Mahanagar kya hai | महानगर क्या हैं | महानगर की संवैधानिक परिभाषा क्या हैं – भारत देश गाँवो में बसता हैं. लेकिन हम सभी को अपने किसी न किसी कार्य के लिए महानगर जाना होता हैं. महानगरो की जिन्दगी गावो से बहुत भिन्न होती हैं. शहरो में लोग छोटे घरो में रहते हैं. क्योंकि वहा की जनसँख्या का घनत्व गावो की अपेक्षा बहुत अधिक होता हैं. इस आर्टिकल में हम जानगे महानगर की संवैधानिक परिभाषा क्या हैं. तथा हमारे देश में महानगरो की कुल संख्या कितनी हैं. Show
महानगर शब्द का अर्थमहानगर को अंग्रेजी में मेट्रोपोलिस (metropolis) कहा जाता हैं. मेट्रोपोलिस एक ग्रीक शब्द हैं, जो दो शब्दों मेटर और पालिस से मिलकर बना हैं. मेटर शब्द का हिंदी में अर्थ मदर या माता होता हैं. वही पालिस शब्द का अर्थ नगर या सिटी होता हैं. इस प्रकार मेट्रोपोलिस का अंग्रेजी में अनुवाद सिटी की मदर और हिंदी में नगरो की माता होता हैं. हिंदी भाषा का महानगर दो शब्द महा और नगर से बना हैं. महा का अर्थ बहुत बड़ा होता हैं और नगर का अर्थ शहर होता हैं. अत बड़ा शहर ही महानगर हैं. इस आर्टिकल में हम महानगर की संवैधानिक परिभाषा भी जानेगे. संथाल विद्रोह का नेता कौन था – संथाल विद्रोह की जानकारी महानगर की प्राचीन अवधारणाप्राचीन समय जब देश में राजा और महाराज शासन करते थे. उस समय राजा राज्य के किसी विशेष क्षेत्र में अपना दरबार लगाते थे. और राजतन्त्र और शासन से जुड़े फैसले राजा यहा से लेते थे. इस प्रकार महानगर राज्य का राजनैतिक केंद्र होता हैं. इस महानगर में शासन के प्रमुख मंत्री और अधिकारी भी रहते थे. राजा और मत्रियो का महल भी महानगर में होता था. वन महोत्सव कब मनाया जाता हैं – वन महोत्सव क्यों मनाया जाता हैं प्राचीनकाल में महानगर राज्य का भौगोलिक, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और राजनैतिक केंद्र होता था. क्योंकि जहा पर राजा रहता था. वहा पर लोगो का आना जाना रहता था. लोग राजा के आस पास सेवा में रहना पसंद करते थे. इस प्रकार से एक बड़ी जनसँख्या राजा के महल के समीप रहती थी. वह केंद्र महानगर में बदल जाता था. महानगर की संवैधानिक परिभाषा क्या हैं | महानगर क्या हैं | Mahanagar kya haiसन 1942 में सविधान के 74 वे संशोधन अधिनयम के बाद महानगर को परिभाषित किया गया हैं. इस परिभाषा के अनुसार 10 लाख या इससे अधिक जनसँख्या वाला एक ऐसा क्षेत्र जिसमे एक या एक से अधिक जिले शामिल होते हैं. अन्यथा दो या दो से अधिक नगरपालिकाए या पंचायते शामिल होती हैं. वह क्षेत्र महानगर की परिभाषा में आते हैं. किसी भी क्षेत्र को महानगर घोषित करने के पीछे इन बिन्दुओ का ध्यान रखना अनिवार्य हैं. Jalvayu kise kahate hain | Jalvayu kya hai भारत में कितने महानगर हैं?2011 की नविन जनगणना के अनुसार हमारे देश में कुल 40 महानगर हैं. इस 40 महानगरो में 8 ‘मेगा सिटिज’ भी हैं. इस मेगा सिटिज के नाम निम्नलिखित हैं:
तत्व किसे कहते हैं – तत्व कितने होते हैं निष्कर्षइस आर्टिकल (Mahanagar kya hai | महानगर क्या हैं | महानगर की संवैधानिक परिभाषा क्या हैं ) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको महानगर की संवैधानिक परिभाषा के साथ अवगत कराना हैं. इस आर्टिकल में हमने बताया हैं महानगर किसे कहते हैं. 10 लाख या इससे अधिक जनसँख्या वाला एक ऐसा क्षेत्र जिसमे एक या एक से अधिक जिले शामिल होते हैं. अन्यथा दो या दो से अधिक नगरपालिकाए या पंचायते शामिल होती हैं. उन क्षेत्रो को महानगर कहते हैं. भारत में कुल 40 महानगर हैं. जनसंचार किसे कहते हैं – जनसंचार के माध्यमों के प्रकार अनुसूचित जाति किसे कहते हैं – अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति mohenjo daro kahan sthit hai -सिन्धु घाटी सभ्यता नष्ट होने के कारन आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हैं. यह हमे तभी पता चलेगा जब आप हमे निचे कमेंट करके बताएगे. यह आर्टिकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण हैं. इसलिए इस आर्टिकल को उन लोगो और दोस्तों तक पहुचाए जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि ज्ञान बाटने से हमेशा बढ़ता हैं. धन्यवाद. महानगर क्या होते हैं ये नगरीय?1 लाख से 50 लाख के बीच की आबादी को महानगरीय शहर कहा जाता है। 5 मिलियन से अधिक जनसंख्या वाली आबादी को मेगासिटी कहा जाता है। एक नगर और उस नगर का विस्तार। दो या दो से अधिक नगर और उसके विकास क्षेत्रों के साथ या बिना का क्षेत्र ।
भारत में महानगर कितने है?भारत में महानगरीय शहरों का विभाजन
इन्हें ध्यान में रखते हुए, भारत में लगभग 46 महानगर हैं। यह संख्या 2011 की नवीनतम जनगणना पर आधारित है। भारत के इन 46 महानगरों में से 8 को 'मेगा सिटीज' माना जाता है।
क्या एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना की जा सकती है नगर बहुप्रकार्यात्मक क्यों हो जाते हैं?एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना नहीं की जा सकती क्योंकि कोई भी नगर एक प्रकार्य पर आश्रित नहीं रह सकता। सभी नगर बहु-प्रकार्य होते हैं अर्थात् प्रत्येक नगर एक से अधिक प्रकार्य करता है। कुछ नगर अपने एक महत्वपूर्ण कार्य के लिए अवश्य जाने जाते हैं। अत: उसके प्रधान व्यवसाय के आधार पर ही नगर का वर्गीकरण किया जा सकता हैं।
|