाली एक बेहद हानिकारक स्थिति होती है। सेप्सिस तब होता है जब संक्रमण से निपटने के लिए रक्त में घुलने वाले कैमिकल पूरे शरीर में जलन और सूजन फैलाने लगते हैं। इसके चलते शरीर में कई सारे बदलाव होते है, यहां तक कि शरीर के भीतर मौजूद कई अंग प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है और वह काम करना तक बंद कर देती हैं। सेप्सिस अगर सेप्टिक शॉक का रूप लेता है (बहुत ज्यादा फैला हुआ संक्रमण जिससे कई अंग काम करना बंद कर देते हैं और रक्तचाप गिर जाता है), तो ब्लड प्रेशर एकाएक घटने लगता है, जिससे मृत्यु तक हो सकती है। (और पढ़ें - खून साफ करने के घरेलू उपाय) सेप्सिस किसी को भी हो सकता है, लेकिन यह वृद्ध लोगों या जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, उन लोगों में काफी आम होता है। इन लोगों में सेप्सिस काफी खतरनाक भी हो सकता है। सेप्सिस के शुरूआती उपचार में आमतौर पर मरीज को एंटीबायोटिक्स के साथ नसों में तरल पदार्थ दिए जाते हैं ताकि मरीज की मृत्यु की आशंका को टाला जा सके। यह ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है कि सेप्सिस एक आपात (इमरजेंसी) चिकित्सा स्थिति है। खासकर जब संक्रमण तेजी से फैल रहा हो, तब हर पल बहुत कीमती होता है। सेप्सिस का कोई एक लक्षण नहीं होता, बल्कि इसमें लक्षणों का संयोजन होता है। अगर आपको किसी तरह का संक्रमण है और साथ ही आपको संदेह है कि आपको सेप्सिस हो सकता है, तो ऐसे में डॉक्टर को दिखाने में बिलकुल भी देरी ना करें। (और पढ़ें - इंफेक्शन का इलाज) ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) के लक्षण - Blood Infection (Sepsis) Symptoms in Hindiसेप्सिस के लक्षण व संकेत: डॉक्टर सेप्सिस को तीन-स्तरीय सिंड्रोम के रूप में देखते हैं, जिसमें पहला सेप्सिस की शुरूआती स्थिति, दूसरा गंभीर सेप्सिस और तीसरा एवं अंतिम सेप्टिक शॉक की स्थिति होती है। सेप्सिस के इलाज का लक्ष्य इसके गंभीर होने से पहले की अवस्था में ही इसका इलाज करना होता है। सेप्सिस: सेप्सिस का परीक्षण/ निदान करने के लिए निम्न में से कम से कम दो लक्षण मरीज में दिखने जरूरी होते हैं।
(और पढ़ें - अनियमित दिल की धड़कन का इलाज) गंभीर सेप्सिस: निम्न संकेत व लक्षणों में से एक भी मिलने पर गंभीर सेप्सिस के निदान किए जा सकते हैं, क्योंकि ये लक्षण शरीर के किसी अंग के काम ना करने का संकेत देते हैं -
(और पढ़ें - पेट दर्द का इलाज) सेप्टिक शॉक: सेप्टिक शॉक का निदान भी गंभीर सेप्सिस के लक्षण व संकेतों के मुताबिक ही किया जाता है। ऐसे में ब्लड प्रेशर में अत्यधिक कमी हो जाती है। इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर रोगी को तरल पदार्थ (जैसे नमक -शक्कर का घोल और ओआरएस आदि) देते हैं। (और पढ़ें - लो बीपी के घरेलू उपाय) डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए: सेप्सिस ज्यादातर अस्पताल में भर्ती हुऐ लोगों को ही होता है। जो लोग इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में होते हैं, वे सेप्सिस के प्रति और अधिक संवेदनशील होते हैं और सेप्सिस के शिकार हो जाते हैं। अगर आपको किसी प्रकार का संक्रमण हो गया है या किसी सर्जरी के बाद आपको सेप्सिस के लक्षण दिखने लगें हैं तो आपको अस्पताल में भर्ती होना चाहिए एवं संक्रमण का उपचार करवाना चाहिए। (और पढ़ें - खून को साफ करने वाले आहार) ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) के कारण - Blood Infection (Sepsis) Causes in Hindiसेप्सिस के कारण क्या है? आम तौर पर प्रतिरक्षा कोशिकाएं शरीर पर आक्रमण करने वाले बाहरी रोगाणुओं/ विषाणुओं से बचाव करते हैं। सेप्सिस के दौरान, निम्नलिखित में से एक के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली में खराबी हो जाती है।
(और पढ़ें - इम्यून सिस्टम मजबूत करने के उपाय) सेप्सिस के लिए बैक्टीरियल संक्रमण को सबसे ज्यादा दोषी माना जाता है, लेकिन सेप्सिस अन्य कई संक्रमणों के परिणाम से भी हो सकता है। यह शरीर में कहीं भी हो सकता है, जहां बैक्टीरिया और वायरस होते हैं। इसलिए, यह कभी-कभी किसी छिले हुऐ घुटने या उपत्वचा (त्वचा का उपरी भाग) पर खरोंच आने से फैल सकता है। अपेंडिसाइटिस, निमोनिया, मेनिन्जाइटिस या मूत्र मार्ग में संक्रमण आदि जैसी गंभीर चिकित्सा समस्या से ग्रसित लोगों में भी सेप्सिस के जोखिम काफी बढ़ जाते हैं। (और पढ़ें - यूरिन इन्फेक्शन का घरेलू उपाय) अगर आपकी हड्डीयों में संक्रमण है, जिसे अस्थिमज्जा प्रदाह (Osteomyelitis) कहा जाता है, तो वह सेप्सिस का कारण बन सकता है। जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं, उनमें कैथेटर, सर्जिकल चीरे, बैक्टीरिया और चमड़ी पर हुए छालों के माध्यम से यह फैल सकता है। सेप्सिस का खतरा कब बढ़ जाता है? सेप्सिस किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों के समूह जिनमें सेप्सिस के जोखिम बहुत होते हैं, उनमें निम्न शामिल हैं -
(और पढ़ें - ब्लड कैंसर के लक्षण) ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) से बचाव - Prevention of Blood Infection (Sepsis) in Hindiसेप्सिस होने से कैसे रोक सकते हैं? कुछ बातों का पालन करके संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है, ऐसा करने से आप सेप्सिस के विकसित होने के जोखिम को कम कर सकते हैं। यदि आप संक्रमण के लक्षण महसूस करते हैं, तो तत्काल चिकित्सकीय (मेडिकल) देखभाल प्राप्त करें। क्योंकि, जब सेप्सिस के उपचार की बात आती है, तो हर मिनट महत्वपूर्ण होता है। आप जितनी जल्दी उपचार प्राप्त करवाएंगे, परिणाम उतना ही बेहतर होगा। (और पढ़ें - प्राथमिक चिकित्सा) इसके अलावा सेप्सिस की रोकथाम के लिए आप यह सरल तरीके अपना सकते हैं -
इसके अलावा बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए आप कुछ विशिष्ट तरीके अपना सकते हैं: बुजुर्ग लोगों के लिए – बुजुर्गों में मूत्र मार्ग संक्रमण जैसी दिक्क्तें भी अधिक होती है। साथ ही उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर होती जाती है। इसलिए बुजुर्ग लोगों में सेप्सिस को रोकने के लिए विशेष देखभाल की जानी चाहिए:
गर्भवती महिलाओं के लिए - गर्भावस्था के दौरान प्रतिरक्षा प्रणाली में होने वाले परिवर्तनों के कारण, गर्भवती महिलाओं और प्रसवोत्तर (हाल ही में बच्चे को जन्म देने वाली) महिलाओं में सेप्सिस के जोखिम सामान्य महिलाओं की तुलना में 50% ज्यादा होते हैं। जो महिलाएं कई बार गर्भधारण कर चुकी हैं या जिन्होनें एंटीबायोटिक्स ली हों, वे महिलाएं सेप्सिस के प्रति अति संवेदनशील होती हैं। इनके लिए रोकथाम के चरण निम्न हो सकते हैं -
(और पढ़ें - गर्भावस्था में होने वाली परेशानी) ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) का परीक्षण - Diagnosis of Blood Infection (Sepsis) in Hindiसेप्सिस का निदान कैसे किया जाता है? सेप्सिस का निदान करना काफी कठिन हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण व संकेत किसी अन्य विकार के कारण हो सकते हैं। अंतर्निर्हित संक्रमण को पकड़ने के लिए डॉक्टर अक्सर काफी सारे टेस्ट करते हैं। इमेजिंग टेस्ट - यदि संक्रमण और उसकी जगह स्पष्ट नहीं है, तो डॉक्टर एक, दो या कुछ इमेजिंग टेस्ट का भी सुझाव दे सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -
ब्लड टेस्ट - खून के सैंपल का टेस्ट निम्न की जांच के लिए किया जा सकता है:
(और पढ़ें - ब्लड टेस्ट कैसे होता है) अन्य टेस्ट- मरीज के लक्षणों के आधार पर, डॉक्टर खून के अलावा अन्य शारीरिक द्रवों का भी टेस्ट कर सकते हैं। जैसे -
ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) का उपचार - Blood Infection (Sepsis) Treatment in Hindiसेप्सिस का उपचार कैसे होता है? सेप्सिस के लिए तात्कालिक उपचार बेहतर होता है। जिन लोगों को गंभीर सेप्सिस होता है, अस्पताल में उनकी काफी करीब से निगरानी और उपचार करने की जरूरत होती है। अगर मरीज को गंभीर सेप्सिस या सेप्टिक शॉक है तो श्वास और हृदय के कार्यों को बनाये/ जारी रखने के लिए जीवन-रक्षक (सपोर्ट) उपायों की जरूरत पड़ सकती है। (और पढ़ें - बीमारियों की जानकारी) अगर डॉक्टरों को लगता है कि मरीज को सेप्सिस हो सकता है, तो वे निम्न परीक्षण कर सकते हैं -
(और पढ़ें - किडनी को खराब करने वाली आदतें) अगर आपको सेप्सिस है, तो आपके डॉक्टर आपको हॉस्पिटल के "इंटेन्सिव केयर यूनिट" (ICU) में भर्ती कर सकते हैं। वहां पर संक्रमण को रोकने की कोशिश की जाती है और इसके साथ ही साथ शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के कार्यों तथा ब्लड प्रेशर की नियमित रूप से जांच की जाती है। साथ ही, तरल पदार्थ और अतिरिक्त ऑक्सीजन भी दी जाती है। जब डॉक्टर सेप्सिस के कारण का पता लगा लेते हैं तो वे मरीज को वहीं दवाई देते हैं जिससे रोग के जीवाणु को खत्म किया जा सके। अगर सेप्सिस का मामला गंभीर है तो मरीज को अन्य प्रकार के उपचारों की जरूरत पड़ सकती है, जैसे सांस लेने की मशीन या किडनी डायलिसिस आदि। संक्रमण को बाहर निकालने या खत्म करने के लिए कई बार सर्जरी करने की भी जरूरत पड़ जाती है। (और पढ़ें - किडनी इन्फेक्शन का इलाज) ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) के जोखिम और जटिलताएं - Blood Infection (Sepsis) Risks & Complications in Hindiसेप्सिस से क्या समस्याएं हो सकती हैं? सेप्सिस से होने वाली दिक्क्तें अलग-अलग स्तर की होती है। इन्हें कम से लेकर ज्यादा गंभीर की स्केल पर परिभाषित किया जा सकता है। रोग की स्थिति गंभीर होने पर कई महत्वपूर्ण शारीरिक अंग जैसे मस्तिष्क, हृदय और किडनी आदि में खून के बहाव की प्रक्रिया बिगड़ जाती है। सेप्सिस के कारण हाथों-पैरों व उनकी उंगलियों और अंदरूनी अंगों में खून के थक्के बन सकते हैं। ज्यादातर लोग सौम्य (साधारण) सेप्सिस में ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन सेप्टिक शॉक (सेप्सिस का सबसे गंभीर रूप) में मृत्यु दर करीब 50 प्रतिशत है। (और पढ़ें - हृदय रोग का इलाज) संदर्भ
ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) की दवा - Medicines for Blood Infection (Sepsis) in Hindiब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है। Showing 1 to 10 of 476 entries ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Blood Infection (Sepsis) in Hindiब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है। Showing 1 to 10 of 38 entries
ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) पर आम सवालों के जवाबसवाल लगभग 3 साल पहलेमुझे कल अचानक से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और बुखार भी चढ़-उतर रहा था। क्या यह सेप्सिस का लक्षण हो सकता है। मुझे क्या करना चाहिए? क्या सेप्सिस की वजह से इंसान मर भी सकता है?Dr. Saurabh Shakya MBBS , सामान्य चिकित्सासेप्सिस एक बहुत ही घातक स्थिति है। सेप्सिस हार्ट अटैक, फेफड़ों के कैंसर या स्तन कैंसर से भी अधिक खतरनाक ब्लड इंफेक्शन की समस्या है। व्यक्ति एक दिन बहुत स्वस्थ, तो अगले ही दिन सेप्सिस की वजह से उसकी मृत्यु भी हो सकती है। सेप्सिस से गंभीर रूप से ग्रस्त व्यक्ति की मौत 12 घंटों के अंदर ही हो सकती है। गंभीर सेप्सिस यानि कि सेप्टिक शॉक 40 से 50 प्रतिशत लोगों में घातक है। सेप्टिक शॉक इतना घातक है कि संक्रमण के लिए शरीर में इम्यून सिस्टम जो प्रतिक्रिया करता है, वह शरीर के अन्य अंगों के सिस्टम को डैमेज कर सकता है। सेप्सिस के कारण शरीर में बहुत सारे अंगों की विफलता या ब्लड प्रेशर के बहुत कम होने से व्यक्ति मर भी सकता है। इस स्थित में आपको बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। हो सकता है कि डॉक्टर आपको अस्पताल में भर्ती होने के लिए कहें। सवाल लगभग 3 साल पहलेकल मेरे दोस्त की तबीयत बहुत खराब हो गई थी। उसे सांस में दिक्कत, पेट में दर्द, पेशाब भी कम आ रहा था और उसका व्यवहार भी थोड़ा चिड़चिड़ा हो गया था। हम उसे डॉक्टर के पास ले गए, उन्होंने उसका ब्लड टेस्ट किया था जिसकी रिपोर्ट से पता चला कि उसे ब्लड में इंफेक्शन हो गया है। डॉक्टर सेप्सिस के लिए उसे ट्रीटमेंट दे रहे हैं। क्या ऐसा हो सकता कि कोई व्यक्ति सेप्सिस से ग्रस्त हो और उसे इसका पता भी न हो?सेप्सिस का पता शरीर में इसके लक्षणों के बगैर नहीं लगाया सकता है, जिसमें सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया, यूरिन इंफेक्शन और शरीर के तापमान में बदलाव आना शामिल हैं। अगर किसी व्यक्ति को पहली बार यह संक्रमण हुआ है, तो संभव है कि सेप्सिस व्यक्ति के शरीर में हो सकता है और उसे इसका पता भी न हो। सवाल लगभग 3 साल पहलेमुझे कुछ दिनों से शरीर में जलन हो रही थी, जिसके बाद मैंने अपना ब्लड टेस्ट करवाया है, रिपोर्ट से खून में इंफेक्शन का पता चला है। मैं इसके लिए डॉक्टर से इलाज करवा रहा हूं। क्या यह सेप्सिस हो सकता है? क्या खून में संक्रमण सेप्सिस ही होता है?कुछ प्रकार के बैक्टीरिया की वजह से खून में इंफेक्शन हो सकता है, जिसके कारण सेप्सिस हो सकता है। खून में बैक्टीरिया की वजह से गंभीर संक्रमण होता है जिसे ब्लड पोइज़निंग भी कहते हैं। सेप्सिस संक्रमण के प्रति शरीर अक्सर घातक प्रतिक्रिया करता है। बैक्टीरियल संक्रमण सेप्सिस का सबसे आम कारण है। सेप्सिस की वजह से दुनिया भर में लगभग एक तिहाई लोगों की मृत्यु हो जाती है। सवाल लगभग 3 साल पहलेमुझे पिछले 2 दिनों से सांस लेने में तकलीफ, पेशाब भी कम आ रहा है और पेट में दर्द है। मुझे ये सेप्सिस के लक्षण लगते हैं। मुझे एक बार पहले भी सेप्सिस हो चुका है। क्या मुझे दोबारा भी सेप्सिस हो सकता है?Dr. Suhas Bhargav MBBS , General Physicianसेप्सिस किसी भी समय और किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, लेकिन कुछ लोगों में दूसरों की तुलना में सेप्सिस के जोखिम अधिक होते हैं। जब आपको कोई संक्रमण होता है, तो इसके ठीक होने के बाद भी आपमें इसका खतरा बना रहता है। 65 साल से अधिक उम्र के लोगों में सेप्सिस के जोखिम अधिक होते हैं। सम्बंधित लेखडॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ खून में इन्फेक्शन कैसे साफ करें?सुबह खाली पेट 4-5 नीम की पत्तियां चबाने से खून को साफ को साफ करने में मदद मिल सकती है। नीम की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-फंगल गुण मौजूद होते हैं। खून में जमा टॉक्सिन्स को बाहर निकालने के लिए यह एक प्रभावी उपाय है। तुलसी के पत्तों को एंटीबायोटिक गुणों से युक्त माना जाता है।
ब्लड इंफेक्शन कितने दिनों में ठीक हो जाता है?इंट्रावेनस एंटीबायोटिक दवाओं को आमतौर पर 7 से 10 दिनों के लिए देना होता है। यदि सेप्सिस किसी वायरस के कारण हुआ है, तो एंटीबायोटिक काम नहीं करेंगे। फिर भी, एंटीबायोटिक दवाएँ दी जा सकती हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है कि इस बिमारी के लिए सटीक निदान नहीं मिलने तक एंटीबायोटिक उपचार में देरी करना बहुत खतरनाक होता है।
खून में इन्फेक्शन हो तो क्या नहीं खाना चाहिए?नमक नमक के अधिक सेवन से न केवल हाई ब्लड प्रेशर बल्कि किडनी और दिल से जुड़े रोगों का भी खतरा बढ़ सकता है। सोडियम का अधिक सेवन खून से जुड़े रोगों के जोखिम का बढ़ा सकता है। नमक को शरीर में पानी बढ़ाने के लिए जाना जाता है, इससे खून की नसों पर दबाव बनता है।
खून में इन्फेक्शन होने से कौन सी बीमारी होती है?कई बीमारियां बॉडी में हुए ब्लड इन्फेक्शन की वजह से होती हैं, ब्लड इन्फेक्शन कई तरह का हो सकता है, ये बैक्टीरियल, फंगल और वाइरल हो सकता है, कुछ तो कॉमन होते हैं जो आप जानते हैं और जो हर समय होते रहते हैं पर इनसे ज्यादा खतरा नहीं होता और ये खतरनाक नहीं होते पर कुछ ब्लड इन्फेक्शन बहुत खतरनाक हो सकते हैं, इस पर अगर ध्यान ...
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