अंतिम संस्कार के वक्त भारत में सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनने का रिवाज है, लेकिन क्या कभी आपने इसका कारण जानने की कोशिश की है? Show
किसी के अंतिम संस्कार में जाना बहुत ही मुश्किल होता है। आपका कोई करीबी इंसान इस दुनिया से चला जाता है और उसे अंतिम विदाई देना बहुत ही मुश्किल लगता है। किसी के अंतिम संस्कार में कभी भी रंगीन कपड़े नहीं पहने जाते हैं और भारत में अधिकतर अंतिम संस्कार के लिए सफेद कपड़ों को चुना जाता है। इसे अलग महत्व दिया जाता है और ये ट्रेंड बॉलीवुड ने और ज्यादा बढ़ा दिया है। ऐसे ही अगर आपने गौर किया हो तो विदेशों में काले कपड़े पहने जाते हैं। अगर हम ऐतिहासिक घटनाओं को देखें तो ये मान सकते हैं कि इन रंगों को हमेशा से ही मौत से नहीं जोड़ा गया था। किसी की मौत होने पर किस तरह का रंग पहनना है या फिर किस तरह से शोक मनाया जाता है इसकी सामाजिक मान्यता कुछ बदल सी गई है। पर क्या आपने सोचा है कि विदेशों में काले तो सिर्फ हमारे ही देश में सफेद कपड़ों का रिवाज कैसे बन गया? वैसे कई एशियन कल्चर सफेद कपड़ों वाले इस नियम को अपनाते हैं, लेकिन क्या है इसका कारण ये भी जान लेना चाहिए। आखिर क्यों काले कपड़े पहने जाते हैं अंतिम संस्कार पर?अगर अंतिम संस्कार की बात करें तो दुनिया के अधिकतर देशों में काले कपड़ों का रिवाज है। Journal of International Color Association में इसको लेकर बात कही गई है। उसके मुताबिक इस रंग को निगेटिव सोच से जोड़कर देखा जाता है। इसमें मौत, डर और दुख सभी कुछ शामिल हैं। इसे सदियों से ही अंधकार से जोड़कर देखा जाता रहा है और दुनिया भर में ऐसे कई कल्चर हैं जो काले रंग को मौत से जोड़कर देखते हैं या फिर अंधकार से जोड़कर देखते हैं। इसे जरूर पढ़ें- हिन्दू धर्म में इन महिलाओं को मिला है सबसे ज्यादा खूबसूरत होने का खिताब काले रंग को आत्मा के देह को छोड़ने से लेकर भी जोड़ा जाता है। इसलिए कहा जाता है कि अंत्येष्टि के समय काले रंग के कपड़ों को पहनना चाहिए। इसे आंखों को बंद करने से जोड़कर भी देखा जाता है। जब इंसान की आंखें बंद होती हैं तो अंधेरा सा छा जाता है और काला रंग ही दिखता है और काला रंग पहनने का एक ये संकेत भी है। आखिर क्यों भारत में सफेद रंग को दिया जाता है महत्व?जब विदेशों में इस काम के लिए काला रंग इस्तेमाल किया जाता है तब भारत में अंतिम संस्कार के लिए सफेद रंग को महत्व दिया जाता है। ऐतिहासिक घटनाओं को देखें तो अधिकतर सफेद रंग को दुख मनाने का रंग समझा जाता था। इस रंग के साथ भेदभाव नहीं है अमीर या गरीब की कोई बात नहीं और इसे कोई भी खरीद सकता है। इसलिए ही इसे सबसे आम रंग कहा जाता है। साथ ही साथ सफेद रंग को हिंदू धर्म में पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। ये पवित्रता और मासूमियत लिए होता है और इसलिए इस रंग को बेहतर समझा जाता है। इसे जरूर पढ़ें- हिंदू धर्म से जुड़ी ये बातें क्या जानते हैं आप? यही कारण है कि कई एशियाई देशों में इसे बहुत ही महत्व वाला रंग समझा जाता है और इस रंग को ही किसी की अंतिम यात्रा में पहना जाता है। वैसे तो इसका कोई ठोस कारण किसी भी दस्तावेज में नहीं मिलता है, लेकिन प्रचलित मान्यताएं यही कहती हैं कि इन रंगों को पहनने का एक खास महत्व होता है। दुनिया भर के देशों में चटक रंगों का प्रयोग अंतिम यात्रा के दौरान नहीं किया जाता है जो मृत व्यक्ति की आत्मा को आदर देने के लिए होता है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें। हिंदी न्यूज़ लाइफस्टाइलमकर संक्रांति पर महाराष्ट्र में क्यों पहनते हैं काले कपड़े? जानें आज के दिन की परम्पराएं मकर संक्रांति पर महाराष्ट्र में क्यों पहनते हैं काले कपड़े? जानें आज के दिन की परम्पराएंमकर संक्रांति के दिन लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं। कुछ लोग इस दिन पील कपड़े भी पहनते हैं। भारतीय परम्परा के अनुसार धार्मिक कार्यों और उत्सव पर पीले वस्त्र को पहनना शुभ माना जाता है, लेकिन आपको...Pratima Jaiswalलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 14 Jan 2022 10:04 AM मकर संक्रांति के दिन लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं। कुछ लोग इस दिन पील कपड़े भी पहनते हैं। भारतीय परम्परा के अनुसार धार्मिक कार्यों और उत्सव पर पीले वस्त्र को पहनना शुभ माना जाता है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि महाराष्ट्र में मकर संक्रांति के दिन काले वस्त्र पहने जाते हैं। काले कपड़े पहनने का कारण यह भी पढ़े : वेट लॉस ही नहीं करती, आपकी इम्युनिटी भी बढ़ाती है मकर संक्रांति वाली खिचड़ी, यहां जानिए इसके पोषक तत्व माथे पर तिलक लगाना भी होता है शुभ सर्दियों में किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए और क्यों?Solution : सफेद कपड़े विकिरण ऊष्मा के अच्छे परावर्तक होते हैं तथा रंगीन कपड़े अपने ऊपर आपतित अधिकांश विकिरण ऊष्मा को अवशोषित कर लेते हैं। इसलिए गर्मियों में सफेद कपड़े हमें गर्मी महसूस नहीं होने देते तथा सर्दियों में रंगीन कपड़े हमें गर्म रखते हैं।
सर्दियों में काले कपड़े क्यों पहने जाते हैं?इसका कारण बिल्कुल साफ और सरल है। गहरे रंग की चीजें गर्मी को सोखती हैं और हल्के रंग की चीजें गर्मी को वापस भेजती है। इसलिए ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए गहरे रंग के वस्त्र पहने जाते हैं, जिससे की उनमें सोखी गई गर्मी हमारे शरीर को भी गर्मी पहुंचाए।
ठंड के मौसम में कौन सा कपड़ा पहनना चाहिए?सर्दी के मौसम में क्या और कैसे पहनें?. टिप 1: कई लेयर में पहनें कपड़े कई लोगों को लगता है कि केवल मोटे ऊनी कपड़े पहनने से ही ठंड के असर को कम किया जा सकता है। ... . टिप 2 : सिर को हमेशा ढंककर रखें ... . टिप 3 : इंसुलेटेड जूते खरीदें ... . टिप 4 : विंटर सॉक्स ही पहनें ... . टिप 5: स्लिपिंग के दौरान थर्मोकॉट पहनें. सर्दियों के लिए सही रंग कौन सा है?ठीक इसी के विपरीत, ठण्ड के मौसम में गहरे रंग के कपड़े पहनना चाहिए। गहरे रंग के कपड़े ऊष्मा का शोषण कर शरीर को गर्माहट प्रदान करते हैं और इस तरह सर्दी के मौसम में ठण्ड से राहत मिलती है। सूती वस्त्र जो कि हल्के होते हैं, शरीर को ठण्डक पहुँचाते हैं और वहीं ऊनी वस्त्र हवा के प्रवेश को रोकते हैं।
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