Show
लखनऊ. आलू आज हमारे खाने का एक अहम हिस्सा बन गया। कई सब्जियां बिना आलू के अधूरी हैं। आलू के बिना किचन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। जब आलू के दाम आसमान छूते हैं तो पूरे भारत में हंगामा मच जाता है, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आज से 500 साल पहले इसी आलू का कोई अस्तित्व ही नहीं था। भारत में पहली बार जहांगीर के जमाने में आलू आया था। भारतीयों को आलू का स्वाद चखाने का श्रेय यूरोपीय व्यापारियों को जाता है, जो भारत में आलू लेकर आए और यहां उसका जमकर प्रचार किया। कैसे
हुआ आलू का जन्म? चौथी सबसे ज्यादा पैदावार वाली खाद्य फसल आगे की स्लाइड्स में पढ़िए, स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं आलू...
मथुरा-आगरा मार्ग के निकट, भारत में आलू की खेती इतिहास[संपादित करें]अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक अनुसंधान से यह निष्कर्ष निकाला कि पेरू के किसान आज से लगभग 7000 साल पहले से आलू उगा रहे हैं। सोलहवीं सदी में स्पेन ने अपने दक्षिण अमेरिकी उपनिवेशों से आलू को यूरोप पहुंचाया उसके बाद ब्रिटेन जैसे देशों ने आलू को दुनिया भर में लोकप्रिय बना दिया। आज भी आयरलैंड तथा रूस की अधिकांश जनता आलू पर निर्भर है। भारत में यह सब से लोकप्रिय सब्जी है। इसे सभी प्रकार की सब्जियों के साथ मिला कर पका सकते है। Rakesh गाँव निंगलू तहसील आनी जिला कुल्लू हिमाचल प्रदेश hp 35 निर्मित पकवान[संपादित करें]आलू से अनेक खाद्य सामग्री बनती है जैसे वड़ापाव, चाट, आलू भरी कचौड़ी, चिप्स, पापड़, फ्रेंचफ्राइस, समोसा, टिक्की, चोखा आदि। आलू को अन्य सब्जियों के साथ मिला कर तरह-तरह के पकवान बनाये जाते हैं। उत्तर पूर्वी भारत में आलू का प्रयोग अधिक मात्रा में किया जाता है। आलू एक ऐसी सब्जी है जो लगभग हर हरी सब्जियों के साथ मिला कर स्वादिष्ट सब्जी बनाई जा सकती है। कोल्ड स्टोरेज में संरक्षण हेतु जाती आलू की बोरियो से लदी ट्रालियां आलू के अनोखे गुण[संपादित करें]वैसे तो आलू भारत में ज़्यादातर लोगों की पसंदीदा सब्जी है लेकिन कई लोग इसे अधिक चर्बी वाला समझकर खाने से परहेज करते हैं। परंतु आलू में कुछ उपयोगी गुण भी हैं। आलू में विटामिन सी, बी कॉम्पलेक्स तथा आयरन , कैल्शियम, मैंगनीज, फास्फोरस तत्त्व होते हैं। इसके अलावा आलू में कई औषधीय गुण होने के साथ सौंदर्यवर्धक गुण भी है जैसे यदि त्वचा का कोई भाग जल जाता है उस पर कच्चा आलू कुचलकर तुरंत लगा देने से आराम मिलता है। [1] [2] आलू की खेती[संपादित करें]आलू की बुवाई अक्टूबर माह से नवम्बर माह के मध्य होती है। आलू एक ऐसी फसल है जिसे बलुई मिट्टी की आवश्यकता होती है। आलू जमीन के भीतर पैदा होता है। आलू की कई सारी किस्मे होती है। आलू की खेती करने के बाद यदि सही मूल्य न मिले तो किसान को आर्थिक नुकसान होने की पूरी संभावना रहती है इस लिए आलू की बुवाई करने से पहले एवं फसल तैयार हो जाने पर उसका सही मूल्य किसान को अपने नजदीकी मंडी में आलू का तजा मंडी भाव जाँचते रहना चाहिए और सही बाजार भाव मिलने पर आलू की खरीद अथवा आलू को बेचना चाहिए। सन्दर्भ[संपादित करें]
सबसे पहले आलू की खेती कहाँ हुई थी?आलू की खेती सबसे पहले लीमा से क़रीब 1,000 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में टिटिकाका लेक के पास शुरू हुई थी.
आलू को भारत में कौन लाया?बताया जाता है कि आलू की एंट्री भारत में जहांगीर के समय में हुई. भारत में आलू को बढ़ावा देने का श्रेय वारेन हिस्टिंग्स को जाता है, जो 1772 से 1785 तक रहे.
भारत में आलू कितने साल पहले आया था?आलू के बिना किचन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। जब आलू के दाम आसमान छूते हैं तो पूरे भारत में हंगामा मच जाता है, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आज से 500 साल पहले इसी आलू का कोई अस्तित्व ही नहीं था। भारत में पहली बार जहांगीर के जमाने में आलू आया था।
भारत में आलू की खेती कब शुरू हुई?भारत में आलू की खेती 1850 में शुरू हुई.
|