जैसे ही आपको पता चले कि आप गर्भवती हैं तभी से उस बारे में आपने जो-जो सुन रखा है, वो सब भूल जाइए। फ़िल्में हमें बताती हैं कि प्रेग्नेंसी टेस्ट में पॉजिटिव आने के बाद ही से आपको सुबह की उबकाई और अलग अलग खाने की इच्छा होने लगेगी। यह पूरी तरह सच नहीं है! यह तब होता है जब आपके पीरियड आने वाले हों और इस मामले में तो बच्चा मौजूद भी नहीं है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अब भी गर्भ ठहरने में कई सप्ताह की देरी है। इसका यह अर्थ नहीं है कि आप इस पहले सप्ताह को नजरअंदाज कर दें। आपको अब भी कुछ शुरुआती योजनाएं बनानी हैं और दिनों का हिसाब रखना है। Show हर बार जब आपको पीरियड आता है तो आपका शरीर खुद को संभाव्य गर्भावस्था के लिए तैयार करता है। यदि गर्भ धारण एक पखवारे के समय में होता है तो ऐसा करने में मदद करने के लिए आपके शरीर में बहुत सारे जटिल हॉर्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं। इसलिए हम महिला के पीरियड शुरू होने के पहले दिन को बच्चे के जन्म की संभावित तारीख तक शुरू हुए समय के पहले दिन के रूप में गिनते हैं। हालांकि ये भले ही बेमतलब लगे, पर पहले 2 सप्ताह को शामिल करना एक स्टैंडर्ड प्रैक्टिस है। कैलेंडर पर पीरियड शुरू होने के दिन और तारीख पर और पीरियड कितने दिन रहता है उतने दिन पर निशान लगाएं। और हां, यह उबाऊ काम लग सकता है लेकिन यदि आप इसे कर सकें, तो कुछ महीनों के लिए रिकॉर्ड करें ताकि आपको अपने मासिक चक्रों की अवधि का पता चले। अधिकतर महिलाओं में यह 28 दिनों का होता है, हालांकि इससे कुछ दिन कम या ज्यादा को सामान्य अवधि के रूप में ही माना जाता है। अपने खुद के शरीर के बदलावों और चक्रों से परिचित होने से आपको गर्भ धारण करने और आपके गर्भवति होने के सबसे संभावित समय की योजना बनाने में मदद मिलेगी। आप में अंडोत्सर्ग कब होगा? ज्यादातर महिलाओं में पीरियड शुरू होने के पहले दिन से 12-14 दिन के आसपास अंडोत्सर्ग होता है। यदि आप गर्भवती होना चाहती हैं, तो कोशिश करें कि आप इन्हीं दिनों में संभोग करें, या आपके अंडोत्सर्ग होने से ठीक पहले करें। गर्भ धारण: यह कैसे और कब होता है? हम गर्भ धारण करने का सही समय कभी निश्चित रूप से नहीं जान सकते हैं। आमतौर पर गर्भ धारण बिना किसी धूमधाम के या बिना किसी बाहरी संकेत के होता है और आपको पता नहीं चलता। ऐसा कोई अचानक से ’हो गया’ नहीं बोलता है कि जो आपको ये बता दे कि आप गर्भवति हो गई हैं। यह एक धीमे से होती प्रक्रिया है और कुछ महिलाओं को इसका अहसास होने में कई सप्ताह लग सकते हैं। अंडाशय (ओवरी) से निकलने के बाद एक छोटी अवधि के लिए ही अंडाणु (ओवा) जीवित रहता है। अंडाशय से निकलकर फैलोपियन ट्यूब तक जाने में अंडाणु को 12-24 घंटे का समय लगता है। यहीं पर अंडाणु का शुक्राणु (स्पर्म) के साथ फ़र्टिलाइज़ेशन होता है। शुक्राणु आमतौर पर अंडाणु की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहता है लेकिन सबसे सक्षम और गतिशील शुक्राणु ही गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) और गर्भाशय से होकर फैलोपियन ट्यूब तक पहुंच पाता है। आखिरी सामान्य मासिक चक्र या एलएनएमपी का बहुत सी किताबें और वेबसाइटें संदर्भ लेती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ महिलाओं को तब हल्का रक्तस्राव होता है जब निषेचित (फ़र्टिलाइज़ किया हुआ) अंडाणु उनके गर्भाशय की दीवार को भेदता है। यह जरूरी है कि इस तरह के रक्तस्राव को पीरियड से भ्रमित नहीं करना चाहिए, यही कारण है कि इसे स्पष्ट करने के लिए “सामान्य” या नॉर्मल शब्द का प्रयोग किया जाता है। आप क्या-क्या कर सकती हैं जब आप एक सप्ताह की गर्भवति महिला हैं?
इस सप्ताह की सलाह स्वस्थ जीवन का लक्ष्य बनाएं। उन बातों पर ध्यान दें कि आपके लिए क्या अच्छा है और क्या है जिससे आपका शरीर मजबूत और स्वस्थ बना रहे। यदि आप अच्छी तरह से सोच-विचार कर गर्भवती होने का फैसला करती हैं तो अपने इस फैसले का सम्मान करें। ऐसी चीजें करें जो आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हों। आपका शिशु इससे अच्छी तरह से बढ़ेगा! लेख का शीर्षक: पहला सप्ताह - क्या करें? ईमेल का शीर्षक: आपके गर्भवती होने के पहले सप्ताह में आपके लिए जरूरी बातें। ईमेल का विषय: आपके गर्भवती होने के पहले सप्ताह के दौरान क्या-क्या करें। ईमेल का लेख: आप एक बहुत बड़े बदलाव की शुरुआत पर हैं- आपको अपना ही नहीं अपने साथ अपने शिशु का भी ध्यान रखना है! हम आपको यह बताएंगे कि हो सकता है यह आपकी उम्मीदों के लिहाज़ से अधिक उत्तेजना भरा न हो या अधिक बुरा न हो- जो कि आपके लिए सुकूनदेह हो सकता है। आपका शरीर धीरे-धीरे अपने अंदर एक और जीवन के लिए तैयार हो रहा है! क्या गर्भ ठहरने के बाद भी पीरियड आता है?प्रेगनेंट होने पर ओवुलेशन नहीं होता है और न ही पीरियड आते हैं। पीरियड्स तभी आते हैं जब आप प्रेगनेंट नहीं होती हैं। हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान थोड़ी ब्लीडिंग महसूस हो सकती है, लेकिन यह मासिक चक्र की वजह से नहीं होगा। कुछ महिलाओं को तो स्तनपानी करवाने के दौरान भी पीरियड्स नहीं आते हैं।
प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग कितनी होती है?फर्टिलाइजेशन यानी गर्भधारण होने के 10 से 12 दिन के बाद जब भ्रूण यूट्रस में इम्प्लांट होने लगता है उस दौरान भी हल्की ब्लीडिंग होती है जिसे पीरियड्स समझा जा सकता है। लेकिन ये मुश्किल से 2 या 3 दिन तक ही रहता है, पीरियड्स की तरह 5 से 7 दिन नहीं।
प्रेगनेंसी के फर्स्ट मंथ में ब्लीडिंग होती है क्या?प्रेग्नेंसी की शुरुआत में आपको हल्की ब्लीडिंग हो सकती है, लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं है। इसे 'स्पॉटिंग' (spotting) कहते हैं। ऐसा तब होता है, जब बढ़ता हुआ भ्रूण खुद को आपकी कोख की दीवारों में प्रत्यारोपित करता है। इस तरह की ब्लीडिंग अक्सर उस समय के आसपास होती है, जब आपके पीरियड का समय होने वाला होता है।
प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग हो तो क्या करना चाहिए?गर्भवती महिला को शुरुआती दिनों या प्रेग्नेंसी के दौरान कभी भी ब्लीडिंग हो तो डॉक्टर से बात करनी चाहिए। डॉक्टर ब्लड टेस्ट और योनि की जांच कर के ब्लीडिंग के कारण का पता लगा सकते हैं। हर बार ब्लीडिंग का मतलब मिसकैरेज ही नहीं होता है।
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