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डॉक्टर नवीन एलावादी बताते हैं कि सफेद रंग के बलगम की वजह टीबी, अस्थमा सीओपीडी और आईएलडी जैसी समस्या हो सकती है। हालांकि आईएलडी के मरीजों बलगम की समस्या नहीं होती, लेकिन अगर उन्हें सफेद बलगम आ रहा है तो इसका मतलब है कि कोई समस्या और भी है। कुल मिलाकर सफेद
बलगम की समस्या शरीर में पैदा होती है जब आपको हल्के इंफेक्शन की समस्या हो, जैसे खांसी जुकाम आदि। कारण, लक्षण और बचाव, जानें टीबी के बारे में सबकुछ पीला या हरे रंग का बलगमइस तरह का बलगम तब देखने को मिलता है जब किसी व्यक्ति को इंफेक्शन है। आमतौर पर टीबी की स्थिति अधिक खराब होने पर भी हरे या पीले रंग का बलगम आता है। इसके अलावा जो लोग लंबे समय से स्मोकिंग के आदी हैं, उन्हें भी यह समस्या हो सकती है। अगर आपको भी अपने बलगम का रंग हरा या पीला दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। इस समस्या की गहनता से जांच करने के लिए डॉक्टर आपके बलगम की जांच कर सकते हैं। साइनसाइटिस की समस्या है गोल्डन बलगमअगर बलगम अधिक चिपचिपा गाढ़ा और पीला होने लगे तो यह साइनोसाइटिस की समस्या हो सकती है। इस तरह की समस्या शरीर में तब होती है जब नाक में मोल्ड स्पोर्स जैसे इंफेक्शन की समस्या हो। साइनस के दर्द से परेशान हैं तो ये 2 घरेलू उपाय आपको राहत देंगे लाल या गुलाबी रंग का बलगमअगर आपका बलगम लाल या गुलाबी रंग का होने लगे तो आपको सावधान होने की आवश्यकता है। ऐसा तब होता है जब आपकी रक्त वाहिकाओं से खून निकल रहा हो। यह तभी होता है जब आपकी नाक की सतह या तो बहुत रूखी हो या फिर टूटी हो। क्यों निकलता है काला बलगमकाले रंग का बलगम आमतौर पर उन लोगों को होता है जिनके फेफड़ों में अधिक मात्रा में धुआं भर गया हो। इसका मतलब है कि या तो आप बहुत ज्यादा स्मोक करते हैं या फिर आप बहुत प्रदूषित जगह पर सांस लेते हैं। इसके अलावा यह क्रोनिक साइन संक्रमण के लक्षण भी हो सकते हैं। इस स्थिति में आपको बिना समय गंवाएं डॉक्टर को दिखाना चाहिए। बलगम कहां और कैसे बनता हैहमारे शरीर में एयर पाइप होता है जो हमारे दोनों लंग्स से जुड़ा होता है। यह आगे जाकर राइट ब्रोंकस और लेफ्ट ब्रोंकस के अंदर बंट जाता है। ब्रोंकस आगे चलकर और भागों में बंटने लगते हैं। इन ब्रोंकस के जरिए हवा अंदर और बाहर होती है। वहीं, अस्थमा के मरीजों की ब्रोंकस की वॉल्स मोटी होने लगती हैं। इसके अंदर गॉब्लेट सेल्स की मात्रा बढ़ने लगती है। यही बलगम बनाते हैं। जिंक की कमी से पुरुषों को हो सकता है ये रोग, जानें शरीर में इसके क्या हैं फायदे शरीर को इंफेक्शन से बचाता है बलगमकुल मिलाकर बलगम हमारे शरीर के अंदर एक तरह का
डिफेंस सिस्टम होता है। यह आपको तरह की समस्याओं से बचा कर रखता है। बलगम हमारे शरीर के अंदर पैदा हुए बैक्टीरिया को अपने साथ चिपका लेता है और बाहर निकालने का कार्य करता है। इसलिए जब भी आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह बलगम को बाहर निकालने वाली दवा या तरीका बताते हैं। ताकि शरीर में बनी हुई समस्या बाहर निकल जाए और चेस्ट हल्की हो जाए। जानिए बलगम के रंग हमारी सेहत के बारे में क्या बताते हैं?
जानिए बलगम के रंग हमारी सेहत के बारे में क्या बताते हैं? Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें
gale me cough: गले में कफ जमा होना एक सामान्य स्थिति होती है। लेकिन कुछ लोगों को बार-बार गले में कफ बनता है। ऐसे में व्यक्ति को गले से संबंधित (throat problem) समस्याएं हो सकती हैं। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर (weak immunity) होती है, उन्हें अधिक कफ बनने की शिकायत होती है। इसलिए पहले आपको इसके कारण का पता लगाना बहुत जरूरी है, इसके बाद ही गले में बनने वाले बलगम की समस्या को दूर किया जा सकता है। गले में बलगम बनने का क्या कारण होता है? (cough in throat causes)गले में कफ या बलगम बनने के कई कारण हो सकते हैं। अकसर सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार होने पर गले में कफ जमा होने लगता है। वायरल या फ्लू होने पर गले में कफ बनता है, खांसी के साथ निकलने लगता है। इतना ही नहीं एलर्जिक रिएक्शन (allergic reaction) की वजह से भी गले में बलगम बनने लगता है। जानें गले में बलगम बनने के कारण-
ये सभी गले में बलगम बनने के कारण हो सकते हैं। गले में बलगम बनना क्या है? (gale me cough)शरीर में बनने वाला कफ एक तरल, चिपचिपा पदार्थ होता है। जो गले से खांसी के साथ निकलता है। कफ का निर्माण फेफड़ों और निचले श्वसन तंत्र के द्वारा किया जाता है। जो लोग अधिक बीमार रहते हैं, उनके शरीर में अधिक कफ बनता है और गले में जमा हो जाता है। इस जमा बलगम में बैक्टीरिया, वायरस जमा हो जाते हैं, जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी होने लगती है। लंबे समय तक गले में जमा बलगम बीमारियों का कारण भी बन सकता है। इसलिए आपको बलगम बनने पर इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसे भी पढ़ें - छाती में जमा बलगम निकालने के लिए पिएं ये 3 तरह के काढ़े किन लोगों को बनता है कफ?वैसे तो सभी लोगों के शरीर में कफ का निर्माण होता है। लेकिन जिन लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं अधिक होता है, या जो लोग अधिक बीमार रहते हैं उन्हें कफ बहुत ज्यादा बनता है।
गले में बलगम बनने के लक्षण (cough symptoms)
कफ कम करने के घरेलू उपाय (mucus formation in throat home remedies)गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें:कफ निकालने के लिए आपको ठंडी चीजों के सेवन से बचना चाहिए। कफ कम करने के लिए गर्म पेय पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करें। इसके लिए गर्म पानी पिएं। काढ़ा पिएं और सूप का सेवन करें। यह कफ को कम करने का अच्छा घरेलू नुस्खा है। गरारे करें: गले से कफ निकालने के लिए नमक के पानी के गरारे करना भी अच्छा विकल्प है। इससे गले में खराश, खुजली की समस्या भी दूर होती है। धूम्रपान से बचें:जो लोग ध्रूमपान करते हैं, उनके शरीर में अधिक बलगम का निर्माण होता है। इसलिए इसके सेवन से आपको बचना चाहिए। इसे भी पढ़ें -बलगम वाली खांसी से हैं परेशान तो, पिएं ये 5 ड्रिंक्स गले में बार-बार बलगम जमा होना फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बलगम से बचाव के लिए ठंडी चीजों से परहेज करें। गर्म चीजों का अधिक मात्रा में सेवन करें। अगर लंबे समय तक बलगम निकले, तो डॉक्टर से संपर्क करें। बलगम ज्यादा बनने का क्या कारण है?लेकिन जमाव का मतलब है आपके शरीर में बहुत ज्यादा बलगम होना. ये उस वक्त बनता है जब आपको सर्दी, साइनस या एलर्जी हो जाए या जब आप धुएं या प्रदूषकों में सांस लें. मौसम में मामूली बदलाव आपकी सेहत को खराब कर सकता है. जब आपके आसपास पर्यावरण में परिवर्तन हो, तो जुकाम, खांसी और गले में कफ की समस्या होती है.
बलगम को जड़ से खत्म कैसे करें?नीलगिरी का उपयोग नीलगिरी के उत्पादों का उपयोग वर्षों से खांसी को कम करने और बलगम को कम करने के लिए किया जाता है। ... . कच्ची हल्दी कच्ची हल्दी भी काम आ सकती है। ... . गर्म तरल पदार्थ पिएं फेफड़ों में जमा बलगम से राहत पाने के लिए आपको बहुत सारे तरल पदार्थ पीने चाहिए। ... . गर्म पानी की भाप लें ... . गर्म पानी से गरारे करें ... . शहद और गर्म पानी. बलगम ज्यादा आने पर क्या करें?कफ और बलगम होने पर नमक और गुनगुने पानी से गरारे करने चाहिए। इससे गले का बलगम साफ होता है और कफ भी दूर होता है। आप सुबह-शाम पानी में 2 चुटकी नमक डालकर गरारे कर सकते हैं। इससे आपको काफी आराम मिलेगा।
कफ बढ़ने से कौन कौन से रोग होते हैं?वहीं, कफ दोष में असंतुलन आने के शारीरिक लक्षणों की बात करें तो इसमें अधिक म्यूकस बनना, वजन बढ़ना, जीभ पर सफेद परत जमना, साइनस में कफ जमना, पाचन खराब होना, कमजोरी, धमनियों में वसा जमना, प्री-डायबिटीज, खांसी, जुकाम, नाक बहना, हे फीवर, ठंडा पसीना आना, बार-बार पेशाब आना, कान में अधिक मैल जमना, त्वचा और बालों का तैलीय ...
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