साक्षात्कार के गुण व सीमाएं - Merits and limitations of Interview सामाजिक शोध में साक्षात्कार पद्धति के निम्नलिखित गुण हैं - 1) आंकड़ों के संकलन के लिए साक्षात्कार उत्तम कोटि का शोध उपकरण है। 2) मनोवैज्ञानिक दृष्टि
से साक्षात्कार पद्धति अत्यंत महत्वपूर्ण है। साक्षात्कारकर्ता और उत्तरदाता दोनों इस प्रक्रिया में एक-दूसरे पर प्रभाव डालते हैं। 3) शोध के लिए गोपनीय आंकड़ों का संकलन करने के संदर्भ में एक साक्षात्कारकर्ता एक व्यक्ति (उत्तरदाता) के आंतरिक जीवन में अधिक अथवा न्यून रूप से कल्पनात्मक ढंग से प्रवेश करता है। 4) साक्षात्कार प्रक्रिया के माध्यम से संकलित आंकड़ों का सत्यापन भी संभव है। 5) साक्षात्कार पद्धति में वर्तमान के अतिरिक्त पूर्व में घटित घटनाओं की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है। 6) सामाजिक घटनाएँ अमूर्त होती हैं और इनके बारे में अध्ययन साक्षात्कार प्रविधि के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। साक्षात्कार पद्धति में कुछ दोष भी पाए जाते हैं, जो इस प्रकार हैं - 1) प्रश्नोत्तर के लिए स्वतंत्र होने के कारण साक्षात्कारकर्ता व उत्तरदाता का संवाद पक्षपातपूर्ण होना संभव है जिससे शोध में विश्वसनीयता और वैधता का अभाव आ जाता है। 2) प्रक्रिया लिपिबद्ध न होने के कारण कुछ सूचनाओं के छूट जाने का डर रहता है। 3) साक्षात्कारकर्ता व उत्तरदाता के अलग-अलग पृष्ठभूमि के होने के कारण उनमें स्थापित नहीं हो पाता है जिसके कारण उपयोगी सूचनाएँ प्राप्त नहीं हो पाती हैं। 4) साक्षात्कार पद्धति में कई बार वास्तविकता की उपेक्षा किए जाने का डर होता है क्योंकि घनिष्ठ संबंध साक्षात्कारकर्ता प्राप्त सूचनाओं को लिपिबद्ध करने के लिए स्वतंत्र होता है। 5) उत्तरदाता द्वारा अध्ययन के विषय में वैयक्तिक संज्ञान न होने से भी वैध व प्रामाणिक तथ्यों की प्राप्ति नहीं हो पाती है। साक्षात्कार का अर्थ एवं परिभाषा, प्रकारसाक्षात्कार का अर्थ क्या हैसाक्षात्कार एक व्यवस्थित विधि है, जिसमें इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति और इंटरव्यू देने वाले के साथ स्वयं मिलकर बातचीत करके एवं उत्तर प्राप्त कर किसी विषय के बारे में वास्तविक ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। वास्तव में साक्षात्कार में दो या दो से अधिक व्यक्ति किसी विशिष्ट व निश्चित उद्देश्य को सामने रखकर आमने-सामने की परिस्थिति में बातचीत करते हैं उसे साक्षात्कार कहते हैं। साक्षात्कार की परिभाषागुडे एवं हट के अनुसार— “साक्षात्कार मूल रूप से सामाजिक अंत: क्रिया की एक प्रक्रिया है।” मनिंद्र नाथ बसु के अनुसार— “साक्षात्कार की कुछ बातों को व्यक्तियों के आमने-सामने के मिलन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।” डॉ. पी. वी. यंग के अनुसार— “साक्षात्कार को एक व्यवस्थित पद्धति के रूप में माना जा सकता है, जिसके माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के आंतरिक जीवन में अधिक या कम कल्पनात्मक रूप में प्रवेश करता है जो कि उसके लिए तुलनात्मक रूप से अपरिचित है।” साक्षात्कार के प्रकारसाक्षात्कार का वर्गीकरण हम इस प्रकार से कर सकते हैं_ A,B,C,D. A. कार्यों के आधार पर वर्गीकरणकार्यों के आधार पर साक्षात्कार तीन प्रकार की हो सकते हैं_ 1. विश्लेषण साक्षात्कार- ऐसे साक्षात्कार में किसी गंभीर सामाजिक समस्या अथवा घटना के कारणों को जानने का प्रयास किया जाता है। 2. उपचारात्मक साक्षात्कार- जब किसी साक्षात्कार का उद्देश्य किसी सामाजिक समस्या के समाधान हेतु संबंधित सुझाव को जानना होता है तो उसे उपचारात्मक साक्षात्कार कहा जाता है। उदाहरण के लिए शिक्षकों, जेल अधिकारियों, न्यायाधीशों आदि से समय समय पर किसी सामाजिक समस्या के समाधान के लिए आवश्यक सुझाव की जानकारी के लिए साक्षात्कार किए जाते हैं। 3. अनुसंधान संबंधी साक्षात्कार- इस साक्षात्कार का मुख्य उद्देश्य सामाजिक घटनाओं से संबंधित कार्यों को जानकर आने वाली अनुसंधान के लिए उपयुक्त कल्पनाओं का निर्माण करना होता है साक्षात्कार उपचारात्मक साक्षात्कार से अधिक विस्तृत होते हैं। B. औपचारिकता पर आधारित वर्गीकरणऔपचारिकता के आधार पर साक्षात्कार दो प्रकार के हो सकते हैं_
C. सूचना दाताओं की संख्या पर आधारित वर्गीकरणसूचना दाताओं की संख्या के आधार पर साक्षात्कार को दो भागों में बांट सकते हैं_ 1. व्यक्तिगत साक्षात्कारइस प्रकार के साक्षात्कार में एक समय में केवल एक ही सूचनादाता से साक्षात्कार किया जाता है। इंटरव्यू लेने वाले और इंटरव्यू देने वाले दोनों ही प्रश्न का उत्तर देने में लगे रहते हैं। व्यक्तिगत साक्षात्कार के लाभ
व्यक्तिगत साक्षात्कार की सीमाएं
2. सामूहिक साक्षात्कारइस साक्षात्कार में इंटरव्यू लेने वाले एक समय में एक ही स्थान पर एक से अधिक व्यक्तियों से संपर्क करता है और अनुसूची के अनुसार उन सभी व्यक्तियों से समस्या से संबंधित सूचनाएं संकलित कर लेता है। इस प्रयोग में समूह के सभी व्यक्तियों से बारी-बारी प्रश्न पूछे जाते हैं। सामूहिक साक्षात्कार के लाभ
समूह साक्षात्कार की सीमाएं
D. अध्ययन पद्धति पर आधारित वर्गीकरणअध्ययन पद्धति के आधार पर साक्षात्कार को दो भागों में बांटा जा सकता है_ 1. गैर निर्देशित साक्षात्कारइस साक्षात्कार को अनियंत्रित साक्षात्कार भी कहा जा सकता है। इस साक्षात्कार में साक्षात्कार करता सूचना दाता के समक्ष किसी समस्या को रखता है और धैर्य पूर्वक उत्तरों को सुनता रहता है। सूचना दाता उत्तर देने में पूर्ण स्वतंत्र होता है और साक्षात्कार सूचनादाता को बीच-बीच में टोकता भी नहीं है। साक्षात्कार किसी पूर्व निश्चित अनुसूची के आधार पर नहीं किया जाता है। गैर निर्देशित साक्षात्कार की विशेषताएं_
2. केंद्रित साक्षात्कारइस प्रकार के साक्षात्कार का प्रयोग राॅबर्ट के.मार्टन द्वारा किया गया था। इसमें साक्षात्कार को किसी एक संबंधित विषय पर केंद्रित होना पड़ता है और साक्षात्कार के लिए साक्षात्कार निर्देशिका का प्रयोग भी किया जाता है। वास्तव में इस साक्षात्कार में किसी विशेष घटना या अवस्था में सूचना दाताओं की भावनाओं, विचारों व धारणाओं का अध्ययन किया जाता है। केंद्रीय साक्षात्कार की विशेषताएं_
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सामाजिक अनुसंधान में साक्षात्कार प्रणाली क्या है?इस पद्धति के द्वारा घटना का अध्ययन उसके ऐतिहासिक सन्दर्भ मे किया जाता है। सामाजिक पद्धति के द्वारा हम सामाजिक घटनाओं तक पहुँचाने का प्रयास करते हैं। इस पद्धति के द्वारा सामाजिक घटनाओं का अध्ययन आसानी से किया जा सकता है। साक्षात्कार पद्धति द्वारा सभी स्तर के लोगों से सूचनाएं प्राप्त की जा सकती है।
साक्षात्कार से आप क्या समझते हैं साक्षात्कार की परिभाषा दें?सामान्यत: दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा किसी विशेष उद्देश्य से आमने-सामने की गयी बातचीत को साक्षात्कार कहा जाता है। साक्षात्कार एक प्रकार की मौखिक प्रश्नावली है जिसमें हम किसी भी व्यक्ति के विचारों और प्रतिक्रियाओं को लिखने के बजाय उसके सम्मुख रहकर बातचीत करके प्राप्त करते हैं।
साक्षात्कार से आप क्या समझते हैं इसके प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए?साक्षात्कार एक आत्म-निष्ठ विधि है, जिसके द्वारा व्यक्ति की समस्याओं तथा गुणों का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। इसमें दो व्यक्तियों में आमने सामने मौखिक वार्तालाप होता है, जिसके द्वारा व्यक्ति की समस्याओं का समाधान खोजने तथा शारीरिक और मानसिक दशाओं का ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।
साक्षात्कार निर्देशिका क्या है सामाजिक अनुसंधान में इसके महत्व की विवेचना कीजिए?साक्षात्कार प्रणाली की उपादेयता सीमित होते हुए भी यह सामाजिक अनुसंधान की एक महत्वपूर्ण उपयोगी पद्धति है। इस पद्धति के द्वारा हम व्यक्तिगत अमूर्त घटनाओं का अध्ययन कर सकते है। उक्त अध्ययन से आलपोर्ट का यह कथन सत्य प्रतीत होता है," यदि हम जानना चाहते है कि लोग क्या सोचते करते है?
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