राजस्थान का प्रथम सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट कौन सा है? - raajasthaan ka pratham supar kritikal tharmal paavar plaant kaun sa hai?

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राजस्थान का प्रथम सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट कौन सा है? - raajasthaan ka pratham supar kritikal tharmal paavar plaant kaun sa hai?

सूरतगढ़ थर्मल प्लांट

सूरतगढ़ तापीय परियोजना की सभी छह इकाइयों से 1500 मेगावाट बिजली उत्पादन हो सकता है. 660 मेगावाट की सातवीं सुपर क्रिटिकल ...अधिक पढ़ें

  • News18 Rajasthan
  • Last Updated : December 14, 2018, 11:35 IST

    राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में सूरतगढ़ तापीय परियोजना की नवनिर्मित 660 मेगावाट की सातवी सुपर क्रिटिकल इकाई से बिजली उत्पादन शुरू करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है. थर्मल इकाई के उप मुख्य अभियंता केशर सिंह ने बताया कि कई दिन पहले नवनिर्मित 660 मेगावाट की सातवीं ईकाई के बॉयलर को ऑयल पर लाइटअप किया गया था. बॉयलर के निर्धारित पैरामीटर्स पर आने के बाद गुरुवार शाम को ए कोल मिल से बॉयलर से कोल फायरिंग की प्रक्रिया शुरू की गई.

    केशर सिंह ने बताया कि आगामी दो दिन ए कोल मिल से बॉयलर तक कोयला भेजने के बाद बी और सी कोल मिल से भी बॉयलर तक कोयला भेजा जाएगा. इस दौरान बॉयलर में बनने वाली स्टीम में सिलिका व आयरन के निर्धारित मानकों की जांच करने सहित स्टीम डंपिंग की जाएगी और टरबाईन को रोटेट किया जाएगा. इससे बनने वाली स्टीम में सिलिका व आयरण के निर्धारित पैरामीटर आने के बाद इकाई को सिंक्रोनाइज किया जाएगा.

    अतिरिक्त मुख्य अभियंता शंकर लाल छिपा ने बताया कि गुरुवार को सातवीं इकाई के बॉयलर में पहली बार कोयले का उपयोग शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि रविवार तक इकाई को सिंक्रोनाइज कर बिजली उत्पादन शुरू करने की संभावना है. इस इकाई के सिंक्रोनाइज होने के बाद धीरे-धीरे लोड बढाते हुए प्रथम चरण में 660 मेगावाट क्षमता की इस इकाई से 250 मेगावाट तक बिजली उत्पादन किया जाएगा. दो से तीन दिन बिजली उत्पादन करने के बाद एक बार फिर से इकाई को बंद किया जाएगा.

    सूरतगढ़ तापीय परियोजना की सभी छह इकाइयों से 1500 मेगावाट बिजली उत्पादन हो सकता है. 660 मेगावाट की सातवीं सुपर क्रिटिकल इकाई शुरू होने से प्रदेश में 660 मेगावाट बिजली उत्पादन बढ़ेगा. इसके अलावा परियोजना में स्थापित 660 मेगावाट की आठवीं सुपर क्रिटिकल इकाई से भी आगामी तीन माह में बिजली उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है.

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    Tags: Rajasthan news, Sriganganagar news

    FIRST PUBLISHED : December 14, 2018, 11:35 IST

    नमस्कार दोस्तों Raj GK में आपका स्वागत है आज हम rajasthan ki jal vidyut pariyojana, राजस्थान की तापीय परियोजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए लेकर आए हैं यह पोस्ट Rajasthan GK से संबंधित है राजस्थान के विद्युत परियोजना का उल्लेख इस में किया गया है

    राजस्थान का प्रथम सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट कौन सा है? - raajasthaan ka pratham supar kritikal tharmal paavar plaant kaun sa hai?
     Rajasthan ki Vidyut Pariyojana 

    राजस्थान की तापीय परियोजनाए  Rajasthan ki Jal Vidyut Pariyojana 

    ऐसे बनती है कोयले से बिजली सर्वप्रथम कोयले को कोल मिल में पीसकर इसका चूरा बनाया जाता है और तब बॉयलर युक्त फर्नेस में जलाया जाता है। फर्नेस की ऊष्मा बॉयलर के पानी को भाप में बदल देती है और तब इसका प्रयोग टरबाइन चलाने के लिए किया जाता है। ये टरबाइनें जेनेरेटरों को घुमाती है और बिजली पैदा करती है।

    सूरतगढ़ सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन श्रीगंगानगर

    • यह राज्य का पहला थर्मल पॉवर स्टेशन है ।
    • यह श्रीगंगानगर जिले में सूरतगढ़ के ठूकराणा गांव में स्थापित किया गया है ।
    • इससे राजस्थान को सर्वाधिक विद्युत प्राप्त होती है ।
    • वर्तमान में इसमें 6 इकाईयाँ कार्यरत है । जिनसे राज्य को 1500 मेगावाट विद्युत की प्राति होती है ।
    • इसकी 7 वी व 8 वी इकाई का लोकार्पण 2013 में सोनिया गांधी के द्वारा किया गया ।
    • जहां पर 500 मेगावाट बिजली बनती है उसके नाम के आगे क्रिटिकल लगाते है ।
    • सूरतगढ़ सुपर थर्मल पाँवर संयंत्र को राजस्थान का आधुनिक तीर्थ स्थल के उपनाम से भी जाना जाता है ।

    गुढा थर्मल पाॅवर प्रोजेक्ट बीकानेर

    • यह निजी क्षेत्र की प्रथम लिग्नाइट आधारित विद्युत परियोजना है
    • यहा आन्ध्रप्रदेश की मरूधरा कम्पनी द्वारा प्रोजेक्ट लगाया गया है

    बरसिंहसर थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट बीकानेर

    • इस परियोजना के प्रथम इकाई का लोकार्पण 5 जून 2010 में किया गया ।
    • यह लिग्नाईट आधारित परियोजना है ।

    गिरल ताप विद्युत परियोजना - बाड़मेर

    • यह राज्य का पहला लिग्नाइट आधारित विद्युत गृह है ।
    • इसकी स्थापना जर्मनी के सहयोग से की गई ।
    • इस परियोजना की शुरूआत 2007 में वसुंधरा राजे सिंधिया के द्वारा उदघाटन करके की गई ।

    कोटा सुपर थर्मल पॉवर परियोजना - कोटा

    • यह राज्य का दूसरा सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन है ।
    • इसकी स्थापना 1978 में चंबल नदी पर बने कोटा बैराज पर की गई ।
    • वर्तमान में इसमें 7 इकाइयां कार्यरत है । जिनसे राजस्थान  1240 मेगावाट विद्युत प्राप्त होती है ।

    छबडा थर्मल पावर प्रोजेक्ट-बाराँ

    • इसके प्रथम चरण का प्रारंभ 8 दिसम्बर, 2005 को वसुंधरा राजे सिन्धिया के द्वारा बारां जिले के छबडा तहसील के कातीपुरा गांव में किया गया ।
    • यह राज्य का तीसरा सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन है ।राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के छबड़ा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट और छबड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल तापीय विद्युत गृह की बिजली उत्पादन क्षमता 2320 मेगावाट हो गई है।
    • इससे यह प्रदेश में सर्वाधिक बिजली उत्पादन की इकाई बन गई है। पिछले 28 जुलाई को 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल छठी इकाई को सिंक्रोनाइज करने पर छबड़ा थर्मल को यह उपलब्धि हासिल हो गई। आगामी चार महीनों में इससे व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो जाएगा। 

    भादेसर लिग्नाईट सुपर पॉवर प्रोजेक्ट-बाडमेर

    • राज्य की प्रथम ऊर्जा उत्पादन कम्पनी बाड़मेर लिग्नाइट माइनिंग कम्पनी लिमिटेड द्वारा भादेसर में 1000 मेगावाट लिग्नाइट आधारित सुपर पॉवर प्लांट लगाया जाएगा ।
    • इसका शिलान्यास 28 फरवरी, 2007 में वसुन्थरा राजे के द्वारा किया गया ।

    कपुरडी जालिपा विद्युत परियोजना-बाडमेर

    • कपुरडी में 500 मेगावाट व जालीपा में 1000 मेगावाट लिग्नाइट आधारित इकाई लगायी जाएगी ।
    • यह ताप विद्युत संयंत्र निजी विकासको द्वारा स्थापित किया गया है ।

    कालीसिंध ताप विद्युत परियोजना-झालावाड

    • कालीसिंध नदी पर वने कालीसिंध बाँध से इसे जल की आपूर्ति की जाएगी ।
    • इस परियोजना को छत्तीसगढ़ ब्लॉक  से कोयले की आपूर्ति की जाएंगी

    दोस्तों यह Rajasthan GK (Raj GK ) Rpsc Exam ka gk याद करने का सबसे आसान तरीका है इस पोस्ट से आप राजस्थान जल विद्युत परियोजनाए ( Rajasthan ki Jal Vidyut Pariyojana ) को Step by Step आसानी से पढ़कर याद कर सकते हैं अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों को जरूर शेयर करना
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    राजस्थान का प्रथम सुपर थर्मल पावर प्लांट कौन सा है?

    सूरतगढ़ थर्मल पावर स्टेशन राजस्थान का पहला सुपर थर्मल प्लांट है। यह श्री गंगानगर जिले में स्थित है। इसमें 1500 मेगावाट की क्षमता स्थापित है, जो राज्य में सबसे अधिक है।

    राजस्थान में वर्तमान में कितने सुपर थर्मल पावर प्लांट है?

    राजस्थान में कुल चार थर्मल स्टेशन जिनमें झालावाड़ काली सिंध थर्मल में 1200 मेगावाट, कोटा थर्मल में 1240 मेगावाट, सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट में 1500 मेगावाट विद्युत उत्पादन हो रहा है। छबड़ा थर्मल 2320 मेगावाट बिजली उत्पादन वाला स्टेशन बन गया है।

    सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट क्या होता है?

    सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट - ऐसे बिजली संयंत्र जिनमें एक एकल इकाई 500 मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन करती है। नॉन क्रिटिकल पॉवर प्लांट - जहाँ कोई भी यूनिट पॉवर प्लांट में 500 मेगावाट से अधिक उत्पादन नहीं करती है।

    राजस्थान का प्रथम सुपर थर्मल पावर प्लांट सूरतगढ़ की प्रथम इकाई का उत्पादन कब शुरू हुआ?

    जानकारी के अनुसार 7 व 8 नंबर क्रिटिकल इकाई का निर्माण वर्ष 2014 में शुरू हुआ था। वहीं, इकाइयों से वर्ष 2016 सितंबर माह में बिजली का उत्पादन शुरू होना प्रस्तावित था। लेकिन कंपनी ने विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए वर्ष 2019 में सिंक्रोनाइज कर 210 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया गया था।