कविता से1 कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा? - kavita se1 kavi ko aisa vishvaas kyon hai ki usaka ant abhee nahin hoga?

for Class 8th: पाठ 1 - ध्वनि हिंदी

पाठ 1 - ध्वनि 

प्रश्न अभ्यास 

कविता से 

1. कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा?

उत्तर

कवि के अंदर जीवन जीने की उत्साह, प्रेरणा और ऊर्जा बची है। वह युवा पीढ़ी को आलस्य कि दशा से उबारना चाहते हैं। अभी उसे काफ़ी काम करना है। वह स्वयं को काम के सर्वथा उपयुक्त मानता है। इसलिए उसे विश्वास है कि उसका अंत अभी नहीं होगा।

2. फूलों के अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन-सा प्रयास करता है?

उत्तर

फूलों के अनंत तक विकसित करने के लिए कवि उन्हें कलियों कि स्थिति से निकालकर खिले फुल बनाना चाहता है। कवि का मानना है कि उसके जीवन में वसंत आई हुई है। इसलिए वह कलियों पर वासंती स्पर्श का अपना हाथ फेरकर खिला देगा। अर्थात कवि उस युवा पीढ़ी को काव्य प्रेरणा से अनंत का द्वार दिखाना चाहता है जो अब तक अपना समय व्यर्थ कर रहे हैं।

3. कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है?

उत्तर

कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए उन पर अपना हाथ फेरकर उन्हें जगाना चाहता है तथा कलियों को प्रभात के आने का संदेश देता है। यहाँ कलियाँ आलस्य में पड़े युवकों का प्रतीक है। अतः कवि नींद में पड़े युवकों को प्रेरित करके उनमें नए उत्कर्ष के स्वप्न जगह देगा, उनका आलस्य दूर भगा देगा तथा उनमें नये उत्साह का संचार कर देगा।

कविता से आगे

1. वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है? आपस में चर्चा कीजिए।

उत्तर

वसंत को सभी ऋतुओं में सर्वश्रेठ माना जाता है। इस ऋतु में ना तो अधिक ठण्ड पड़ती है ना ही अधिक गर्मी। इस ऋतु में में पंच तत्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं। पेड़ों पर नए कोपलें आने लगती हैं।चारों ओर हरियाली छा जाती है।शीतल मंद हवा सबको मोहित कर देता है। इसीलिए वसंत को ऋतुराज कहा जाता है।

2. वसंत ऋतु में आने वाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्योहार पर निबंध लिखिए।

उत्तर

वसंत ऋतु कुल दो महीने से कुछ अधिक रहती है यह आधे फाल्गुन से शुरू होकर चैत बैसाख के कुछ दिनों तक रहती है। अत: इस ऋतु में मस्ती भरी होली रंगो का त्योहार, वसंत पंचमी, देवी सरस्वती की पूजा, खेती में पकी फसल और पीली सरसों का रंग, बैसाखी आदि त्योहार मनाए जाते हैं।

होली

फाल्गुन मास की पुर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है। होली के साथ अनेक कथाएं जुड़ीं हैं। होली के होलिका दहन किया जाता है।
यह त्योहार रंगों का त्योहार है। इस दिन लोग प्रात:काल उठकर रंगों को लेकर अपने नाते-रिश्तेदारों व मित्रों के घर जाते हैं और उनके साथ जमकर होली खेलते हैं। बच्चे गुब्बारों व पिचकारी से अपने मित्रों के साथ होली का आनंद उठते हैं।सभी लोग बैर-भाव भूलकर एक-दूसरे से परस्पर गले मिलते हैं। होली के दिन सभी सरकारी तथा प्राइवेट संस्थाओं में अवकाश होता है।

3."ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है"- इस कथन की पुष्टि आप किन-किन बातों से कर सकते हैं? लिखिए।

उत्तर

ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। गर्मी के मौसम लोग लू से बचकर रहते हैं। दोपहर में घरों से काम निकलते हैं तथा ज्यादा से ज्यादा ठंडी पेय-पदार्थों का उपयोग करते हैं इसके ठीक उलट ठण्ड के मौसम में हम ठंडी चीज़ो से बचने  प्रयास करते हैं। मौसम के अनुसार ही हमारे क्रियाकलापों में परिवर्तन आते हैं। खानपान औए स्वस्थ्य पर भी ऋतु गहरा प्रभाव डालती है। कुल मिलाकर ये पंक्ति सार्थक सिद्ध होती है।

अनुमान और कल्पना

1.कविता की निम्नलिखित पंक्तियाँ पढ़कर बताइए कि इनमें किस ऋतु का वर्णन है। फूटे हैं आमों में बौर
भौंर वन-वन टूटे हैं।
होली मची ठौर-ठौर
सभी बंधन छूट जाते हैं।

उत्तर

इस कविता में वसंत ऋतु का ही वर्णन है। यहाँ आम के बौर और होली के त्योहार का वर्णन है।

Question 1:'हरे-हरे', 'पुष्प-पुष्प' में एक शब्द की एक ही अर्थ में पुनरावृत्ति हुई है। कविता के 'हरे-हरे ये पात' वाक्यांश में 'हरे-हरे' शब्द युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ 'पात' शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है। ऐसा प्रयोग भी होता है जब कर्ता या विशेष्य एक वचन में हो और कर्म या क्रिया या विशेषण बहुवचन में; जैसे- वह लंबी-चौड़ी बातें करने लगा। कविता में एक ही शब्द का एक से अधिक अर्थों में भी प्रयोग होता है-''तीन बेर खाती ते वे तीन बेर खाती है।'' जो तीन बार खाती थी वह तीन बेर खाने लगी है। एक शब्द 'बेर' का दो अर्थों मे प्रयोग करने से वाक्य में चमत्कार आ गया। इसे यमक अलंकार कहा जाता है। कभी-कभी उच्चारण की समानता से शब्दों की पुनरावृत्ति का आभास होता है जबकि दोनों दो प्रकार के शब्द होते हैं; जैसे- मन का मनका।
ऐसे वाक्यों को एकत्र कीजिए जिनमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति हो। ऐसे प्रयोगों को ध्यान से देखिए और निम्नलिखित पुनरावृत शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए बातों-बातों में, रह-रहकर, लाल-लाल, सुबह-सुबह, रातों-रात, घड़ी-घड़ी।

Answer :

(1) बातों-बातों - बातों-बातों मे हम दोनों ने रास्ता पार कर लिया।
(2) रह-रहकर  - मुझे रह-रहकर अपनी स्वर्गवासी दादी की याद आती है।
(3) लाल-लाल  - सोनू के पास गुलाब के लाल-लाल फुल हैं।
(4) सुबह-सुबह  - मेरी दादी सुबह-सुबह हरे राम हरे राम, राम-राम हरे-हरे का जाप करती हैं।
(5) रातों-रात  - चोर रातों-रात घर का सामान लेकर चंपत हो गए।
(6) घड़ी-घड़ी  - तुम घड़ी-घड़ी दरवाज़े पर क्या देखते हो।

Question 2:

'कोमल गात, मृदुल वसंत, हरे-हरे ये पात'
विशेषण जिस संज्ञा (या सर्वनाम) की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में गात, वसंत और पात शब्द विशेष्य हैं, क्योंकि इनकी विशेषता (विशेषण) क्रमश: कोमल, मृदुल और हरे-हरे शब्द बता रहे है।
हिंदी विशेषणों के सामान्यतया चार प्रकार माने गए है-गुणवाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण और सार्वनामिक विशेषण।

Answer :

(i) गुणवाचक विशेषण :-

अच्छा

बंदर,

सुन्दर

कार
(ii) परिमाणवाचक विशेषण :-

दो गज

ज़मीन,

चार किलो

गेहूँ
(iii) संख्यावाचक विशेषण :-

चार

संतरे,

प्रथम

स्थान
(iv) सार्वनामिक विशेषण :-

यह

लाल फूल है,

वह

तेरी फ्राक है

Class 6th: पाठ - 1 वह चिड़िया जो (कविता) हिंदी

पाठ - 1 वह चिड़िया जो (कविता) हिंदी

प्रश्न अभ्यास

कविता से

2. तुम्हें कविता को कोई और शीर्षक देना हो तो क्या शीर्षक देना चाहोगे? उपयुक्त शीर्षक सोच कर लिखो।

उत्तर

'छोटी चिड़िया'

3. इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़िया को किन-किन चीज़ों से प्यार है?

उत्तर

चिड़िया को अन्न से, जंगल से और जिस नदी से वह ठंडा और मीठा पानी पीती है उससे प्यार है।

4. कवि ने चिड़िया को छोटी, संतोषी, मुँह बोली, गरबीली चिड़िया क्यों कहा है?

उत्तर

चिड़िया आकार में छोटी है इसलिए कवि ने उसे छोटी कहा है। वह अन्न के दाने में ही संतुष्ट है इसलिए उसे संतोषी बताया गया है। वह सारी बातों को बोल देती है इसलिए उसे मुँह बोली कहा है। वह छोटी होते हुए भी नदी से पानी पीने का साहसी काम करती है इसलिए गरबीली चिड़िया कहा गया है।

5. आशय स्पष्ट करो -

(क) रस उँडेल कर गा लेती है

उत्तर

चिड़िया जब खुश होकर गाने लगती है तब ऐसा लगता है मानो उसने अपना सारा रस उस गाने में उड़ेल दिया है।

(ख) चढ़ी नदी का दिल टटोलकर
जल का मोती ले जाती है

उत्तर

पृष्ठ संख्या: 3

अनुमान और कल्पना

2. नीचे पक्षियों के कुछ नाम दिए गए हैं। उनमें यदि कोई पक्षी एक से अधिक रंग का है तो लिखो कि उसके किस हिस्से का रंग कैसा है? जैसे तोते की चोंच लाल है, शरीर हरा है।
मैना - हल्का काला रंग

कौआ - शरीर - काला रंग, पंख - हल्का या गहरा रंग

बतख - चोंच और पाँव - हल्का पीला रंग, शरीर - सफ़ेद पंखों से भरा

कबूतर - शरीर - सलेटी रंग, आँखें - लाल, पाँव - गुलाबी, गला - सतरंगी रंग

भाषा की बात

1. पंखों वाली चिड़िया
ऊपर वाली दराज
नीले पंखों वाली चिड़िया 

सबसे ऊपर वाली दराज
यहाँ रेखांकित शब्द विशेषण का काम कर रहे हैं। अगले पृष्ठ पर' वाला/वाली' जोड़कर बनने वाले कुछ और विशेषण दिए गए हैं। ऊपर दिए गए उदाहरणों की तरह इनके आगे एक-एक विशेषण और जोड़ो - 


................................... मोरों वाला बाग

► रंग-बिरंगे

................................... पेडों वाला घर

► हरे-भरे
................................... फूलों वाली क्यारी

► लाल
................................... खादी वाला कुर्ता

► सफ़ेद
................................... रोने वाला बच्चा

► ज्यादा
................................... मूँछों वाला आदमी

► बड़ी

2. वह चिड़िया ........ जुंडी के दाने रुचि से........ खा लेती है।
वह चिड़िया ........ रस उँडेल कर गा लेती है।
कविता की इन पंक्तियों में मोटे छापे वाले शब्दों को ध्यान से पढ़ो। पहले वाक्य में 'रुचि से' खाने के ढंग की और दूसरे वाक्य में 'रस उँडेल कर' गाने के ढंग की विशेषता बता रहे हैं। अत: ये दोनों क्रिया-विशेषण हैं। नीचे दिए वाक्यों कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रिया-विशेषण छाँटो -

(क) सोनाली जल्दी-जल्दी मुँह में लड्डू ठूँसने लगी।
► जल्दी-जल्दी

(ख) गेंद लुढ़कती हुई झाड़ियों में चली गई।
► लुढ़कती हुई

(ग) भूकंप के बाद जनजीवन धीरे- धीरे सामान्य होने लगा।
► धीरे- धीरे

(घ) कोई सफ़ेद-सी चीज धप्प से आँगन में गिरी।

► सफ़ेद-सी

(ड) टॉमी फुर्ती से चोर पर झपटा।

► फुर्ती से

(च) तेजिंदर सहमकर कोने में बैठ गया।

► सहमकर

(छ) आज अचानक ठंड बढ़ गई है।

► अचानक

FOR CLASS 7 TH "हम पंछी उन्मुक्त गगन के " Q & A

FOR CLASS 7 TH

प्रश्न-अभ्यास

कविता से

1. हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नही रहना चाहते?

उत्तर

हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद इसलिए रहना नहीं चाहते क्योंकि उन्हें स्वतंत्रता पसंद है, वे बंधन में रहना नही चाहते। वे खुले आकाश में आजादीपूर्वक उड़ना चाहते हैं।

2. पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?

उत्तर

पक्षी उन्मुक्त रहकर नदियों का शीतल जल पीना, कड़वी निबोरी खाना, पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर झूलना, खुले और विस्तृत आकाश में उड़ना, और क्षितिज के अंत तक उड़ने की इच्छाओं को पूरी करना चाहते हैं।

3. भाव स्पष्ट कीजिए -
"या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती साँसों की डोरी।"

उत्तर

इस पंक्ति में कवि ने बताया है कि पक्षी स्वतंत्र होकर क्षितिज यानी आकश और धरती के मिलन के स्थान तक जाने की इच्छा रखते हैं। वे या तो इसे प्राप्त करना चाहते हैं नहीं तो अपने प्राणों को न्योछावर कर दें।

कविता से आगे

1. बहुत से लोग पक्षी पालते हैं -
(क) पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं? अपना विचार लिखिए।

उत्तर

पक्षियों का पालना अनुचित कार्य है क्योंकि इससे उनकी आजादी का हनन होता है। उनके पास पंख हैं, वे आसमान में उड़ना चाहती हैं। वे प्रकृति की छाँव में खुलकर रहना चाहती हैं ना की हमारे बंद पिंजरों में। जिस तरह हमें आजादी पसंद है उसी तरह वे भी स्वछंदता पसंद करती हैं क्योंकि बंधन में रहकर मिलने वाली सुविधाओं से आजादी की स्थिति श्रेष्ठ है।

पृष्ठ संख्या: 3

2. पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।

उत्तर

पक्षियाँ हमारे पर्यावरण को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अगर हम उन्हें स्वछंदता ना प्रदान कर पिंजरे में बंद रखेंगे तो हमारा पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। ये पर्यावरण के अनेक चीज़ों में सहायक का काम करती हैं। कुछ पक्षी छोटे कीटों को खाते हैं जिससे संतुलन बनाये रखने में मदद मिलती है। पक्षी फलों को खाकर उनके बीजों को गिरा देते हैं जिसके फलस्वरूप नए-नए पौधों पनपते हैं। कुछ पक्षी सफाई का काम भी करती हैं। वे आसपास की हमारी फैलाई गंदगी जैसे रोटी का टुकड़ा आदि खाकर उसे स्वच्छ बनाये रखने का काम करते हैं। यदि ये पक्षी नहीं रहेंगे तो पर्यावरण दूषित हो जाएगा और मानव कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाएगा। इसलिए पर्यावरण की तरह इनका भी एक महत्व है।

भाषा की बात

1. स्वर्ण-श्रृंखला और लाल किरण-सी में रेखांकित शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। 
कविता से ढूंढ़कर इस प्रकार के तीन और उदाहरण लिखिए

उत्तर

पुलकित-पंख, कटुक-निबौरी, कनक-कटोरी

2. 'भूखे-प्यासे' में द्वंद्व समास है। इन दोनों शब्दों के बीच लगे चिहन को सामासिक चिह्न (-) कहते हैं। इस चिहन से 'और' का संकेत मिलता है, जैसे - भूखे-प्यासे=भूखे और प्यासे। 

• इस प्रकार के दस अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।

उत्तर

सुख-दुःख, रात-दिन, अमीर-गरीब, बुरा -भला , अपना-पराया, पाप-पुण्य, सही-गलत, धूप-छाँव, सुबह-शाम, खट्टा-मीठा।

भारत की खोज question answer

भारत की खोज

1. भारत छोड़ो आंदोलन प्रस्ताव कब पारित हुआ था ?

उ. भारत छोड़ो प्रस्ताव  8 अगस्त सन 1942 को “अखिल भारतीय काँग्रेस कमेटी” द्वारा पारित हुआ था |

2. राजा राम मोहन रॉय ने किस संस्था की स्थापनी की ?

उ. राजा राम मोहन रॉय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की |

3. कुषाणों का प्रसिद्द राजा कौन थे ?

उ. कुषाणों का प्रसिद्द राजा कनिष्क थे |  

4. नेशनल कांग्रेस की स्थापना कब हुई ?                

उ. नेशनल कांग्रेस की स्थापना सन 1885 में हुई |

5. भारत में मुगल साम्राज्य का नीव किसने रखी ?

उ. “बाबर” ने मुगल साम्राज्य का नीव रखी |

6. गांधी जी की शिक्षा का सार क्या था ?

उ. गांधी जी की शिक्षा का सार सत्य से जुड़ा हुआ कर्म करना|

7. गांधी जी किस विचार में विश्वास रखते थे ?

उ. गांधी जी सक्रियता पर विश्वास रखते थे |

8. गांधी जी के काम करने का तरीका कैसा था  ?

उ. “पूरी तरह शांतिपूर्ण करना “-गांधी जी के काम करने का तरीका था|

9. भारत कब स्वतंत्र हुआ ?

उ. भारत सन 1947 में आज़ाद हुआ |

10.जिन्ना के सिद्धांत का क्या परिणाम हुआ ?

उ. भारत के  विभाजन की अवधारण का विकास हुआ |

11.आर्य समाज के संस्थापक कौन थे ?

उ. स्वामी दयानंद सरस्वती आर्य समाज के संस्थापक थे|

12. अकबर ने कौनसा धर्म चलाया ?

 उ. “दीन – ए – इलाही” की शुरुआत की |

13. कुषाण काल में बौदध धर्म कितने संप्रदायों में से बाँटे थे?

 उ. कुषाण काल में बौदध धर्म दो( महायान और हीनयान ) संप्रदायों में से बाँटे

14. राजा राम मोहन रॉय ने किस प्रथा का विरोध किया ?

 उ. राजा राम मोहन रॉय ने “सती प्रथा” का विरोध किया |  

15. रामकृष्ण मिशन की स्थापना किसने की ?

 उ. रामकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने की |

16. प्रथम स्वाधीनता संग्राम कब हुआ ?

 उ. सन 1857 में प्रथम स्वाधीनता संग्राम हुआ था|  

17.गांधी जी की कार्य पद्धति का क्या रूप था ?

 उ. गांधी जी की कार्य पद्धति का रूप अहिंसा था |

18.DiscoveryofIndia किसने लिखा और हिन्दी में उसकी 
 अनुवाद किसने किया ?

 उ. नेहरू जी ने लिखा और प्रेमचंद ने उसकी अनुवाद की |

19. कालीदास की लंबी कविता क्या था ?

 उ. कालीदास की लंबी कविता “मेघदूत” था |

20. कबीर किनके शिष्य थे ?

 उ. कबीर रामानंद के शिष्य थे |

21. बुद्ध चरित किसने लिखी ?

 उ. अश्वघोष ने बुद्ध चरित लिखी |

22. भारत का नेपोलियन कौन था ?

 उ. भारत का नेपोलियन “समुद्रगुप्त” था |

23. नादिरशाह कहाँ का शासक था ?

 उ. नादिरशाह ईराक का शासक था |

24. कैपिटेसन चार्ज क्या था ?

 उ. निजी घर के लिए दिए जानेवाले कर है |

25.नेहरू जी भारतियों को किस रूप में देखना चाहते थे?

 उ. नेहरू जी भारतियों को “ विश्व में सर्वश्रेष्ठ “रूप में देखना चाहते थे |

for class 8 th भारत की खोज

                                                                    

भारत    की    खोज
 
11. (क) प्राचीन समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के प्रभाव के दो उदाहरण बताइए। (ख) वर्तमान समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के कौन-कौन से प्रभाव देखे जा सकते हैं? अपने साथियों के साथ मिलकर एक सूची बनाइए।
(संकेत - खान-पान, पहनावा, फिल्में, हिंदी, कंप्यूटर, टेलीमार्केटिंग आदि।)

उत्तर

(क) प्राचीन समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के कई प्रभाव पड़े। भारत में आने वाले विदेशी यात्री भारत की संस्कृति की विशेषताओं को अपने साथ ले गए उनमें मुख्य हैं- भारतीय खानपान की चीज़ें, भारतीय कपड़ों का विदेशों में प्रचलन आदि।

(ख) वर्तमान समय में भी विदेशों में भारतीय संस्कृति के कई प्रभाव देखे जा सकते हैं, जैसे -
→ विभिन्न पकवान तथा खानपान की चीज़ें
→ भारत में पहने जाने वाले कपड़ों की माँग
→ भारतीय भाषा हिंदी तथा अन्य भाषाओं का प्रभाव
→ कंप्यूटर के क्षेत्र में विदेशी बाज़ार पर प्रभाव डाला है
→ अन्य पहलू जैसे- धर्म, दर्शन, नीति-शिक्षा आदि का भी महत्वपूर्ण स्थान है।

21. 'भारत माता की जय' − आपके विचार से इस नारे में किसकी जय की बात कही जाती है? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।

उत्तर

जब भी हम इस नारे का जय घोष करते हैं तो हम सदैव भारत भूमि की जय की बात करते हैं क्योंकि इस भूमि में भारत की भौगोलिक स्थिति- उसकी धरती, नदी, पहाड़, समुद्र, मैदान की ही नहीं अपितु भारत के लोगों व संस्कृति को भी अभिन्न अंग के रूप में जोड़ा गया है और तब उन सब से मिलकर बने 'भारत' को माँ के रूप में जय घोष करते हैं। इस कथन को नेहरू जी ने अपना समर्थन दिया है। उनके अनुसार भारत की मिट्टी, एक गाँव, एक जिले और एक राज्य की नहीं अपितु तमाम टुकड़ों या फिर पूरे भारत की मिट्टी से है। इसके अलावा भारत के पहाड़, नदियाँ, जंगल फैले हुए खेत जो हमारा भरण-पोषण करते हैं, वे भी सम्मिलित हैं। पर इन सब चीज़ों से अधिक महत्वपूर्ण भारत की जनता है जो इस विशाल भूखंड के चारों ओर फैले हुए हैं और यही इस भारत माता का मूल रूप है इसलिए हमें इन सबकी जय बोलनी चाहिए।

22. (क) भारत पर प्राचीन काल से ही अनेक विदेशी आक्रमण होता रहे। उनकी सूची बनाइए। समय क्रम में बनाएँ तो और भी अच्छा रहेगा। (ख) आपके विचार से भारत में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना इससे पहले के आक्रमणों से किस तरह अलग है?

उत्तर

(क)

(i)

1000 ई.

महमूद गजनवी

(ii)

1191 ई.

शहबुद्दीन गौरी (मोहम्मद गौरी)

(iii)

1400 ई.

तैमूर (तुर्क-मंगोल)

(iv)

1526 ई.

बाबर (मुग़ल साम्राज्य की नींव, पहला शासन)

(v)

-

नादिरशाह

(vi)

1700 ई. से 1946 ई.

अंग्रेज़

(ख) अंग्रेज़ी राज्य अन्य पहले आक्रमणकारियों से बिल्कुल विपरीत था। पहले के आक्रमणकारी भारत की अतुल धन संपदा को लूट कर ले जाते थे। भारत में रहने का उनका कोई मुख्य उद्देश्य नहीं था। बस मुगल साम्राज्य को छोड़कर अधिकतर ने भारत की अतुल संपदा को लूटा है और यहाँ की सभ्यता का नाश करने का प्रयास किया है। परन्तु अंग्रेज़ी सरकार इसे अपने उपनिवेश के रूप में रखना चाहती थी और उसने किया भी। वे यहाँ पर खून-खराबा करना नहीं चाहते थे। वे भारत को अपना गुलाम बनाकर कच्चा माल पाने के लिए उपनिवेश के रूप में इस्तेमाल करना चाहते थे। दमन तो उन्होंने भी किया पर वह सिर्फ़ विद्रोह होने पर इसका सहारा लेते। उन्होंने आरंभ में अपने पैर शांतिपूर्वक जमाए। व्यापार के माध्यम से भारत में दाखिल हुए और धीरे-धीरे अपनी प्रभुता कायम की। यहाँ उन्होंने युद्धों या आक्रमणों के स्थान पर अपनी बुद्धि का प्रयोग किया और पूरे भारत पर कब्ज़ा कर लिया।

23. (क) अंग्रेज़ी सरकार शिक्षा के प्रसार को नापसंद करती थी। क्यों? (ख) शिक्षा के प्रसार को नापसंद करने के बावजूद अंग्रेज़ी सरकार को शिक्षा के बारे में थोड़ा-बहुत काम करना पड़ा। क्यों?

उत्तर

(क) अंग्रेज़ी सरकार को भारत में शिक्षा का प्रसार करना उचित नहीं लगता था। इसका मुख्य कारण यह था कि अंग्रेज़ी सरकार भली-भाँति जानती थी, शिक्षा मनुष्य के विकास के सारे रास्तों को खोल देती है, उसको विकास के रास्ते देती है और यह मजबूती वे भारतीय समाज में नहीं आने देना चाहते थे। भारत में शिक्षा के अभाव के कारण ज़्यादातर जनता अशिक्षित थी। जिसके कारण उनका समुचित विकास नहीं हो पाया। वे उन्हीं पुराने रूढ़ियों, रीतियों में उलझे हुए थे और अंग्रेज़ी शासन के लिए यह उचित था। यदि लोग शिक्षित हो जाते तो उनमें जागृति उत्पन्न हो जाती। वे अपने अधिकारों के लिए सचेष्ट हो जाते जो अंग्रेज़ी शासन के लिए एक बड़े खतरे से कम नहीं था।

(ख) अंग्रेज़ों ने, शिक्षा का प्रसार न करने के हिमायती होते हुए भी, भारत में शिक्षा का थोड़ा बहुत प्रसार किया। इसमें भी उनका ही स्वार्थ हित था। भारत में पैर पसारने के साथ-साथ अपनी बढ़ती व्यवस्था के लिए उन्हें बड़ी संख्या में क्लर्कों को प्रशिक्षित करके तैयार करने का प्रबन्ध करना पड़ा और इन्हीं परिस्थितियों वश भारत में शिक्षा का प्रसार करना पड़ा। बेशक यह शिक्षा सीमित थी व परिपूर्ण नहीं थी, फिर भी उसने नए और सक्रिय विचारों की दिशा में भारतीयों के दिमाग की खिड़कियाँ और दरवाज़े खोल दिए जिससे भारतीय समाज में परिवर्तन होने लगा और आधुनिक चेतना का प्रसार हुआ।

25. गाँधी जी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने पर निम्नलिखित में किस तरह का बदलाव आया, पता कीजिए- (क) कांग्रेस संगठन में।
(ख) लोगों में - विद्यार्थियों, स्त्रियों, उद्योगपतियों आदि में।
(ग) आज़ादी की लड़ाई के तरीकों में।
(घ) साहित्य, संस्कृति, अखबार आदि में।

उत्तर

(क) गाँधी जी से पहले कांग्रेस अपनी पहचान खो रहा था। वह दलों में विभाजित हो गया था। गांधीजी के कांग्रेस में जुड़ने से पार्टी में नई जान आ गई थी। उनके नेतृत्व के कारण ही कांग्रेस देश की राष्ट्रीय पार्टी बन गई।
(ख) लोगों में नई शक्ति का संचार हुआ, विद्यार्थियों ने विद्यालय छोड़कर देश सेवा को अपनी पाठशाला बना लिया और आज़ादी की लड़ाई में कूद पड़े। स्त्रियों ने पर्दों व घरों को छोड़ पुरूषों से कंधे से कंधा मिलाकर इस संग्राम में भाग लिया।

(ग) पहले क्रांतिकारी हिंसा द्वारा आज़ादी पाने का सपना देख रहे थे। उन्होंने कई बम धमाके किए, कई अंग्रेज़ी ऑफिसरों की हत्या की, पर गाँधी जी के आने के पश्चात् इन सब में परिवर्तन आ गया। गाँधी जी ने अहिंसा पर बल दिया। उन्होंने पदयात्रा, अनशन, धरने जैसे शांतिपूर्ण उपायों को अपना हथियार बनाया। अब बम, बंदूक का स्थान अहिंसा ने ले लिया।

(घ) साहित्य, संस्कृति, अखबार आदि का विकास हुआ। पहले सिर्फ़  ब्रिटिश अख़बार ही निकलता था, परन्तु जैसे-जैसे शिक्षा का प्रसार हुआ साहित्य, संस्कृति ने भी जोर पकड़ना आरंभ किया। अब तो भारत की हर भाषा में अख़बार छपने आरंभ हो गए। इन्हीं अख़बारों द्वारा जनता में जागृति की लहर फैलाई जा सकी।

for Class 8th: पाठ 18 - टोपी हिंदी

प्रश्न अभ्यास

कहानी से

1. गवरइया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवरइया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला?

उत्तर

गवरइया और गवरा के बीच आदमी के कपड़े पहनने को लेकर बहस हुई। गवरइया को आदमी द्वारा रंग-बिरंगे कपड़े पहनना अच्छा लग रहा था जबकि गवरा का कहना था कि कपड़ा पहन लेने के बाद आदमी और बदसूरत लगने लगता है। उसका यह भी कहना था कि कपड़े पहन लेने के बाद आदमी की कुदरती ख़ूबसूरती ढँक जाती है।
गवरइया का मन हमेशा टोपी पहनने को करता था। एक दिन घूरे पर चुगते-चुगते उसे रुई का एक फाहा मिल गया। इसी से उसकी टोपी बनने की इच्छा पूरी होने का अवसर मिल गया।

3. टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस किस के पास गई ? टोपी बनने तक के एक-एक कार्य लिखें।

उत्तर

टोपी बनवाने के लिए गवरइया सबसे पहले धुनिया के पास गई। उससे रुई धुनवा कर वह उसे लेकर कोरी के पास जा पहुँची। उसे कोरी से कतवा लिया। कते सूत को लेकर वह बुनकर के पास गई। उस कते सूत से उसने बुनकर से कपड़ा बुनवाया। कपड़े को लेकर वह दर्जी के पास गई। उसने उस कपड़े से दो सुन्दर सी टोपियाँ सिल दीं। एक टोपी अपने पास रखकर दूसरी टोपी गवरइया को दे दी। इस प्रकार गवरइया की टोपी तैयार हो गई।

4. गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुँदने क्यों जड़ दिए?

उत्तर

दर्जी राजा औए उसके सेवकों के कपड़े सिलता था जो उसे बेगार करवाते थे। लेकिन गवरइया ने अपनी टोपी सिलवाने के बदले में दर्जी को मजदूरीस्वरूप आधा कपडा दिया जिससे खुश होकर दर्जी ने गवरइया की टोपी पर पांच फुँदने जड़ दिए।

पृष्ठ संख्या: 125

3. गवरइया के स्वभाव से यह प्रमाणित होता है कि कार्य की सफलता के लिए उत्साह आवश्यक है। सफलता के लिए उत्साह की आवश्यकता क्यों पड़ती है, तर्क सहित लिखिए।

उत्तर

किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए मन में उत्साह होना आवश्यक है। उत्साह से ही हमारे मन में किसी भी कार्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न होती है। यदि हम किसी भी कार्य को बेमन से करेंगे तो निश्चय ही हमें उस कार्य में सफलता नहीं मिलेगी। कोई न कोई कमी ज़रूर रह जाएगी।

पृष्ठ संख्या: 126

2. मुहावरों के प्रयोग से भाषा आकर्षक बनती है। मुहावरे वाक्य के अंग होकर प्रयुक्त होते हैं। इनका अक्षरशः अर्थ नहीं बल्कि लाक्षणिक अर्थ लिया जाता है। पाठ में अनेक मुहावरे आए हैं। टोपी को लेकर तीन मुहावरे हैं; जैसे - कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। शेष मुहावरों को खोजिए और उनका अर्थ ज्ञात करने का प्रयास कीजिए।

उत्तर

(1)

टोपी उछालना

:- (इज़्ज़त उछालना) एक गलत काम करने से आदमी की टोपी उछलते देर नहीं लगती। (2)

टोपी से ढ़ँक लेना

:- (इज्ज़त ढ़क लेना) अपने घर की बात को टोपी से ढ़ँक

for Class 8th: पाठ 17 - बाज और साँप हिंदी

प्रश्न अभ्यास

कहानी से

1. घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, "मुझे कोई शिकायत नहीं है?" विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर 

घायल होने के बाद भी बाज ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसने अपनी ज़िंदगी को भरपूर भोगा। वह असीम आकाश में जी भरकर उड़ान भर चुका था। जब तक उसके शरीर में ताकत रही तब तक ऐसा कोई सुख नहीं बचा जिसे उसने न भोगा हो। वह अपने जीवन से पूर्णतः संतुष्ट था।

2. बाज ज़िंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा, फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था ?

उत्तर

बाज ज़िंदगी भर आकाश में उड़ता रहा, उसने आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नापा। बाज साहसी था। अतः कायर की मौत नहीं मरना चाहता था। वह अंतिम क्षण तक संघर्ष करना चाहता था। वह मरने से पहले अंतिम बार आकाश में उड़ लेना चाहता था। अतः उसने इसके लिए एक अंतिम प्रयास किया भले ही वह असफल हो गया। एक और कारण यह भी है कि साँप के गुफा से भयानक दुर्गंध आ रहा था जिससे उसका दम घुट रहा था।

3. साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर भी उसने उड़ने की कोशिश क्यों की ?

उत्तर

साँप उड़ने कि इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। उसके लिए उड़ान और रेंगने में कोई अंतर न था। पर जब उसने बाज के मन में आकाश में उड़ने के लिए तड़प देखी तब साँप को भी लगा कि इस आकाश के रहस्य का पता लगाना ही चाहिए। तब उसने भी आकाश में एक बार उड़ने की कोशिश करने का निश्चय किया।

4. बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था ?

उत्तर

बाज के साहसी, वीरता, एवं स्वतंत्रता-प्रिय रूप को सम्मान देने के लिए लहरों ने गीत गाया था। वह साहसी और बहादूर था। उसने अपने प्राण गँवा दिए परन्तु ज़िंदगी के खतरे का सामना करने से पीछे नहीं हटा।

5. घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा ?

उत्तर

साँप का शत्रु बाज है चूँकि वो उसका आहार होता है इसलिए घायल बाज को देखकर साँप के लिए खुश होना स्वाभाविक था।

कहानी से आगे

4. मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा मन में रखी है। मनुष्य की इस इच्छा का परिणाम क्या हुआ ? आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है ?

उत्तर

मानव ने भी पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा अपने मन में सँजो कर रखी है। जिसका परिणाम यह हुआ कि मनुष्य हवाई जहाज का आविष्कार कर दिखाया। आज मनुष्य अपने उड़ने की इच्छा की पूर्ति हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर, गैस-बैलून आदि से करता है।

  पृष्ठ संख्या: 115

भाषा की बात

1. कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर

(1) भाँप लेना - दादाजी की गिरती साँसें देखकर माता जी ने स्थिति भाँप ली व तुरन्त डाक्टर को बुलवा लिया।
(2) हिम्मत बाँधना - पुलिस के आने पर ही घर के लोगों की हिम्मत बँधी।
(3) अंतिम साँस गिनना - रोगी अस्पताल के बिस्तर पर अंतिम साँसें गिन रहा है।
(4) मन में आशा जागना- किशन की वीरतापूर्ण बातों ने मेरे मन में आशा जगा दी।
(5) प्राण हथेली में रखना- गौरव ने प्रथा की जान बचाने के लिए अपने प्राणों को हथेली में रख दिया।

2. 'आरामदेह ' शब्द में 'देह' प्रत्यय है। 'देह' 'देनेवाला' के अर्थ में प्रयुक्त होता है। देने वाला के अर्थ में 'द', 'पद', 'दाता', 'दाई', आदि का प्रयोग भी होता है, जैसे- सुखद, सुखदाता, सुखदाई, सुखप्रद। उपर्युक्त समानार्थी प्रत्ययों को लेकर दो-दो शब्द बनाइए।

उत्तर

प्रत्यय

शब्द

द-

सुखद, दुखद

दाता-

परामर्शदाता, सुखदाता

दाई-

सुखदाई, दुखदाई

देह-

विश्रामदेह, लाभदेह, आरामदेह

प्रद-

लाभप्रद, हानिप्रद, शिक्षाप्रद

for Class 7th: पाठ - 20 विप्लव गायन (कविता) हिंदी

कविता से आगे

1. 'कण-कण में है व्याप्त वही स्वर ..... कालकूट फणि की चिंतामणि'
(क) 'वही स्वर', 'वह ध्वनि' एवं 'वही तान' अदि वाक्यांश किसके लिए/किस भाव के लिए प्रयुक्त हुए हैं?

उत्तर

कवि 'वही स्वर', 'वह ध्वनि' एवं 'वही तान' अदि वाक्यांश का भाव नव-निर्माण और जनता को जागृत करने के लिए प्रयुक्त हुए हैं।

(ख) वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का 'रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है/निकली मेरे अंतरतर से' - पंक्तियों से क्या कोई संबंध बनता है?

उत्तर

वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का 'रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है/निकली मेरे अंतरतर से' में आपसी संबंध बनता है क्योंकि कवि इन पंक्तियों में आवेशपूर्वक जनता को जागृत करना चाहते है परंतु उसके कंठ से वह गीत बाहर नहीं आ सकता जिससे वह और भी अधिक अधीर हो जाता है।

2. नीचे दी गई पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए -
'सावधान ! मेरी वीणा में ...... दोनों ऐंठी हैं।'

उत्तर

इस पंक्ति में कवि लोगों को परिवर्तन के प्रति सावधान करता है और वीणा से कोमल स्वर निकालने की बजाय कठोर स्वर निकलने के कारण उसकी उँगलियों की मिजराबें टूटकर गिर गईं, जिससे उसकी उँगलियाँ ऐंठकर घायल हो जाती है ।

पृष्ठ संख्या: 143

भाषा की बात

1. कविता में दो शब्दों के मध्य (-) का प्रयोग किया गया है, जैसे - 'जिससे उथल-पुथल मच जाए' एवं 'कण-कण में है व्याप्त वही स्वर'। इन पंक्तियों को पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कवि ऐसा प्रयोग क्यों करते हैं?

उत्तर

कवि कविता में दो शब्दों के मध्य (-) का प्रयोग कर शब्दों में लय बनाये रखते हैं। इस कारण कविता भी ओजपूर्ण लगती है।

2. कविता में (,-।) आदि जैसे विराम चिह्नों का उपयोग रुकने, आगे-बढ़ने अथवा किसी खास भाव को अभिव्यक्त करने के लिए किया जाता है। कविता पढ़ने में इन विराम चिह्नों का प्रभावी प्रयोग करते हुए काव्य पाठ कीजिए।
गद्य में आमतौर पर है शब्द का प्रयोग वाक्य के अंत में किया जाता है, जैसे - देशराज जाता है। अब कविता की निम्न पंक्तियों को देखिए -
'कण-कण में है व्याप्त......वही तान गाती रहती है,'
इन पंक्तियों में है शब्द का प्रयोग अलग-अलग जगहों पर किया गया है।
कविता में अगर आपको ऐसे अन्य प्रयोग मिलें तो उन्हें छाँटकर लिखिए।

उत्तर

• कंठ रुका है महानाश का
• टूटीं हैं मिजराबें
• रोम-रोम गाता है वह ध्वनि

3. निम्न पंक्तियों को ध्यान से देखिए -
'कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ......एक हिलोर उधर से आए,'
इन पंक्तियों के अंत में आए, जाए जैसे तुक मिलानेवाले शब्दों का प्रयोग किया गया है। इसे तुकबंदी या अंत्यानुप्रास कहते हैं।
कविता से तुकबंदी के अन्य शब्दों को छाँटकर लिखिए।

उत्तर

• बैठी है - ऐंठी हैं
• इधर - उधर
• रुद्ध - युद्ध
• फणि - मणि

FOR CLASS 6 TH " पाठ 16 - वन के मार्ग में हिंदी "

प्रश्न अभ्यास

कविता से

1. प्रथम सवैया में कवि ने राम-सीता के किस प्रसंग का वर्णन किया है?

उत्तर

प्रथम सवैया में कवि ने राम-सीता के वन-गमन प्रसंग का वर्णन किया है।

2. वन के मार्ग में सीता को होने वाली कठिनाइयों के बारे में लिखो।

उत्तर

वन के मार्ग में जाते हुए सीता थक गईं। उनके माथे से पसीना बहने लगा और होंठ सूख गए। वन के मार्ग में चलते-चलते उनके पैरों में काँटें चुभने लगे।

3. सीता की आतुरता देखकर राम की क्या प्रतिक्रिया होती है?

उत्तर

सीता की आतुरता को देखकर श्रीराम व्याकुल हो उठते हैं। सीता को थका और प्यासा देख उनकी आँखों से आँसू बहने लगते हैं। वह इस बात से परेशान हो उठते हैं कि सीता को इतना कष्ट उनके वजह से झेलना पड़ रहा है।

4. राम बैठकर देर तक काँटे क्यों निकालते रहे?

उत्तर

राम से सीता की व्याकुलता देखी नहीं जा रही थी। लक्ष्मण पानी की तलाश में गए हुए थे इसलिए जब तक लक्ष्मण लौट कर आते हैं तब तक वे सीता की व्याकुलता और कष्ट को कम करना चाहते थे इसलिए राम बैठकर देर तक काँटे निकालते रहे क्योंकि अभी उन्हें और चलना था।

5. सवैया के आधार पर बताओ कि दो कदम चलने के बाद सीता का ऐसा हाल क्यों हुआ?

उत्तर

सीता राजा जनक की पुत्री थीं। उनका जीवन राजमहलों में बिता था। इस पकार की कठिनाइयों को उन्होंने ने कही नहीं देखा था। इसलिए अभ्यस्त न होने के कारण उनका ऐसा हाल हुआ।

6. 'धरि धीर दए' का आशय क्या है?

उत्तर

इस पंक्ति का आशय है धैर्य धारण करना। सीता वन मार्ग पर चलते हुए, राम का साथ देते हुए, तकलीफों को सहते हुए मन-ही-मन स्वयं को धीरज बँधा रहीं थीं।

अनुमान और कल्पना

• अपनी कल्पना से वन के मार्ग का वर्णन करो।

उत्तर

वन का मार्ग कठिनाइयों से भरा होता है। रास्ते में चारों तरफ लम्बे-लम्बे वृक्ष खड़े होते हैं और बीचों-बीच कँटीली झाड़ियाँ होती हैं। रास्ता उबड़-खाबड़, पत्थरीला और दलदली भी होता है। पेड़ों से घिरे होने के कारण सूरज की रोशनी भी काम पहुँचती है जिससे अँधेरा भी होता है साथ ही रास्ता जंगली जानवरों से भरा होता है।

भाषा की बात

• लखि - देखकर धरि - रखकर
पोछि - पोंछकर जानि - जानकर
ऊपर लिखे शब्दों और उनके अर्थ को ध्यान से देखो। हिंदी में जिस उद्देश्य के लिए हम क्रिया में 'कर' जोड़ते हैं, उसी के लिए अवधी में क्रिया में ि (इ) को जोड़ा जाता है, जैसे अवधी में बैठ + ि = बैठि और हिंदी में बैठ + कर = बैठकर। तुम्हारी भाषा या बोली में क्या होता है? अपनी भाषा के ऐसे छह शब्द लिखो। उन्हें ध्यान से देखो और कक्षा में बताओ।

उत्तर
मेरी मातृ भाषा पंजाबी में उपर्युक्त उद्देश्य के लिए क्रिया के साथ 'के ' का प्रयोग करते हैं | जैसे - 
i) लिख के    ii) पढ़ के     iii) सो के     iv) खोल के     v) चल के |

1 कविता से 1 कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा ?`?

Solution : कवि जीवन के प्रति आस्था और विश्वास से भरा हुआ है। इसलिए वह अपनी कर्तव्यनिष्ठा तथा सक्रियता से विमुख होकर अपने जीवन का अंत नहीं होने देगा। वह अपने उत्साही कार्यों की आभा को वसंत की तरह सुगन्धित रूप में सब ओर फैलाना चाहता है।

कविता के अनुसार कवि का अंत क्यों नहीं हो सकता?

कवि ने इस बच्चे को 'टूटे खिलौने' की तरह बताया है। जब कोई खिलौना टूट जाता है तो वह उस तरह से काम नहीं कर पाता जिस तरह से पहले करता था। संदर्भ के अनुसार खाली स्थान भरो।

कवि ने कविता में अभी मेरा अंत न होगा ऐसा क्यों कहा है?

Answer: 'अभी न होगा मेरा अंत' कवि ने ऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि वे बताना चाहते हैं कि अभी अंत नहीं होने वाला है। अभी अभी तो वसंत का आगमन हुआ है जिससे उसका जीवन खुशियों से भर गया है। वह उमंग से भरा हुआ है।

तभी तो ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा?

प्रश्न 1 : कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा? उत्तर : उसको विश्वास है कि अभी वो कमज़ोर नहीं है। अपितु उसके अंदर जीवन को जीने के लिए उत्साह, प्रेरणा व ऊर्जा कूट-कूट कर भरी है। एक मनुष्य तभी स्वयं का अंत मान लेता है जब वह अपने अंदर की ऊर्जा को क्षीण व उत्साह को कम कर देता है।