राजस्थान का नया जिला कौन सा बनेगा? - raajasthaan ka naya jila kaun sa banega?

Rajasthan New Districts: जयपुर। राज्य सरकार अगले साल नए जिलों की मांग को पूरा कर चुनावी तड़का लगाएगी। नए जिलों के लिए अब तक विभिन्न जिलों से 59 प्रस्ताव आए हैं, जिन पर राज्य निर्वाचन आयुक्त रहे पूर्व आइएएस अधिकारी रामलुभाया को मार्च 2023 तक रिपोर्ट देनी है। राज्य में नए जिलों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोग जिलों का आकार छोटा चाहते हैं।

New District In Rajasthan: राजस्थान में कांग्रेस के सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर समय पूर्व बजट के संकेत दिए हैं। लगातार पांचवे दिन मीडिया से मुखातिब हुए मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की ओर से कराए गए कार्यों की लम्बी फेहरिस्त गिनाई। यह संकेत देने की कोशिश भी की कि अगला बजट वे ही पेश करेंगे। उन्होंने ब्यूरोक्रेेसी के कामकाज की भी तारीफ की। मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बजट फरवरी-मार्च में आते रहते हैं। इस बार 15 दिन या एक माह पहले आ जाए तो अलग बात है। नए जिलों के सवाल पर गहलोत ने कहा कि सब कुछ संभव है।

चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में पांच से छह नए जिले बनाने की घोषणा कर सकते हैं। नए जिलों के गठन पर सिफारिश के लिए रिटायर्ड आईएएस रामलुभाया की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट आने में दो महीने की देरी के आसार हैं। दिसंबर तक कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को दे सकती है, जिसमें प्रदेश के 60 अलग-अलग जगहों को जिला बनाने की मांग पर कमेटी अपना मत देगी।

रामलुभाया कमेटी को विधायकों, नेताओं के अलावा सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने भी जिला बनाने के लिए अलग-अलग ज्ञापन दिए हैं। नए जिलों के लिए आई डिमांड के बाद कमेटी अब रिपोर्ट तैयार करने के काम में जुटी है। हर जगह का डिटेल से ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। कौन सा क्षेत्र या कस्बा जिला बनने के मापदंड पूरे करता है, कौन सा नहीं, कौन से फैक्ट पक्ष या विपक्ष में हैं, इसका उल्लेख रिपोर्ट में होगा।

पांच से छह नए जिले संभव
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अगले बजट से पहले ही रामलुभाया कमेटी की रिपोर्ट और सिफारिशों पर फाइनल मुहर लगा सकते हैं। रामलुभाया कमेटी जिस तेजी से रिपोर्ट पर काम कर रही है, उससे लग रहा है कि सरकार पांच से छह नए जिले बना सकती है। कोटपूतली, बालोतरा, फलोदी, डीडवाना, ब्यावर, भिवाड़ी नए जिले बनाने की रेस में आगे हैं, हालांकि इस पर सरकार के स्तर पर ही फैसला होगा।

रामलुभाया कमेटी का मार्च तक कार्यकाल बढ़ाया
इस साल के बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिलों के गठन के लिए हाईपावर कमेटी बनाने की घोषणा की थी, इसके बाद 17 मार्च को रामलुभाया की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। छह महीने में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन सितंबर में कमेटी का कार्यकाल पूरा हो गया। बाद में इसे मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया। अब कमेटी दो महीने में रिपोर्ट देने की तैयारी कर रही है। पहले कमेटी को सितंबर तक रिपोर्ट देनी थी। कार्यकाल बढ़ाने से अब यह रिपोर्ट इस साल के आखिर तक आने की संभावना है।

राजस्थान का नया जिला कौन सा बनेगा? - raajasthaan ka naya jila kaun sa banega?

पिछले 14 साल से कोई नया जिला नहीं बना
प्रदेश के पिछले 14 साल से कोई नया जिला नहीं बना है। वसुंधरा राजे की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार ने 26 जनवरी 2008 में प्रतापगढ़ को जिला बनाया था। इसके बाद तीन सरकारें आईं और हर सरकार ने नए जिलों के लिए कमेटी बनाई, लेकिन जिले नहीं बने।

बीजेपी राज में नए जिलों के लिए 2014 में रिटायर्ड IAS परमेश चंद की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। कमेटी ने 2018 में सरकार को रिपोर्ट दे दी थी लेकिन कोई नया जिला बनाने की घोषणा नहीं हुई। गहलोत सरकार ने परमेश चंद कमेटी की रिपोर्ट मानने से इनकार कर दिया और नए सिरे से रिपोर्ट तैयार करने के लिए रामलुभाया कमेटी बनाई।

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नए जिलों के लिए बढ़ रहा विधायकों का दबाव
प्रदेश में नए जिले बनाने के लिए कांग्रेस और समर्थक विधायक लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत बालोतरा को जिला बनाने की मांग को लेकर मार्च से ही जूते नहीं पहन रहे हैं। मदन प्रजापत ने बालोतरा को जिला नहीं बनाने तक नंगे पैर रहने की घोषणा कर रखी है।

सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक भी दबाव बना रहे हैं। निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर दूदू, आलोक बेनीवाल ने शाहपुरा को जिला बनाने की मांग पर दबाव बना रखा है। महादेव सिंह खंडेला ने खंडेला, मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा उदयपुरवाटी को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं।

राजस्थान का नया जिला कौन सा बनेगा? - raajasthaan ka naya jila kaun sa banega?

जिला बनाने की मांग पर विवाद, मंत्री- विधायक हुए आमने-सामने
नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग पर कांग्रेस के मंत्री विधायक के बीच ही विवाद हो चुका है। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा नीमकाथाना को जिला बनाने के लिए उदयपुरवाटी के क्षेत्र को शामिल करने का विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी नीमकाथाना को जिला बनाने की पैरवी कर रहे हैं। गुढ़ा के विरोध को दरकिनार करते हुए सुरेश मोदी अब भी मांग पर अडिग हैं। इस तरह का टकराव और जगहों से भी सामने आ सकता है।

राजस्थान में चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पांच से छह नए जिले बनाने की घोषणा कर सकते हैं. जानकारी के मुताबिक नए जिलों के गठन के लिए रिटायर्ड आईएएस रामलुभाया की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट दो महीने के भीतर आने की संभावना है.

राजस्थान की राजनीति में सियासी बवाल के बाद चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में पांच से छह नए जिले बनाने की घोषणा कर सकते हैं. मिली जानकारी के मुताबिक नए जिलों के गठन के लिए रिटायर्ड आईएएस रामलुभाया की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट दो महीने के भीतर आने की संभावना है जिसके बाद रिपोर्ट के आधार पर सरकार नए जिलों पर फैसला करेगी. मालूम हो कि प्रदेश के 60 अलग-अलग जगहों से नए जिले बनाने की मांग सरकार को मिली है जिस पर कमेटी मंथन कर सरकार को रिपोर्ट देगी. वहीं राज्य में बनने वाले नए जिलों का जिसको लेकर बयानबाजी और लॉबिंग तेज हो गई है.

नए जिलों को लेकर बनी कमेटी हर एरिया की पूरी जानकारी और जिले की मांग को लेकर सर्वे कर रिपोर्ट में शामिल कर रही है जिसके बाद मुख्यमंत्री आने वाले बजट में नए जिलों की घोषणा कर सकते हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिलों के गठन के लिए हाल में एक हाईपावर कमेटी बनाई थी जिसे 6 महीने में अपनी रिपोर्ट देनी थी लेकिन सितंबर में कमेटी का कार्यकाल पूरा होने के बाद मार्च 2023 तक इसे बढ़ा दिया गया. कार्यकाल बढ़ने के बाद अब रिपोर्ट दिसंबर तक आने की संभावना जताई जा रही है.

5-6 जिलों की घोषणा संभव !

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री आने वाले बजट से पहले ही रामलुभाया कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नए जिलों की घोषणा कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि रामलुभाया कमेटी की रिपोर्ट के बाद गहलोत सरकार पांच से छह नए जिले बना सकती है. इन नए जिलों में कोटपूतली, बालोतरा, फलोदी, डीडवाना, ब्यावर, भिवाड़ी के नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं. हालांकि आखिरी मुहर सीएम गहलोत ही लगाएंगे.

14 साल बाद राज्य को मिलेंगे नए जिले

बता दें कि प्रदेश में पिछले 14 साल से कोई नया जिला नहीं बनाया गया है. 2008 में वसुंधरा राजे सरकार ने 26 जनवरी को प्रतापगढ़ को नया जिला बनाया था उसके बाद तीन सरकारें आईं लेकिन नए जिलों की मांग पर कोई फैसला नहीं हुआ.

बीजेपी सरकार ने इससे पहले नए जिलों के लिए 2014 में रिटायर्ड IAS परमेश चंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी जिसकी 2018 में रिपोर्ट आई लेकिन नए जिलों पर कोई ऐलान नहीं हुआ. वहीं इधर नए जिले बनाने के लिए कांग्रेस और समर्थक विधायक लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं.

इसके अलावा विधायकों को राजी करने और क्षेत्रीय सियासी समीकरणों को साधने की दिशा में भी नए जिलों की घोषणा करना अहम कदम माना जाता है ऐसे में चुनावों को देखते हुए गहलोत आने वाले दिनों में नए जिलों पर फैसला लेंगे.

राजस्थान का नवनिर्मित जिला कौन सा है?

मेवात(नुह) नवनिर्मित जिला है। जो राजस्थान के अलवर जिले को छुता है।

राजस्थान का सबसे नया जिला कौन सा है?

प्रतापगढ़ बना था 33वां जिला भौगोलिक दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में इस वक्त 33 जिले हैं. 33वां जिला प्रतागढ़ 14 साल पहले साल 2008 में बना था. तब वसुंधरा राजे सरकार ने इस जिले की घोषणा की थी. इसके बाद मांग तो लगातार बढ़ती गई मगर किसी नए जिले की घोषणा नहीं हुई.

राजस्थान के नए जिले कब बने?

इसके बाद कांग्रेस राज में शिवचरण माथुर के समय 15 अप्रैल 1982 को धौलपुर को 27 वां जिला बनाया गया। इसके बाद 6 जिले और बने। इसमें भैरोसिंह शेखावत के समय 10 अप्रैल 1991 को बारां, दौसा एवं राजसमंद, 12 जुलाई 1994 को हनुमानगढ़, 19 जुलाई 1997 को करौली जिले की नींव रखी गई।

राजस्थान का पहला जिला कौन सा है?

राजस्थान का सबसे पहला जिला कौन सा है? Ans : जैसलमेर जिला