ध्यानचंद पुरस्कार की शुरुआत कब हुई - dhyaanachand puraskaar kee shuruaat kab huee

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Dhyanchand Puraskar MCQ

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ध्यानचंद पुरस्कार क्या है :-
ध्यानचंद पुरस्कार, भारत का सर्वोत्त्म खेल पुरस्कार है जो किसी खिलाडी के जीवन भर के कार्य को गौरवान्वित करता है। आधिकारिक रूप से इसका नाम खेलों में जीवनगौरव ध्यानचंद पुरस्कार है। इस पुरस्कार का नाम भारत के प्रसिद्ध मैदानी हॉकी के खिलाडी ध्यानचंद सिंह के नाम पर रखा गया है। खेल एवं युवा मंत्रालय सन् 2002 से ये पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदान करता है। प्राप्तकर्ताओं का चयन मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति द्वारा किया जाता है और उनके सक्रिय खेल कार्यकाल के दौरान और सेवानिवृत्ति के बाद दोनों के लिए उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है। 2016 के अनुसार इस पुरस्कार में एक प्रतिमा, प्रमाण पत्र, औपचारिक पोशाक और 5 लाख का नकद पुरस्कार शामिल है।

ध्यानचंद पुरस्कार किस क्षेत्र में दिया जाता है :-
ध्यानचंद पुरस्कार युवा मामलों और खेल मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाने वाला भारत का सर्वोत्त्म खेल पुरस्कार है, जो किसी खिलाडी के जीवन भर के कार्य को गौरवान्वित करता है। यह देश का सर्वोच्च लाइफटाइम पुरस्कार है। यह पुरस्कार केवल ओलंपिक खेलों, पैरालाम्पिक खेलों, एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों, विश्व चैम्पियनशिप और विश्व कप जैसे क्रिकेट, स्वदेशी खेलों और पैरास्पोर्ट्स में शामिल व्यक्तियों को दिया जाता है।

ध्यानचंद पुरस्कार का इतिहास :-
ध्यानचंद पुरस्कार की स्थापना साल 2002 में की गई थी। वर्ष 2002 से खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा यह पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। इस सम्मान के लिए विजेताओं का चयन मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति द्वारा किया जाता है और उनके सक्रिय खेल कार्यकाल के दौरान और सेवानिवृत्ति के बाद खेल के प्रति उनके योगदान के लिए किया जाता है। इस पुरस्कार का नाम प्रसिद्ध भारतीय फील्ड हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यान चंद (1905-79) के नाम पर रखा गया है। उन्होंने अपने 22 वर्षों (1926-1948) के कैरियर के दौरान 1000 से अधिक गोल किए थे, जिसके कारण वह सारे विश्व में हॉकी के जादूगर के नाम से विख्यात है। इस पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता शाहरुराज बिरजादार (मुक्केबाजी), अशोक दीवान (हॉकी) और अपर्णा घोष (बास्केटबाल) थे, जिन्हें 2002 में सम्मानित किया गया था। आमतौर पर हर साल में अधिकतम तीन खिलाड़ियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है, लेकिन इसमें कुछ अपवाद भी है क्योकि वर्ष 2003, 2012 और 2013 में 3 से अधिक व्यक्तियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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ध्यानचंद पुरस्कार में क्या दिया जाता है :-
ध्यानचंद पुरस्कार खेल-कूद में जीवनभर आजीवन उपलब्धि के लिए 2002 में शुरू किया गया सर्वोच्च पुरस्कार है।
ध्यानचंद पुरस्कार महान् भारतीय हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद के नाम पर है |
ध्यानचंद पुरस्कार अपने शानदार खेल में खेल-कूद के क्षेत्र में योगदान करने और सक्रिय खेल जीवन से अवकाश प्राप्त करने के बाद भी खेल-कूद को बढ़ावा देने के लिए योगदान जारी रखने के लिए दिया जाता है।
ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्त करने वालों को एक प्रतिमा, प्रमाणपत्र, पारंपरिक पोशाक और पाँच लाख रुपये नकद दिये जाते हैं।
हर साल ज़्यादा से ज़्यादा तीन खिलाड़ियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

ध्यानचंद पुरस्कार में मिलने वाली राशि :-
वर्ष 2009 तक भारत सरकार के द्वारा इस पुरस्कार में दी जाने वाली राशि 3 लाख (यूएस $ 4,400) रुपए थी, लेकिन सरकार द्वारा साल 2009 में यह राशि 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है। ध्यानचंद पुरस्कार के तहत अब 5 लाख (यूएस $ 7,300) रुपए नकद, एक प्रतिमा, प्रमाण पत्र और औपचारिक पोशाक प्रदान की जाती है।

ध्यानचंद सम्मान देने का उद्देश्य :-
खेल के क्षेत्र में ध्यानचंद पुरस्कार सबसे बड़ी उपलब्धि हैं। ध्यानचंद पुरस्कार की शुरुआत 2002 में की गई थी। यह पुरस्कार भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर है। ध्यानचंद पुरस्कार प्रति वर्ष चुनिंदा खिलाड़ियों को खेल मंत्रालय द्वारा दिया जाता हैं। यह पुरस्कार हर साल ज़्यादा से ज़्यादा 3 खिलाड़ियों को दिया जाता है। इस पुरस्कार के साथ ही साथ खिलाड़ियों को 5 लाख रुपये नकद राशि भी प्रदान की जाती है। ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्त करने वाले शाहुराज बिराजदार, अशोक दिवान और अपर्णा घोष पहले तीन व्यक्ति हैं। तो चलिए जानते हैं |

ध्यानचंद पुरस्कार विजेता की लिस्ट :-
वर्ष विजेताओं के नाम व खेल
2018 सत्यदेव प्रसाद, (आर्चरी)
2018 भरत कुमार छेत्री, (हॉकी)
2018 बॉबी अलोसियस, (एथलेटिक्स)
2018 चौगले दादू दत्तात्रेय, (कुश्ती)
2017 सैयद शाहिद हाकिम, (फुटबाल)
2017 सुमराइ टेटे, (हॉकी)
2017 भूपेंदर सिंह, (एथलेटिक्स)
2016 सिल्वानस डुंग डुंग, (हॉकी)
2016 सती गीता, (एथलेटिक्स)
2016 राजेंद्र प्रल्हाद शेल्के, (रोइंग)
2015 रोमियो जेम्स, (हॉकी)
2015 शिव प्रकाश मिश्र (टेनिस)
2015 टी पी पद्मनाभन नायर, (वालीबॉल)
2014 ज़ीशान अली, (टेनिस)
2014 गुरमेल सिंह, (हॉकी)
2014 के पी ठक्कर, (तैराकी)
2013 सैयद अली, (हॉकी)
2013 अनिल मान, (कुश्ती)
2013 मैरी डिसूजा सक्विरा, (एथलेटिक्स)
2013 गिरिराज सिंह, (एथलेटिक्स)
2012 गुनदीप कुमार, (हॉकी)
2012 विनोद कुमार, (कुश्ती)
2012 जगराज सिंह मान, (एथलेटिक्स)
2012 सुखबीर सिंह टोकस, (अक्षम खेल)
2011 शब्बीर अली, (फुटबाल)
2011 सुशील कोहली, (तैराकी)
2011 राजकुमार, (कुश्ती)
2010 अनीता चानू, (भारोत्तोलन)
2010 सतीश पिल्लै, (एथलेटिक्स)
2010 कुलदीप सिंह, (कुश्ती)
2009 सतबीर सिंह दाहिया, (कुश्ती)
2009 ईशर सिंह देओल, (एथलेटिक्स)
2008 ज्ञान सिंह, (कुश्ती)
2008 हकम सिंह, (एथलेटिक्स)
2008 मुखबैन सिंह, (हॉकी)
2007 राजिंदर सिंह, (कुश्ती)
2007 शमशेर सिंह, (कबड्डी)
2007 वरिंदर सिंह, (हॉकी)
2006 हरिश्चंद्र बिराजदार, (कुश्ती)
2006 उदय के॰ प्रभु, (एथलेटिक्स)
2006 नंदी सिंह, (हॉकी)
2005 मारुति माने, (कुश्ती)
2005 मनोज कुमार, (बिलियर्ड्स और स्नूकर)
2005 राजिंदर सिंह, (हॉकी)
2004 दिगंबर मेहंदले, (एथलेटिक्स)
2004 हरदयाल सिंह, (हॉकी)
2004 लाभ सिंह, (एथलेटिक्स)
2003 चार्ल्स कर्नेलियस, (हॉकी
2003 राम कुमार, (बास्केटबॉल)
2003 धरम सिंह, (हॉकी), स्मिता शिरोले (रोइंग)
2003 ओम प्रकाश, (वालीबॉल)
2002 शाहुराज बिराजदार, (मुक्केबाज़ी)
2002 अशोक दिवान, (हॉकी)
2002 अपर्णा घोष, (बास्केटबॉल)
मेजर ध्यानचंद एक महान हॉकी खिलाड़ी थे जिन्होंने अपने जीवन काल में मात्र 22 वर्ष की आयु में 1000 से अधिक गोल दागे थे। ध्यानचंद हॉकी के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी में से एक थे। उनके खेलने के दौरान भारत ने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में तीन गोल्ड मेडल जीते थे।

ध्यानचंद पुरस्कार कब शुरू हुआ था?

1991-92 में स्थापित यह पुरस्कार पहले किसी खिलाड़ी को एक वर्ष में शानदार प्रदर्शन के लिए दिया जाता था

ध्यानचंद पुरस्कार कब शुरू हुआ in English?

ध्यानचंद पुरस्कार.

भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार कौन सा है?

खेल रत्न पुरस्कार भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान माना जाता है, खेल रत्न को 1991-92 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के नाम से पहली बार दिया गया था, हालांकि साल 2021 में इसका नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया गया था।

मेजर ध्यानचंद जी को प्रतिष्ठित सम्मान पद्मभूषण से कब सम्मानित किया गया था?

वे तीन बार ओलम्पिक के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे, जिन्होंने अपने जीवन खेल में 1000 से अधिक गोल दागे। उन्हें साल 1956 में भारत के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था