नदी हमारे लिए क्या क्या करती है? - nadee hamaare lie kya kya karatee hai?

भारत में कई नदी प्रणालिया भी बनी हुई है. जिसमे सिन्धु सबसे प्रमुख है. ये नदी पंजाब से शुरू होकर हिंदमहासागर में जाकर प्रवाहित होती है. ये नदी भारत सहित कई अन्य देशो को भी जल ग्रहण कराती है. इसकी अनेक सहायक नदिया भी है. जिसमे-झेलम, चेनाब, रावी, सतलज और ब्यास आदि प्रमुख सहायक नदिया है.

नदी हमारे लिए क्या क्या करती है? - nadee hamaare lie kya kya karatee hai?


नदियों को अपवाह तंत्र के आधार पर तीन मुख्य भागो में बाँटा गया है. जो कि निम्न है-

1. बंगाल की खाड़ी के अपवाह तंत्र वाली नदिया 
बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र का मतलब है. कि वे नदिया जो अपने उद्गम से बहती हुई. बंगाल की खाड़ी में जाकर प्रवाहित हो जाती है. अर्थात वे नदिया जिनका अंतिम बिंदु बंगाल की खाड़ी हो वे बंगाल की खाड़ी अपवाह तंत्र वाली नदिया कहलाती है.बंगाल की खाड़ी की अपवाह वाली नदिया गंगा,पद्मा,हुगली, ब्रह्मपुत्र,जमुना, मेघना, इरावती, गोदावरी, महानदी, कृष्णा, कावेरी आदि अनेक नदिया बंगाल के अपवाह तंत्र में जाकर गिरती है.

बंगाल की खाड़ी के अपवाह तंत्र में गिरने वाली राजस्थान की नदिया
B–बनास
B–बाण गंगा
B–बेड़च
K–कालीसिंध
K–खारी
K–कोठारी
C–चम्बल
P–पार्वती
G–गम्भीरी

2. अरब सागर अपवाह तंत्र वाली नदिया 
अरब सागर में भी बंगाल की खाड़ी की भांति अनेक नदिया प्रवाहित होती है. जिसमे कई नदिया बड़ी नदिया भी है.इस अपवाह की सबसे बड़ी नदी सिन्धु नदी है. जिसकी लम्बाई 2880 किलोमटर है. अरब सागर के अपवाह में गिरने वाली प्रमुख नदिया ट्रिक के साथ
TRICK-सालू की माँ भानमती सोजा
सा-साबरमती
लू-लूनी“की-silent”
माँ-माही
भा-भारत पुझा या पोन्नानी
न-नर्मदा(खम्भात की खाड़ी)
म-मांडवी
ती-ताप्ती (खम्भात की खाड़ी)
सो-सोम
जा-जाखम
 
3. आतंरिक अपवाह तंत्र वाली नदिया 
आंतरिक अपवाह तंत्र का अर्थ होता है. वे नदिया जिनका विस्तार कम होता है. तथा वे अपने उदगम स्थल से कुछ दूर पर ही समाप्त हो जाती है. आंतरिक अपवाह तंत्र वाली नदिया कहलाती है. आंतरिक अपवाह तंत्र की प्रमुख नदिया घग्घर नदी, साबी नदी, काकनी नदी, रूपनगढ़ नदी, कांतली नदी, रूपारेल नदी, मेंथा नदी आदि है.


संसार के हर देश में अनेक नदियों का विस्तार है. पर दुनिया की सबसे बड़ी नदी इथियोपिया नमक देश में स्थित नील नदी है. जिसकी लम्बाई 6650 किलोमीटर है. तथा इसके बाद दूसरी सबसे बड़ी नदी अमेजन है. जिसकी लम्बाई 6400 किलोमटर लम्बी है.

नदी हमारे लिए क्या क्या करती है? - nadee hamaare lie kya kya karatee hai?

आज के ज़माने में लोग नदियों को बहुत प्रदुषण कर रहे है. जो कि हमारे लिए तथा नदियों के लिए हानिकारक हो सकता है. नदियों के कारण ही हम जल ग्रहण करते है. यदि हम इसे प्रदूषित कर देंगे. तो आने वाले दिनों में जल के सिमित संसाधन समाप्त हो जायेंगे. तथा हमारे लिए जल मिलना बहुत कठिन हो जायेगा. इसलिए नदियों को प्रदूषित न करें. तथा अपनी सुरक्षा खुद करें. 


नदियों में कचरा डालने के बजाय कचरे को कचरा पात्र में डाले तो हमारे लिए उचित रहेगा. जल का सबसे बड़ा संसाधन नदी ही है. यदि आने वाले समय में जल चाहिए. तो हमें नदियों को सुरक्षित करना होगा. नदियों को सुरक्षित करके हम अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते है.


उम्मीद करता हूँ, दोस्तों आज का हमारा लेख,निबंध,अनुच्छेद,पैराग्राफ नदी पर निबंध हिन्दी में Essay on River in Hindi//nadi par nibandh आपको पसंद आया होगा. यदि आज का लेख अच्चा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें. 

नदी पर निबंध हिंदी में (Essay on River in Hindi) कक्षा 3 से लेकर 8 तक छोटे-बड़े बदलावों के साथ पूछा जाता है। यह निबंध स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए 700+ शब्दों मे लिखा गया है। इससे विद्यार्थी अपने परीक्षा मे लिखने के लिए मदद ले सकते हैं।

पढ़ें: एक नदी की आत्मकथा

नदी पर निबंध हिन्दी में Essay on River in Hindi (700+ Words)

जीवन के शुरुआत से अंत तक नदियों का प्राणी जीवन पर उपकार रहे हैं। नदियाँ सदैव से ही मानव के लिए जीवन दायनी रही है। नदियाँ प्रकृति का अभिन्न हिस्सा है, नदियों से ही पृथ्वी पर जीवन संभव है, जीवन जीने के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्रोत जल है, जो नदियों से ही प्राप्त होता है। 

नदियाँ अपने साथ बारिश का जल एकत्र कर, उसे भू-भाग में पहुँचाने का महत्वपूर्ण काम करती हैं। नदियाँ देश के विकास में बहुत साथ देतीं हैं फिर चाहे वह आर्थिक विकास, सामाजिक विकास या फिर धार्मिक विकास ही क्यों न हो। नदी से एक नहीं अपितु कई लाभ होते हैं। नदियाँ धरती पर जीवन जीने के लिए एक आशीर्वाद हैं।

नदियों का महत्व Importance of Rivers in Hindi

नदियाँ सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक तथा अन्य कई रूप से सहायक मानी जाती हैं। नदियाँ हमें जल प्रदान करने के साथ-साथ शुद्ध वातावरण भी देती हैं। इसके अलावा नदियों से खेतों के लिए सिंचाई का पानी,पीने के लिए साफ़ पानी, जीवन निर्वाहके लिए मछली पालन रोज़गार, तथा अन्य कई सारे रोज़गार प्राप्त होते हैं।

कुछ प्राकृतिक आपदा जैसे पानी का अकाल, लम्बे समय तक बारीश का न होना ये बहुत सारी अन्य तकलीफें खड़ी कर देते हैं।

जैसे की जब पानी का अकाल पड़ जाता है तब पीने के लिए पानी नहीं होता तथा मेहनत से उगाई गई फसलें भी जल के अभाव में नष्ट हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में केवल एक मात्र सहारा नदी रह जाती है।

भारत में नदियों का धार्मिक महत्व Religious Importance of Rivers in India

भारत में नदियों को माता के रूप में पूजा जाता है, भारत में नदियों का धार्मिक इतिहास बहुत ही रोमांचक रहा है। पुराने समय से ही भारत को नदियों का देश मना जाता है, भारत में हमेशा से ही पवित्र नदियों में स्नान करने का प्रचलन चला आ रहा है।

तमाम ऋषियों ने भारत की पवित्र नदियों के किनारे बैठकर ही ज्ञान प्राप्त किया है। ऐसा मना जाता है की भारत की प्रमुख संस्कृतियों में से एक हड़प्पा तथा सिंधु घाटी सभ्यता भी नदियों के किनारे ही विकसित हुई है।

भारत में कुछ प्रमुख पवित्र नदियाँ हैं जैसे कि गंगा, यमुना, सिंधु, ब्रम्हापुत्र, घाघरा नदी, गंडक, कोसी, सरस्वती, कृष्णा, कावेरी, सरयु आदि।

दुनियाँ की बड़ी नदियाँ Few Big Rivers of The World

दुनियाँ में हर छोटी-बड़ी नदी आपस में मिलती हैं और फिर सभी का पानी समुद्र में मिल जाता है जिससे सभी नदियों के मेल से विशाल जल भंडार का निर्माण होता है दुनियाँ में कई अनगिनत नदियाँ है दुनियाँ की सबसे लंबी नदी का ख़िताब नील नदी को मिला है।

यह पूर्वी अफ्रीका से उत्तर और इसके बाद मेडीटोरियन तक 6,650 किलोमीटर के दायरे में फैली हुई है। इसके अलावा डेन्यूब, मेकांग, जांबेजी, वोल्गा, मिसीसिपी, गंगा,सेपिक, आदि अन्य बड़ी नदियों का समावेश होते है।

नदियों से होने वाले नुकसान Disadvantages of Rivers in Hindi

प्रकृति से छेड़-छाड़ के कारण कभी-कभार नदी अपना विकराल रूप धारण कर लेती हैं। नदियों का संतुलन बिगड़ने से निदियाँ अपना रौद्र रूप धारण कर तबाही का कारण बन जाती हैं। प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, सुनामी, भूस्खलन, आदि जहाँ भी आतें हैं उस जगह का अत्यधिक नुकसान करते हैं।

नदियों में बाढ़ के आने से केवल मनुष्य ही नहीं परन्तु पशु-पक्षी भी बहुत प्रभावित होते हैं, कई सारी बीमारियाँ भी जन्म लेतीं हैं, सभी जगह भयंकर माहौल बन जाता है। अनगिनत लोगों और अन्य पशु-पक्षी अपना निवास स्थान गवां देते हैं तथा बहुत से जीव अपनी जान भी गवां देते हैं। 

नदियों के सबसे बड़ी हानि के रूप में केदारनाथ की त्रासदी को ले सकते हैं जिसने हज़ारों लोगों को प्रभावित किया और आम जीवन को पटरी पर लाने के लिए समय, श्रम और धन का एक बड़ा भाग उपयोग करना पड़ा।

यह बात सत्य है की प्रकृति के असंतुलन से नदियाँ कभी कभार बहुत नुकसान कर देतीं हैं लेकिन फिर भी नदियाँ सभी के लिए जीवन दायनी हैं और मानव को नदियों क प्रति अपनी दृष्टि सुधारनी होगी और नदियों को प्राथमिकता देनी होगी और नदियों का दोहन बंद करना होगा।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख नदी पर निबंध हिंदी में Essay on River in Hindi में आपने नदियों के बारें में सरल रूप से जाना। अगर यह निबंध आपको सरल व् सटीक लगा हो तो इसे शेयर जरुर करें।

नदियों से क्या लाभ होता है?

इनका जल सिंचाई के काम में आता है। अनगिनत जीव इनसे जीवन पाते हैं। नदियों के किनारे लोग अपनी छोटी-बड़ी सभी आवश्यकताएँ जैसे सिंचाई करने, पानी पीने, कपड़े धोने, नहाने, जानवरों के लिए पानी आदि का उपयोग करते हैं। नदियों पर बाँध बनाए गए हैं।

नदियों का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

नदियाँ खेती के लिए लाभदायक उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी का उत्तम स्त्रोत होती हैं। नदियां न केवल जल प्रदान करती है बल्कि घरेलू एवं उद्योगिक गंदे व अवशिष्ट पानी को अपने साथ बहकर ले भी जाती है। बड़ी नदियों का उपयोग जल परिवहन के रूप मे भी किया जा रहा है। नदियों में मत्स्य पालन से मछली के रूप मे खाद्य पदार्थ भी प्राप्त होते हैं।

नदी क्या करती है?

नदी, जल निकास घाटी पर बरसे पानी को इकट्ठा करती है। उसे प्रवाह में शामिल कर आगे बढ़ती है। वही उसके पानी की समृद्धि का आधार होता है। नदी को अपनी यात्रा में बाढ़ के पानी के अलावा भूजल से सम्बन्धित दो प्रकार की परिस्थितियाँ मिलती हैं।

नदी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है कैसे?

नदियाँ सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक तथा अन्य कई रूप से सहायक मानी जाती हैं। नदियाँ हमें जल प्रदान करने के साथ-साथ शुद्ध वातावरण भी देती हैं। इसके अलावा नदियों से खेतों के लिए सिंचाई का पानी,पीने के लिए साफ़ पानी, जीवन निर्वाहके लिए मछली पालन रोज़गार, तथा अन्य कई सारे रोज़गार प्राप्त होते हैं।