NCERT Solutions for Class-7 Hindi chapter 18-Angharsh ke Karan DhanrajChapter 18 Angharsh ke Karan DhanrajQuestion1. साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है वर्णन कीजिए। Show
उत्तर:- Question2. धनराज पिल्लै ने ज़मीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों में इस सफ़र का वर्णन कीजिए। उत्तर:- Question3. ‘मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने की सीख दी है’ – उत्तर:- Question4. ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। क्यों? पता लगाइए। उत्तर:- Question5. किन विशेषताओं के कारण हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है? उत्तर:- Question6. ‘यह कोई जरुरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए’ – क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं? अपने अनुभव और बड़ों की बातचीत के आधार पर लिखिए। उत्तर:- • भाषा की बात Question7. नीचे कुछ शब्द लिखे हैं जिनमें अलग-अलग प्रत्ययों के कारण बारीक
अंतर है। इस अंतर को समझाने के लिए इन शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए – उत्तर:- 1.प्रेरणा-हमें स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिए। Question8. तुनुकमिज़ाज शब्द तुनुक और मिज़ाज दो शब्दों के मिलने से बना है। क्षणिक, तनिक और तुनुक एक ही शब्द के भिन्न रूप हैं। इस प्रकार का रूपांतर दूसरे शब्दों में भी होता है, जैसे – बादल, बादर, बदरा, बदरिया; मयूर, मयूरा, मोर; दर्पण, दर्पन, दरपन। शब्दकोश की सहायता लेकर एक ही शब्द के दो या दो से अधिक रूपों को खोजिए। कम-से-कम चार शब्द और उनके अन्य रूप लिखिए। उत्तर:- इच्छा – चाह, अभिलाषा, कामना, आकांक्षा Question9. हर खेल के अपने नियम, खेलने के तौर-तरीके और अपनी शब्दावली होती है। जिस खेल में आपकी रुचि हो उससे संबंधित कुछ शब्दों को लिखिए, उत्तर:- Question10. किन विशेषताओं के कारण हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है? उत्तर:- Question11. 'यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए'-क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं? अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर लिखिए। उत्तर:- Question12. (क) अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगना आसान होता है या मुश्किल? (ख) क्या आप और आपके आसपास के लोग अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँग लेते हैं? (ग) माफ़ी माँगना मुश्किल होता है या माफ़ करना? अपने अनुभव के आधार पर लिखिए। उत्तर:- (ख) हाँ। मैं अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँग लेती हूँ। हमारे आस-पास के कुछ लोग भी अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँग लेते हैं। (ग) किसी के लिए भी माफ़ करना ज्यादा मुश्किल होता है। माफ़ करने के लिए हमें अपनी तकलीफ़ तथा नुकसान को भूलना पड़ता है, जो कि आसान नहीं है। धनराज की मां ने कौन से सीख दी थी?धनराज पिल्लै का यह कहना 'मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने की सीख दी है। का तात्पर्य है कि मनुष्य चाहे कितनी भी सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ जाए उसे कभी घमंड नहीं करना चाहिए और किसी को अपने से छोटा नहीं समझना चाहिए। माँ की इसी सीख को उन्होंने जीवन में अपनाया है।
धनराज पिल्ले की मां ने उन्हें प्रसिद्धि को विनम्रता से संभालने की सीख क्यों दी थी?Answer. Answer: सफलता से लोग प्राय: घंमड में अंधे हो जाते हैं। इसलिए धनराज पिल्लै की माँ ने उन्हें विनम्र रहने की सीख दी है।
धनराज पिल्लै के जीवन से हमें क्या शिक्षा मिलती है?Explanation: मित्र धनराज पिल्लै के जीवन से हमें ये शिक्षा मिलती है कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें हमेशा संघर्ष करते रहना चाहिए। किसी भी मुश्किल का डटकर सामना करना चाहिए। तथा स्थिति कोई भी हो हमें कभी भी हार नहीं मानना चाहिए।
5 मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने की सीख दी है धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है?उत्तर: “मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से संभालने की सीख दी है। “ धनराज पिल्लै की इस बात का आशय यह है, कि उनकी माँ हमेशा, उन्हें अपनी सफलता के पीछे, उनके संघर्ष को स्मरण करने की सीख देती हैं, क्योंकि सफलता तब तक किसी व्यक्ति के पास रहती है, जब तब व्यक्ति उसका आदर करता है।
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