कायांतरित शैल से आप क्या समझते हैं? - kaayaantarit shail se aap kya samajhate hain?

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter – 2 हमारी पृथ्वी के अंदर

अध्याय के मुख्य अंश

भूपर्पटी स्थलमंडल की ऊपरी परत भूपर्पटी कहलाती है।

मेंटल भूपर्पटी तथा क्रोड के बीच की परत को मेंटल कहते हैं। इसकी मोटाई लगभग 2900 कि० मी० है । इसके दो भाग है- ऊपरी मेंटल तथा निचला मेंटल।

क्रोड यह पृथ्वी की सबसे अंदर की परत है।

स्थलमंडल भूपर्पटी तथा ऊपरी मेंटल से मिलकर बनने वाली परत स्थलमंडल कहलाती है।

खनिज एक तत्त्व अथवा विभिन्न तत्त्वों के मेल से बने प्राकृतिक पदार्थ की खनिज कहते हैं।

शैल- प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले खनिजों के मिश्रण को शैल कहते हैं। ये तीन प्रकार की होती हैं-

आग्नेय, अवसादी तथा कायांतरित ।

मैग्मा – पृथ्वी की गहराई में पिघली हुई अवस्था में पाया जाने वाला अधिकांश पदार्थ मैग्मा कहलाता है। अधिकांश पदार्थ पिघली हुई अवस्था में पाया जाता है।

लावा मैग्मा पृथ्वी के धरातल पर पहुँचने पर लावा कहलाता है।

प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

( क )  पृथ्वी की तीन परतें क्या हैं ?

उत्तर- पृथ्वी की तीन परतें निम्नलिखित हैं-

1. भूपर्पटी पृथ्वी की सबसे ऊपरी पर्पटी परत को भूपर्पटी कहते हैं। वह पृथ्वी की सबसे पतली परत है।

महाद्वीपीय भूपर्पटी की औसत मोटाई 35 किलोमीटर है। परंतु महासागरों के नीचे इसकी औसत स्थलमंडल

क्रोड-मेंटल सीमा बाह्य क्रोड आंतरिक क्रोड मोटाई केवल 5 कि० मी० है | महाद्वीपीय पर्पटी सिलिका तथा एलुमिना जैसे खनिजों से बनी है। इसलिए इसे सियाल (मि-सिलिका तथा एल- ऐलुमिना) कहते हैं। दूसरी ओर महासागर की पर्पटी सिलिका तथा मैग्नीशियम से बनी है। इसलिए इसे सीमा कहा जाता है।

कायांतरित शैल से आप क्या समझते हैं? - kaayaantarit shail se aap kya samajhate hain?

2. मेंटल पृथ्वी की मध्य परत को मेंटल कहा जाता है। मेंटल की मोटाई लगभग 2900 किलोमीटर है। इसका अर्थ यह है कि यह परत पर्पटी के नीचे 2900 किमी० की गहराई तक फैली है।

3. क्रोड   पृथ्वी की सबसे अंदर की परत क्रोड कहलाती है। जिसकी त्रिज्या लगभग 3500 किलोमीटर है। यह मुख्यतः निकिल तथा लोहे जैसी धातुओं से बनी है। इसलिए इसे धात्विक क्रोड भी कहते हैं। इसे इन धातुओं के आधार पर निफ़े (नि- निकिल तथा फ़े-फ़ैरस अर्थात् लोहा) भी कहते हैं। इसका तापमान, दाब काफ़ी उच्च होता है।

(ख) शैल क्या है ?

उत्तर – प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले खनिजों के मिश्रण को शैल कहते हैं । पृथ्वी की पर्पटी शैलों से ही बनी है। ये भिन्न-भिन्न रंग, आकार तथा गठन की हो सकती है।

(ग) तीन प्रकार की शैलों के नाम लिखें।

उत्तर-

(1) आग्नेय (इग्नियस) शैल 

(2) अवसादी (सेडिमेंट्री) शैल तथा 

(3) कायांतरित

(मेटामोरफ़िक) शैल।

(घ) बहिर्भेदी एवं अंतर्भेदी शैल का निर्माण कैसे होता है ?

उत्तर बहिर्भेदी शैल-जब मैग्मा पृथ्वी के आंतरिक भाग से निकल सतह पर आता है तो उसे लावा कहते हैं । यह शीघ्र ही ठंडा होकर ठोस बन जाता है। पृथ्वी की सतह पर इस प्रकार बनी शैल को बहिर्भेदी आग्नेय शैलें कहते हैं। बहिर्भेदी शैल की संरचना बहुत बारीक दानों से होती है। यह शीघ्र ही ठंडा होकर ठोस बन जाता है। पृथ्वी की सतह पर इस प्रकार बनी शैल है। बेसाल्ट इसका मुख्य उदाहरण है। दक्कन का पठार इसी प्रकार की शैलों से बना है।

अंतर्भेदी शैल द्रवित मैग्मा कभी-कभी पृथ्वी के भीतर गहराई में ही ठंडा हो जाता है। इस प्रकार बनी शैल को अंतर्भेदी आग्नेय शैल कहते हैं। ग्रेनाइट अंतर्भेदी शैल का उदाहरण है।

(ङ) शैल चक्र से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- कुछ निश्चित दशाओं में एक प्रकार की शैल चक्रीय तरीके से दूसरे प्रकार की शैल में बदल जाती है। शैलों में परिवर्तन की प्रक्रिया को शैल चक्र कहते हैं। उदाहरण के लिए द्रवित मैग्मा ठंडा होकर ठोस आग्नेय शैल बन जाता है। आग्नेय शैल छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर चली जाती है और अवसादी शैल का निर्माण करती है। आग्नेय तथा अवसादी शैलें इसी प्रकार ताप तथा दाब के कारण कायांतरित शैलों में बदल जाती हैं। अत्यधिक ताप तथा दाब के कारण कायांतरित शैल पुनः पिघलकर द्रवित मैग्मा बन जाती है । द्रवित मैग्मा पुनः ठंडा होकर ठोस आग्नेय शैल में परिवर्तित हो जाता है।

(च) शैलों के क्या उपयोग हैं ?

उत्तर- शैलों के निम्नलिखित उपयोग हैं-

1. खनिज पदार्थ आग्नेय शैलों से हमें कई प्रकार के बहुमूल्य खनिज पदार्थ मिलते हैं। खनिज तेल का अधिकांश भाग हमें अवसादी शैलों से मिलता है।

2. भवन सामग्री शैलों से भवन तथा सड़क निर्माण के लिए सामग्री प्राप्त होती है। ग्रेनाइट, बेसाल्ट, संगमरमर, स्लेट, बलुआ पत्थर भवन निर्माण कार्यों में प्रयुक्त होते हैं।

3. कृषि शैलों से उपजाऊ मिट्टी प्राप्त होती है जो कृषि के लिए बड़ी उपयोगी सिद्ध होती है । काली मिट्टी कपास के लिए तथा दोमट मिट्टी गेहूँ के लिए उपजाऊ होती है।

4. बहुमूल्य हीरे परिवर्तित शैलों से बहुमूल्य रत्न, हीरे तथा मोती प्राप्त होते हैं। इनका निर्यात करके विदेशी मुद्रा कमाई जाती है। सच तो यह है कि शैलें मानव के लिए वरदान हैं।

(छ) कायांतरित शैल क्या है ?

उत्तर-  कायांतरित शैल आग्नेय तथा अवसादी शैलों का बदला हुआ रूप है। गर्मी तथा दबाव के कारण आग्नेय तथा अवसादी शैलों का रंग-रूप तथा रचना बदल जाती हैं। इन्हें कायांतरित शैलें कहते हैं। उदाहरण के लिए – चूने का पत्थर बदलकर संगमरमर बन जाता है तथा चिकनी मिट्टी से स्लेट का पत्थर बन जाता है। इसी प्रकार ग्रेनाइट बदल कर नीस बन जाती है।

प्रश्न 2. सही उत्तर चिह्नित () कीजिए-

(क) द्रवित मैग्मा से बने शैल-

(i) आग्नेय

(ii) अवसादी

(iii) कायांतरित

(ख) पृथ्वी की सबसे भीतरी परत-

(i) पर्पटी

(ii) क्रोड

(iii) मेंटल

(ग) सोना, पेट्रोलियम एवं कोयला किसके उदाहरण हैं-

(i) शैल

(ii) खनिज

(iii) जीवाश्म

(घ) शैल, जिसमें जीवाश्म होते हैं-

(i) अवसादी शैल 

(ii) कायांतरित शैल

(iii) आग्नेय शैल।

(ङ) पृथ्वी की सबसे पतली परत है-

(i) पर्पटी

(ii) मेंटल

(iii) क्रोड

उत्तर-

(क) आग्नेय 

(ख) क्रोड 

(ग) जीवाश्म 

(घ) अवसादी शैल 

(ङ) पर्पटी

प्रश्न 3. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए-

(क) क्रोड

 (i) स्लेट में बदलता है

(ख) खनिज

 (ii) सड़क एवं इमारत बनाने के लिए उपयोग होता है

(ग) शैल

 (iii) सिलिका एवं ऐलुमिना से बनता है

(घ) चिकनी मिट्टी

 (iv) इसका एक निश्चित रासायनिक मिश्रण होता है

(ङ) सिएल

 (v) सबसे भीतरी परत

उत्तर-

(क) क्रोड- सबसे भीतरी परत

(ख) खनिज – इसका एक निश्चित रासायनिक मिश्रण होता है।

(ग) शैल-सड़क एवं इमारत बनाने के लिए उपयोग होता है।

(घ) चिकनी मिट्टी- स्लेट में बदलता है।

(ङ) सिएल-सिलिका एवं ऐलुमिना से बनता है।

प्रश्न 4. कारण बताइए-

(क) हम पृथ्वी के केंद्र तक नहीं जा सकते हैं।

(ख) अवसादी शैल अवसाद से बनती है।

(ग) चूना पत्थर संगमरमर में बदलता है।

उत्तर-

(क) पृथ्वी का केंद्र अत्यधिक गहराई पर है। यह समुद्र की सतह से लगभग 6000 किमी० नीचे है। इसके अतिरिक्त केंद्र की ओर जाते हुए तापमान इतना अधिक बढ़ जाता है कि हम इसे सहन नहीं कर सकते। इसी कारण हम पृथ्वी के केंद्र तक नहीं जा सकते हैं।

(ख) किसी स्थान पर अवसाद की परतें एक-दूसरे पर जमा होती जाती हैं। ऊपरी परतों के दबाव और भार के कारण नीचे की परतें कठोर हो जाती हैं। इस प्रकार अवसादी शैलें बनती हैं।

(ग) चूने का पत्थर ताप तथा दाब के प्रभाव के कारण संगमरमर में बदल जाता है।

कायांतरित शैल का उदाहरण क्या है?

उदाहरण के लिए, शेल, बलुआ पत्थर, आदि। कायांतरित शैल: यह तब बनता है जब गर्मी और दाब के कारण आग्नेय और अवसादी चट्टानें बदल जाती हैं। उदाहरण के लिए, संगमरमर, नाइस, आदि। बड़ी गर्मी और दबाव के कारण पिघली हुई मैग्मा बनाने के लिए कायांतरित शैल पिघल जाती हैं।

कायांतरित शैल क्या है इसके प्रमुख प्रकार लिखिए?

कायांतरित शैल – जो शैलें ताप अथवा दाब या फिर दोनों के कारण बनती हैं, वे कायांतरित शैल कहलाती हैं। ताप तथा दाब मूल शैल की विशेषताओं को नए खनिजों का निर्माण करके बदल देते हैं। कायांतरित शैल के प्रमुख उदाहरण स्लेट, संगमरमर, हीरा, शिस्ट आदि हैं।

कायांतरित का मतलब क्या होता है?

कायांतरित का अर्थ है स्वरूप में परिवर्तन। दाब, आयतन एवं तापमान में परिवर्तन की प्रक्रिया के फलस्वरूप इन शैलों का निर्माण होता है। ये शैलें दाब, आयतन तथा तापमान में परिवर्तन के द्वारा निर्मित होते हैं। जब विवर्तनिक प्रक्रिया के कारण शैलें निचले स्तर की ओर बलपूर्वक खिसक आती हैं।

कायांतरित शैल का निर्माण कैसे होता है?

वे शैल जो मूलरूप से आग्नेय अथवा अवसादी थे, परंतु जिनके रूप और गुण परिवर्तित हो गए हैं। ये परिवर्तन ऊष्मा तथा दाव के कारण हो जाते हैं। उष्मा से खनिजों में पुनः क्रिस्टलन होता है, तथा दाब से शैल-संरचना बदल जाती है।