महिला शिक्षा
इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में भारत में महिला शिक्षा की स्थिति तथा इस संदर्भ में सरकारी प्रयासों पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं। Show
“आप किसी राष्ट्र में महिलाओं की स्थिति देखकर उस राष्ट्र के हालात बता सकते हैं” -जवाहरलाल नेहरू किसी भी राष्ट्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में महिलाओं की भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता। महिला और पुरुष दोनों समान रूप से समाज के दो पहियों की तरह कार्य करते हैं और समाज को प्रगति की ओर ले जाते हैं। दोनों की समान भूमिका को देखते हुए यह आवश्यक है कि उन्हें शिक्षा सहित अन्य सभी क्षेत्रों में समान अवसर दिये जाएँ, क्योंकि यदि कोई एक पक्ष भी कमज़ोर होगा तो सामाजिक प्रगति संभव नहीं हो पाएगी। परंतु देश में व्यावहारिकता शायद कुछ अलग ही है, वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में महिला साक्षरता दर मात्र 64.46 फीसदी है, जबकि पुरुष साक्षरता दर 82.14 फीसदी है। उल्लेखनीय है कि भारत की महिला साक्षरता दर विश्व के औसत 79.7 प्रतिशत से काफी कम है। भारत में महिला शिक्षा वर्तमान परिदृश
भारत में महिला शिक्षा का इतिहासभारत में महिला शिक्षा की वर्तमान स्थिति को समझने के लिये आवश्यक है कि इतिहास में इसकी विकास यात्रा को भी समझा जाए। इसे मुख्यतः 3 भागों (1) प्राचीन वैदिक काल, (2) ब्रिटिश इंडिया और (3) स्वतंत्र भारत में विभाजित कर देखा जा सकता है। प्राचीन वैदिक काल
ब्रिटिश इंडिया
स्वतंत्र भारत
महिला शिक्षा की आवश्यकता
महिला शिक्षा के मार्ग में बाधाएँ:
महिला शिक्षा हेतु सरकार के प्रयास
प्रश्न: भारत में महिला शिक्षा की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए इस संदर्भ में सरकार द्वारा किये गए प्रयासों का उल्लेख कीजिये? भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय महिला शिक्षा समिति का गठन कब किया गया?(क) राष्ट्रीय महिला-शिक्षा समिति, 1958- भारत सरकार ने सन् 1958 में महिला शिक्षा, की विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु सुझाव प्रस्तुत करने के लिये श्रीमती दुर्गाबाई देशमुख की अध्यक्षता में राष्ट्रीय महिला शिक्षा-समिति की नियुक्ति की। इस समिति को देशमुख समिति भी कहा जाता है।
बिहार राज्य में स्त्रियों की शिक्षा में सुधार हेतु कौन कौन से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं?यूथ क्लब के नोडल शिक्षक पवन कुमार ने कहा कि बिहार में नारी शिक्षा के उत्थान के लिए सरकार द्वारा अनेक बालिका प्रोत्साहन योजनाएं यथा बालिका साइकिल योजना, बालिका पोशाक योजना, बालिका छात्रवृत्ति योजना आदि चलाए जा रहे हैं जो नारी शिक्षा के प्रति सरकार के सकारात्मक नजरिए को प्रदर्शित करता है।
भारत में महिलाओं के बीच शिक्षा के लिए क्या किया जा रहा है?स्त्री शिक्षा की आवश्यकता
स्त्री शिक्षा से बौद्धिक विकास प्राप्त होगा जिससे समाज के व्यवहार में सरसता आएगी। मानसिक और नैतिक शक्ति के विकास में महिलाएं पुरूषों का सम्पूर्ण योगदान दे रही हैं। एक शिक्षित नारी गृहस्थ-जीवन में शांति और खुशहाली का स्रोत होती है। स्त्री शिक्षा हमारे संस्कृति के ऊर्जा और विकास का संचार है।
भारत में स्त्रियों की स्थिति में सुधार लाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?इसके अतिरिक्त अनैतिक व्यापार( निवारण) अधिनियम 1956, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, कुटुम्ब न्यायालय अधिनियम 1984, महिलाओं का अशिष्ट रूपण ( प्रतिषेध) अधिनियम 1986, सती निषेध अधिनियम 1987, राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम 1990, गर्भधारण पूर्वलिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, बाल ...
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