किस कवि को गाँव और शहर का कवि कहा जाता है? - kis kavi ko gaanv aur shahar ka kavi kaha jaata hai?

                
                                                                                 
                            शहर की रौंदती सडकों से
                                                                                                
                                                     
                            
मेरे गांव की पगडंडियां अच्छी
शहर की तिकडमी बोलियों से
गांव की बोलियां सच्ची
नग्नता को दिखाती
चमकते शहर की चमकती लड़कियों से
मेरे गांव की छोरियां अच्छी ।
दमघोंटू शहर की
बिषैली आबोहवा से
ऐसे धुंए व जहर से ठीक
मेरे गांव के जंगलों की हवा अच्छी ।
शहर के बड़े शीश महलों से
पापों से भरी कोठियों से ठीक
बेहतर है मेरे गांव की
माटी की झोपड़ियां अच्छी ।
इंसान को इंसान न समझने वाले
किसी को प्रीत न करने वाले
मतलब से सम्बन्ध रखने वाले
झूठे बनावटी शहरों की जिन्दगी से
गांव की सीधी साधी जिन्दगी सच्ची ।

- आपका दोस्त धर्मवीर वर्मा

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3 years ago

गाँव और शहर इस कविता के कवि कौन है?

gaon Aur Sehar - कविता....

गांव का घर कविता के रचयिता कौन है?

Solution : गाँव का घर- गाँव का घर ज्ञानेन्द्रपति समकालीन कवि है वे नवपूँजीवाद और आर्थिक उदारवादी के कारण ग्रामीण संस्कृति में जो बहुआयामी बदलाव आया है उस संस्कृति को नष्ट होता हुआ देख दुखी होते है। उन्होंने जो बचपन के दिन गुजारे है वह स्मृतियों में बीएस जाता है।