प्र उपसर्ग का क्या अर्थ है? - pr upasarg ka kya arth hai?

उपसर्गोँ का अपना स्वतंत्र अर्थ नहीँ होता, मूल शब्द के साथ जुड़कर ये नया अर्थ देते हैँ। इनका स्वतंत्र प्रयोग नहीँ होता। जब किसी मूल शब्द के साथ कोई उपसर्ग जुड़ता है तो उनमेँ सन्धि के नियम भी लागू होते हैँ। संस्कृत उपसर्गोँ का अर्थ कहीँ–कहीँ नहीँ भी निकलता है। जैसे – ‘आरम्भ’ का अर्थ है– शुरुआत। इसमेँ ‘प्र’ उपसर्ग जोड़ने पर नया शब्द ‘प्रारम्भ’ बनता है जिसका अर्थ भी ‘शुरुआत’ ही निकलता है।

♦ विशेष—
यह जरूरी नहीँ है कि एक शब्द के साथ एक ही उपसर्ग जुड़े। कभी–कभी एक शब्द के साथ एक से अधिक उपसर्ग जुड़ सकते हैँ। जैसे–
• सम्+आ+लोचन = समालोचन।
• सु+आ+गत = स्वागत।
• प्रति+उप+कार = प्रत्युपकार।
• सु+प्र+स्थान = सुप्रस्थान।
• सत्+आ+चार = सदाचार।
• अन्+आ+गत = अनागत।
• अन्+आ+चार = अनाचार।
• अ+परा+जय = अपराजय।

♦ उपसर्ग के भेद –
हिन्दी भाषा मेँ चार प्रकार के उपसर्ग प्रयुक्त होते हैँ—
(1) संस्कृत के उपसर्ग,
(2) देशी अर्थात् हिन्दी के उपसर्ग,
(3) विदेशी अर्थात् उर्दू, अंग्रेजी, फारसी आदि भाषाओँ के उपसर्ग,
(4) अव्यय शब्द, जो उपसर्ग की तरह प्रयुक्त होते हैँ।

1. संस्कृत के उपसर्ग

संस्कृत मेँ कुल बाईस उपसर्ग होते है। वे उपसर्ग तत्सम शब्दोँ के साथ हिन्दी मेँ प्रयुक्त होते है। इसलिए इन्हेँ संस्कृत के उपसर्ग कहते हैँ। यथा—
उपसर्ग – अर्थ – उदाहरण
1. अति – अधिक, ऊपर – अत्यन्त, अतिरिक्त, अतिवृष्टि, अत्यधिक, अतिशय, अतिक्रमण, अतिशीघ्र, अत्याचार, अत्युक्ति, अत्यावश्यक, अत्यल्प, अतिसार, अतीव।
2. अधि – प्रधान, श्रेष्ठ – अधिकार, अधिपति, अधिनियम, अध्यक्ष, अधिकरण, अध्ययन, अधिगम, अधिकृत, अधिनायक, अधिभार, अधिशेष, अध्यादेश, अधीक्षण, अध्यापक, अधिग्रहण, अध्याय।
3. अनु – पीछे, क्रम – अनुचर, अनुसार, अनुग्रह, अनुकूल, अनुकरण, अनुरूप, अनुशासन, अनुरोध, अनुमान, अनुज, अनुबन्ध, अनुष्ठान, अनूदित, अनुप्रास, अन्वेषण, अनुराग, अनुभव, अनुदार, अनुदिन, अन्विति, अनुज्ञा, अनुवर्तन, अन्वय, अनुभार, अन्वीक्षा, अन्वीक्षण, अन्विष्ट, अन्वेक्षक, अन्वेषक।
4. अप – बुरा, अभाव – अपयश, अपकार, अपव्यय, अपहरण, अपमान, अपवाद, अपशब्द, अपकीर्ति, अपवर्तन, अपशिष्ट, अपवर्जन, अपेक्षा, अपकर्षण, अपघटन, अपवाह, अपभ्रंश।
5. अव – नीचे, हीन, बुरा – अवगुण, अवतार, अवनति, अवरुद्ध, अवधारणा, अवशेष, अवसान, अवकाश, अवमूल्यन, अवसाद, अवधान, अवलोकन, अवसर, अवचेतना, अवाप्ति, अवगत, अवज्ञा, अवस्था, अवमानना।
6. अभि – सामने, पास – अभिमान, अभिमुख, अभिमत, अभिनय, अभिनव, अभिवादन, अभियोग, अभिमन्यु, अभिज्ञान, अभियुक्त, अभिषेक, अभिनेता, अभिराम, अभिवृद्धि, अभिलाषा, अभिकरण, अभीष्ट, अभ्यास, अभ्यांतर, अभ्युदय, अभ्यागत, अभिशाप।
7. आ – तक, सहित – आजन्म, आमरण, आगमन, आक्रमण, आहार, आयात, आतप, आजीवन, आदान, आसार, आकर्षण, आलेख, आभार, आधार, आगार, आश्रय, आगत, आकर।
8. उत् – ऊँचा, श्रेष्ठ – उत्साह, उत्कण्ठा, उत्थान, उत्तम, उत्पन्न, उत्पत्ति, उत्पीड़न, उत्कृष्ट, उद्धार, उज्ज्वल, उद्योग, उल्लेख।
9. उप – पास, गौण, सहायक – उपवन, उपदेश, उपमन्त्री, उपकार, उपनाम, उपनयन, उपस्थिति, उपन्यास, उपचार, उपयोग, उपांग, उपमन्यु, उपराष्ट्रपति, उपकृत, उपहार, उपसंहार, उपलक्ष्य, उपहास, उपकुलपति, उपयुक्त, उपायुक्त, उपखण्ड, उपक्रम, उपग्रह।
10. दुर् – बुरा, कठिन, विपरीत – दुर्जन, दुर्दशा, दुर्लभ, दुराचार, दुराशा, दुराग्रह, दुर्भाग्य, दुर्योधन, दुर्गम, दुर्बल, दुर्गति, दुर्वासा, दुर्भिक्ष, दुर्गुण।
11. दुस् – बुरा, कठिन – दुस्साहस, दुष्कार्य, दुश्चरित्र, दुष्कर, दुश्चिन्ता, दुश्शासन, दुष्कर्म, दुस्साध्य, दुस्तर, दुःस्पर्श।
12. नि – रहित, विशेष, अधिकता – निगम, निपुण, निवारण, निडर, निवास, निदान, निरोध, नियम, निबन्ध, निमग्न, निकास, निहित, निहत्था, निधि, निवेश, न्यस्त, निलंबन, निकम्मा, निवृत्त, निकाय, निधन।
13. निर् – निषेध, विपरीत, बड़ा, बाहर – निर्लज्ज, निर्भय, निर्णय, निर्दोष, निरपराध, निराकार, निराहार, निर्धन, नीरोग, निराशा, निर्विघ्न, निर्दोष, निर्गुण, निरभिमान, निर्वाह, निर्जन, निर्यात, निर्दयी, निर्मल, निर्भीक, निरीक्षक, निर्माता, निर्वाचन, निर्विरोध, निरर्थक, निरस्त, निर्निमेष, निर्भय, निरंजन, निरुपम।
14. निस् – रहित, अच्छी तरह से, बड़ा – निश्चल, निश्चय, निस्सार, निस्सन्देह, निश्छल, निष्काम, निस्संकोच, निस्स्वार्थ, निस्तारण, निष्कपट, निष्कासन।
15. परा – पीछे, तिरस्कार, विपरीत – पराजय, पराभव, पराक्रम, परामर्श, पराधीन, परावर्तन, परास्त, पराकाष्ठा।
16. परि – पूर्ण, पास, चारोँ ओर – परिणाम, परिवर्तन, परिश्रम, परिक्रमा, परिवार, परिपूर्ण, परिमार्जन, परिमाप, परिसर, परिधि, परिणति, परिपक्व, परिचर्या, परिचर्चा, परिकल्पना, परिभ्रमण, पर्यावरण, पर्यवेक्षण, परीक्षा, परिणय, परिग्रह, पर्यटन, परिचय।
17. प्रति – प्रत्येक, उल्टा – प्रतिदिन, प्रतिनिधि, प्रतिपक्ष, प्रत्यक्ष, प्रतिकूल, प्रतिक्षण, प्रतिमास, प्रतिरोध, प्रतिलिपि, प्रतिमान, प्रतिग्राम, प्रतिज्ञा, प्रत्यावर्तन, प्रतिमा, प्रतिष्ठा, प्रतिभा, प्रतीक्षा।
18. प्र – अधिक, आगे, उत्कृष्ट – प्रथम, प्रबल, प्रहार, प्रभाव, प्रकार, प्रदान, प्रयोग, प्रचार, प्रक्रिया, प्रवाह, प्रपंच, प्रगति, प्रदर्शन, प्रलय, प्रमाण, प्रसिद्ध, प्रख्यात, प्रस्थान, प्रेषण, प्रमेय, प्रवेश, प्रलाप, प्रज्वलित, प्रमोद, प्रकाश, प्रदीप।
19. वि – विशेष, अभाव, भिन्न – वियोग, विभाग, विनाश, विज्ञान, विजय, विदेश, व्याकुल, विकृत, विकट, विपक्ष, विचार, विशेष, विराम, विकल, विमल, विरोध, विकास, विवृत्त, विमान, व्याकरण, विख्यात, विलोम, विवाद, विवाह।
20. सम् – सम्पूर्ण, उत्तम, अच्छी तरह – संसार, सम्मान, संतोष, संयोग, संकल्प, संचय, संगम, संगति, सम्बोधन, समीक्षा, संहार, संवाद, सम्मति, समाचार, समुचित, समर्थ, सन्देह, संविधान, संचालन, समर्पण, संक्षेप, संशय, सम्पर्क, संसद, संयम, सम्बन्ध, संकीर्ण, समग्र।
21. अपि – निश्चय, और भी – अपितु, अपिधान, अपिहित, अपिबद्ध, अपिवृत्त।
22. सु – अच्छा, अधिक, सरल – सुलेख, सुयश, सुपुत्र, सुयोग, सुगन्ध, सुगति, सुबोध, सुपुत्र, सुकन्या, सुफल, सुकाल, सुकर्म, सुगम, सुकर, सुदिन, सुलभ, सुमन, सुशील, सुविचार, सुमंत्र, सुनार, स्वागत, सुदूर, सुदृढ़, सुनैना, सुरक्षा, सुमति, सुभाष, सुरेखा, सुनीता, सुलक्षणा, सुपारी, सुचारु, सुपुत्री।

2. हिन्दी के उपसर्ग

उपसर्ग – अर्थ – उदाहरण
• अ – रहित, निषेध – अचेतन, अजान, अथाह, असाध्य, अकाट्य, अटल, अलग, अछूत, अभागा, अमर, अज्ञान, अमोल, अमर्त्य, अधर्म, अकाल, अतुल, अतल, अरुचि, अवैतनिक, अक्षत, अजीर्ण, अपथ्य, अचिर, अजर, अनाम, अजन्मा, अकारण, अहित, अहर्ता।
• अन – अभाव, निषेध – अनपढ़, अनजान, अनबन, अनमोल, अनमेल, अनहित, अनसुनी, अनकही, अनहोनी, अनदेखी, अनमना, अनखाया, अनचाहा, अनसुना।
• अध – आधा – अधपका, अधमरा, अधजला, अधखिला, अधकचरा।
• आप – स्वयं – आपबीती, आपकाज, आपकही, आपदेखी, आपसुनी, आपकर, आपनिधि।
• उ – उचक्का, उजड़ना, उछलना, उखाड़ना, उभार।
• उन – एक कम – उन्नीस, उनतीस, उनचालीस, उनचास, उनसठ, उनहत्तर, उनासी।
• औ – हीन, निषेध – औगुण, औसर, औघड़, औघट, औरस।
• क – बुरा – कपूत, कलंक, कठोर, कसूर, कमर, कमाल, कपास, कगार, कजरा, कमरा, कजली, कचरा।
• का – बुरा – कायर, कापुरुष, काजल, कातर, कातिल, कातना, कायम, काफ़िर।
• कु – बुरा, हीन – कुरूप, कुपुत्र, कुकर्म, कुख्यात, कुमार्ग, कुपथ, कुगति, कुमति, कुकृत्य, कुविचार, कुपात्र, कुसंग, कुसंगति, कुयोग, कुमाता, कुचाल, कुचक्र, कुरीति, कुप्रबन्ध।
• चौ – चार – चौराहा, चौपाल, चौपड़, चौमासा, चौपाया, चौरंगा, चौसर, चौपाई, चौमुखा, चौकोर, चौगुना, चौबीस, चौखट, चौतरफा।
• ति – तीन – तिराहा, तिकोना, तिरंगा, तिपाई, तिमाही, तिगुनी, तिकड़ी।
• दु – दो, बुरा – दुमुँहा, दुबला, दुरंगा, दुलती, दुनाली, दुराहा, दुकाल, दुभाषिया, दुशाला, दुलार, दुधारू, दुपहिया।
• नाना – विविध – नानाप्रकार, नानारूप, नानाजाति।
• नि – अभाव – निकम्मा, निहत्था, निठल्ला, निडर, निवास, निदान।
• पच – पाँच – पचरंगा, पचमेल, पचकूटा।
• पर – दूसरा – परकाज, परदेश, परकोटा, परहित, परदेसी, परजीवी, परपुरुष, परनिँदा, पराधीन, परोपकार।
• बहु – ज्यादा – बहुमूल्य, बहुवचन, बहुमत, बहुधा, बहुभुज, बहुब्रीहि।
• बिन – बिना – बिनखाया, बिनब्याहा, बिनबोया, बिनचाहा, बिनजाना, बिनदेखा, बिनबुलाया, बिनसोचा।
• भर – पूरा – भरपेट, भरपूर, भरकम, भरसक, भरतार, भरमार, भरपाई।
• स – सहित – सपूत, सफल, सबल, सजग, सचेत, सकाम, ससम्मान, सप्रेम, सरस, सघन, सजीव, सजग, सकुशल।
• सम – समान – समतल, समदर्शी, समकक्ष, समकोण, समबाहु, समरस, समकालीन, समवर्ती, सममित।

3. विदेशी उपसर्ग
हिन्दी मेँ विदेशी भाषाओँ के उपसर्ग भी प्रयुक्त होते हैँ। विशेष रूप से उर्दू, फारसी और अंग्रेजी के कई उपसर्ग अपनाये जाते हैँ। इनमेँ से कतिपय इस प्रकार हैँ—
(क) उर्दू–फारसी के उपसर्ग –
• अल – निश्चित – अलगरज, अलविदा, अलबत्ता, अलहदा, अलबेला, अलमस्त।
• कम – थोड़ा, हीन – कमबख्त, कमजोर, कमसिन, कमकीमत, कमअक्ल, कमखर्च।
• खुश – प्रसन्न, अच्छा – खुशबू, खुशदिल, खुशमिजाज, खुशनुमा, खुशहाल, खुशनसीब, खुशकिस्मत, खुशखबरी।
• गैर – निषेध, रहित – गैरहाजिर, गैरकानूनी, गैरकौम, गैरमर्द, गैरसरकारी, गैरवाजिब, गैरजिम्मेदार।
• दर – में – दरअसल, दरकार, दरमियान, दरबदर, दरहकीकत, दरबार, दरखास्त, दरकिनार, दरग़ुजर।
• ना – नहीँ – नालायक, नापसंद, नामुमकिन, नाकाम, नाबालिग, नाराज, नादान, नाचीज, नागवार, नाखुश, नासमझ, नापाक, नाइंसाफ।
• बा – अनुसार, साथ – बामौका, बाकायदा, बाइज्जत, बामुलायजा, बाअदब, बादल, बादाम।
• बद – बुरा – बदनाम, बदमाश, बदचलन, बदहजमी, बदबू, बदतमीज, बदहवास, बदसूरत, बदइंतजाम, बदकिस्मत, बदरंग, बदहाल।
• बे – बिना, रहित – बेईमान, बेचारा, बेअक्ल, बेहिसाब, बेमिसाल, बेहाल, बेवकूफ, बेदाग, बेकसूर, बेपरवाह, बेकार, बेकाम, बेघर, बेवफा, बेदर्द, बेसमझ, बेवजह, बेचैन, बेशुमार, बेहोश, बेइज्जत, बेरहम, बेसहारा, बेरोजगार, बेवक्त, बेकरार, बेअसर।
• ला – परे, बिना – लापरवाह, लाचार, लावारिस, लापता, लाजवाब, लाइलाज।
• सर – मुख्य – सरकार, सरदार, सरपंच, सरहद, सरनाम, सरफरोश।
• हम – साथ, समान – हमदर्दी, हमराज, हमदम, हमवतन, हमराह, हमदर्द, हमउम्र, हमसफर, हमशक्ल, हमजोली, हमराही, हमपेशा।
• हर – प्रत्येक – हरदिन, हरएक, हरसाल, हरदम, हररोज, हरबात, हरचीज, हरबार, हरवक्त, हरघड़ी, हरहाल, हरकोई, हरतरफ।
• ब – सहित – बखूबी, बतौर, बशर्तेँ, बतर्ज, बकौल, बदौलत, बमुश्किल, बदस्तूर, बगैर, बनाम।
• बिला – बिना – बिलाकसूर, बिलावजह।
• बेश – अत्यधिक – बेशकीमती, बेशकीमत।
• नेक – भला – नेकराह, नेकदिल, नेकनाम।
• ऐन – ठीक – ठीक – ऐनवक्त, ऐनजगह, ऐनमौके।
(ख) अंग्रेजी के उपसर्ग –
• सब – छोटा – सब रजिस्ट्रार, सब इन्सपेक्टर, सब कमेटी, सब जज।
• हैड – प्रमुख – हैडमास्टर, हैडऑफिस, हैडकांस्टेबिल।
• एक्स – मुक्त – एक्सप्रेस, एक्स प्रिँसिपल, एक्स कमीश्नर, एक्स स्टूडेण्ट।
• हाफ – आधा – हाफटिकट, हाफरेट, हाफकमीज, हाफपेन्ट।
• को – सहित – को-ऑपरेटिव, को-ऑपरेशन, को-स्टार।
• डिप्टी – स्थानापन्न प्रतिनिधि – डिप्टी मिनिस्टर, डिप्टी मैनेजर, डिप्टी कलेक्टर, डिप्टी रजिस्ट्रार।
• वाइस – उप – वाइस प्रिँसिपल, वाइस चांसलर, वाइस प्रेसीडेँट।
• जनरल – सामान्य – जनरल मैनेजर, जनरल इन्श्योरेँस।
• चीफ – मुख्य – चीफ मिनिस्टर, चीफ सेक्रेटरी।

4. उपसर्ग की तरह प्रयुक्त अव्यय
उपर्युक्त उपसर्गोँ के अतिरिक्त हिन्दी मेँ संस्कृत के कुछ अव्यय, विशेषण और शब्दांश भी उपसर्गोँ की तरह प्रयुक्त होते हैँ।जैसे –
• अ – निषेध – अप्राकृतिक, अकृत्रिम, अधर्म, अनाथ, अपूर्ण, अभाव, अमूल्य।
• अधः – नीचे – अधःपतन, अधोगति, अधोमुख।
• अन् – निषेध – अनन्त, अनादि, अनागत, अनर्थ।
• अन्तर्/अन्तः – भीतर – अन्तःकरण, अन्तःप्रान्तीय, अन्तर्गत, अन्तरात्मा, अन्तर्धान, अन्तर्दशा, अन्तर्यामी, अंतरिक्ष, अन्तर्मन, अन्तर्ज्ञान, अन्तर्देशीय, अन्तर्द्वन्द्व, अन्तर्राष्ट्रीय।
• अमा – अमावस्या, अमात्य।
• अलम् – बहुत, काफी – अलंकरण, अलंकृत, अलंकार।
• आत्म – स्वयं – आत्मकथा, आत्मघात, आत्मबल, आत्मानुभूति, आत्महत्या, आत्मज, आत्मश्लाघा, आत्मसमर्पण, आत्मोत्सर्ग, आत्मज्ञान, आत्मसात्, आत्मविश्वास।
• आविर्/आविः – प्रकट – आविर्भाव, आविर्भूत।
• आविष्/आविः – आविष्कार, आविष्कृत।
• इति – अन्त, ऐसा – इतिश्री, इतिहास, इत्यादि, इतिवृत्त, इतिवार्ता।
• चिर – बहुत – चिरकाल, चिरन्तन, चिरायु, चिरंजीव, चिरस्थायी, चिरपरिचित, चिरप्रतीक्षित, चिरस्मरणीय, चिरनिद्रा।
• तत् – उस समय – तल्लीन, तन्मय, तद्धित, तदनन्तर, तत्काल, तत्क्षण, तत्पश्चात्, तत्सम, तत्कालीन, तदुपरान्त, तत्पर।
• तिरस्/तिरः – हीन, बुरा – तिरस्कार, तिरस्कृत, तिरोभाव, तिरोहित, तिरोधान।
• प्राक् – पहले – प्राक्कथन, प्राक्कलन, प्रागैतिहासिक, प्राग्वैदिक, प्राक्तन, प्राक्कृत।
• न – अभाव – नकुल, नपुंसक, नास्तिक, नग।
• प्रातः – सुबह – प्रातःकाल, प्रातःवन्दना, प्रातःस्मरणीय।
• प्रादुर् – प्रकट – प्रादुर्भाव, प्रादुर्भूत।
• पुनर्/पुनः – फिर – पुनर्जन्म, पुनरागमन, पुनरुदय, पुनर्विवाह, पुनर्मिलन, पुनर्विचार, पुनरुद्धार, पुनर्वास, पुनर्मूल्यांकन, पुनरीक्षण, पुनरुत्थान, पुनर्निर्माण।
• पुरा – प्राचीन – पुरातन, पुरातत्त्व, पुरापथ, पुराण, पुरावशेष, पुराचीन।
• पुरः – पुरोहित, पुरोधा, पुरोगामी।
• पुरस् – आगे – पुरस्कार, पुरश्चरण, पुरस्कृत।
• पूर्व – पहले – पूर्वज, पूर्वाग्रह, पूर्वाद्ध, पूर्वाह्न, पूर्वानुमान, पूर्वनिश्चित, पूर्वाभिमुखी, पूर्वापेक्षा, पूर्वोक्त।
• बहिर्/बहिः – बाहर – बहिरागत, बहिर्जात, बहिर्भाव, बहिरंग, बहिर्द्वन्द्व, बहिर्मुखी, बहिर्गमन।
• बहिस्/बहिः – बाहर – बहिष्कार, बहिष्कृत।
• स – सहित – सजल, सपत्नीक, सहर्ष, सपरिवार, सादर, सकुशल, सहित, सोद्देश्य।
• सत् – सम्मान – सत्कर्म, सत्कार, सद्गति, सज्जन, सत्धर्म, सत्संग, सत्कार्य, सच्चरित्र।
• स्व – अपना – स्वनाम, स्वजाति, स्वशासन, स्वाभिमान, स्वतंत्र, स्वदेश, स्वराज्य, स्वाधीन, स्वधर्म, स्वभाव, स्वार्थ, स्वहित, स्वजन, स्वेच्छा।
• स्वयं – अपने आप – स्वयंभू, स्वयंवर, स्वयंसेवक, स्वयंपाणि, स्वयंसिद्ध।
• सह – साथ – सहाध्यायी, सहपाठी, सहकर्मी, सहोदर, सहयोगी, सहचर, सहयोग, सहकार, सहयात्री, सहानुभूति।

कुछ अन्य शब्द जो उपसर्ग की तरह प्रयुक्त होते हैँ –
• अद्य – अद्यतन, अद्यावधि।
• आवा – आवागमन, आवाजाही।
• उद् – उद्गम, उद्गार।
• कत् – कदम्ब, कदाचार, कदर्थ, कदश्व, कदाकार।
• काम – कामयाब, कामकाज, कामचोर, कामचलाऊ, कामदेव, कामधेनु, कामशास्त्र, कामांध, कामाक्षी, कामाख्या, कामाग्नि, कामातुर, कामायनी, कामोन्माद।
• बर – बरदाश्त, बरबाद, बरकरार, बरख्वास्त।
• भू – भूगोल, भूधर, भूचर, भूतल, भूकम्प, भूगर्भ, भूदेव, भूपति, भूमंडल, भूमध्यसागर, भूख, भूखा, भूस्वामी, भूपालक।
• स्वी – स्वीकार्य, स्वीकार, स्वीकृत।
• मंद – मंदबुद्धि, मंदगति, मंदाग्नि, मंदभाग्य।
• मत – मतदान, मतपत्र, मतदाता, मतवाला, मतगणना, मतसंग्रह, मतभेद, मताधिकार, मतावलम्बी।
• मद – मदमाता, मदमस्त, मदकारी, मदमत्त।
• मधु – मधुकर, मधुमक्खी, मधुसूदन, मधुबन, मधुबाला, मधुमेह, मधुशाला, मधुस्वर।
• मन – मनचला, मनचाहा, मनमोहन, मनभाया, मनहर, मनभावन, मनगढ़ंत, मनमुटाव, मनमौजी, मनमानी, मनसब।
• मरु – मरुभूमि, मरुस्थल, मरुप्रदेश, मरुधर।
• महा – महाभियोग, महाभारत, महायज्ञ, महायान, महारथी, महाराज, महाराष्ट्र, महासागर, महामंत्री, महाप्रयाण, महाकाल, महावीर।
• मान – मानचित्र, मानदंड, मानहानि, मानदेय, मानसून, मानसरोवर।
• मित – मितभाषी, मितव्यय, मितव्ययी, मिताहार।
• मुँह – मुँहफट, मुँहबोला, मुँहमाँगा, मुँहदिखाई, मुँहतोड़।
• मूल – मूलभूत, मूलधन, मूलमँत्र, मूलग्रन्थ, मूलबंध।
• यथा – यथाशक्ति, यथासंभव, यथासमय, यथावधि, यथाशीघ्र, यथास्थान, यथास्थिति।
• रंग – रंगमंच, रंगशाला, रंगरूप, रंगढंग, रंगरेज, रंगरूट, रंगरसिया।
• रक्त – रक्ततुण्ड, रक्तवर्ण, रक्तस्राव, रक्तकंठ।
• रफू – रफूचक्कर, रफूगर।
• लेखा – लेखाकार, लेखाकर्म, लेखापाल, लेखाचित्र, लेखांकन।
• लोक – लेकगीत, लोककथा, लोकाचार, लोकनाथ, लोकपाल, लोकायुक्त, लोकहित, लोकतंत्र।
• वज्र – वज्रपाणि, वज्रदंत, वज्रांग, वज्रासन, वज्रायुध।
• वर्ग – वर्गमूल, वर्गफल, वर्गाकार।
• सार्व – सार्वजनिक, सार्वअन्तर, सार्वभौम, सार्वकालिक, सार्वदेशिक।


D.K. 574265
9481758822
9448593978

प्र उपसर्ग का अर्थ क्या है?

प्र उपसर्ग का अर्थ – आगे, अधिक.

प्र उपसर्ग से सही शब्द कौन सा है?

'प्र' उपसर्ग से बना शब्द 'प्रयत्न' होगा। उपसर्ग : उपसर्ग (Prefix) वो शब्द होते हैं जो दो शब्दों से मिलकर बने होते हैं। किसी शब्द के आरंभ में कोई और शब्द लगा दिया जाता है तो उस शब्द का अर्थ ही बदल जाता है। उस आरंभिक शब्द को बाद वाले शब्द का उपसर्ग (Prefix) कहते हैं।

प्र उपसर्ग से कौन सा अर्थ ध्वनित होता है?

जो शब्दों के आदि में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं। (1) हार' के पहले 'प्र' उपसर्ग लगा दिया गया, तो एक नया शब्द 'प्रहार' बन गया, जिसका नया अर्थ हुआ 'मारना' । (2) यत्न' के पहले 'प्र' उपसर्ग लगा दिया गया तो एक नया शब्द 'प्रयत्न' बन गया। इस नए शब्द का अर्थ होगा प्रयास करना।

उपसर्ग में शब्द का क्या अर्थ होता है?

उपसर्ग ऐसे शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व जुड़ कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या उसके अर्थ में विशेषता ला देते हैं। उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है - किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना।