नमस्कार! दोस्तों आज के आर्टिकल में हम जानेंगे (Madhya Pradesh ke Pramukh Andolan aur Satyagraha) मध्य प्रदेश की इतिहास संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी जिसने हम जानेंगे कि मध्य प्रदेश के इतिहास में अनेकों आंदोलनों और सत्याग्रह में का वर्णन है भारत की आजादी में मध्य प्रदेश के किन-किन क्रांतिकारियों ने भाग लिया था और किस तरह सत्याग्रह और आंदोलनों की मदद से भारत की आजादी में अपना सहयोग प्रदान किया तो आइए जानते हैं मध्य प्रदेश के इतिहास में हुए प्रमुख आंदोलनों और सत्याग्रह के बारे में जो की परीक्षा में पूछे जा सकते हैं- Show
Madhya Pradesh ke Aandolan in Hindiझंडा सत्याग्रह
चरण पादुका नरसंहार
जंगल सत्याग्रह
मध्यप्रदेश में नमक सत्याग्रह
सोहावल का नरसंहार
भोपाल राज्य का स्वतंत्रता संग्राम
पंजाब मेल हत्याकांड
चावल आंदोलन (रीवा)
जलियांवाला बाग कांड (भोपाल)
(Madhya Pradesh ke Pramukh Andolan aur Satyagraha) रतौना का सत्याग्रह
बुंदेला विद्रोह
मध्य प्रदेश के सत्याग्रह से संबंधित प्रश्नोत्तरीQ.1 सिवनी में किस नेता ने गांधी चौक पर नमक सत्याग्रह किया था ? Q.2 6 अप्रैल 1930 को किसके नेतृत्व में मध्यप्रदेश में नमक सत्याग्रह प्रारम्भ हुआ ? Q.3 मध्यप्रदेश में झंडा सत्याग्रह की शुरुआत कँहा से हुई थी ? Q.4 13 अप्रैल 1923 को नागपुर में शुरू हुए सत्याग्रह के साथ जबलपुर में किसके नेतृत्व में सत्याग्रह का आयोजन हुआ? मध्य प्रदेश में जंगल सत्याग्रह कहाँ हुआ था?महात्मा गांधी के साथ बिलासपुर में पदयात्रा भी की। इसके बाद 1922 के असहयोग आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस वजह से एक वर्ष कारावास भी झेलना पड़ा। 1930 में जब जंगल सत्याग्रह आंदोलन शुरू हुआ तो उसमें भी अंग्रेजों की खिलाफत करने लगे।
जंगल सत्याग्रह के जनक कौन?जनवरी 1922 के प्रथम सप्ताह में जंगल सत्याग्रह की घोषणा की गई। इस सत्याग्रह के सूत्रधार थे श्यामलाल सोम।
घोड़ाडोंगरी सत्याग्रह कब हुआ?घोड़ा-डोंगरी का जंगल सत्याग्रह की प्रमुख घटनाएँ बताइए। Solution : घोड़ा-डोंगरी का जंगल सत्याग्रह-आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिला स्वतन्त्रता आन्दोलन का प्रमुख केन्द्र रहा है और यहाँ के वनवासियों ने पराधीनता के विरुद्ध संघर्ष किया। सन् 1930 के जंगल सत्याग्रह के समय बैतूल के आदिवासी समुदाय ने आन्दोलन की मशाल थाम ली।
जंगल सत्याग्रह से आप क्या समझते हैं?उसी जागरूकता के परिणामस्वरूप नमक भंडारण की सुविधाओं से विहीन तथा समुद्र से दूर मध्य प्रांत एवं बरार जैसे प्रांतों में भी लोगों ने नमक कानून का विरोध किया। उसी जागरूकता के कारण लोगों ने ब्रिटिश सरकार द्वारा थोपे गए दूसरे जनविरोधी कानूनों को तोड़ने का साहस दिखाया। जंगल सत्याग्रह भी उसी जागरूकता का परिणाम था।
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