विषयसूची लोहे का छल्ला कौन सी उंगली में पहना जाता है?इसे सुनेंरोकेंक्यों और कैसे पहनें लोहे की अंगूठी लोहे की अंगूठी पुरुष को दाएं हाथ की बीच वाली उंगली में धारण करना चाहिए. क्योंकि शनि का क्षेत्र मध्यमा उंगली के नीचे होता है. हालांकि विशेष परिस्थिति में इसे बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में भी धारण किया जा सकता है. इसके अलावा लोहे की अंगूठी हमेशा शनिवार की शाम धारण करना शुभ होता है. चांदी का छल्ला पहनने से क्या लाभ है? इसे सुनेंरोकेंयदि शुक्र के कारण विवाह में अड़चनें आ रही हों तो चांदी का छल्ला पहनने से जल्द ही विवाह होने के योग बनते हैं. वहीं विवाहित लोगों के चांदी के छल्ला पहनने से उनके दांपत्य जीवन में खुशहाली रहती है. इसके अलावा चांदी का छल्ला पहनने से राहु का दोष दूर होता और मन शांत रहता है. शनिदेव में क्या क्या चढ़ाना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें. तेल चढ़ाने के दौरान इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें, कि तेल इधर-उधर न गिरे. वहीं शनिवार को काले तिल और गुड़ चींटी को खिलाएं. शनि देव को कौन सा भोग लगता है? इसे सुनेंरोकेंआगे जानिए शनिदेव की पूजा की पूरी विधि… – शनिवार की शाम को स्नान आदि करने के बाद घर के किसी साफ स्थान पर शनिदेव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। – शनिदेव को नीले फूल, काला कपड़ा, काली उड़द और काले तिल चढ़ाएं। साथ ही मीठी पुरी का भोग भी लगाएं। नाव की कील की अंगूठी पहनने से क्या होता है?इसे सुनेंरोकेंअगर आपकी कुंडली में शनि की साढ़े साती व महादशा चल रही है तो इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए नाव की कील का उपाय बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए आप नाव में लगी लोहे की कील की अंगूठी बनवा लें। अब इसे शनिवार को अनामिका अंगुली में पहनें। इससे शनि का प्रकोप कम हो जाएगा। घोड़े की नाल का छल्ला पहनने से क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंशनि के दुष्प्रभवों से बचने के लिए पहनें छल्ला घोड़े की नाल के छल्ले का उपयोग हर क्षेत्र में बहुत ही शुभ माना जाता है। सामान्यतया इसका प्रयोग शनि के दुष्प्रभावों और बुरी आत्माओं से बचने के लिए किया जाता है। इसलिए इसे शनि का छल्ला भी कहा जाता है। इसे दाहिने हाथ की माध्यम अंगुली में धारण करना अच्छा माना जाता है। इसे सुनेंरोकेंलोहे का छल्ला हमेशा दाहिने हाथ की माध्यम उंगली में धारण करना चाहिए, तभी आपको उचित फल की प्राप्ति होती है। क्योंकि मध्यमा उंगुली के नीचे शनि पर्वत स्थित होता है। लोहे का छल्ला धारण करने के लिए भी दिन और नक्षत्र का भी ध्यान रखना चाहिए। चांदी का Challa क्यों पहना जाता है?इसे सुनेंरोकेंविवाह का योग भी बनाता है चांदी का छल्ला यदि शुक्र के कारण विवाह में अड़चनें आ रही हों तो चांदी का छल्ला पहनने से जल्द ही विवाह होने के योग बनते हैं. वहीं विवाहित लोगों के चांदी के छल्ला पहनने से उनके दांपत्य जीवन में खुशहाली रहती है. इसके अलावा चांदी का छल्ला पहनने से राहु का दोष दूर होता और मन शांत रहता है. लोहे की अंगूठी पहनने से क्या फायदा? Lohe Ki Anguthi Ke Labh
इसे सुनेंरोकेंशनि की ढैय्या, साढ़े साती, दशा, महादशा या अन्तर्दशा में तमाम तरह की परेशानियों से बचने के लिए लोहे का छल्ला पहना जाता है। सामान्यतया इसका प्रयोग शनि, राहु और केतु के दुष्प्रभावों और बुरी आत्माओं से बचने के लिए किया जाता है। घोड़े की नाल की अंगूठी कौन सी उंगली में पहनते हैं? इसे सुनेंरोकेंघोड़े की नाल के छल्ले का उपयोग हर क्षेत्र में बहुत ही शुभ माना जाता है। सामान्यतया इसका प्रयोग शनि के दुष्प्रभावो और बुरी आत्माओ से बचने के लिए किया जाता है इसलिए इसे शनि का छल्ला कहा गया है । इसे दाहिने हाथ की माध्यम अंगुली में धारण किया जाता है क्योंकि इसी उंगली के नीचे शनि पर्वत होता है। लोहे का छल्ला कौन सी उंगली में पहनना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंक्यों और कैसे पहनें लोहे की अंगूठी लोहे की अंगूठी पुरुष को दाएं हाथ की बीच वाली उंगली में धारण करना चाहिए. क्योंकि शनि का क्षेत्र मध्यमा उंगली के नीचे होता है. हालांकि विशेष परिस्थिति में इसे बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में भी धारण किया जा सकता है. इसके अलावा लोहे की अंगूठी हमेशा शनिवार की शाम धारण करना शुभ होता है. काले घोड़े की नाल का छल्ला कैसे पहने?इसे सुनेंरोकेंघोड़े की नाल का छल्ला दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली में धारण किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि माध्यम अंगुली के नीचे शनि का क्षेत्र होता है. जो इंसान इसे धारण करता है उसके जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है. घोड़े की नाल की अंगूठी कैसे धारण करें? इसे सुनेंरोकेंजीवन में बनी रहती है सुख-समृद्धि यही कारण है कि इसे शनि का छल्ला भी कहा जाता है. घोड़े की नाल का छल्ला दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली में धारण किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि माध्यम अंगुली के नीचे शनि का क्षेत्र होता है. जो इंसान इसे धारण करता है उसके जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है. नाव की कील का बना छल्ला कैसे पहने? इसे सुनेंरोकेंइसके लिए आप नाव में लगी लोहे की कील की अंगूठी बनवा लें। अब इसे शनिवार को अनामिका अंगुली में पहनें। इससे शनि का प्रकोप कम हो जाएगा। तांबे की अंगूठी कौन से हाथ में पहनना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंतांबे की अंगूठी सूर्य की उंगली यानी रिंग फिंगर में पहननी चाहिए. नाव की कील का छल्ला पहनने से क्या होता है?यह एक सटिक उपाय है। नाव की कील धारण करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। बिगड़े कार्य स्वत: ही बन जाते हैं। सभी परिणाम आपके पक्ष में आने लगते हैं।
लोहे का छल्ला कौन सी उंगली में पहनना चाहिए?क्यों और कैसे पहनें लोहे की अंगूठी
लोहे की अंगूठी पुरुष को दाएं हाथ की बीच वाली उंगली में धारण करना चाहिए. क्योंकि शनि का क्षेत्र मध्यमा उंगली के नीचे होता है. हालांकि विशेष परिस्थिति में इसे बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में भी धारण किया जा सकता है. इसके अलावा लोहे की अंगूठी हमेशा शनिवार की शाम धारण करना शुभ होता है.
हाथ में लोहे का छल्ला पहनने से क्या होता है?लोहे की अंगूठी पहनने से क्या होता है
यदि आप पर शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती, शनि की महादशा, राहु या केतु की महादशा चल रही है, तो लोहे की अंगूठी इसके प्रभाव को कम करती है। इसके साथ ही लोहे की अंगूठी आपको किसी भी तरह के नजर दोष से भी बचाती है।
घोड़े की नाल की अंगूठी कैसे पहनना चाहिए?व्यक्ति को घोड़े की नाल का छल्ला सीधे हाथ की बीच वाली उंगली में पहनना चाहिए. मान्यता है कि शनि का वास मध्यम अंगुली के नीचे होता है. ऐसे में जो इंसान इस अंगुली में घोड़े की नाल का छ्ल्ला पहनता है वे जीवन में सुख और समृद्धि हासिल कर सकता है.
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