लाल डस्टबिन में क्या डाला जाता है? - laal dastabin mein kya daala jaata hai?

जब हम घर साफ करते हैं तो कूड़ा भी इकट्ठा होता है, जिस हम बाहर घर से कुछ दूरी पर फेंक देते हैं। घर में इकट्ठा होने वाले कूड़े को कैसे फेंके, जिससे पर्यावरण और घर के आस-पास की जगह सुरक्षित रहें।शहर में घरों से प्रतिवर्ष लगभग 100 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। इसमें प्लास्टिक बैग और पॉलीथिन की मात्रा अधिक होती है। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति खत्म होती है और ये पानी को जहरीला बनाते हैं।कूड़े-कचरे का सही प्रकार से निष्पादन न होने से पर्यावरण गन्दा होता है। दुर्गन्ध फैलने के अतिरिक्त इसमें कीटाणु भी पनपते हैं जो कि विभिन्न रोगों के कारक होते हैं। ऐसे स्थानों पर मच्छर, मक्खियाँ और चूहे भी पनपते हैं। यह लाल, पीले, नीले, काले, और हरे रंग के होते हैं। जिससे एक समान कचरा एक साथ इक्क्ठा किया जा सके और उसी हिसाब से उसका प्रबंध किया जा सके। आइये देखते हैं किस रंग के कचरे के डिब्बे में कौन से किस्म का कचरा डाला जाता है।


हरे रंग के कूड़ेदान में डालें गीला कचरा

रसोई घर से निकलने वाला सभी तरह का गीला कचरा हरे रंग के डस्टबिन में डालें। सब्जियों-फल के छिलके, चाय पत्ती, बचा खाना, गले सड़े फल एवं सब्जियां खाना बनाने के दौरान जो गीला कचरा इकट्ठा होता है उसे हरे डस्टबिन में डालना है। इसके अलावा पूजा सामग्री, फूल भी हरे रंग के डस्टबिन में डालने हैं।


नीले रंग के कूड़ेदान में डालें सूखा कचरा

नीले रंग के डस्टबिन में प्लास्टिक का सामान, पेपर वेस्ट और अन्य ड्राइ वेस्ट डाला जाएगा।प्लास्टिक कवर, बोटल, चिप्स पैकेट के रैपर, दूध की खाली थैली, पिज्जा बॉक्स पेपर, मेटल, जार व अन्य प्रकार का हार्ड वेस्ट समेत जो भी घर में सूखा कचरा निकलता है उसे नीले रंग के कूड़ेदान में डालना है।


काले रंग के कूड़ेदान 

काले रंग के कूड़ेदान में खतरनाक ठोस अपशिष्ट डालने हैं जिसमें किसी भी प्रकार का बायोमेडिकल बैट्री, बल्ब, बेबी डायपर, सैनिटरी पैड्स, एक्सपायर हो चुकी दवाइयां, ईयर बड्स, डेड पेस्ट, सूख चुके पेंट, इंजेक्शन और सिरिंज, सौंदर्य प्रसाधन और ऐसी अन्य केमकिल युक्त चीजें वे अब काले रंग वाले डस्टबिन में डाले।


पीला रंग के कूड़ेदान 

पीले रंग के डिब्बे में मानव उत्तक (टिश्यू), रक्त रंजित रुई, पट्टियां, प्लेसेंटा (बच्चे की नाल), मान के कटे हुए भाग आदि डाले जाते हैं।


लाल रंग के कूड़ेदान 

पैथोलॉजी, ब्लड बैंक, ऑपरेशन थियेटर, जनरल वार्ड, बर्न वार्ड आदि में रखे रहने वाले लाल रंग के डिब्बे में ट्यूबिन, ग्लब्स, आईवी सेट, ब्लड बैग, यूरिन बैग, सि¨रज जैसी इंफेक्टेड सामग्री डाली जाती है।

नोएडा अथॉरिटी 1 जुलाई से शहर में वेस्ट सेगरीगेशन (गीला-सूखा कचरा अलग-अलग) शुरू करने जा रही है। अगर आप कन्फ्यूज हैं कि कौन से डस्टबिन में कौन सा कूड़ा डालना है तो एनबीटी इसके बारे में आपको जानकारी दे रहा है। घर में आपको दो डस्टबिन रखने हैं। एक में किचन वेस्ट और दूसरे में सूखा कचरा डालना है। इसके अलावा बायोमेडिकल वेस्ट को अलग से दें। सार्वजनिक स्थानों पर तीन तरह के डस्टबिन रखे जाएंगे।

हरे कूड़ेदान में डालें गीला कचरा

रसोई घर से निकलने वाला सभी तरह का गीला कचरा इसमें डालें। सब्जियों-फल के छिलके, चाय पत्ती, खाना बनाने के दौरान जो गीला कचरा इकट्ठा होता है उसे हरे डस्टबिन में डालना है। इसके अलावा पूजा सामग्री, फूल भी इसी में डालने हैं।

नीले में डालें सूखा कचरा

प्लास्टिक कवर, बोटल, चिप्स पैकेट के रैपर, दूध की खाली थैली, पिज्जा बॉक्स पेपर, मेटल, जार व अन्य प्रकार का हार्ड वेस्ट समेत जो भी घर में सूखा कचरा निकलता है उसे नीले कूड़ेदान में डालना है।

लाल या काले डस्टबिन में डालें यह सामान

इसमें खतरनाक ठोस अपशिष्ट डालने हैं जिसमें किसी भी प्रकार का बायोमेडिकल वेस्ट, सेनिटरी नेपकिन, डायपर, कंडोम, एक्सपायर दवाई।

सिविल अस्पताल में बीटीओ डॉ. माधवी अरोड़ा की अध्यक्षता में बायोमेडिकल वेस्ट के प्रति जागरूक करने के लिए सफाई कर्मचारियों के साथ बेसिक ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया।

इसमें एसएमओ डॉ. भूपिंदर सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे। वक्ताओं ने उपस्थित कर्मचारियों को सिविल अस्पताल में कूड़ा-कर्कट के अलावा बायोमेडिकल वेस्ट को ठिकाने लगाने की ट्रेनिंग दी। एसएमओ डॉ. भूपिंद्र सिंह ने बताया कि अस्पताल में रखे हरे डस्टबिन में कूड़ा-कर्कट व जनरल वेस्ट डालना चाहिए, इसके अलावा पीले डस्टबिन में खून से रिलेटेड वेस्ट व शरीर के कटे अंग आदि को डालना चाहिए। लाल डस्टबिन में प्लास्टिक से रिलेटेड वेस्ट डाला जाता है। उन्होंने बताया कि पारदर्शी सफेद डस्टबिन में इस्तेमाल किए नीडल व इंजेक्शन का वेस्ट डाला जाता है। इसके अलावा ट्रेनिंग दौरान दर्जा चार कर्मचारियों को सफाई के प्रति सचेत रहने का परामर्श दिया गया, ताकि सिविल अस्पताल जर्म रहित रहे। इस मौके पर मोनिका, जसमीत, कनिका डोगरा आदि मौजूद रहे।

इसे सुनेंरोकें-लाल: पैथोलॉजी, ब्लड बैंक, ऑपरेशन थियेटर, जनरल वार्ड, बर्न वार्ड आदि में रखे रहने वाले लाल रंग के डिब्बे में ट्यूबिन, ग्लब्स, आईवी सेट, ब्लड बैग, यूरिन बैग, सि¨रज जैसी इंफेक्टेड सामग्री डाली जाती है।

घरेलू कचरे का निष्पादन कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंएक लकड़ी के बक्से या मिट्टी के गड्ढे में एक परत जैविक विघटन कचरे की परत बिछाई जाती है और उसके ऊपर कुछ केचुएँ छोड़ देते हैं। उसके ऊपर कचरा डाल दिया जाता है और गीलापन बरकरार रखने के लिए पानी का छिड़काव किया जाता है। कुछ समय के उपरान्त यह बहुत ही अच्छी खाद के रूप में परिवर्तित हो जाती है।

डस्टबिन कितने प्रकार के होते हैं Hospital?

इसे सुनेंरोकेंइसके लिए अस्पताल में चार रंगों के अलग-अलग बडे़ डस्टबिन रखने होंगे। इनमें लाल, नीला, पीला और काले रंग के होंगे।

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हॉस्पिटल में डस्टबिन कितने रंग के होते हैं *?

इसे सुनेंरोकेंयह लाल, पीले, नीले, काले, और हरे रंग के होते हैं। जिससे एक समान कचरा एक साथ इक्क्ठा किया जा सके और उसी हिसाब से उसका प्रबंध किया जा सके।

कचरे का उपयोग कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंकचरा बीनने वाले लोग कचरा जमा करते हैं और प्‍लास्टिक के कचरे को नगर निगम के संग्रह केन्‍द्रों पर जमा करा देते हैं. प्‍लास्टिक के इस कचरे को छांटकर और तार-तार करके गांठों में बांधा जाता है. इन गांठों को बाद में सीमेंट की भट्टियों में प्रोसेसिंग के लिए ले जाया जाता है या सड़क बनाने के काम में लिया जाता है.

कचरे का दोबारा उपयोग कैसे कर सकते हैं?

इसे सुनेंरोकें(क) कम्पोस्टिंग (खाद बनाना): यह वह प्रक्रिया है जिससे घरेलू कचरा जैसे घास, पत्तियाँ, बचा खाना, गोबर वगैरह का प्रयोग खाद बनाने में किया जाता है। गोबर और कूड़े-कचरे की खाद तैयार करने के लिए एक गड्ढा खोदें। गड्ढे का आकार कूड़े की मात्रा तथा उपलब्ध स्थान के अनुरूप हो।

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घरेलू कचरा क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंशहरों में घरेलू कचरा आज एक बड़ी समस्या के रूप में अवतरित हो चुका है। रोजाना घरों, होटलों और अन्य व्यवसायिक स्थानों से लाखों टन कचरा उत्पन्न होता है जिसमें कागज, गत्ते, कांच, प्लास्टिक, पॉलिथीन के पैकेट, धातुएं, सड़ी-गली सब्जियां, और अन्य तरह के सामान शामिल होते हैं।

हॉस्पिटल में कितने प्रकार के कूड़ेदान होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइसीलिए अब अस्पतालों में कचरा प्रबंधन करने के लिए अलग-अलग रंग के कचरे के डिब्बे इस्तेमाल किए जाते हैं। यह लाल, पीले, नीले, काले, और हरे रंग के होते हैं। जिससे एक समान कचरा एक साथ इक्क्ठा किया जा सके और उसी हिसाब से उसका प्रबंध किया जा सके।

ग्रामीण इलाकों में ठोस अपशिष्ट के क्या स्रोत है?

इसे सुनेंरोकेंग्रामीण क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों से सूखे पत्ते, प्लास्टिक, रस्सी, नारियल की छाल जैसे अपशिष्ट उत्पन्न होते हैं।

लाल डिब्बे में कौन सा कचरा डाला जाता है?

पैथोलॉजी, ब्लड बैंक, ऑपरेशन थियेटर, जनरल वार्ड, बर्न वार्ड आदि में रखे रहने वाले लाल रंग के डिब्बे में ट्यूबिन, ग्लब्स, आईवी सेट, ब्लड बैग, यूरिन बैग, सि¨रज जैसी इंफेक्टेड सामग्री डाली जाती है।

हरा डस्टबिन में कौन सा कचरा डाला जाता है?

Video Solution: हरे रंग वाले कूड़ेदान में कौन-से पदार्थ का कचरा डाला जाता है? Solution : पादप अपशिष्ट, कागज़, जंतु अपशिष्ट (विगलित होने वाले पदार्थ)।

नीला डस्टबिन में क्या डालते हैं?

प्लास्टिक कवर, बोटल, चिप्स पैकेट के रैपर, दूध की खाली थैली, पिज्जा बॉक्स पेपर, मेटल, जार व अन्य प्रकार का हार्ड वेस्ट समेत जो भी घर में सूखा कचरा निकलता है उसे नीले कूड़ेदान में डालना है।

कूड़ेदान कितने रंग के होते हैं?

यह लाल, पीले, नीले, काले, और हरे रंग के होते हैं। जिससे एक समान कचरा एक साथ इक्क्ठा किया जा सके और उसी हिसाब से उसका प्रबंध किया जा सके। आइये देखते हैं किस रंग के कचरे के डिब्बे में कौन से किस्म का कचरा डाला जाता है।