शादी के बाद ही बच्चा क्यों होता है? - shaadee ke baad hee bachcha kyon hota hai?

मां बनने के एहसास से बेहतर इस दुनिया में कोई एहसास नहीं है लेकिन मां बनने को लेकर महिलाओं को कई तरह की उलझनों का सामना करना पड़ता है. कई महिलाओं के भीतर होने वाले बच्चे को लेकर तमाम तरह की आशंकाएं और डर जन्म ले लेते हैं. अक्सर देखा जाता है कि ज्यादातर दंपती अपने बच्चे को दुनिया में लाने से पहले कई तरह के विचार करते हैं. क्योंकि उन्हें लगता है कि नन्हें मेहमान को तभी इस दुनिया में लाना चाहिए जब वो उसकी जिम्मेदारी उठाने कें लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएं. ताकि वो बच्चे को एक बेहतर जीवन दे सकें. लेकिन बता दें कि, बच्चे को जन्म देने का एक सही समय होता है और उसी को ध्यान में रखकर आपको बच्चे के जन्म के बारे में विचार करना चाहिए. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि शादी के कितने समय बाद एक दंपती को बच्चे को जन्म देना चाहिए. जिससे आप और बच्चा सेहतमंद रहे.

मां बनने के लिए महिला का कम से कम 20 साल का होना जरूरी होता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में दूसरे नंबर पर 15 से 19 साल की लड़कियों की मौत गर्भावस्था में होने वाली जटिल स्थिति के कारण होती है. इसके अलावा 20 साल की उम्र से पहले मां बनने वाली महिलाओं के बच्चे में जन्म के समय मृत्यु होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है.

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अगर आपकी शादी 25 की उम्र में होती है, तो आप शादी के तुरंत बाद ही बच्चे को जन्म देने की प्लानिंग कर सकते हैं. बच्चे को जन्म देने के लिए यह सबसे परफेक्ट उम्र होती है. कंसीव करने के लिए 25 की उम्र महिलाओं के साथ पुरुषों के लिए भी सबसे बेस्ट होती है. क्योंकि इस उम्र में स्पर्म सबसे ज्यादा फ्रेश और मैच्योर होता है.

अधिकतर दंपती, बच्चे को जन्म देने के लिए 30 की उम्र होने का इंतजार करते हैं. क्योंकि उन्हें लगता है कि 30 की उम्र बच्चे को जन्म देने के लिए सबसे परफेक्ट होती है. लेकिन ऐसा नहीं है, दरअसल, 30 की उम्र में महिलाओं में फर्टिलिटी का स्तर कम होने लगता है. जिस कारण एक साल के अंदर ही उनकी मां बनने की क्षमता लगभग एक चौथाई कम होने लगती है. हालांकि पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी काफी हद तक उनकी जीवनशैली पर भी निर्भर करती है. अल्कोहल और स्मोक करने वाले पुरुषों में स्पर्म की क्वालिटी जल्दी खराब होने लगती है.

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अगर आपकी शादी 30 से 35 साल की उम्र में होती है तो बिना देरी करे ही आपको बच्चे को जन्म देने के बारे में विचार कर लेना चाहिए. क्योंकि 30 के बाद गर्भ धारण करने की क्षमता कुछ हद तक कम हो जाती है. एक स्टडी में ये सामने आ चुका है कि ज्यादा उम्र होने के कारण पुरुषों का स्पर्म उतना ज्यादा फिट नहीं होता है. जिस वजह से बच्चे में कई गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है.

35 से 40 की उम्र में बच्चे को जन्म देने से बच्चे को स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. जिसमें सबसे ज्यादा ऑटिज्म होने का खतरा रहता है. साथ ही महिलाओं में गर्भपात होने की संभावना भी सबसे ज्यादा रहती है.

अगर आप 45 की उम्र में बच्चे को जन्म देने के बारे में सोच रहे हैं तो जरा ठहर जाइए. बता दें कि, 45 की उम्र वाली महिलाओं से जन्में बच्चे की हेल्दी होने की संभावना 1 फीसदी तक कम हो जाती है. साथ ही गर्भावस्था को दौरान महिलाओं में गेस्टेशनल डायबिटीज और हाइरपटेंशन का स्तर काफी हद तक बढ़ जाता है. इसके साथ ही 45 की उम्र वाली महिलाओं से जन्म लेने वाली लड़कियों में ऑटिज्म के अलावा ब्रेस्ट कैंसर और कद छोटा रहने की आशंका ज्यादा रहती है.

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  • शादी के 2 साल बाद तक बच्चे पैदा नहीं किए तो इनाम

परिपक्व उम्र 19 साल में लड़कियों की शादी करने एवं शादी के दो साल बाद तक बच्चे नहीं पैदा करने पर गरीब दंपतियों को पुरस्कृत किया जाएगा। राज्य सरकार ने ऐसे गरीब परिवारों को पुरस्कार देने की योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत आने वाले सभी दंपतियों को 10 हजार रुपए से लेकर 19 हजार रुपए की राशि दी जाएगी।

नाबालिग लड़कियों की शादी के प्रति के लोगों की विचारधारा बदलने के लिए शासन ने प्रेरणा योजना शुरू की है। योजना के अंतर्गत आने वाले दंपतियों को 6 शर्तें पूरी करना होगी। 6 में से 4 शर्तें पूरी करने वाले परिवारों का चयन भी योजना में किया जाएगा। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है दंपति गरीब परिवार से हो और लड़की की शादी 19 वर्ष के बाद हुई हो। शादी के दो साल बाद बच्चे का जन्म हुआ हो एवं महिला की आयु तीस साल से अधिक नहीं होना चाहिए। इन शर्तों को पूरा करने वाले परिवार को ही योजना में शामिल किया जाएगा।

इन शर्तों को पूरा करने वाला परिवार में यदि पहला बच्चा लड़का है तो उसे 10 हजार रुपए और यदि लड़की है तो उसे 12 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। योजना का सही असर दिखा तो गरीब परिवार अपनी बेटियों की शादी 19 साल की उम्र पूरी होने पर ही करेंगे। जिले में बाल विवाह के मामले ज्यादा होते हैं। एक महीने पहले ही ऊन क्षेत्र में 15 वर्षीय नाबालिग का विवाह रोका गया था। इसके अलावा आदिवासी क्षेत्रों में बाल विवाह होते हैं। एक साल में महिला एवं बाल विकास विभाग ने 30 से ज्यादा मामलों में कार्रवाई की है। इसमें 15 से 17 साल तक की बच्चियों की शादी हो रही थीं। विभाग ने उनको रोककर समझाइश दी। माता-पिता से लिखित में आवेदन लिया गया। बािलग होने पर शादी करने का आवेदन लिखवाया गया। साथ ही उन्हें अन्य किसी की शादी करने पर रोकने के लिए कहा गया।

बीपीएलधारकों को फायदा होगा
योजना के आदेश मिले हैं। बीपीएलधारकों को फायदा होगा। योजना का उद्देश्य 19 साल के पहले लड़कियों की शादी न हो। -डॉ. गोविंद गुप्ता, सीएमएचओ

इस तरह दिया जाएगा पुरस्कार
जिन दंपतियों के दो लड़के हैं तो उन्हें 15 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा यदि एक लड़का-एक लड़की है तो उसे 17 हजार एवं यदि दंपती को दोनों पुत्रियां हैं तो उसे 19 हजार का पुरस्कार दिया जाएगा। ऐसे दंपतियों को खोजने का काम स्वास्थ्य विभाग का अमला करेगा।

26 प्रतिशत युवतियों की शादी 18 साल से पहले
जिले में करीब 26 प्रतिशत से अधिक युवतियां ऐसी हैं जिनकी शादी 18 साल से कम उम्र में ही कर दी गई है। शहरी क्षेत्र में इनका प्रतिशत 32.5 है जो कि बहुत अधिक है। कम उम्र में शादी की वजह से ही मातृ और शिशु मृत्युदर में गिरावट नहीं आ रही है। इसी तरह जिले के सर्वे में यह भी सामने आया कि जिले में 7.0 प्रतिशत युवतियां ऐसी भी हैं जो 15 से 19 साल की उम्र में ही मां बन चुकी हैं। ये तथ्य पिछले दिनों नेशनल हेल्थ फेमिली सर्वे में सामने आए थे।

दंपतियों को इन शर्तों को पूरा करना होगा
दंपती गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार से हो।

महिला की आयु 30 साल से अधिक नहीं होना चाहिए।

शादी के वक्त लड़की की आयु 19 साल से कम नहीं होना चाहिए।

शादी के दो साल बाद पहले बच्चे का जन्म हुआ हो।

पहले बच्चे के जन्म के तीन साल बाद दूसरे बच्चे का जन्म हुआ हो।

माता-पिता ने परिवार नियोजन की स्थाई पद्धति अपनाई हो।

प्रेरणा योजना

शादी के कितने समय बाद बच्चा पैदा करना चाहिए?

इसके कारण प्रेग्नेंट होने में दिक्कतें आ सकती हैं. इन परिस्थितियों में अगर कोई महिला प्रेग्नेंट है तो बढ़े हुए हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज से गर्भपात का खतरा बहुत बढ़ जाता है. ऐसे में प्री टर्म बर्थ की भी आशंका रहती है. इसलिए महिलाओं को फैमिली प्लानिंग के लिए 21 से 30 वर्ष के बीच की उम्र तय रखनी चाहिए.

लड़कियों की कौन सी चीज शादी के बाद बहुत बड़ी हो जाती है?

इसका सही जवाब है “पर्स”।

शादी के बाद क्या करने से बच्चे होते हैं?

अगर आपकी शादी 20 से 25 साल के बीच होती है तो आप शादी के तुरंत बाद बच्चे की प्लानिंग कर सकती हैं क्योंकि यह गर्भधारण का सबसे आदर्श समय है। इन सालों में मां के अंडों की क्वॉलिटी सबसे अच्छी होती है। साथ ही पुरुष के स्पर्म भी तुरंत परिपक्व होते हैं और गर्भधारण के लिए परफेक्ट माने जाते हैं

शादी से पहले बच्चे क्यों नहीं होते?

तब से यहां को लोगों की मान्यता है कि शादी के बाद यहां मर्द और औरत को बच्चे नहीं होते हैं, इसलिए शादी से पहले वो साथ रहकर बच्चे पैदा करते हैं। शादी से पहले एक साथ रहकर बच्चे पैदा करने की इस प्रथा को दापा प्रथा कहा जाता है।