NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 1 पद is part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 1 पद. Show NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 1 पदप्रश्न 1. You can also download NCERT Solutions For Class 10 Science to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations. प्रश्न 2.
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रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. आज की राजनीति तो सिर से पैर तक छल-कपट से भरी हुई है। किसी को किसी भी राजनेता के वायदों पर विश्वास नहीं रह गया है। नेता बातों से नदियाँ, पुल, सड़कें और न जाने क्या-क्या बनाते हैं किंतु जनता लुटी-पिटी-सी नजर आती है। आज़ादी के बाद से गरीबी हटाओ का नारा लग रहा है किंतु तब से लेकर आज तक गरीबों की कुल संख्या में वृद्धि ही हुई है। इसलिए गोपियों का यह कथन समकालीन राजनीति पर खरा उतरता है। अन्य पाठेतर हल प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. More Resources for CBSE Class 10
We hope the given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 1 पद will help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 1 पद, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. सूरदास के पदों की संख्या कितनी है?हिंदी काव्य
(1) सूरसागर - जो सूरदास की प्रसिद्ध रचना है। जिसमें सवा लाख पद संग्रहित थे। किंतु अब सात-आठ हजार पद ही मिलते हैं। (3) साहित्य-लहरी - जिसमें उनके कूट पद संकलित हैं।
सूरदास के भ्रमरगीत में कितने पद हैं?प्रस्तुत पाठ में सूरदास के ग्रन्थ ' सूरसागर ' के ' भ्रमरगीत ' से चार पद लिए गए हैं। श्री कृष्ण ने मथुरा जाने के बाद स्वयं न लौटकर उद्धव के जरिए गोपियों के पास संदेश भेजा था कि अब वे वापिस लौट कर नहीं आएँगे।
सूरदास के पद से क्या सीख मिलती है?सूरदास के पद से शिक्षा मिलती है कि भक्ति तथा प्रेम में बहुत शक्ति होती है। योग साधना मनुष्य को प्रेम और भक्ति का महत्व नहीं समझा सकती है।
सूरदास के पद में किसका वर्णन है?सूरदास के पद पाठ प्रवेश
सूरदास जी भक्ति काल की कृष्ण भक्ति शाखा के सर्वश्रेष्ठ कवि माने जाते हैं। उनकी अधिकतर रचनाएँ भक्ति पर आधारित हैं। इन पदों में कवि ने बाल कृष्ण की अद्भुत लीलाओं का मनोहारी चित्र प्रस्तुत किया है। यहाँ कवि ने वात्सल्य रस की सुन्दर अभिव्यक्ति की है।
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