पोषण क्या है और इसका क्या महत्व है? - poshan kya hai aur isaka kya mahatv hai?

सब्सक्राइब करे youtube चैनल

what is nutrition meaning in hindi definition ? पोषण किसे कहते है | पोषण की परिभाषा क्या है ? अर्थ और मतलब क्या है ? कितने प्रकार का होता है ?

पोषण की परिभाषा : वह प्रक्रिया जिसके द्वारा प्रत्येक प्राणी उन तत्वों को प्राप्त करता है जिसके द्वारा वह अपनी वृद्धि , पुनर्निर्माण आदि को पूर्ण करता है उसे पोषण कहते है। उदाहरण के लिए मनुष्य पोषण के रूप में खाना (भोजन) खाता है , भोजन के द्वारा मनुष्य को अपने शरीर की वृद्धि और अन्य क्रियाओं को संपन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के तत्व जैसे विटामिन , प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट आदि प्राप्त होते है। अत: कहा जा सकता है कि प्रत्येक जीव अपनी जैविक क्रियाओं को संपन्न करने के लिए पोषण के रूप में विभिन्न तत्वों को ग्रहण करता है , इस क्रिया को ही पोषण कहते है। अर्थात पोषण एक जैविक क्रिया है जिसके द्वारा वह अपनी गतिशीलता को बनाये रखता है , इसी जैविक क्रिया के द्वारा प्राणी अपनी वृद्धि और पुनर्निर्माण आदि को भी पूर्ण करता है। पोषण क्रिया में प्राणी अथवा जीव जिन आवश्यक तत्वों को ग्रहण करता है उन आवश्यक तत्वों को पोषक तत्व कहते है , अर्थात पोषक तत्व वे तत्व होते है जिनके द्वारा कोई जीव अपनी गतिशीलता को बनाये रखता है और इन तत्वों को ग्रहण करने पर ही प्राणी अथवा जीव में वृद्धि आदि क्रियायें संपन्न होती है। पोषण : वह क्रिया जिसके द्वारा जीव भोजन ग्रहण करता है और इस भोजन का उपयोग अपनी वृद्धि , उपापचय और पुनर्निर्माण आदि क्रियाओं के लिए करता है उसे पोषण कहा जाता है। पोषण की क्रिया में भोजन को अन्दर ग्रहण करना , भोजन का पाचन , भोजन का अवशोषण और उत्सर्जन आदि चरण शामिल किये जा सकते है। परिभाषा : वह प्रक्रिया जिसके द्वारा प्राणी या जीव भोजन ग्रहण करता है और इस भोजन को शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुंचाकर ऊर्जा उत्पन्न करता है , इस प्रक्रिया को ही पोषण कहते है। इस भोजन का प्रयोग शरीर या कोशिकाएं ऊर्जा उत्पन्न करने में करते है और इस ऊर्जा के द्वारा शरीर अथवा जीव की अन्य क्रियाएँ संपन्न होती है। nutrition in hindi : पोषण या न्यूट्रीशन वह प्रक्रिया होती है जिसके द्वारा जानवर (जीव) अथवा कोई पौधा (वनस्पति) भोजन ग्रहण करता है। भोजन से यहाँ तात्पर्य पोषक तत्वों से है , इनमें कार्बोहाइड्रेट , वसा , प्रोटीन , विटामिन आदि शामिल होते है। सामान्यतया यह देखा गया है कि जीवों के दैनिक जीवन में काम आने वाली ऊर्जा का लगभग 80 से 90% भाग उन्हें वसा और बाकी 10-15% भाग प्रोटीन पोषक तत्वों के द्वारा प्राप्त होता है। 

पोषण के प्रकार ? (types of nutrition in hindi)

मुख्य रूप से जंतुओं में दो प्रकार का पोषण पाया जाता है अथवा दो प्रकार से जंतु पोषण प्राप्त करते है ये दोनों तरीके निम्नलिखित प्रकार है –1. स्वपोषी पोषण : जब कोई जीव अथवा वनस्पति आदि अपना भोजन सूर्य की उपस्थिति में और कार्बन डाई ऑक्साइड और पानी का उपयोग कर स्वयं के शरीर में कार्बन भोजन का निर्माण कर लेते है , ऐसे जीवों को स्वपोषी पोषण कहते है और इस प्रकार भोजन निर्माण की क्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते है। अर्थात ऐसे जीव जो प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन अथवा पोषण बना लेते है उन्हें स्वपोषी पोषण कहा जाता है। 2. विषमपोषी पोषण : वे जन्तु अथवा जीव जो सूर्य की ऊर्जा को संचित नहीं रख सकते है अर्थात स्वयं अकार्बनिक पदार्थो के माध्यम से अपने शरीर में कार्बनिक भोजन बनाने में असमर्थ होते है उन्हें विषमपोषी कहते है। इस प्रकार के जीव पहले से निर्मित भोजन जैसे पादप , जन्तु आदि का उपयोग भोजन के रूप में करते है या हम कह सकते है कि अपने भोजन के लिए पादप अथवा जन्तुओं के ऊपर निर्भर होते है , ये जीव इन पदार्थों को अर्थात निर्मित भोजन को ग्रहण करते है और शरीर में इस निर्मित भोजन अर्थात अकार्बनिक भोजन का विघटन आदि होता है जिसके माध्यम से या इसके फलस्वरूप इन जन्तुओं को ऊर्जा प्राप्त होती है , इस प्रकार पोषण प्राप्त करने की विधि को विषमपोषी पोषण कहते है। नोट : पोषण के रूप में ही मनुष्य या सभी जंतु , पादप आदि आहार के रूप में पोषक तत्वों को ग्रहण करते है जिसके फलस्वरूप उन्हें ऊर्जा प्राप्त होती है और वे अपनी दैनिक क्रियान्वयन संपन्न करने में समर्थ हो पाते है। अत: शरीर की उचित वृद्धि और पुनर्निर्माण के लिए जन्तु अथवा प्राणी को उचित रूप से पोषण का सेवन करना चाहिए और पोषण में उचित मात्रा में पोषक तत्वों को समावेश करना चाहिए ताकि प्राणी की वृद्धि आदि उचित रूप से होती रहे , यदि भोजन में पोषक तत्वों की उचित मात्रा उपस्थित नहीं होती है तो शरीर का विकास आदि अवरुद्ध हो जाता है। उचित पोषण न मिलने के कारण शरीर में विभिन्न प्रकार की विकृतियाँ उत्पन्न हो सकती है। 

पोषण पोषण या ऊर्जा है जो उपभोग किए गए भोजन या उचित मात्रा में पोषण और ऊर्जा के उपभोग की प्रक्रिया से प्राप्त होता है। पोषण का एक उदाहरण फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले पोषक तत्व हैं। पोषण का एक उदाहरण स्वस्थ आहार खा रहा है।

पोषण एक स्वस्थ और संतुलित आहार खाने के बारे में है। भोजन और पेय आपको स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान करते हैं। इन पोषण शर्तों को समझने से आपके लिए बेहतर भोजन विकल्प बनाना आसान हो सकता है।

Table of Contents

  • पोषण किसे कहते हैं?
  • पोषण के प्रकार –
  • 1) स्वपोषी‌ पोषण –
  • 2) विषमपोषी‌ पोषण –
  • मनुष्य को किस प्रकार के पोषण की आवश्यकता होती है?
  • कार्बोहाइड्रेट
  • प्रोटीन
  • वसा
  • जल
  • खनिज
  • भोजन की आदतों के आधार पर जंतुओं को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है?

पोषण किसे कहते हैं?

वह सम्पूर्ण प्रक्रिया जिसके द्वारा जीवित जंतु भोजन प्राप्त करते है तथा इसका विभिन्न जैविक क्रियाओं में उपयोग करते है , पोषण कहलाता है। मानव स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए आवश्यक आवश्यक पोषक तत्वों के विशेष संबंध में भोजन और पेय हमारे शरीर को कैसे प्रभावित करते हैं। यह पोषण में शामिल शारीरिक और जैव रासायनिक प्रक्रियाओं को देखता है और भोजन में पदार्थ कैसे ऊर्जा प्रदान करते हैं या शरीर के ऊतकों में परिवर्तित होते हैं।

इन्हें भी पढ़ें:- घर्षण कितने प्रकार के होते हैं?

ये पोषक तत्व, जो हमारे शरीर के लिए ऊर्जा के स्रोत हैं, को इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है: कार्बोहाइड्रेट, वसा, फाइबर, खनिज, प्रोटीन, विटामिन और पानी। अच्छे पोषण का अर्थ है सही संयोजनों में स्वस्थ खाद्य पदार्थों से सही मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त करना। पोषण के अध्ययन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उन बीमारियों को देख रहा है जो कुपोषण से उत्पन्न हो सकती हैं और भोजन जो पुरानी बीमारी के विकास में भूमिका निभाता है।

पोषण क्या है और इसका क्या महत्व है? - poshan kya hai aur isaka kya mahatv hai?
पोषण किसे कहते हैं | पोषण कितने प्रकार के होते हैं।

इन्हें भी पढ़ें- विषमपोषी पोषण किसे कहते हैं?

इन्हें भी पढ़ें:- स्वसन शरीर की एक अनिवार्य क्रिया है इस कथन की पुष्टि कीजिए-

पोषण के प्रकार –

1) स्वपोषी‌ पोषण –

ऑटोट्रॉफ़िक मोड में, जीव प्रकाश और क्लोरोफिल की उपस्थिति में पानी और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे सरल अकार्बनिक पदार्थों का उपयोग भोजन को स्वयं संश्लेषित करने के लिए करते हैं। दूसरे शब्दों में, प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया का उपयोग प्रकाश ऊर्जा को ग्लूकोज जैसे भोजन में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है। ऐसे जीवों को स्वपोषी कहते हैं। पौधे, शैवाल और बैक्टीरिया (सायनोबैक्टीरिया) कुछ ऐसे उदाहरण हैं जहां स्वपोषी पोषण देखा जाता है।

बहुत से जीव जैसे हरे पादप , कुछ बैक्टीरिया और कुछ प्रोटिस्ट सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइ ऑक्साइड और जल का उपयोग कर अपने शरीर में कार्बनिक भोजन बनाने की क्षमता रखते है। भोजन संश्लेषण का यह प्रक्रम प्रकाश संश्लेषण कहा जाता है और ये जीव स्वपोषी या फोटोट्रोफ (phototroph) कहलाते है। पोषण का यह तरीका स्वपोषी पोषण कहलाता है।

इन्हें भी पढ़ें:- शैवाल किसे कहते हैं? परिभाषा | लक्षण | संरचना | आर्थिक महत्व |

2) विषमपोषी‌ पोषण –

प्रत्येक जीव अपने आप भोजन तैयार करने में सक्षम नहीं होता है। ऐसे जीव अपने पोषण के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं। वे जीव जो स्वयं भोजन नहीं बना सकते हैं और अन्य स्रोतों/जीवों पर निर्भर हैं, विषमपोषी कहलाते हैं। पोषण के इस तरीके को विषमपोषी पोषण के रूप में जाना जाता है। अधिकांश जीवों (सभी जन्तु , कवक व कुछ प्रोटिस्ट) में सूर्य ऊर्जा संचित करने की क्षमता नहीं पाई जाती।

अत: ये अकार्बनिक पदार्थो से कार्बनिक भोजन नहीं बना सकते। इस प्रकार के प्राणी विषमपोषी कहलाते है। ये पहले से तैयार भोजन (रेडीमेड फ़ूड) पर (पादप , जन्तु व उनके उत्पाद) निर्भर रहते है तथा शरीर में भोजन के कार्बनिक पदार्थो के जलने से ऊर्जा प्राप्त करते है। पोषण की यह विधि विषमपोषी पोषण कहलाती है। विषमपोषी पोषण दो प्रकार होता है –

इन्हें भी पढ़ें:- पारिस्थितिक तंत्र क्या है? | परिभाषा | विशेषताएं | प्रकार

पोषण क्या है और इसका क्या महत्व है? - poshan kya hai aur isaka kya mahatv hai?
पोषण क्या है? और पोषण के कितने प्रकार है?

मनुष्य को किस प्रकार के पोषण की आवश्यकता होती है?

कार्बोहाइड्रेट

कार्बोहाइड्रेट को कार्ब्स या सैकराइड्स के रूप में भी जाना जाता है। उन्हें डिसाकार्इड्स, मोनोसेकेराइड या पॉलीसेकेराइड जैसे मोनोमर्स की संख्या के आधार पर प्रतिष्ठित किया जाता है। चावल, नूडल्स, ब्रेड, अनाज आधारित उत्पाद आदि जैसे खाद्य पदार्थ कार्ब्स से भरपूर होते हैं।

ऐसा इसलिए है क्योंकि मानव शरीर कार्बोस को ग्लूकोज में तोड़ देता है, जो मस्तिष्क और शरीर के कार्य का समर्थन करता है। वे शरीर को प्रोटीन को ऊर्जा में तोड़ने से रोककर मांसपेशियों के नुकसान को भी रोकते हैं। इसलिए, जटिल कार्बोहाइड्रेट का सेवन एक व्यक्ति को लंबे समय तक भरा हुआ रख सकता है और शरीर के वजन को नियंत्रित कर सकता है।

इन्हें भी पढ़ें:- कोशिका के प्रकार कितने होते हैं?

इन्हें भी पढ़ें- खनिज पोषण किसे कहते हैं?

प्रोटीन

वे अणुओं का एक समूह है जो अमीनो एसिड बनाते हैं। प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण में मदद करते हैं और एंजाइम और हार्मोन बनाते हैं। शरीर के प्रोटीन में लगभग 20 अमीनो एसिड होते हैं, जहां लगभग 10 आहार से अवशोषित होते हैं।

इन्हें भी पढ़ें:- केंद्रीय तंत्रिका तंत्र-

मानव शरीर को नए प्रोटीन बनाने और क्षतिग्रस्त प्रोटीन की मरम्मत के लिए अमीनो एसिड की आवश्यकता होती है। अंडे, रेड मीट, डेयरी, बीन्स और नट्स जैसे आहार में विभिन्न खाद्य पदार्थों को शामिल करने से प्रोटीन की आवश्यकता पूरी होगी।

वसा

वसा कोशिका वृद्धि का समर्थन करने और शरीर को ऊर्जा की आपूर्ति करने के लिए आवश्यक हैं। शरीर विटामिन को अवशोषित करने के लिए वसा का उपयोग करता है। वे शरीर को ऊर्जा की आपूर्ति करते हैं और अंगों को नुकसान से बचाते हैं। वसा शरीर को गर्म और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए जानी जाती है।

इन्हें भी पढ़ें:- रासायनिक अभिक्रिया एवं समीकरण पाठ के प्रश्न उत्तर-

आमतौर पर, संतृप्त और असंतृप्त वसा युक्त खाद्य पदार्थ मिल सकते हैं। मक्खन, समुद्री भोजन, पनीर, नारियल तेल, चॉकलेट आदि जैसे कम संतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन हमेशा स्वास्थ्यवर्धक होता है। सैल्मन, नट्स और एवोकाडो जैसे खाद्य पदार्थ असंतृप्त वसा के प्राकृतिक स्रोत हैं।

जल

प्रत्येक मनुष्य को प्रतिदिन 2 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। यह पाचक रस, रक्त, मूत्र और पसीने के आधार के निर्माण में मदद करता है। इसके अलावा, शरीर के तापमान को नियंत्रित करने, सिस्टिटिस के जोखिम को कम करने, कोशिका स्वास्थ्य को बनाए रखने, कुशन जोड़ों को चिकनाई देने और मूत्राशय को बैक्टीरिया से साफ रखने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।

इन्हें भी पढ़ें:- जीवमंडल की परिभाषा क्या है?

खनिज

खनिज आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व हैं जो मजबूत हड्डियों के निर्माण और स्वस्थ हृदय गति को बनाए रखने में मदद करते हैं। सोडियम, क्लोराइड, मैग्नीशियम, सल्फर, फास्फोरस और कैल्शियम मानव शरीर के लिए महत्वपूर्ण खनिज हैं।

भोजन की आदतों के आधार पर जंतुओं को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है?

  • शाकाहारी : जो प्राणी पादपों से भोजन लेते है , उन्हें शाकाहारी प्राणी या जन्तु कहते है। उदाहरण : गाय , भैंस।
  • मांसाहारी : जो प्राणी अन्य जन्तुओ के मांस से भोजन लेते है उन्हें माँसाहारी कहते है। उदाहरण : शेर , चिता आदि।
  • सर्वाहारी : जो प्राणी पादप तथा जंतु दोनों से पोषण प्राप्त करते है उन्हें सर्वहारी कहा जाता है। उदाहरण : कौआ , मानव आदि।
  • मृतभक्षी : जो प्राणी मृत जंतुओं से भोजन लेते है उन्हें मृतभक्षी कहते है। उदाहरण : वल्चर (गिद्ध) आदि।

प्राणी समभोजी पोषण : इसमें रेडीमेड भोजन की फीडिंग शामिल है। सभी प्राणी रेडिमेड भोजन प्राप्त करते है और सम्बंधित पाचन प्रणाली में पाचक एंजाइम की सहायता से जटिल कार्बनिक पदार्थो को सरल यौगिक में तोड़ कर उपयोग करते है।

इन्हें भी पढ़ें:- जीवधारियों में लैंगिक जनन-

मृतोपजीवी पोषण : इस प्रकार के पोषण में प्राणी घुलित कार्बनिक पदार्थो को शरीर सतह से अवशोषित कर लेते है। यह कवक तथा बैक्टीरिया का मुख्य लक्षण है।

इन्हें भी पढ़ें-

इन्हें भी पढ़ें:- मेंडलीफ की आवर्त सारणी की सीमाएं-

  • पोषण की परिभाषा
  • स्वपोषी तथा विषमपोषी में अंतर क्या है।
  • खाद्य सुरक्षा से आप क्या समझते हैं?

Recommended

  • समजातीय श्रेणी क्या है-
  • मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार-
  • सौर ऊर्जा (solar energy) के अनुप्रयोग क्या है?
  • अपरूप क्या होते हैं-
  • जीव द्रव्य के भौतिक एवं रासायनिक गुणों का वर्णन कीजिए-
  • विद्युत क्या है-
  • रासायनिक अभिक्रिया एवं समीकरण
  • निकट दृष्टि दोष तथा दूर दृष्टि दोष की व्याख्या समझाइए-

पोषण क्या है और इसका महत्व बताइए?

पोषण स्वास्थ्य एवं कल्याण का केंद्रीय बिंदु है। यह आपको काम करने के लिए शक्ति व उर्जा प्रदान करता हैं तथा तन्दुरुस्त एवं बेहत्तर महसूस करने में भी सहायता करता हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार पोषण का संबंध शरीर की आवश्यकतानुसार आहार के सेवन को माना जाता है।

पोषण क्या है उत्तर दें?

पोषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव भोजन प्राप्त करते हैं, भोजन को साधारण रूप से अवशोषित होने वाले रूप में बदलते हैं, फिर इनका प्रयोग शरीर के लिए आवश्यक पदार्थों को बनाने में करते हैं । आप पहले से जानते हैं कि केवल पौधे अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं । जीव जंतु पौधों या दूसरे जंतुओं को खाते हैं।

पोषण किसे कहते हैं वह कितने प्रकार का होता है?

स्वपोषी पोषण किसे कहते है [Swaposhi Poshan Kise Kahate Hain] स्वपोषी पोषण: ऐसे जीव जो अपना भोजन तैयार करने के लिए स्वयं पर निर्भर होते हैं या स्वयं उत्पादन करते हैं ऐसे जीव को स्वपोषी पोषण कहा जाता है। स्वपोषी पोषण को स्वपोषण भी कहा कहा जाता है। स्वपोषी पोषण को अंग्रेजी में Autotrophic Nutrition भी कहा जाता है।