मुद्रा क्या है मुद्रा के चार कार्य लिखिए? - mudra kya hai mudra ke chaar kaary likhie?

प्रश्न : मुद्रा किसे कहते हैं? मुद्रा के कार्यों का वर्णन करें।

उत्तर : मुद्रा (करन्सी), पैसे या धन के उस रूप को कहते हैं जिस से दैनिक जीवन में क्रय और विक्रय होती है। इसमें सिक्के और काग़ज़ के नोट दोनों आते हैं। आमतौर से किसी देश में प्रयोग की जाने वाली मुद्रा उस देश की सरकारी व्यवस्था द्वारा बनाई जाती है। मसलन भारत में रुपया व पैसा मुद्रा है।

मुद्रा क्या है मुद्रा के चार कार्य लिखिए? - mudra kya hai mudra ke chaar kaary likhie?
भारतीय मुद्रा या करंसी

परिभाषा : मुद्रा की कोई भी ऐसी परिभाषा नहीं है जो सर्वमान्य हो। विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने मुद्रा की अलग-अलग परिभाषाएँ दी है।

मुद्रा : कोई भी वह वस्तु जिसे सामान्य स्वीकृति हो, वह वस्तु विनिमय का माध्यम हो, मूल्य माप तथा मूल्य संचय का कार्य करती हो, उसे हम मुद्रा कहेंगे।

मुद्रा के कार्य : आज के समय में बिना मुद्रा के हम अपना एक दिन भी नहीं गुजार सकते है क्योंकि मुद्रा के द्वारा किये जाने वाले कार्यों के द्वारा हम अपने जीवन को सुव्यवस्थित व्यतीत करते है। मानव सभ्यता के विकास में मुद्रा के कार्यों का बहुत अधिक महत्व है। प्रो. किनले ने मुद्रा के कार्यों को तीन भागों में बांटा है-

(क) प्राथमिक कार्य : प्राथमिक कार्यों में मुद्रा के उन सब कार्यों को शामिल करते है जो प्रत्येक देश में, प्रत्येक समय मुद्रा द्वारा किये जाते हैं इसमें केवल दो कार्यों को शामिल किया जाता है।

  1. विनिमय का माध्यम : विनिमय के माध्यम का अर्थ होता है कि मुद्रा द्वारा कोई भी व्यक्ति अपनी वस्तुओं को बेचता है तथा उसके स्थान में दूसरी वस्तुओं को खरीदता है। मुद्रा क्रय तथा विक्रय दोनों को बहुत आसान बना देती है। जबसे व्यक्ति ने विनिमय के माध्यम के रूप में मुद्रा का प्रयोग किया है।
  2. मूल्य का मापक : मुद्रा के द्वारा हम वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्यों को माप सकते हैं बहुत समय पहले जब वस्तु विनिमय प्रणाली होती थी उसमें वस्तुओं के मूल्यों को मापने में बहुत कठिनाई होती थी। अब वर्तमान में हम मुद्रा का प्रयोग करते है तो वस्तुओं और सेवाओं के मूल्यों को मापने ये कोई कठिनाई नहीं आती है क्योंकि मुद्रा का मूल्य के मापदण्ड के रूप में प्रयोग किया गया है।

(ख) गौण कार्य : गौण कार्य वे कार्य होते हैं जो प्राथमिक कार्यों की सहायता करते है। धीरे -धीरे जब अर्थव्यवस्था विकसित होती है तो सहायक कार्यों की भूमिका बढ़ जाती है सहायक कार्यों में हम निम्नलिखित कार्यो को शामिल करते हैं।

  1. स्थगित भुगतानों का मान : मुद्रा के इस कार्य में हम उन भुगतानों को शामिल करते है जिनका भुगतान वर्तमान में न करके भविष्य के लिए स्थगित कर दिया जाता है। स्थगित भुगतानों में ऋणों के भुगतानों को भी शामिल किया जाता है।
  2. मूल्य का संचय : जब वस्तु विनिमय प्रणाली प्रचलित थी उस समय केवल वस्तुओं को आपस में विनिमय कर सकते थे वस्तुओं को संचयित नहीं कर सकते है, परन्तु अगर आपको मुद्रा का खर्च करने का विचार न हो तो आप मुद्रा को संचय भी कर सकते है।
  3. मूल्य का हस्तांतरण : मुद्रा के द्वारा मूल्य का हस्तांतरण आसानी से हो जाता है मुद्रा में सामान्य स्वीकृति तथा तरलता का गुण होने के कारण हम इसको आसानी से हस्तांतरित कर पाते है।

(ग) आकस्मिक कार्य :आकस्मिक कार्यो की भूमिका देश के आर्थिक विकास के साथ बढ़ती जाती है। आकस्मिक कार्य निम्नलिखित है।

  1. अधिकतम सन्तुष्टि : मुद्रा को खर्च करके एक व्यक्ति अधिकतम सन्तुष्टि प्राप्त करता है क्योंकि मुद्रा से वह वस्तुएं तथा सेवायें खरीदता है तथा उससे उपयोगिता प्राप्त करता है। इसी प्रकार उत्पादक भी अधिकतम लाभ प्राप्त करता है तथा समाज मुद्रा से अपने कल्याण को भी बढ़ा सकता है।
  2. राष्ट्रीय आय का वितरण : मुद्रा के द्वारा राष्ट्रीय आय का वितरण करना भी बहुत आसान हो गया है प्रत्येक साधन को उसकी सीमान्त उत्पादकता के बराबर कीमत देकर राष्ट्रीय आय का विवरण कर सकते है।
  3. पूंजी की तरलता में वृद्धि : वस्तु विनिमय प्रणाली में वस्तुओं में तरलता का गुण नहीं होता था परन्तु मुद्रा में सामान्य स्वीकृति होने के कारण मुद्रा हमारी पूंजी को तरल बनाये रखती है।
  4. साख का आधार : वस्तु विनिमय प्रणाली में साख का निर्माण संभव नहीं था परन्तु जबसे मुद्रा का प्रचलन हुआ है। मुद्रा द्वारा हम साख का निर्माण भी कर सकते है।
  5. शोधन क्षमता की गारन्टी : मुद्रा का एक कार्य यह भी है कि यह किसी फर्म संस्था या व्यक्ति की शोधन क्षमता की गारन्टी भी देती है। प्रत्येक व्यक्ति, फर्म संस्था आदि को अपनी शोधन क्षमता की गारन्टी बनाये रखने के लिए अपने पास कुछ न कुछ मुद्रा जरूर रखनी पड़ती है। अगर उस व्यक्ति संस्था अथवा फर्म के पास मुद्रा नहीं है तो उसे दिवालिया घोषित कर दिया जाता है।

Q1: What Is Money?

Answer:

Money is an economic unit that functions as a generally recognized  medium of exchange for transactional purposes in an economy.

Money provides the service of reducing transaction cost, namely the double coincidence of wants. Money originates in the form of a commodity, having a physical property to be adopted by market participants as a medium of exchange.

Money can be: market-determined, officially issued legal tender or fiat moneys, money substitutes and fiduciary media, and electronic crypto currencies. 

Q2 What are the functions of money?

OR

Explain primary and secondary functions of money.

Answer:

Functions of money can be broadly categorised into the following two types:

(a) Primary functions

(b) Secondary functions

(a) Primary functions:

1) Medium of exchange:

● It means that money can be used to make payments for all the transactions of goods and services.

● A buyer can buy goods through money, and a seller can sell goods for money.

● It is an essential function of money.

2) Measure of value:

● Money serves as a measure of value.

● The value of all goods and services is expressed in terms of money.

(b) Secondary functions

1) Standard of deferred payments:

● It means that money acts as a ‘standard’ for making future payments.

● It has made deferred payments much easier than before.

●  Example: When we borrow money from somebody, we have to return both the principal as well as the interest amount in the future.

● Money is a convenient mode of calculation and payment of interest amount to be paid in the future.

● This function has facilitated borrowing and lending.

●  It has also led to the creation of financial institutions.

2) Store of value:

● store of value implies a store of wealth.

● Money can be easily stored for future use.

● It is the most convenient and economical means to store earnings and wealth.

3) Transfer of value:

● Money also serves for transfer of value.

● It facilitates buying and selling of goods not only in the domestic country but also in other parts of the world.

प्रेषित :
मनीष कपूर द्वारा