नगदी फसल के चक्कर में जिले के कई इलाकों में हो रही यूके लिप्टस की खेती जलस्तर के लिए बड़ा खतरा बन गई है। यूके लिप्टस की खेती वाले कई इलाके डेंजर जोन घोषित हो चुके हैं। बावजूद इसकी खेती पर रोक नहीं लगाई जा सकी है। अभी भी धड़ल्ले से किसान खेतों में इसके पौधे लगा रहे हैं। न सिर्फ जलस्तर बल्कि जमीन की सेहत के लिए भी यूके लिप्टस ठीक नहीं है। यह पौष्टिक तत्वों को खींचकर मिट्टी को बंजर बना देता है। वैज्ञानिकों की मानें तो प्रतिदिन यूके लिप्टस करीब 12 लीटर पानी खींचता है। यही कारण है कि यह पांच साल के भीतर ही तैयार हो जाता है। जबकि सामान्य पौधे प्रतिदिन तीन लीटर के आसपास पानी शोषित करते हैं। Show
यूके लिप्टस की कुल खेती को लेकर कृषि और वन विभाग के पास कोई आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन जिले में किसान नगदी फसल के रूप इसे प्रमुखता से खेतों लगाते हैं। किसान अधिक रुपये कमाने के चक्कर में यूके लिप्टिस (सफेदा) की खेती कर रहे हैं। लगभग पांच साल में तैयार होने वाले ये पेड़ किसानों को मालामाल कर दे रहे हैं, मगर इससे होने वाले नुकसान से वह अनभिज्ञ हैं। यूके लिप्टिस की खेती करने वाले किसानों की मानें तो पांच साल में तैयार होने वाले एक पेड़ की कीमत लगभग पांच हजार रुपये होती है। इसकी खपत जितना ग्रामीण इलाकों में है, उससे कहीं अधिक गैरप्रांतों में स्थित कारखानों में है। दूर-दूर से आने वाले ठेकेदार पूरा खेत पल भर में साफ करा देते हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि शोध से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि यूके लिप्टिस का एक पौधा एक दिन में बारह लीटर पानी खींचता है। जबकि सामान्य पौधे एक दिन में अधिकतम तीन लीटर पानी ग्रहण करते हैं। यूके लिप्टिस की जड़े इतनी गहरी होती हैं कि वह आवश्यकता के मुताबिक नीचे से पानी खींच लेती हैं। इसकी पत्तियां और पेड़ की छालें को कभी उभारकर देखा जाए तो उसमें पानी टपकता हुआ नजर आता है। पानी अधिक खींचने से खेत की उर्वरा शक्ति जहां नष्ट हो जाती है, वहीं जमीन के बंजर होने की आशंका भी बढ़ जाती है। विषयसूची इसे सुनेंरोकेंकृषि वैज्ञानिक डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि शोध से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि यूके लिप्टिस का एक पौधा एक दिन में बारह लीटर पानी खींचता है। जबकि सामान्य पौधे एक दिन में अधिकतम तीन लीटर पानी ग्रहण करते हैं। यूकेलिप्टस को पर्यावरणीय संकट क्यों माना जाता है?इसे सुनेंरोकेंजड़े मिट्टी में सीधी बहुत गहराई तक जाकर पानी खींचती हैं। पेड़ों की संख्या अधिक होने पर क्षेत्र के भूगर्भ जलस्तर में कमी आ सकती है। इसके अलावा अनाज उत्पादन वाले खेतों में इसे लगाने से मिट्टी की उवर्रता को भी नुकसान पहुंचता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यूकेलिप्टस के पेड़ों को किसान सामान्य खेतों में लगाने से बचें। पर्यावरण का दुश्मन कौन सा पेड़ है? इसे सुनेंरोकेंसबसे पहले इसका जवाब दिया गया: कौन सा व्रक्ष पर्यावरण का दुश्मन कहा जाता हैं? नीलगिरी (eucalyptus):- कभी दलदली जमीन को सूखी धरा में बदलने के लिए अंग्रेजों के जमाने में भारत लाया गया यूकेलिप्टस का पेड़ आज पर्यावरण के लिए मुसीबतों का सबब बनता जा रहा है। नीलगिरी के तेल का दूसरा नाम क्या है?इसे सुनेंरोकेंनीलगिरी के तेल का लाभ फीवर में – Eucalyptus oil for hay fever in hindi. नीलगिरी के तेल का उपयोग बुखार के इलाज और शरीर के तापमान को कम करने के लिए भी किया जाता है। यही कारण है कि नीलगिरी के तेल को फीवर आयल के नाम से भी जाना जाता है। सफेदा 1 दिन में कितना पानी पीता है?इसे सुनेंरोकेंसफेदा का पेड़ एक दिन में १२ लिटर पानी अवसोसित करता है ! वृक्षों में कौन सा वृक्ष पर्यावरणीय संकट माना जाता है? इसे सुनेंरोकेंकिस वृक्ष को पर्यावरणीय संकट माना जाता है? जलकुंभी (Eicchornia crassipes)..। इस पौधे को बंगाल का आतंक भी कहते हैं। ये पौधा पानी में बहुत तेज़ी से फैलता है और पानी में ऑक्सीजन की मात्रा को तेज़ी से कम करता है जिसके वजह के जलीय जन्तुवों को परेशानी होती है। यूकेलिप्टस कौन सा पौधा है?इसे सुनेंरोकेंनीलगिरी (अंग्रेज़ी:यूकेलिप्टस) मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया और तस्मानिया में पाया जाने वाला पौधा है। इसके अलावा भारत, उत्तरी और दक्षिणी अफ्रीका और दक्षिणी यूरोप में भी नीलगिरी के पौधों की खेती की जाती है। दुनिया भर में इसकी लगभग ३०० प्रजातियां प्रचलन में हैं। यह पेड़ काफी लंबा और पतला होता है।
सफेदे (Safeda Tree farming) की अब हम खर्च और फायदे की बात करते है –
सघन खेती में ज्यादातर 2 x 2 m दुरी ही रखी जाती है यानि पौधे, खाद, पेस्टिसाइड का खर्च कुल मिलाकर 10 से 12 हज़ार रूपए का खर्च प्रति एकड़
इन सबका कारण क्या है ?????
वेराइटी –07,319, 403, हाइब्रिड P-36 आदि समय –जुलाई, अगस्त या सितम्बर से फरवरी तक लगा सकते है अगर पानी उपलब्ध है तो स्पेसिंग-2×2 m की दुरी पर 1184 पौधे प्रति एकड़ या 3 x 3 m की दुरी पर 484 पौधे / एकड़ ताकि दूसरी फसल साथ में ली जा सके लगाने का तरीका –30x30x30 cm के गड्डों में मिटटी व् गोबर की खाद में 30 ml क्लोरोप्यरीफोस 20 EC मिलाकर लगाये उर्वरक-पहले साल 20 ग्राम दुसरे साल 50 ग्राम तीसरे साल 100 ग्राम यूरिया पौधे को दे
सफेदा का पेड़ एक दिन में कितना पानी लेता है?सफेदा का पेड़ एक दिन में १२ लिटर पानी अवसोसित करता है !
सबसे ज्यादा पानी पीने वाला पौधा कौन सा है?नीलगिरी (यूकलिप्टस). ध्यान रखें. लिपस्टिक के पेड़ को क्या कहते हैं?अंग्रेजी में लिपस्टिक ट्री कहते हैं सिंदूर के पौधे का वैज्ञानिक नाम बिक्सा ओरेलाना है। अंग्रेजी में इसे लिपस्टिक ट्री कहते हैं। केवीके कोरिया प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. रंजीत राजपूत की माने इसके बीजों से नैचुरल सिंदूर बनता है।
सफेदा कैसे लगाएं?सफेदा के पौधे लगाने के लिए सबसे पहले खेतों की जुताई कर लें. जुताई करने के बाद मिट्टी को अच्छी तरह से समतल कर लें. खेत समतल होने के बाद 5 फिट की दूरी पर एक फिट चौड़ाई और गहराई के गड्डे तैयार कर लें। प्रत्येक पंक्तियों के बीच 5 से 6 फिट की दूरी जरूर रखें.
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