शक्कर का रंग सफेद क्यों होता है? - shakkar ka rang saphed kyon hota hai?

विषयसूची

  • 1 चीनी को सफेद कैसे किया जाता है?
  • 2 ब्राउन शुगर खाने से क्या होता है?
  • 3 क्या चीनी में हड्डी मिलाया जाता है?
  • 4 शुगर को वाइट करने के लिए क्या मिलाया जाता है?

चीनी को सफेद कैसे किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंचीनी बनाने की प्रकिया के दौरान गन्ने के रस में सल्फर डाई आक्साइड, फोस्फोरिक एसिड आदि मिलाकार रिफाइन किया जाता है. और मटमैले से रंग को साफ करने के लिए उसे जानवरों की हड्डियों से बने कोयले द्वारा साफ किया जाता है. इस प्रक्रिया के द्वारा गन्ने के रस में स्थित सारे विटामिन्स, मिनिरल्स सब को निकाल दिए जाता है.

ब्राउन शुगर खाने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंब्राउन शुगर भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। गुड़ को खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं, साथ ही यह खून को बढ़ाने में भी मदद करता है। ब्राउन शुगर आपके वजन को कम करने में फायदेमंद हो सकता है।

क्या शुगर के मरीज ब्राउन शुगर खा सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमधुमेह की समस्या वाले रोगियों को ब्राउन शुगर के अत्यधिक सेवन से, ब्लड शुगर बढ़ने की आशंका हो सकती है। जो इनके लिए नुकसानदायक हो सकता है। अतिरिक्त चीनी के सेवन से मधुमेह व उच्च रक्तचाप का जोखिम हो सकता है (16)।

ब्राउन शुगर कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंग्लूकोज ब्रेन सेल्स को अच्छे से फंक्शन करने के लिए जरूरी होता है और ये भी एक तरह की शक्कर ही है। फल और सब्जियों से मिलने वाली शक्कर हेल्दी होती है, इसकी ब्रेन को जरूरत होती है। लेकिन जो शक्कर प्रॉसेस्ड फूड जैसे जूस, कोल्डड्रिंक और फास्ट फूड से मिलती है, वो खराब शक्कर मानी जाती है। इसका ब्रेन पर असर अच्छा नहीं होता।

क्या चीनी में हड्डी मिलाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंजी हां । यह सच है कि चीनी को सफेद रंग का बनाने के लिए अन्य कई कैमिकल्स के साथ पशुओं की हड्डियों के चूरे का प्रयोग है किया जाता है । इसीलिए चीनी को सफेद जहर भी कहा जाता है ।

शुगर को वाइट करने के लिए क्या मिलाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंजहां व्हाइट शुगर बनाने के लिए गुड़ को अलग किया जाता है तो वहीं ब्राउन शुगर में गुड़ की मात्रा मिलाई जाती है। गुड़ के मिलते ही व्हाइट शुगर का ब्राउन शुगर का रंग भूरा होता है। व्हाइट और ब्राउन शुगर के बीच स्वाद और रंग है। सफेद चीनी के बजाय ब्राउन शुगर जोड़ने से रंग और मिठास का स्तर बदल सकता है।

ब्राउन शुगर को हिंदी में क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंभूरी शक्कर ( Brown Sugar ) Glossary |स्वास्थ्य के लिए लाभ, पोषण संबंधी जानकारी + भूरी शक्कर रेसिपी ( Brown Sugar ) | Tarladalal.com.

सफेद चीनी और ब्राउन शुगर में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंव्हाइट और ब्राउन शुगर के बीच स्वाद और रंग है। सफेद चीनी के बजाय ब्राउन शुगर जोड़ने से रंग और मिठास का स्तर बदल सकता है। इसके अलावा, उनके स्वाद के बीच का अंतर यह है कि ब्राउन शुगर का फ्लेवर आपको कारमेल और टॉफी में मिलता है जबकि सफेद चीनी अधिक मीठी होती है जिसका प्रयोग केक और पेस्ट्री के लिए किया जाता है।

शक्कर ( Sugar )

Last Updated : Nov 15,2022

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शक्कर का रंग सफेद क्यों होता है? - shakkar ka rang saphed kyon hota hai?

शक्कर या चीनी क्या है?


शक्कर एक कार्बोहाईड्रेट है जो खाने को मिठा बनाता है। हालाँकि आम सफेद शक्कर सुक्रोस होती है, अन्य शक्कर मे लॅक्टोस और फुक्टोस होता है, जो मीठा स्वाद प्रदान करते है।
शक्कर प्राथमिक रुप से चुकंदर और गन्ने से बनता है। यह मैपल के झाड़, ज्वार के पेड़ और कुछ प्रकार के ताड़ जैसे जंगली खजूर का पेड़ से भी बनाया जा सकता है। शहद को शक्कर का स्तोत्र माना जा सकता है।

इस मीठे पदार्थ मे बहुत से व्यंजन को रुप, स्वाद प्रदान करने के गुण होते है, खासतौर पर बेक्ड पदार्थ मे। शक्कर का रोज़ के खाने मे काफी प्रयोग किया जाता है और इस पदार्थ को लोग आम मानते है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक ज़माने मे शक्कर काफी महँगा हुआ करता था और केवल सक्षम व्यक्ति ही इसे प्रयोग करते थे।

शक्कर या चीनी चुनने का सुझाव (suggestions to choose sugar, chini, shakkar)


• शक्कर भिन्न आकार के पैकेट मे मिलता है और छोटे या बड़े कण मे भी मिलता है। अपनी ज़रुरत अनुसार चुने।
• पैक करने कि दिनाँक जाँच कर यह देख ले कि शक्कर सूखा और नमी से मुक्त है। इसका आसानी से मिलना इसकि ताज़गी का प्रतिक माना जाता है।

शक्कर या चीनी के उपयोग रसोई में (uses of sugar, chini, shakkar in cooking)

भारतीय मिठाई में इस्तेमाल होने वाली चीनी | Sugar used in Indian Mithai in Hindi |

1. आटे का मालपुआ रेसिपी | आसान गेहूं के आटे के मालपुए | राजस्थानी मालपुआ | मालपुवा भारतीय मिठाई रेसिपी | atte ka malpua in hindi | with 16 amazing images. आटे का मालपुआ रेसिपी शानदार बनावट और स्वाद के साथ एक आकर्षक भारतीय मीठी रेसिपी है। जानिए राजस्थानी मालपुआ बनाने की विधि।

2. आटा का शीरा रेसिपी | आटे का हलवा | गुजराती अट्टा का शीरा| atta ka sheera recipe in hindi language | with 15 amazing images.

आटा का शीरा रेसिपी एक लोकप्रिय गुजराती मिठाई है जो सरल सामग्रियों से बनाई जाती है जो भारतीय रसोई में आसानी से उपलब्ध हैं। वास्तव में गुजराती अट्टा का शीरा बनाने के लिए आपको गेहूं के आटे, घी, चीनी, इलायची और बादाम की आवश्यकता होती है। मैं पूरी गेहूं शेरा को सबसे आसान गुजराती मिठाइयों में से एक मानता हूं।

3. अखरोट का शीरा की रेसिपी | वॉलनट हलवा | गर्भावस्था अखरोट शेरा नुस्खा | walnut (akhrot) sheera recipe in hindi language |

आपने आज तक रवा से बना हुआ या फिर किसी और आटे बनाया हुआ शिरा चखा होगा। लेकिन यह अखरोट का शीरा , अखरोट से बनने वाला अनोखा है।

4. केसर पेड़ा रेसिपी | झटपट केसर पेड़ा | आसान पेड़ा रेसिपी | केसर मावा पेड़ा एक समृद्ध भारतीय मिठाई है जिसका देश भर में त्योहारों पर अक्सर आनंद लिया जाता है। केसर मावा पेड़ा बनाना सीखें।

चीनी का उपयोग कर भारतीय पेय | Indian drinks using sugar in Hindi |

1. कोकम जूस सन स्ट्रोक को दूर करने का एक मनभावन पेय है। पारंपरिक कोकम ज्यूस गर्मियों की गर्मी को हराने के लिए बनाने का तरीका जानें। 

• शक्कर पानी मे आसानी से घुलकर चाशनी बनाती है, जिसका फल का पल्प या आर्टिफीशियल एैसेन्स बनाने मे प्रयोग किया जाता है।
• शक्कर का प्रयोग कर कैन्डी बनतायी जाती है।
• सुबह कि चाय या कॉफी शक्कर ने बीना अधुरी होती है।
• टमॅटो कैचप मे स्वाद के अलावा, शक्कर उसका रंग भी लाल रखता है।
• खाने को बेक करते समय शक्कर मिलायी जाती है, जिससे खमीर अच्छी तरह बनता है और यह क्रस्ट को सुनहरा रंग प्रदान करता है।
• सॉफ्ट ड्रिंक मे एकाग्रिता मिलाता है।
• होटल मे कच्चे आलू को तलने से पहले शक्कर वाले मे भीगोया जाता है, जिससे आलू कारारे बनते है।
• मकई, गाजर और मटर का स्वाद बढ़ाने के लिये थोड़ी मात्रा मे शक्कर मिलायें।
• टमाटर आधारीय बार्बेक्यू, स्पैघटी और चिली सॉस कि खटाई को शक्कर से कम करें।
• नमकीन सॉस, सूप और ग्रैवी मे भी थोड़ी मात्रा मे शक्कर या भूरी शक्कर मिलायी जा सकती है।
• शक्कर को बेक्ड पदर्थ मे फॅट के साथ मिलाकर यह मिश्रण मे हज़ारो छोटे-छोटे पौकेट बनाते है जिनमे हवा बंद हो जाती है और खाने कि मुलायम और एपरी परत करारी बनाती है।
• फॅट आधारित केक मे शक्कर घिल को तरल से ठोस बनने के समय कम कर तापमान नियंत्रित रखता है, जिससे बेकिंग पाउडर जैसे खमीर लाने वाले पदार्थ को ज़्यादा से ज़्यादा मात्रा मे कार्बनडाईऑक्साईड उत्तपन्न करने का समय मिलता है। यह गैस मिश्रण के हवा पौकेट मे बंद हो जाते है और समान मुलयाम केक बनाने मे मदद करते है।
• फोम वाले केक, जैसे एन्जल और स्पोन्ज केक मे, शक्कर का फेंटने के लिये प्रयोग किया जाता है, जिससे फोल मुलायम और कल्का बनता है और केक को आकार प्रदान करता है।
• शक्कर को गरम करने से कैरेमल बनता है, जिसका रंग सफेद से पीला और बाद मे भूरा बन जाता है। इसका स्वाद और इसकि खुशबु लालजवाब होती है।
• शक्कर एक प्राकृतिक संग्रहण पदार्थ है, कयोंकि यह नमी सोख कर खाने मे अनचाहे किटाणु पनपने से रोकता है। इसलिये शक्कर से बने पदार्थ जैसे केण्डी, सिरप, आईसिंग, जैली, जैम और सॉस मे फफूंद आसानी से लग जाती है।
• शक्कर गुच्छा और डल्ला बनने से रोकती है। इसलिये सूखी सामग्री जैसे मसाले, स्टार्च और बेकिंग पाउडर को घोल मे डालने से पहले, इन्हें पहले शक्कर के साथ मिलायें।
• शक्कर का प्रयोग माईक्रोवेव खाने मे भी होने लगा है। असमानता से गरमाहट को फेलने से रोकने के साथ-साथ, शक्कर कि अनोखी डाईइलेक्ट्रिक गुण खाने मे मनचाहा करारापन और परत को सुनहरा बनाने मे मदद करती है।
• शक्कर बहुत आसानी से घुल जाती हैः गरम पानी के केवल एक पाईंट में पाँच पाऊन्ड शक्कर मिलाकर संतृप्त गोल तैयार किया जा सकता है। यह अनोखा गुण खाना बनाने वाले को शक्कर का प्रयोग कर विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थ, बेहतरीन सिरप, क्रीमी फोन्डेन्ट और फज बनाने मे काम आता है।

शक्कर या चीनी संग्रह करने के तरीके 

• हवा बंद डब्बे मे रखकर और ठंडी सूखी जगह पर सूर्य कि किरणो से दुर रखकर, शक्कर को लंबे सकय तक रखा जा सकता है।
• देखा गया तो शक्कर कभी खराब नही होती, लेकिन साल भर के अंदर शक्कर का प्रयोग कर लेना चाहिए क्योंकि लंबे समय तक उमस और नमी कि वजह से यह जम सकती है।

शक्कर या चीनी के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of sugar, chini, shakkar in hindi)

 

• शक्कर से हुई हानी बहुत ही धिमी और घातक होती है। आपके पाचक ग्रंधी, अधिवृक्क ग्रंधी और होरमोन प्रणाली को पुरी तरह खराब करने मे सालों लग जाते है।
• दाँतो कि सरण का मुख्य कारण शक्कर होता है, जैसे दाँतो मे गड्ढ़े होना, मसूड़े से खून निकलना, तेड़े मेड़े दाँत आना और दाँत गिरना।
• यह मधुमेह, हाईपरग्लाईसिमीया और सायपोग्लाईसिमीया होने का कारण है।
• यह हृदय रोग, आर्टीरियोस्क्लेरोसिस, दिमाँगी रोग, डिप्रैशन, वृद्धवास्था, उच्च रक्तचाप और कैंसर होने का दोनो महत्वपूर्ण और सहायक कारण है।
• इसका बहुत ही हानीकारक प्रभाव होरमोन प्रणाली पर पड़ता है, जहाँ इस प्रणाली को असंतुलित करता है साथ ही हुए ग्रंथि को भी हानी पहुँचाता है, जैसे अधिविकृक ग्रंथि, पाचक ग्रंथि और लीवर, जिसके कारण रक्त मे शक्करा कि मात्रा तेज़ी से बढ़ने लगती है। शरीर मे इसका और भी हानीकारक प्रभाव होते है, जैसे अत्यधिक थकान, बुलिमिनया से पिड़ित मे मीठे खाने कि अत्यधिक लालसा, पी.एम.एस का बढ़ना, लगभग 50% बच्चों मे अतिक्रियाशीलता, गबराहट और चीड़चीड़ापन, वजन कम करने मे तकलीफ होना, आदि।
• इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि शक्कर काफी खास्य पदार्थ मे पाया जाता है, अनस से लेकर कैचप और सूप में और हॉट-डॉग मे भी। इसलिये, शक्कर कि मात्रा संतुलित रखने का मतलब है, एैसे खाद्य पदार्थ भी संतुलिता मात्रा मे खाना।


चीनी वाइट क्यों होती है?

सफेद चीनी का सेवन यानी शरीर में कैलोरी का अधिक इनटेक. डायबिटीज के मरीजों को तो ऐसे भी चीनी का इस्तेमाल बेहद कम करने की सलाह दी जाती है. वाइट शुगर रिफाइन्ड होती है, जो कई तरह के हेल्थ रिस्क जैसे मोटापा, हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, लिवर डिजीज, डिप्रेशन, डिमेंशिया आदि का कारण बन सकती है.

चीनी का असली रंग क्या होता है?

चीनी का असली रंग पीला या मटमैला होता है । पुराने समय में इसका विरंजन गाय की हड्डियों से किया जाता था परन्तु आज कल इसका प्रयोग बंद हो गया है । अब चीनी को सल्फर डाई ऑक्साइड गैस से विरंजित किया जाता है। इस प्रकार इसका रंग सफेद पारदर्शी हो जाता है ।

शक्कर को सफेद करने का तरीका क्या है?

कुछ लोग शक्कर की जगह पर गुड़, शहद आदि का उपयोग करने लगते हैं लेकिन यह सभी एक ही समूह के हैं और सभी शक्कर के ही रूप हैं। इसीलिए अगर आपको बंद करना है, तो शक्कर, गुड़, शहद, फलों के जूस ये सभी वस्तुएं बंद करनी होंगी। हर भोज्य पदार्थ में ग्लूकोज़ किसी ना किसी मात्रा में मौजूद रहता ही है

क्या चीनी बनाने में हड्डी का प्रयोग होता है?

जी हां । यह सच है कि चीनी को सफेद रंग का बनाने के लिए अन्य कई कैमिकल्स के साथ पशुओं की हड्डियों के चूरे का प्रयोग है किया जाता है । इसीलिए चीनी को सफेद जहर भी कहा जाता है ।