युवती के भीतर कोमल भावना का संचार क्यों हुआ - yuvatee ke bheetar komal bhaavana ka sanchaar kyon hua

विषयसूची

  • 1 तताँरा ने अपने को अपमानित क्यों महसूस किया?
  • 2 किसान वर्ष भर किसकी और क्यों प्रतीक्षा करता है?
  • 3 तताँरा की तलवार की क्या ववशेषता थी तताँरा ने अपनी तलवार का प्रयोग कब व क्यों ककया?
  • 4 कारोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
  • 5 किसान को बदलो का इंतजार क्यों रहता है?
  • 6 युवती के भीतर कोमल भावना का संचार क्यों हुआ?

तताँरा ने अपने को अपमानित क्यों महसूस किया?

इसे सुनेंरोकेंइसका आशय है कि गाँववालों और वामीरो की माँ दुवारा अपमानित होने के बाद तताँरा के क्रोध का ठिकाना न रहा। क्रोध में ही उसने अपनी तलवार निकालकर उसे पूरी शक्ति से धरती में घोंप दिया और पूरी ताकत से खींचने लगा, जिससे धरती में सीधी दरार आ गई और धरती दो टुकड़ों में बँट गई।

तताँरा सब जगह क्यों चर्चित था?

इसे सुनेंरोकेंतताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था। सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहता। अपने गाँव वालों को ही नहीं ,अपितु समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्तव्य समझता था। उसके इस त्याग की वजह से वह चर्चित था।

किसान वर्ष भर किसकी और क्यों प्रतीक्षा करता है?

इसे सुनेंरोकेंइसलिए किसान को बादलों का इंतजार रहता है। उत्तर: कवि को लगता है कि वर्षा के आने का इंतजार यदि किसी को सबसे अधिक रहता है तो वह किसान होता है। कवि को लगता है कि वर्षा के शुरु होने से यदि कोई सबसे अधिक क्रियाशील होता है तो वह किसान होता है। इसलिए कवि को वर्षा होने पर किसान की याद आती है।

तताँरा ने वामीरो से क्या याचना की?

इसे सुनेंरोकेंतताँरा ने वामीरो से क्या याचना की? तताँरा ने वामीरो से याचना की कि वह अपना मधुर गाना पूरा करे। बाद में उसने उसका नाम जानने और अगले दिन भी | वहाँ आने की याचना की।

तताँरा की तलवार की क्या ववशेषता थी तताँरा ने अपनी तलवार का प्रयोग कब व क्यों ककया?

इसे सुनेंरोकेंAnswer Expert Verified तताँरा लकड़ी की एक तलवार को हमेशा अपनी कमर में बांधे रखता था। वह तलवार का प्रयोग सबके सामने नहीं करता था। लोगों का मानना था कि उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी। वह सोचते थे कि तताँराअपने सभी साहसिक कारनामों को उसी तलवार के कारण ही कर पाता है।

घर पहुँचकर वामीरो को बेचैनी क्यों महसूस हुई?

इसे सुनेंरोकेंExplanation: जब वामीरो अपने घर पहुँची तो अपने अंदर कुछ बैचेनी का अनुभव करने लगी। उसके अंदर तताँरा से पीछा छुड़ाने की जो ख़ुशी थी वह झूठी थी। बौखलाहट में उसने दरवाजा बंद किया और अपने मन को तताँरा की ओर जाने से रोकने के लिए किसी और दिशा में ले जाने की कोशिश की।

कारोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?

इसे सुनेंरोकेंवह ताकतवर होने के बावजूद बड़ा ही शाँत और सज्जन था। वह दूसरों की सहायता करने के लिए तत्पर रहता था। जहाँ कहीं भी मुसीबत आती वह दौड़ा-दौड़ा चला जाता था। उसके “इन्हीं” आत्मीय गुणों के कारण निकोबार के लोग तताँरा को पसंद करते थे।

सभी लोग तताँरा की समीपता क्यों चाहते थे?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: निकोबार के लोग तताँरा को उसके आत्मीय स्वभाव के कारण पसन्द करते थे, उससे बेहद प्रेम करते थे। वह नेक ईमानदार और साहसी था। वह मुसीबत के समय भाग भागकर सबकी मदद करता था।

किसान को बदलो का इंतजार क्यों रहता है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 1: (क) किसान को बादलों का इंतज़ार क्यों रहता है? उत्तर : (क) किसान को बादलों का इतंजार इसलिए रहता है क्योंकि इससे वह अपने खेत सींच सकता है। अगर बारिश नहीं होगी तो तेज गर्मी से उसके खेत जल जाएँगे। इसी से वह पूरे जग को खाना देता है।

वामीरो की माँ को क्या अपमानजनक लगा और उसने क्या किया?

इसे सुनेंरोकेंवामीरो की माँ को दृश्य अपमानजनक लगा था, क्योंकि वामीरो की माँ को गाँव के समक्ष अपमान महसूस हुआ था। तातँरा के लिए भी अपमान असहनीय था और वह भी गुस्से से भर उठा और उसने गुस्से में आकर अपनी तलवार को जमीन में गाड़ दिया और खींचता चला गया। वहीं से अंडमान और निकोबार दोनों दो टुकड़ों में बंट गए।

युवती के भीतर कोमल भावना का संचार क्यों हुआ?

इसे सुनेंरोकेंइसके पहले कि वह सामान्य हो पाती, उसने अपने कानों में गूँजती गंभीर आकर्षक आवाज़ सुनी। “तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया?” तताँरा ने विनम्रतापूर्वक कहा। अपने सामने एक सुन्दर युवक को देखकर वह विस्मित हुई। उसके भीतर किसी कोमल भावना का संचार हुआ।

लीलाध्र मंडलोइर् ;1954द्ध 1954 की जन्माष्टमी के दिन ¯छदवाड़ा �ि��ाले के एक छोटे से गाँव गुढ़ी में जन्मे लीलाध्र मंडलोइर् की श्िाक्षा - दीक्षा भोपाल और रायपुर में हुइर्। प्रसारण की उच्च श्िाक्षा के लिए 1987 में काॅमनवेल्थ रिलेशंस ट्रस्ट, लंदन की ओर से आमंत्रिात किए गए। इन दिनों प्रसार भारती दूरदशर्न के महानिदेशक का कायर्भार सँभाल रहे हैं।लीलाध्र मंडलोइर् मूलतः कवि हैं। उनकी कविताओं में छत्तीसगढ़ अंचल की बोली की मिठास और वहाँ के जनजीवन का सजीव चित्राण है। अंदमान निकोबार द्वीपसमूह की जनजातियों पर लिखा इनका गद्य अपने आप में एक समाज शास्त्राीय अध्ययन भी है। उनका कवि मन ही वह स्रोत है जो उन्हें लोककथा, लोकगीत,यात्रा - वृत्तांत, डायरी, मीडिया, रिपोतार्श और आलोचना लेखन की ...

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