सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म कौन है? - sabase tejee se badhane vaala dharm kaun hai?

सिडनी में रहने वाले गायक-संगीतकार अविजित सरकार कहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया की ताजा जनगणना ने उनके दिल में उम्मीद की किरण को फिर से जिंदा कर दिया है. इसकी वजह है ऑस्ट्रेलिया की जनगणना के ताजा आंकड़े जिनके मुताबिक देश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने खुद को अधार्मिक बताया है.

भारतीय मूल के अविजित सरकार ऑस्ट्रेलिया के मशहूर कलाकार हैं. वह कहते हैं, "2021 की जनगणना के मुताबिक 38.9 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि उनका कोई धर्म नहीं है. मैं उन्हीं में से एक हूं. सदा से ऐसा ही रहा हूं. 2016 की जनगणना में इन लोगों की संख्या 30 फीसदी थी. तब मैंने भविष्यवाणी की थी कि यह संख्या तेजी से बढ़ेगी मुझे यकीन है कि यह यहां नहीं रुकेगी."

पिछले साल जून में ऑस्ट्रेलिया में हुई जनगणना के आंकड़े इसी महीने जारी हुए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक देश में 2.7 करोड़ लोग रहते हैं जिनमें से 38 प्रतिशत से ज्यादा किसी धर्म को नहीं मानते. देश में आज भी सबसे ज्यादा आबादी ईसाई धर्म के लोगों की है लेकिन लगातार घट रही है. ऑस्ट्रेलियन ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के हिसाब से 43.9 प्रतिशत लोग ईसाई धर्म को मानते हैं. लेकिन इनकी आबादी 2016 में 52.1 प्रतिशत हुआ करती थी और 2011 में 61.1 प्रतिशत. 

ब्यूरो कहता है कि अब धर्म के कॉलम में ‘कोई धर्म नहीं' का विकल्प चुनने वालों की संख्या बढ़ रही है. लगभग 40 प्रतिशत लोगों ने यह विकल्प चुना है. 2016 में इस विकल्प को चुनने वालों की संख्या 30.1 प्रतिशत थी जबकि 2011 में 22 फीसदी.

बढ़ रहे हैं अन्य धर्म

ऑस्ट्रेलिया में जैसे-जैसे ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या घट रही है, कई अन्य धर्मों में आस्था रखने वाले बढ़ भी रहे हैं. हिंदू धर्म सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है. पिछली जनगणना के मुकाबले इसमें 55.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अब देश की आबादी के 2.7 फीसदी यानी लगभग 6,84,000 लोग हिंदू धर्म के हैं. इस्लाम के मानने वालों की आबादी 3.2 प्रतिशत हो गई है और ऑस्ट्रेलिया में 8,13,000 से ज्यादा मुसलमान रहते हैं.

ऑस्ट्रेलिया के सांख्यिकी विशेषज्ञ डॉ. डेविड ग्रुएन कहते हैं कि धर्म का जनगणना में विशेष स्थान है क्योंकि यह ऐच्छिक कॉलम है. यानी लोग चाहें तो इस कॉलम को खाली भी छोड़ सकते हैं. डॉ. ग्रुएन कहते हैं, "धर्म का सवाल जनगणना में विशेष महत्व रखता है. यह उन चंद सवालों में से एक है जो देश की सभी 18 जनगणनाओं में पूछा गया है. यह एकमात्र ऐच्छिक प्रश्न है, फिर भी बड़ी संख्या में लोग इसका जवाब देते हैं. 2016 में 91 प्रतिशत लोगों ने इसका जवाब दिया था और 2021 में 93 प्रतिशत ने."

डॉ. ग्रुएन बताते हैं कि धर्म के आंकड़ों से पता चलता है कि बीते दो दशकों में ऑस्ट्रेलिया के समाज में कितना बड़ा परिवर्तन आया है. वह कहते हैं, "धर्म के मानने वालों की संख्या का पता चलने से स्थानीय सुविधाओं के बारे में योजना बनाने में मदद मिलती है. ऑस्ट्रेलिया के जो लोग किसी धर्म को मानते हैं उनके लिए सुविधाएं, सेवाएं और सामान उपलब्ध कराने में मदद मिलती है ताकि वे अपने मत के अनुसार जीवन जी सकें."

दुनियाभर में धर्म

आज भी दुनिया में धार्मिक लोगों की संख्या के मुकाबले किसी धर्म को ना मानने वालों की आबादी मामूली है. वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के मुताबिक लगभग 85 प्रतिशत लोग किसी ना किसी धर्म को मानते हैं. इनमें ईसाई धर्म सबसे ऊपर है जिसके मानने वालों की संख्या 2.38 अरब से ज्यादा है. इस्लाम 1.91 अरब लोगों का धर्म है और तीसरे नंबर पर हिंदू धर्म है जिसकी आबादी 1.16 अरब है.

अगर किसी एक धर्म से तुलना की जाए तो किसी धर्म को ना मानने वालों की आबादी 1.2 अरब है और एक समूह के तौर पर ईसाई धर्म के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा समूह बन चुका है. वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू की रिपोर्ट है कि एस्टोनिया, चेक गणराज्य, चीन और जापान ऐसे देश हैं जहां तीन चौथाई से ज्यादा लोग किसी धर्म को नहीं मानते. इनके अलावा डेनमार्क, फ्रांस, हांगकांग, मकाऊ, नॉर्वे, स्वीडन और वियतनाम में भी किसी धर्म को ना मानने वाले लोगों की बड़ी संख्या है.

इस्लाम दूसरा सबसे बड़ा (ईसाई धर्म के बाद) और यूरोप में सबसे तेजी से बढ़ता धर्म है। [1] हालाँकि यूरोप में मुस्लिम समुदायों का बहुमत हाल ही में बना, लेकिन बाल्कन में सदियों पुराने मुस्लिम समाज हैं। 8 वीं -10 वीं शताब्दी में उत्तरी अफ्रीका के "मूर" (एक मुस्लिम जनजाति) के माध्यम से इस्लाम ने दक्षिणी यूरोप में प्रवेश किया; कई शताब्दियों तक स्पेन , पुर्तगाल , दक्षिण इटली और माल्टा में मुस्लिम राजनीतिक संस्थाएँ आज भी मजबूती से विद्यमान हैं। इन प्रदेशों में मुस्लिम समुदाय को 15 वीं शताब्दी के अंत तक परिवर्तित या निष्कासित कर दिया गया था। 7 वीं शताब्दी में फारस की मुस्लिम विजय के माध्यम से काकेशस में इस्लाम का विस्तार हुआ। 14 वीं और 15 वीं शताब्दियों में बीजान्टिन साम्राज्य के विशाल हिस्सों पर आक्रमण और विजय प्राप्त करके दक्षिण-पूर्वी यूरोप में ऑटोमन साम्राज्य का विस्तार हुआ। सदियों से, ओटोमन साम्राज्य ने धीरे-धीरे अपने लगभग सभी यूरोपीय क्षेत्रों को खो दिया, जब तक कि 1922 में साम्राज्य का पतन नहीं हुआ। बाल्कन देशों में मूल मुस्लिमों की बड़ी आबादी जारी है, हालांकि बहुसंख्यक धर्मनिरपेक्ष हैं।

"मुस्लिम यूरोप" शब्द का उपयोग मुस्लिम-बहुल देशों अल्बानिया, कोसोवो और बोस्निया और हर्ज़ेगोविना के लिए किया जाता है। तुर्की, अजरबैजान और कजाकिस्तान जैसे ट्रांसकॉन्टिनेंटल देशों में बड़ी मुस्लिम आबादी है, जैसा कि उत्तरी काकेशस में रूस करता है।

20 वीं सदी के अंत और 21 वीं सदी की शुरुआत में, बड़ी संख्या में मुस्लिम पश्चिमी यूरोप में आ गए। 2010 तक, अनुमानित 44 मिलियन मुस्लिम यूरोप (6%) में रह रहे थे, जिसमें यूरोपीय संघ (3.8%) में अनुमानित 19 मिलियन भी शामिल थे। उन्हें 2030 तक 8% शामिल करने का अनुमान है। वे अक्सर हमलों, डेनमार्क में कार्टूनों के चक्कर, इस्लामिक पहनावों पर बहस, और लोकलुभावन समर्थन के लिए चल रहे समर्थन जैसे गहन चर्चा और राजनीतिक विवाद का विषय हैं। -दोनों पार्टियां जो मुसलमानों को यूरोपीय संस्कृति के लिए खतरा मानती हैं। इस तरह के आयोजनों ने इस्लामोफोबिया, मुसलमानों के प्रति दृष्टिकोण और लोकलुभावन अधिकार के बारे में बढ़ती बहस को हवा दी है।[2]

यूरोप में मुस्लिम आबादी विविध इतिहास और उत्पत्ति के साथ अत्यंत विविध है। आज, यूरोप के मुस्लिम-बहुल क्षेत्र बोस्निया और हर्जेगोविना, अल्बानिया, कोसोवो, उत्तर मैसिडोनिया और मोंटेनेग्रो के कुछ हिस्सों, साथ ही उत्तरी काकेशस और वोल्गा क्षेत्र में कुछ रूसी क्षेत्र हैं। समुदायों में मुख्य रूप से मुस्लिम धर्म के मूल निवासी यूरोपीय शामिल हैं जिनकी धार्मिक परंपरा कई सौ साल पहले की है। तुर्की, अजरबैजान और कजाकिस्तान के अंतरमहाद्वीपीय देश भी मुस्लिम बहुल हैं।

कौन सा धर्म तेजी से बढ़ रहा है?

2015 में आई यूएस बेस्ड प्यू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 2010 से 2050 के बीच मुस्लिमों की आबादी 73% बढ़ेगी। वहीं, क्रिश्चियन्स की आबादी इसी दौरान 35% तक बढ़ेगी, जो दूसरा सबसे तेजी से बढ़ने वाला रिलिजन है। हिंदू 34% तक बढ़ेंगे और वे दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा आबादी वाले लोग हो जाएंगे।

दुनिया में सबसे तेज धर्म कौन सा है?

बहाई धर्म एक स्वतंत्र धर्म है जो इराक़ के बग़दाद शहर में युगावतार बहाउल्लाह ने स्थापित किया। यह एकेश्वरवाद और विश्व भर के विभिन्न धर्मों और पंथों की एकमात्र आधारशिला पर ज़ोर देता है। इस धर्म के अनुयायी बहाउल्लाह को पूर्व के अवतारों बुद्ध, कृष्ण, ईसा, मूसा, जर्थुस्त्र, मुहम्मद, आदि की वापसी मानते हैं।

दुनिया का सबसे महान धर्म कौन सा है?

आँकड़े (सांख्यिकी).