लेखक की हथेली पर कौन आ गई थी? - lekhak kee hathelee par kaun aa gaee thee?

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Question 1.
लेखक के हाथ पर बेर की झाड़ी से क्या गिरा?
(a) बेर
(b) पत्ता
(c) पानी की बूंद
(d) टहनी का एक टुकड़ा

Answer

Answer: (b) पत्ता


Question 2.
सितार के तारों सी झंकार कहाँ-से उत्पन्न हुई थी?
(a) सितार से
(b) पानी
(c) बूंद से
(d) बादल से

Answer

Answer: (c) बूंद से


Question 3.
बूंद किसके समान थी?
(a) चाँदी जैसी
(b) मोतियों जैसी
(c) ओस जैसी
(d) पानी के

Answer

Answer: (b) मोतियों जैसी


Question 4.
यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
(a) मेरी कहानी
(b) पानी की कहानी
(c) बूंद की कहानी
(d) मैं एक बूंद

Answer

Answer: (b) पानी की कहानी


Question 5.
प्रकाश-पिंड कैसा दिखाई पड़ रहा था?
(a) अत्यंत चमकदार
(b) कम चमकीला
(c) बहुत धुंधला
(d) प्रकाश से हीन

Answer

Answer: (a) अत्यंत चमकदार


Question 6.
समुद्र का भाग कौन बन चुकी थी?
(a) नदियाँ
(b) मछलियाँ
(c) जल में रहने वाले पेड़ पौधे
(d) पानी की बूंद

Answer

Answer: (d) पानी की बूंद


Question 7.
पृथ्वी के भीतर खोखले स्थान तक पहुँचने में बूंद को कितनी दूर चलना पड़ा?
(a) थोड़ी दूर
(b) कई मील दूर
(c) एक मील दूर
(d) दो मील दूर

Answer

Answer: (c) एक मील दूर


Question 8.
पिंड किसकी ओर तेज़ी से बढ़ रहा था?
(a) सूर्य की ओर
(b) चंद्रमा की ओर
(c) आकाश की ओर
(d) चारों ओर

Answer

Answer: (a) सूर्य की ओर


(1)

मैं आगे बढ़ा ही था कि बेर की झाड़ी पर से मोती-सी एक बूंद मेरे हाथ पर आ पड़ी। मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब मैंने देखा कि ओस की बूंद मेरी कलाई पर से सरककर हथेली पर आ गई। मेरी दृष्टि पड़ते ही वह ठहर गई। थोड़ी देर में मुझे सितार के तारों की-सी झंकार सुनाई देने लगी। मैंने सोचा कि कोई बजा रहा होगा। चारों ओर देखा। कोई नहीं। फिर अनुभव हुआ कि यह स्वर मेरी हथेली से निकल रहा है। ध्यान से देखने पर मालूम हुआ कि बूंद के दो कण हो गए हैं और वे दोनों हिल-हिलकर यह स्वर उत्पन्न कर रहे हैं मानो बोल रहे हों।

Question 1.
लेखक और पाठ का नाम बताइए
(a) एक बूंद – रामचंद्र तिवारी
(b) पानी की बूंद – पी. साईनाथ
(c) पानी की कहानी – रामचंद्र तिवारी
(d) पानी और कहानी – पी. साईनाथ

Answer

Answer: (c) पानी की कहानी – रामचंद्र तिवारी


Question 2.
बूंद को किसके समान बताया गया है?
(a) बेर के
(b) मोती के
(c) ओस के
(d) पानी के

Answer

Answer: (b) मोती के


Question 3.
बूंद कहाँ ठहर गई ?
(a) कलाई पर
(b) हथेली पर
(c) बेरी की झाड़ पर
(d) पत्ते पर

Answer

Answer: (c) बेरी की झाड़ पर


Question 4.
बूंद के कितने कण हो गए?
(a) चार
(b) तीन
(c) दो
(d) पाँच

Answer

Answer: (c) दो


(2)

“मैं लगभग तीन दिन तक यह साँसत भोगती रही। मैं पत्तों के नन्हें-नन्हें छेदों से होकर जैसे-तैसे जान बचाकर भागी। मैंने सोचा था कि पत्ते पर पहुँचते ही उड़ जाऊँगी। परंतु, बाहर निकलने पर ज्ञात हुआ कि रात होनेवाली थी और सूर्य जो हमें उड़ने की शक्ति देते हैं, जा चुके हैं, और वायुमंडल में इतने जल कण उड़ रहे हैं कि मेरे लिए वहाँ स्थान नहीं है तो मैं अपने भाग्य पर भरोसा कर पत्तों पर ही सिकुड़ी पड़ी रही। अभी जब तुम्हें देखा तो जान में जान आई और रक्षा पाने के लिए तुम्हारे हाथ पर कूद पड़ी।”

Question 1.
बूंद तीन दिन तक कहाँ साँसत भोगती रही।
(a) धरती में
(b) पेड़ की पत्तियों पर
(c) तने और पत्तियों के बीच
(d) वायुमंडल में फँसकर

Answer

Answer: (b) पेड़ की पत्तियों पर


Question 2.
वह लेखक के हाथ पर क्यों कूदी?
(a) क्योंकि सुबह तक सहारा पाना चाहती थी।
(b) उसे लेखक ने स्वयं अपने हाथ पर लिया
(c) पत्ते पर टिकने का सहारा न था
(d) उपर्युक्त सभी

Answer

Answer: (a) क्योंकि सुबह तक सहारा पाना चाहती थी।


Question 3.
बूंद ने रात कहाँ बिताई ?
(a) फूल की पाँखुड़ी पर
(b) पेड़ की पत्तियों पर
(c) पेड़ की शाखा पर
(d) बादलों की गोद में

Answer

Answer: (b) पेड़ की पत्तियों पर


Question 4.
‘साँसत’ शब्द का अर्थ है-
(a) साँस न ले पाना
(b) दुख
(c) दबाव
(d) भूख-प्यास

Answer

Answer: (b) दुख


(3)

समुद्र का भाग बनकर मैंने जो दृश्य देखा वह वर्णनातीत है। मैं अभी तक समझती थी कि समुद्र में केवल मेरे बंधु-बांधवों का ही राज्य है, परंतु अब ज्ञात हुआ कि समुद्र में चहल-पहल वास्तव में दूसरे ही जीवों की है और उसमें निरा नमक भरा है। पहले-पहल समुद्र का खारापन मुझे बिलकुल नहीं भाया, जी मचलाने लगा। पर धीरे-धीरे सब सहन हो चला। एक दिन मेरे जी में आया कि मैं समुद्र के ऊपर तो बहुत घूम चुकी हूँ, भीतर चलकर भी देखना चाहिए कि क्या है ? इस कार्य के लिए मैंने गहरे जाना प्रारंभ कर दिया।
मार्ग में मैंने विचित्र-विचित्र जीव देखे। मैंने अत्यंत धीरे-धीरे रेंगने वाले घोंघे, जालीदार मछलियाँ, कई-कई मन भारी कछुवे और हाथोंवाली मछलियाँ देखीं। एक मछली ऐसी देखी जो मनुष्य से कई गुना लंबी थी। उसके आठ हाथ थे। वह इन हाथों से अपने शिकार को जकड़ लेती थी।

Question 1.
लेखक ने समुद्र का कौन-सा भाग देखा?
(a) मछलियाँ
(b) खर-पतवार
(c) पानी की बूंद
(d) नदियाँ

Answer

Answer: (c) पानी की बूंद


Question 2.
निरा नमक कहाँ भरा हुआ है?
(a) तालाब में
(b) नदी में
(c) झील में
(d) समुद्र में

Answer

Answer: (d) समुद्र में


Question 3.
बूंद ने इनमें कौन-सा जीव नहीं देखा था?
(a) मगरमच्छ
(b) घड़ियाल
(c) कछुआ
(d) मछलियाँ

Answer

Answer: (a) मगरमच्छ


Question 4.
मछली शिकार को कैसे पकड़ती थी?
(a) पंखों में दबोचकर
(b) मुँह में दबाकर
(c) हाथों से
(d) अन्य मछलियों की मदद से

Answer

Answer: (c) हाथों से


(4)

मैं अपने दूसरे भाइयों के पीछे-पीछे चट्टान में घुस गई। कई वर्षों में कई मील मोटी चट्टान में घुसकर हम पृथ्वी के भीतर एक खोखले स्थान में निकले और एक स्थान पर इकट्ठा होकर हम लोगों ने सोचा कि क्या करना चाहिए। कुछ की सम्मति में वहीं पड़ा रहना ठीक था। परंतु हममें कुछ उत्साही युवा भी थे। वे एक स्वर में बोले-हम खोज करेंगे, पृथ्वी के हृदय में घूम-घूम कर देखेंगे कि भीतर क्या छिपा हुआ है।”
“अब हम शोर मचाते हुए आगे बढ़े तो एक ऐसे स्थान पर पहुँचे जहाँ ठोस वस्तु का नाम भी न था। बड़ी-बड़ी चट्टानें लाल-पीली पड़ी थीं और नाना प्रकार की धातुएँ इधर-उधर बहने को उतावली हो रही थीं।

Question 1.
पृथ्वी के भीतर खोखले स्थान तक पहुँचने में बूंद को कितने दूर चलना पड़ा?
(a) थोड़ी दूर
(b) कई मील दूर
(c) एक मील दूर
(d) दो मील दूर

Answer

Answer: (b) कई मील दूर


Question 2.
मैं अपने दूसरे भाइयों के पीछे-पीछे में ये भाई कौन हैं?
(a) जीव
(b) चट्टानें
(c) अन्य बूंदें
(d) कोई नहीं

Answer

Answer: (c) अन्य बूंदें


Question 3.
बूंदें चट्टान में घुसकर कहाँ निकली हैं?
(a) पृथ्वी में
(b) चट्टान में
(c) पृथ्वी के खोखले स्थान में
(d) पानी में

Answer

Answer: (d) पानी में


Question 4.
उत्साही युवाओं से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
(a) अपनी मन मर्जी करने की
(b) अकेला चलने की
(c) निरंतर आगे बढ़ते रहने की
(d) झुंड में चलने की

Answer

Answer: (c) निरंतर आगे बढ़ते रहने की


(5)

हम लोग अब एक ऐसे स्थान पर पहुँचे जहाँ पृथ्वी का गर्भ रह-रहकर हिल रहा था। एक बड़े ज़ोर का धड़ाका हुआ। हम बड़ी तेज़ी से बाहर फेंक दिए गए। हम ऊँचे आकाश में उड़ चले। इस दुर्घटना से हम चौंक पड़े थे। पीछे देखने से ज्ञात हुआ की पृथ्वी फट गई है और उसमें धुआँ, रेत, पिघली धातुएँ तथा लपटें निकल रही हैं। यह दृश्य बड़ा ही शानदार था और इसे देखने की हमें बार-बार इच्छा होने लगी।

Question 1.
पृथ्वी का गर्भ क्यों हिल रहा था?
(a) भूचाल के कारण
(b) क्योंकि गरमी के कारण ज्वालामुखी फटनेवाला था
(c) पृथ्वी के नीचे पानी की मात्रा अधिक होने के कारण
(d) पृथ्वी में कंपन होने के कारण पानी की कहानी

Answer

Answer: (b) क्योंकि गरमी के कारण ज्वालामुखी फटनेवाला था


Question 2.
पृथ्वी के नीचे से क्या-क्या तत्व निकला?
(a) धुआँ, रेत, मिट्टी व लपटें
(b) धुआँ रेत, लौह धातुएँ व लपटें
(c) धुआँ, रेत, पिघली धातुएँ, व हीरे
(d) धुआँ, रेत, पानी व पिघली धातुएँ

Answer

Answer: (b) धुआँ रेत, लौह धातुएँ व लपटें


Question 3.
बूंद को वहाँ का दृश्य कैसा लगा?
(a) मार्मिक
(b) बेकार
(c) शानदार
(d) भयानक

Answer

Answer: (b) बेकार


Question 4.
‘हमलोग’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त है?
(a) बूंद के लिए
(b) अनेक बूंदों के लिए
(c) बूंद व उसके भाई बाँधवों के लिए
(d) बूंद व उसके साथ की धूल-मिट्टी के लिए

Answer

Answer: (c) बूंद व उसके भाई बाँधवों के लिए


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लेखक के हाथ पर कब क्या आ पड़ी?

Answer: लेखक को बेर की झाड़ी पर ओस की बूँद मिली। जब लेखक झाड़ी के नीचे से गुजर रहा था तो ओस की बूँद उसके कलाई पर गिरी और सरककर हथेली पर आ गई।

लेखक की कलाई से हथेली पर आकर बूंद के कितने कण हो गए थे?

ध्यान से देखने पर मालूम हुआ कि बूँद के दो कण हो गए हैं और वे दोनों हिल-हिलकर यह स्वर उत्पन्न कर रहे हैं मानो बोल रहे हों। लेखक को यह एहसास हुआ कि यह आवाज उन्हीं की हथेली से निकल रही है।

बूँद ने लेखक को अपनी हथेली पर स्वयं को ठहराने के लिए क्यों कहा?

बूँद ने लेखक से आग्रह किया कि वह सूर्य उदित होने तक अपने प्राण बचाने हेतु उसकी हथेली पर सहास पाना चाहती है।

जल कारणों को बलपूर्वक पृथ्वी में कौन खींच लेता है?

ओस की बूंद जब धरती में कणों का हृदय टटोलती फिर रही थी, उसी समय बेर के पेड़ की जड़ों में मौजूद निर्दयी रोएँ ने बलपूर्वक उसे पृथ्वी से खींच लिया। बूंद पेड़ की जड़ से पत्तियों तक पहुँचने के लिए तीन दिन तक लगातार साँसत भोगी थी, इसलिए वह क्रोध और घृणा से काँप उठी।