भारतीय नवजात शिशु में जो Male बच्चे का weight 2.8 – 3.2 kg तक Normal weight रहता है वही female का 2.7- 3.1 kg का Weight रहता है। माँ का weight अच्छा होने से बच्चे का Weight भी अच्छा होता है। जो बच्चे 3.1 , 3.2 kg के बच्चे होते है उनको Healthy baby माना जाता है। Show
बच्चे के जन्म के बाद बच्चे के वजन का क्या होता है?
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बच्चो का weight बोहोत कम होने से क्या प्रोब्लेम्स होती है?
बच्चो का वजन कम क्यों होता है?
About AuthorDr. Pradeep SuryawanshiNeonatologist View Profile
Appointment FormFor a quick response to all your queries, do call us. +91 - 88888 22222 Patient FeedbackGreat doctors, Good facilities, caring and helping staff. I recommend this hospital for day care services. Sangram ShindeAll doctors r very good. There treatments is best. Other staff also good. The service of nurses is great...Hospital is always clean. Vaishali AitawadeAll services provide by hospital are nice and on time. Doctors are polite and co-operative with patient. भारत में नवजात मौतों के प्रमुख कारण प्री-मेच्योरिटी / प्रीटरम (35 प्रतिशत) हैं; नवजात संक्रमण (33 प्रतिशत); इंट्रा-पार्टम संबंधी जटिलताएं / जन्म संबंधी ऐस्फिक्सीअ (20 प्रतिशत); और जन्मजात विकृतियां (congenital malformations) (9 प्रतिशत)। हालांकि पहले से के मुकाबले इन की दरों में गिरावट आई है, लेकिन अभी भी काफी गंभीर है। ये अधिकांश भारत के उन कुछ हिस्सों में ज्यादा हैं जहाँ अभी भी गैर-संस्थागत प्रसवों होते हैं, इसलिए यदि कोई बच्चा किसी भी आपातकालीन स्थिति में पैदा हो तो ऐसे में एक घंटे का गोल्डन टाइम आने – जाने में चला जाता है। ऐसे में फिर उस बच्चे को बचाना काफी मुश्किल हो जाता है। यह अपने आप में एक पूरा विषय है, आज हम इस तरह के उन सभी सामान्य स्थितियाँ जो बच्चों के जन्म को किसी रूप में प्रभावित करते हैं को समझने की कोशिश करेंगे। हम इन्हें रोग नहीं बता रहे हैं लेकिन ये रोग के कारण जरूर बन रहे हैं।
घायल बच्चे की उचित देखभाल का अभ्यास करने की आवश्यकता है ताकि वे ठीक हो सकें।
यदि इनमें से कोई भी स्थिति 2-3 दिनों से अधिक समय तक बनी रहे तो चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। यहाँ हमने शिशु में होने वाले सभी परेशानियों को कवर करने का प्रयास किया है। इनमें से ज्यादातर हल्के होते हैं और समय के साथ ठीक हो जाते हैं, इनके बारे में जानना महत्वपूर्ण है, वे कैसे प्रकट होते हैं, कब किसी चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है। इन सब के बारे में जानना इनको ठीक करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 2 महीने के बच्चे क्या क्या कर सकते हैं?2 महीने के बच्चे के लिए कितना दूध आवश्यक है? शुरुआती महीनों में बच्चे का पाचन तंत्र मजबूत नहीं होता है, इसलिए उसे सिर्फ मां का दूध ही देना चाहिए। वहीं, कुछ परिस्थितियों में शिशु को फॉर्मूला दूध देना जरूरी हो जाता है।
छोटे बच्चे कौन से महीने में बैठना सकते हैं?शिशु आमतौर पर 5 से 7 महीने में बैठना शुरू करते हैं। वहीं जब बच्चे 9 महीने के हो जाते हैं तो वो बिना सपोर्ट के कुछ समय के लिए बैठ पाते हैं। हालांक इसका ये मतलब नहीं है कि बच्चे को आप खुद से बैठने दें, उसे सपोर्ट की जरूरत होगी। अगर बच्चा बिना सपोर्ट के बैठने की कोशिश करेगा तो उसे सिर पर चोट भी लग सकती है।
बच्चे कितने महीने में पलटी मारते हैं?आपका शिशु शायद छह या सात महीने की उम्र में पलटना शुरु करेगा। इस समय तक उसकी गर्दन और बाजुओं की मांसपेशियां मजबूत हो चुकी होंगी। कुछ शिशु तीन महीने की उम्र में ही पलट लेते हैं, वहीं कुछ अन्य शिशुओं को ऐसा करने में सात महीने से भी अधिक समय लग जाता है।
2 महीने के बच्चे को कैसे सुलाएं?हर रात अलग-अलग समय पर बच्चे को सुलाने की बजाए सोने का एक टाइम फिक्स कर लें और उस दौरान बच्चे को लोरी सुनाएं, गर्म पानी में कपड़ा भिगोकर बच्चे का बदन पोछें, कंधे पर लेकर इधर-उधर घुमाएं, आप इनमें से कोई भी ट्रिक आजमा सकते हैं लेकिन इसे हर दिन एक ही समय पर रिपीट करें ताकि धीरे-धीरे बच्चे को भी यह बात समझ में आ जाए कि अब ...
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