4. अकार्बनिक यौगिकों की अपेक्षा कार्बनिक यौगिकों की संख्या अधिक क्यों है? - 4. akaarbanik yaugikon kee apeksha kaarbanik yaugikon kee sankhya adhik kyon hai?

हेलो फ्रेंड क्वेश्चन दिया हुआ है कि अकार्बनिक योगिक की अपेक्षा कार्बनिक यौगिकों की संख्या अधिक क्यों होती है ठीक तो मिल जाएंगे कि अकार्बनिक योगिक क्या होते हैं और कार्बनिक योगिक क्या होते हैं तो कार्बनिक योगी तुम्हारे जो होते हैं उनमें हमारे क्या होते हैं कहा बन के परमाणु बातचीत होते हैं ठीक क्या बताएं कार्बन के कमाओ का ध्यान जितने करते हैं वह माल कब निकलते हैं और कार्यक्रम होने के कारण के कारण घरों के परमाणु का ध्यान नहीं करते हैं वह मारे कार्मिकों ही होते हैं ठीक है अब की का आकार को नहीं किया जो होते हैं उनकी अपेक्षा जो है कार्बनिक यौगिकों की संख्या क्या होती बहुत ही अधिक होती है ऐसा क्यों है ठीक है ठीक है इसका सबसे बड़ा मुख्य कारण यह होता है कि जो हमारे कार्बनिक योगिक होते हैं क्या कार्बनिक योगिक कार्बनिक यौगिकों के कार्बनिक यौगिकों के परमाणु के परमाणु

आपस में आपस में मिलकर मिलकर सा संयोजी आबंध द्वारा संयोजी आबंध संयोजी आबंध द्वारा एक लंबी श्रृंखला का एक लंबी श्रृंखला का निर्माण करते हैं निर्माण करते हैं ठीक है तो जो हमारे काम नहीं करते होते हैं यह हमारी एक बहुत ही लंबी सिंह कलाकार बनके बहुत लंबी संग सिंगला का निर्माण कर सकते हैं जैसे कि अगर हम यहां पर ही रे तू ही रे को ले लेते हैं या क्यों तमारा हीरा यह भी मारा कार्बन का अपरूप होता है ठीक और हीरो को मत

कार्बन का शुद्धतम रूप माना गया है जैसे कि हीरा हो गया ग्रेफाइट हो गया फुल दिन हो गया तो इन सब में देखना है कि कानून की एक लंबी सिंगल आ पाई जाती है ठीक आज तो इसीलिए जो है करने के लिए को किसी संख्या होती है क्या होती है सबसे अधिक होती है ठीक और कारनिको को हमारा शोध क्या है लिए प्राप्त कहां से होते हैं तो हमारे घर में क्या होगा जब मुख्य स्रोत होता है यह हमें मुख्य तैयार जो है वनस्पतियों एवं जीव जंतुओं जीव जंतुओं से प्राप्त होता है कहां से प्राप्त होता है यह माया वनस्पतियां जीव जंतुओं से मुख्य रूप से जो है क्योंकि प्राप्त होते हैं और यह में कहां से प्राप्त होता है हमारे

1 प्रतियां जीव जंतुओं से मिल कर के ही क्या बनता है जीवाश्म ईंधन इसको क्या बोलते हैं जी वाह ठीक तुम्हारे जो मिले तो वनस्पति एवं जीव जंतु होती हैं उन से हमें क्या प्राप्त होता है जीवन प्राप्त होते हैं ठीक है तो यह जो जीवास ईंधन जैसे कि भारत पैट्रोलियम हो गया कोयला हो गया यह भी हमारे क्या होते हैं कार्बन के अपरूप होते हैं ठीक तो इनमें भी जो हमारे कार्बनिक योगिक पौष्टिक होते हैं ठीक है तो इसी प्रकार से जो है हमारा काम नहीं होते हैं तो क्या उसे कार्रवाई की अपेक्षा अधिक पाए जाते हैं एक अधिकारी क्या में होते हैं ठीक है यहां पर हो धन्यवाद

4 कार्बनिक यौगिकों की अपेक्षा कार्बनिक यौगिकों की संख्या अधिक क्यों है ?`?

कोल्बे (सन् 1845) द्वारा ऐसिटिक अम्ल तथा बर्थलोट (सन् 1856 ) द्वारा मेथैन के नवीन संश्लेषण के परिणामस्वरूप दर्शाया गया कि कार्बनिक यौगिकों को अकार्बनिक स्रोतों से प्रयोगशाला में संश्लेषित किया जा सकता है।

कार्बन के यौगिक की संख्या अधिक क्यों होती है?

Solution : कार्बन परमाणु में श्रृंखलन (स्वतः जुड़ने) का विशिष्ट गुण पाया जाता है। अतः इसके द्वारा बनाए गए यौगिकों की संख्या सर्वाधिक है।

कार्बनिक और अकार्बनिक यौगिकों में क्या अंतर है?

कार्बनिक और अकार्बनिक पदार्थों के बीच का अंतर कई कार्बनिक पदार्थ ऊर्जा के स्रोत होते हैं (पेट्रोलियम, डीजल, मीथेन, ईथेन, आदि)। दूसरी ओर, अकार्बनिक पदार्थ उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं। ऑर्गेनिक पदार्थों में बहुत अधिक लंबी कार्बन शृंखला की मौजूदगी होती है जो कि अकार्बनिक पदार्थों में नहीं होती है।

कार्बन के कितने यौगिक होते हैं?

यही कारण है कि कार्बन के यौगिकों की बहुत संख्या होती है। मीथेन (CH4), एथेन (C2H6), प्रोपेन (C3H8), ब्यूटेन (C4H10, ), पेन्टेन (C5H12), इथाइलीन (C2H4), एसीटिक अम्ल (CH3COOH) एथिल एल्कोहल (C2H5OH) इत्यादि कार्बन के यौगिक हैं और ये बहुत से रासायनिक उद्योगों में काम आते हैं