By उस्मान | Published: November 28, 2019 11:08 AM2019-11-28T11:08:46+5:302019-11-28T11:08:46+5:30 Show
खतरनाक हरपीज सिम्प्लेक्स वायरस है इस बीमारी की सबसे बड़ी वजह, जानिये इससे कैसे बचेंइस खतरनाक दिमाग की बीमारी में मिलती हैं 8 चेतावनी, तुरंत करें ये काम, बच जाएगी मरीज की जानNext Highlightsदिमाग में सूजन होने पर दिमाग का कामकाज प्रभावित होता है दिमाग में सूजन आने से सिरदर्द, गर्दन दर्द, चक्कर आते हैं वर्तमान समय में अधिकतर लोग किसी न किसी समस्याओं से परेशान रहते हैं। उन्हीं में से एक दिमाग की सूजन है जिसे मेडिकल भाषा में इन्सेफेलाइटिस (encephalitis) कहते हैं। यह समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। अगर समय रहते इनका इलाज न करवाया जाए तो यह परेशानियां बड़ी बीमारी का रूप भी ले सकती है। दिमाग में सूजन होने पर दिमाग का कामकाज प्रभावित होता है और इंसान शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ हो सकता है। दिमाग का काम है शरीर को ठीक ढंग से चलाना। मगर जब इसमें सूजन आने लगे तो यह खतरनाक हो सकता है। दिमाग में सूजन आने से सिरदर्द, गर्दन दर्द, चक्कर आने और आंखों के आगे अंधेरा छाना जैसी समस्याएं होने लगती है। दिमाग में सूजन के कारणवेबएमडी के अनुसार, वायरल एन्सेफलाइटिस, इन्फ्लूएंजा, हर्पीज सिंप्लेक्स, मीसेल्स, मम्प्स, रूबेला, रेबीज, चिकनपॉक्स, और वेस्ट नाइल वायरस सहित अर्बोवायरस संक्रमण सहित कई वायरल बीमारियों के संक्रमण के दौरान या बाद में विकसित हो सकता है। हरपीज सिम्प्लेक्स टाइप 1 वायरस वायरल एन्सेफलाइटिस के अधिक सामान्य और गंभीर कारणों में से एक है। हरपीज से संबंधित एन्सेफलाइटिस तेजी से फैल सकता है, और दौरे या मानसिक परिवर्तन हो सकता है और यहां तक कि कोमा या मृत्यु भी हो सकती है। यह तब होता है जब हर्पीज सिंप्लेक्स टाइप 1 वायरस त्वचा की सतह तक शरीर के माध्यम से जाने के बजाय मस्तिष्क में जाता है। अरबोवायरस एन्सेफलाइटिस, वायरल एन्सेफलाइटिस का दूसरा रूप है। यह विभिन्न वायरस के कारण होता है जो कीड़े (जैसे मच्छर और टिक) द्वारा होता है। हर्पीज के विपरीत, अर्बोविराल संक्रमण मौसमी होते हैं, जो मुख्य रूप से गर्मियों और शुरुआती गिरावट में होते हैं। दुर्लभ मामलों में, बैक्टीरियल, फंगल, परजीवी या रिकेट्सियल संक्रमण के कारण एन्सेफलाइटिस होता है। कैंसर या यहां तक कि कुछ दवाओं या विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने से भी एन्सेफलाइटिस हो सकता है। दिमाग में सूजन के लक्षण1) चक्कर आना 2) सिर में दर्द 3)
अवसाद यह भी हैं कुछ लक्षणदिमाग की सूजन के लक्षणों में बुखार, उनींदापन, सुस्ती, बेचैनी या उलझन में रहना, शरीर के एक या एक से अधिक क्षेत्रों में कमजोरी और नवजात शिशुओं में स्किन पर हल्के धब्बे उभर आना भी शामिल हैं। Web Title: Encephalitis signs, symptoms, risk factors, medical treatment, prevention tipsस्वास्थ्य से जुड़ी हिंदी खबरों और देश दुनिया खबरों के लिए यहाँ क्लिक करे. यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा लाइक करेसंबंधित खबरें- पीजीआई के बाद अब लोहिया इंस्टिट्यूट में भी मिलेगी सुविधा - न्यूरो सर्जरी विभाग में हुआ पहला सफल ऑपरेशन वरिष्ठ संवाददाता, लखनऊ दिमाग की नसों में सूजन का इलाज लोहिया इंस्टिट्यूट में अब छोटे से ऑपरेशन से मुमकिन है। अभी तक ऐसी नसों के इलाज के लिए डॉक्टर मरीज का सिर खोलते थे, जिसमें काफी खतरा रहता था, लेकिन लोहिया इंस्टिट्यूट में अब इसका इलाज नसों के रास्ते हो सकेगा। यहां न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने दिमाग तक जाने वाली नसों में स्टेंट (कॉइल) डालने का पहला सफल ऑपरेशन किया है। यह स्टेंट नस के प्रभावित हिस्से में पहुंचकर क्लॉटिंग सील कर देता है। इस तकनीक को 'इंडो वेस्कुलर कॉइलिंग' कहते हैं। ऑपरेशन करने वाली टीम की अगुवाई करने वाले डॉ. कुलदीप यादव ने बताया कि इंडो वेस्कुलर कॉइलिंग ऑपरेशन अभी तक पीजीआई में ही मुमकिन था। इस नई तकनीक से उन मरीजों का इलाज ज्यादा आसान हो सकेगा, जिन्हें दिमाग की नसें फूलने (एनोरिजम) के बाद ओपन सर्जरी की सलाह दी गई हो, हालांकि बाकी चिकित्सा संस्थानों में ऐसे मरीजों की ओपन सर्जरी करनी पड़ती है। इसमें सिर खोलना पड़ता है और इस कारण ऑपरेशन होने के बाद मरीज को रिकवर होने में काफी वक्त लगता है। बुजुर्ग मरीजों को ज्यादा फायदा डॉ. कुलदीप यादव ने बताया कि नई तकनीक से होने वाला ऑपरेशन बुजुर्ग मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होगा। आम तौर पर ओपन सर्जरी के बाद युवा मरीज जल्दी रिकवर होते हैं, जबकि ओपन सर्जरी पर डॉक्टर बुजुर्ग मरीजों को एहतियात बरतने की सलाह देते हैं। इस कारण फूलती हैं नसें ज्याद सिगरेट और तंबाकू के उत्पादों का सेवन, हाई ब्लड प्रेशर, हाईपरटेंशन, सिस्ट बनने की बीमारी और कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत से कई बार दिमाग तक जाने वाली नसें फूल जाती हैं। ऐसा होने पर जरा सी लापरवाही से ये फट भी सकती हैं। ये हैं लक्षण - सिर में ऐसा दर्द जो बर्दाश्त से बाहर हो। - सिर दर्द के साथ उल्टी होना। - दर्द के बाद मरीज का बेहोश होना। - लगातार दौरे पड़ना। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें दिमाग की नसों में सूजन आने से क्या होता है?दिमाग में सूजन आने से सिरदर्द, गर्दन दर्द, चक्कर आने और आंखों के आगे अंधेरा छाना जैसी समस्याएं होने लगती है। अगर समय रहते इनका इलाज न करवाया जाए तो यह परेशानियां बड़ी बीमारी का रूप भी ले सकती है।
दिमाग की नसें क्यों फूलती है?क्यों फूलती हैं दिमाग की नसें? अत्यधिक तनाव, धूम्रपान और शराब, जेनेटिक कारण, हाइ ब्लड प्रेशर और शुगर। नसें फूलकर गुब्बारे का आकार ले लेती हैं। इससे सिर में बहुत तेज दर्द और बेहोशी आ जाती है।
सिर की नसों में सूजन हो तो क्या करें?इस बीमारी का इलाज सर्जरी या दवा से कई बार संभव नहीं होता है। इंटरवेंशन तकनीक से गले की पास स्थित नस से दिमाग में पहुंच कर नस में रक्त प्रवाह को क्वॉयल, प्लग या केमिकल से बंद कर देते हैं। इससे दिमाग की नस में सूजन कम हो जाता है। दिमाग में प्रेशर कम हो जाती है।
नसों में सूजन का कारण क्या है?नसों में दर्द और सूजन होना- यह ज्यादातर काफी समय खड़े रहने या काफी समय तक चलने के कारण होती है. पैरो में सूजन- जब ज्यादा वजन बढ़ता है तो इससे नसें दब जाती हैं, इससे धीरे-धीरे पैरों में सूजन आने लगती है. सूखी त्वचा का होना- जब चेहरा सूखने लगता है तो ध्यान रखिये की आप डॉक्टर से कंसल्ट करें.
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