सामाजिक संगठन की अवधारणासंगठन संरचना की इकाइयों के बीच प्रकार्यात्मक संबध्दता का सूचक है। सामान्य अर्थों मे किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिये मिल-जुलकर काम करना संगठन है। हम अपने चारों ओर संगठन की गतिविधियों को देखकर यह भलीभांति समझ सकते है कि संगठन कैसे तैयार होता है अथवा संगठन की प्रक्रिया किस तरह कार्य करती है। कतिपय उदाहरणों से यह बात स्पष्ट हो जाती है जैसे मधुमक्खी का
संगठन। इस संगठन को ध्यान से देखिये तो स्पष्ट होता है कि इसमे एक रानी मक्खी होती है और अन्य मक्खियाँ अपना-अपना कार्य करती है। यदि हम खेल के मैदान मे देखे तो एक क्रिकेट टीम मे गेंदबाज, बल्लेबाज, मैदान मे दौड़कर गेंद उठाने वाले खिलाड़ी, विकेटकीपर, यह सब मिलकर अगल-अलग कार्य कर रहे है। लेकिन सबका लक्ष्य समान होता है। इसी तरह किसी कार्यालय अथवा संस्थान के प्रबंधन को देखें तो यह समझ सकेंगे कि कार्यालय मे किस तरह अलग-अलग स्तर मे बंटे कर्मचारी विभिन्न कार्यों को संपादित करके संस्थान के लक्ष्य को पूरा कर
रहे है। Show सामाजिक संगठन का अर्थ (samajik sangathan ka arth)समाज का निर्माण करने वाली विभिन्न इकाइयों में पाये जाने वाले प्रकार्यात्मक सम्बन्ध के आधार पर होता है। समाज में इन इकाइयों की अपनी एक निश्चित स्थिति होती है। इनकी स्थिति के अनुसार ही कार्यों को निर्धारित किया जाता है। जब ये
इकाइयां अपने निर्धारित कार्यों के अनुसार क्रियाशील रहती हैं तो समाज में संगठन दिखायी देता है और इसी को सामाजिक संगठन कहा जाता है। सामाजिक संगठन की परिभाषा (samajik sangathan ki paribhasha)ऑगबर्न तथा
निमकाॅफ के अनुसार परिभाषा; "एक संगठन विभिन्न कार्यों को करने वाले विभिन्न अंगों की एक सक्रिय सम्बध्दता है। सामाजिक संगठन की विशेषताएंसामाजिक संगठन की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-- 1. सामाजिक संगठन एक दशा भी है और एक प्रक्रिया भी। शायद यह जानकारी आपके के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी सामाजिक संगठन से क्या आशय है?सामाजिक संगठन : यह वह दशा या स्थित है, जिसमें एक समाज मे विभिन्न संस्थाएं अपने मान्य तथा पूर्व निश्चित उद्देश्यों के अनुसार कार्य करती है। इसके अलावा चार्ल्स कूले के अनुसार - "सामाजिक अंत:क्रिया के आवश्यक तत्वों के रूप मे सहभागी क्रियाओं तथा उनके बोध को सामाजिक संगठन कहते।
सामाजिक संगठन से आप क्या समझते हैं इसकी विशेषताएं?सामाजिक संगठन व्यक्तियों का ऐसा संग्रह है जिनके सम्मिलित उद्देश्य होते है। सदस्यों के बीच कार्य का बँटवारा होता है, संगठन के कुछ निश्चित नियम होते हैं जिनके आधार पर व्यक्ति पर व्यक्ति अपनी भूमिका का निर्वाह करते है। समाज का निर्माण करने वाली अनेक इकाइयां होती हैं। उनके निश्चित पद तथा कार्य होते हैं।
समाज में संगठन का क्या महत्व है?संगठन प्रशासन की विभिन्न क्रियाओं को आनुपतिक एवं सन्तुलित महत्व प्रदान करता है। 4. संगठन सम्बन्धी रचना से विभिन्न विभागों, उपविभागों, स्थितियों, कार्यों तथा क्रियाओं के मध्य समन्वय स्थापित किया जाता है। स्वस्थ संगठन समन्वय को सुविधाजनक बनाता है, जिससे मानवीय प्रसाधनों का श्रेष्ठतम उपयोग सम्भव हो जाता है।
संगठन की परिभाषा क्या है?संगठन (organisation) वह सामाजिक व्यवस्था या युक्ति है जिसका लक्ष्य एक होता है, जो अपने कार्यों की समीक्षा करते हुए स्वयं का नियन्त्रण करती है, तथा अपने पर्यावरण से जिसकी अलग सीमा होती है। संगठन तरह-तरह के हो सकते हैं - सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सैनिक, व्यावसायिक, वैज्ञानिक आदि।
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