सॉफ्टवेयर की महत्वपूर्ण श्रेणियां क्या हैं? - sophtaveyar kee mahatvapoorn shreniyaan kya hain?

सॉफ्टवेयर क्या हैं — What is Software in Hindi

Software

सॉफ्टवेयर क्या हैं — What is Software in Hindiकंप्यूटर सॉफ़्टवेयर, जिसे सॉफ़्टवेयर भी कहा जाता है, निर्देशों और दस्तावेज़ीकरण का एक सेट है जो कंप्यूटर को बताता है कि क्या करना है या किसी कार्य को कैसे करना है। सॉफ्टवेयर (Software) में कंप्यूटर पर सभी अलग-अलग प्रोग्राम शामिल होते हैं, जैसे एप्लिकेशन और ऑपरेटिंग सिस्टम। एप्लिकेशन ऐसे प्रोग्राम होते हैं जो एक विशिष्ट ऑपरेशन करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जैसे कि गेम या वर्ड प्रोसेसर। ऑपरेटिंग सिस्टम (जैसे मैक ओएस, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, एंड्रॉइड और विभिन्न लिनक्स वितरण) एक प्रकार का सॉफ्टवेयर (Software) है जिसका उपयोग अनुप्रयोगों को चलाने के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में किया जाता है, और डिस्प्ले और कीबोर्ड सहित सभी यूजर इंटरफेस टूल को नियंत्रित करता है।

सॉफ्टवेयर ( Software ) शब्द का प्रयोग पहली बार 1960 के दशक के अंत में कंप्यूटर हार्डवेयर से इसके अंतर पर जोर देने के लिए किया गया था, जिसे उपयोगकर्ता द्वारा भौतिक रूप से देखा जा सकता है। सॉफ्टवेयर (Software) निर्देशों का एक समूह है जिसका कंप्यूटर अनुसरण करता है। कॉम्पैक्ट डिस्क (सीडी) या इंटरनेट युग के विकास से पहले, सॉफ्टवेयर(Software) का उपयोग विभिन्न कंप्यूटर डेटा स्टोरेज मीडिया टूल्स जैसे पेपर पंच कार्ड, चुंबकीय डिस्क या चुंबकीय टेप पर किया जाता था।

फर्मवेयर शब्द का उपयोग कभी-कभी सॉफ्टवेयर (Software) की शैली का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो विशेष रूप से एक विशेष प्रकार के कंप्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के लिए बनाया जाता है और आमतौर पर कंप्यूटर में फ्लैश मेमोरी या रॉम चिप पर संग्रहीत होता है। फर्मवेयर आमतौर पर सॉफ्टवेयर (Software) के एक टुकड़े को संदर्भित करता है जो सीधे हार्डवेयर के एक टुकड़े को नियंत्रित करता है। सीडी ड्राइव के लिए फर्मवेयर या मॉडेम के लिए फर्मवेयर फर्मवेयर कार्यान्वयन के उदाहरण हैं।

आज सॉफ्टवेयर (Software) हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। सॉफ्टवेयर (Software) का इस्तेमाल हर जगह किया जाता है। सॉफ्टवेयर (Software) इंजीनियर दोष मुक्त सॉफ्टवेयर (Software) बनाने के लिए जिम्मेदार हैं जो सचमुच हमारे दैनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। परिवर्तनशीलता और अनुरूपता सॉफ्टवेयर (Software) डिजाइन के दो मुख्य गुण हैं। बिल्ड और फिक्स, वाटरफॉल और एजाइल सॉफ्टवेयर (Software) प्रोसेसिंग डिजाइन विधियों सहित सॉफ्टवेयर(Software) डिजाइन करने के लिए विभिन्न प्रसंस्करण मॉडल भी हैं।

Types of Software

विभिन्न प्रकार के सॉफ़्टवेयर को सामान्य कार्य, प्रकार या उपयोग के क्षेत्र के आधार पर श्रेणियों में रखा जा सकता है। तीन व्यापक वर्गीकरण हैं:

  1. एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Software) वर्ड प्रोसेसिंग और वेब ब्राउज़र जैसे उपयोगकर्ता कार्यों को करने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम हैं।
  2. सिस्टम सॉफ्टवेयर (Software) का उपयोग कंप्यूटर सिस्टम और नेटवर्क को शुरू करने और चलाने के लिए किया जाता है। इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम शामिल हैं।
  3. कंप्यूटर प्रोग्रामिंग टूल्स (डेवलपमेंट सॉफ्टवेयर (Software) के रूप में भी जाना जाता है) का उपयोग एप्लिकेशन और सिस्टम सॉफ्टवेयर (Software) बनाने के लिए किया जाता है। यह कंप्यूटर प्रोग्राम सोर्स कोड और लाइब्रेरी को एक्जीक्यूटेबल रैम में ट्रांसलेट और कॉम्बिनेशन करके किया जाता है। इनमें कंपाइलर और लिंकर शामिल हैं।
सॉफ्टवेयर (Software) कैसे सुरक्षित होता है

सॉफ्टवेयर (Software) कानून में बौद्धिक सम्पदा अधिकार के अन्दर सुरक्षित होता है। ट्रिप्स में सात प्रकार के बौद्धिक सम्पदा अधिकार के बारे में चर्चा की गयी है इसमें तीन प्रकार के अधिकार, यानि की कॉपीराइट (Copyright), ट्रेड सीक्रेट (Trade Secret), तथा पेटेंट (Patent या एकस्व), कंप्यूटर सॉफ्टवेयर (Software) को प्रभावित करते हैं। सॉफ्टवेयर (Software) को पेटेंट कराने का मुद्दा विवादास्पद है तथा कुछ कठिन भी। इसकी चर्चा हम अलग से पेटेंट एवं कमप्यूटर सॉफ्टवेय(Software) र के अन्दर की गई है।

  • कॉपीराइट के प्रकार: ‘सोर्स कोड और ऑबजेक्ट कोड’ शीर्षक के अन्दर पर चर्चा की थी कि आजकल सोर्सकोड उच्चस्तरीय कंप्यूटर भाषाओं (high level languages) में अंग्रेजी भाषा के शब्दों एवं वर्णमाला का प्रयोग करते हुये लिखा जाता है। यह उस सॉफ्टवेयर(Software) के कार्य करने के ठंग को बताता है तथा यह एक प्रकार का वर्णन है। यदि, इसे प्रकाशित किया जाता है तो उस सॉफ्टवेयर(Software) के मालिक या जिसने उसे लिखा है उसका कॉपीराइट होता है।

ऑब्जेक्ट कोड कम्प्यूटर को चलाता है और यह सदा प्रकाशित होता है, परन्तु क्या यह किसी चीज़ का वर्णन है अथवा नहीं इस बारे में शंका थी। ट्रिप्स के समझौते के अन्दर यह कहा गया कि कंप्यूटर प्रोग्राम को कॉपीराइट के समान सुरक्षित किया जाय। इसलिये ऑब्जेक्ट कोड हमारे देश में तथा संसार के अन्य देशों में इसी प्रकार से सुरक्षित किया गया है।

कंप्यूटर प्रोग्राम के ऑबजेक्ट कोड तो प्रकाशित होतें हैं पर सबके सोर्स कोड प्रकाशित नहीं किये जाते हैं। जिन कमप्यूटर प्रोग्राम के सोर्स कोड प्रकाशित किये जाते हैं उनमें तो वे कॉपीराइट से सुरक्षित होते हैं। पर जिन कंप्यूटर प्रोग्राम के सोर्स कोड प्रकाशित नहीं किये जाते हैं वे ट्रेड सीक्रेट की तरह सुरक्षित होते हैं।

  • ट्रेड सीक्रेट की तरह: मालिकाना कंप्यूटर प्रोग्राम में सामान्यत: सोर्स कोड प्रकाशित नहीं किया जाता है तथा वे सोर्स कोड को ट्रेड सीक्रेट की तरह ही सुरक्षित करते हैं। यह भी सोचने की बात है कि वे सोर्स कोड क्यों नहीं प्रकाशित करते हैं?

सोर्स कोड से ऑब्जेक्ट कोड कम्पाईल (compile) करना आसान है; यह हमेशा किया जाता है और इसी तरह प्रोग्राम लिखा जाता है। पर इसका उल्टा यानि कि ऑबजेक्ट कोड से सोर्स कोड मालूम करना असम्भव तो नहीं पर बहुत मुश्किल तथा महंगा है। इस पर रिवर्स इन्जीनियरिंग का कानून भी लागू होता है। इसी लिये सोर्स कोड प्रकाशित नहीं किया जाता है। इसे गोपनीय रख कर, इसे ज्यादा आसानी से सुरक्षित किया जा सकता है। रिवर्स इन्जीनियरिंग भी रोचक विषय है, इसके बारे पर फिर कभी।

  • पेटेन्ट की तरह: ‘बौद्धिक सम्पदा अधिकार (Intellectual Property Rights)’ शीर्षक में चर्चा हुई थी कि सॉफ्टवेयर (Software) को पेटेन्ट के द्वारा भी सुरक्षित करने के भी तरीके हैं कई मालिकाना सॉफ्टवेयर (Software) इस तरह से भी सुरक्षित हैं पर यह न केवल विवादास्पद हैं, पर कुछ कठिन भी हैं। इसके बारे में फिर कभी।
  • सविंदा कानून के द्वारा: सविंदा कानून (Contract Act) भी सॉफ्टवेयर (Software) की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप इस धोखे में न रहें कि आप कोई सॉफ्टवेयर (Software) खरीदते हैं। आप तो केवल उसको प्रयोग करने के लिये लाइसेंस लेते हैंl आप उसे किस तरह से प्रयोग कर सकते हैं यह उसकी शर्तों पर निर्भर करता है। लाइसेंस की शर्तें महत्वपूर्ण हैं। यह सविंदा कानून के अन्दर आता है।

ओपेन सोर्स सौफ्टवेयर में सोर्स कोड हमेशा प्रकाशित होता है। इसके लिखने वाले इस पर किस तरह का अधिकार रखते हैं यह लाइसेंसों की शर्तों पर निर्भर करता है, जिनके अन्तर्गत वे प्रकाशित किये जाते हैं। ओपेन सोर्स सौफ्टवेयर में कुछ लाइसेन्स की शर्तें उसे कॉपीलेफ्ट (Copyleft) करती हैं। इसे फ्री सॉफ्टवेर या जीपीएल्ड सॉफ्टवेर (GPLed) भी कहा जाता है। इन सोफ्ट्वेयर को कोइ भी व्यक्ति मुफ्त में डाउनलोड कर सकता है, इस्तेमाल कर सकता है, वितरीत कर सकता है एवम इसमे अपनी जरूरत के मुताबिक बदलाव भी कर सकता है। ओपन सोर्स सोफ्टवेयर केवल मशीनी सामग्री भर न हो कर तकनीक, विज्ञान और कला का अद्भूत सन्गम है। इसने कम्प्यूटर जगत में एक क्रान्ति की शुरुआत कर दी है। केवल ओपन सोर्स सोफ्टवेयर ही सम्पूर्ण विश्व में अधिकाधिक लोगों तक कम्प्यूटर तकनीक को पहुँचाने के सपने को पूरा करता है।

एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Software)

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर’ (Software) ऐसे प्रोग्रामों को कहा जाता है, जो हमारे कंप्यूटर पर आधारित मुख्य कामों को करने के लिए लिखे जाते हैं। आवश्यकतानुसार भिन्न-भिन्न उपयोगों के लिए भिन्न-भिन्न सॉफ्टवेयर (Software) होते हैं। वेतन की गणना, लेन-देन का हिसाब, वस्तुओं का स्टाक रखना, बिक्री का हिसाब लगाना आदि कामों के लिए लिखे गए प्रोग्राम ही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Software) कहे जाते हैं।

सॉफ्टवेयर की महत्वपूर्ण श्रेणियां क्या है?

सिस्टम सॉफ्टवेयर को दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है; सिस्टम मैनेजमेंट प्रोग्राम और सिस्टम यूटिलिटीज प्रोग्राम। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) : यह एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर है जो उपयोगकर्ता को एकल या एकाधिक कार्य (Single or Multiple Tasks) करने में मदद करता है।

कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर का क्या महत्व है?

सिस्टम सॉफ्टवेयर ही हार्डवेयर में जान डालता है। ऑपरेटिंग सिस्टम, कम्पाइलर आदि सिस्टम सॉफ्यवेयर के मुख्य भाग हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के कामकाज पर नियंत्रण रखता है। और यह सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के बाहरी उपकरणों जैसे मॉनिटर प्रिंटर और स्टोरेज डिवाइस पर अपना नियंत्रण रखता है।

सॉफ्टवेयर को हिंदी में क्या कहते हैं?

Software की हिंदी अर्थ होता है प्रक्रिया सामग्री।

सॉफ्टवेयर के दो प्रमुख प्रकार कौन से हैं?

सॉफ्टवेयर के प्रकार - Types of Software or Computer.
सिस्‍टम सॉफ्टवेयर (system software).
एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Application software).
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility software).