जिस भाषा में अनुवाद किया जाता है उस भाषा को क्या कहते हैं? - jis bhaasha mein anuvaad kiya jaata hai us bhaasha ko kya kahate hain?

जिस भाषा से अनुवाद किया जाता है उसे स्रोत भाषा कहते हैं सही या ग़लत?...


जिस भाषा में अनुवाद किया जाता है उस भाषा को क्या कहते हैं? - jis bhaasha mein anuvaad kiya jaata hai us bhaasha ko kya kahate hain?

जिस भाषा में अनुवाद किया जाता है उस भाषा को क्या कहते हैं? - jis bhaasha mein anuvaad kiya jaata hai us bhaasha ko kya kahate hain?

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नमस्कार आपका फैसला जिस भाषा से अनुवाद किया जाता है उसे चौथ माता कहते हैं यह कथन सही है उसका उत्तर बिल्कुल सही है क्योंकि किसी भी भाषा का दूसरी भाषा में व्यक्त करना अनुवाद कहा जाता है जिस भाषा से अनुवाद किया जाता है उसे स्रोत भाषा या लक्ष्य भाषा कहते हैं धन्यवाद

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जिस भाषा से अनुवाद किया जाए उस भाषा को क्या कहते हैं?...


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September 18, 2021 12:09PM   177191   Copy    Share

'स्रोत-भाषा' और 'लक्ष्य-भाषा' क्या होती है, इस बारे में जानने से पूर्व शब्द 'स्रोत' एवं 'लक्ष्य' का क्या अर्थ है यह जानना आवश्यक है। यदि हम इन शब्दों का अर्थ जान लें तो 'स्रोत-भाषा' और 'लक्ष्य-भाषा' को समझने में काफी आसानी होगी।

'स्रोत' का अर्थ- 'स्रोत' शब्द का आशय है वह साधन या स्थल जहाँ से हमें कोई सामग्री या जानकारी प्राप्त हो। अब हम 'स्रोत-भाषा' की बात करें तो आशय होगा - ऐसी भाषा जिसमें जानकारी उपलब्ध हो।

'लक्ष्य' का अर्थ - लक्ष्य का अर्थ होता है 'उद्देश्य' अर्थात वह बात, जानकारी या वस्तु जिसे प्राप्त करना उद्देश्य हो। या हम यह भी कह सकते हैं कि वह कार्य या बात जिसकी सिद्धि हमारे लिए अभीष्ट हो और उसकी पूर्ति के लिए उस पर दृष्टि या ध्यान केंद्रित किया जाए। इस तरह 'लक्ष्य-भाषा' का आशय होगा ऐसी भाषा जिसमें जानकारी प्राप्त करना उद्देश्य हो। 'स्रोत' और 'लक्ष्य' शब्दों का अर्थ जानने के पश्चात जानते हैं- स्रोत भाषा क्या है?

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स्रोत भाषा

'स्रोत-भाषा' वह भाषा होती है जिसमें कोई जानकारी या ज्ञान मौलिक रूप में वर्णित हो या उस भाषा में जानकारी उपलब्ध हो। जब कभी भाषा में वर्णित बात को समझना कठिन हो या अन्य भाषाओं के माध्यम से जन-जन तक उस ज्ञान या जानकारी को पहुँचाना उद्देश्य हो, तब उस आवश्यकता की पूर्ति के लिए जानकारी को दूसरी भाषा में अनुवाद करने की आवश्यकता होती है, तब हम मूल रूप से जिस भाषा में जानकारी उपलब्ध है उस भाषा को 'स्रोत-भाषा' कहते हैं।
इस तरह सीधा-सीधा कहा जाए तो किसी जानकारी को सरलता से समझने के लिए अन्य सरल भाषा में अनुवाद करना पड़े अर्थात कही गई बात को दूसरी भाषा में अनुदित करना हो तो जिस भाषा से जानकारियाँ या ज्ञान अनुदित होता है, उस भाषा को 'स्रोत-भाषा' कहते हैं।
उदाहरण- महाकवि कालिदास द्वारा लिखित नाटक और रचनाएँ संस्कृत भाषा में उपलब्ध हैं। अतः कालिदास जी की रचनाओं के लिए 'स्रोत-भाषा' संस्कृत होगी।

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3. हिन्दी भाषा में स्वर और व्यन्जन || स्वर एवं व्यन्जनों के प्रकार, इनकी संख्या एवं इनमें अन्तर
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7. प्रमुख 22 ध्वनि यन्त्र- स्वर तन्त्रियों के मुख्य कार्य

लक्ष्य भाषा

जैसा कि ऊपर 'स्रोत-भाषा' के संदर्भ में जानकारी दी गई है कि किसी भाषा में दिए गए ज्ञान को सरलता से समझने के लिए या उस जानकारी को जन-जन तक पहुँचाने के लिए अन्य सरल भाषा में अनुवाद किया जाता है। ज्ञान या जानकारी का जिस भाषा में अनुवाद होता है उस भाषा को 'लक्ष्य-भाषा' कहा जाता है। उदाहरण - कालिदास द्वारा रचित ग्रन्थ या रचनाओं को समझने या जन-जन तक पहुँचाने के लिए हिन्दी, अंग्रेजी या अन्य भाषाओं में जब अनुवाद किया गया है तब जिन भाषाओं में अनुवाद हुआ है वे सभी 'लक्ष्य-भाषाएँ' होंगी।

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2. शब्द क्या है
3. लोकोक्तियाँ और मुहावरे
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5. छंद के प्रकार– मात्रिक छंद, वर्णिक छंद
6. विराम चिह्न और उनके उपयोग
7. अलंकार और इसके प्रकार

स्रोत एवं लक्ष्य भाषा की आवश्यकता एवं प्रयोग

स्रोत भाषा एवं लक्ष्य भाषा की आवश्यकता अधिकतर अनुवाद के संदर्भ में किया जाता है। जब किसी एक भाषा का अन्य भाषा में अपना कथन प्रयुक्त करना हो अर्थात एक भाषा के कथन को किसी दूसरी भाषा के कथन में बदलना हो तो यह अनुवाद कहलाता है। अतः अनुवाद से तात्पर्य है, एक भाषा में कही गई बात को दूसरी भाषा में इस तरह कहा जाए जिससे कि पहली भाषा का भाव पूर्णतः स्पष्ट हो सके।
उदाहरणार्थ - यदि अंग्रेजी भाषा में कही गई किसी बात को हिन्दी में इस तरह प्रस्तुत किया जाए जिससे कि दोनों का अर्थ एक ही हो अर्थात दोनों का भाव एवं उद्देश्य एक ही हो। जैसे- Kalidas is a great poet.
को हिंदी में अनुवाद होगा
"कालीदास एक महान कवि हैं"
इस तरह कहा जाएगा।
अनुवाद के संदर्भ में कम से कम दो भाषाओं का होना अनिवार्य होता है। इसमें एक भाषा 'स्रोत भाषा' एवं दूसरी भाषा 'लक्ष्य भाषा' होती है।स्रोत भाषा को मूल भाषा एवं लक्ष्य भाषा को अन्य भाषा भी कहते हैं।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. शब्द क्या है- तत्सम एवं तद्भव शब्द
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11. द्विरुक्ति शब्द क्या हैं? द्विरुक्ति शब्दों के प्रकार

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
edudurga.com

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(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)

जिस भाषा में अनुवाद करते हैं उस भाषा को क्या कहते हैं?

जिस भाषा से अनुवाद किया जाता है, वह मूलभाषा या स्रोतभाषा है। उससे जिस नई भाषा में अनुवाद करना है, वह 'प्रस्तुत भाषा' या 'लक्ष्य भाषा' है।

एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद को क्या कहते हैं?

इसका प्रयोग पहली बार मोनियर विलियम्स ने अंग्रेजी शब्द translation के पर्याय के रूप में किया था। किया जाने लगा । अनुवाद वस्तुतः किसी भाषा में अभिव्यक्त विचारों को दूसरी भाषा में यथोक्त प्रस्तुत करना है । जिस भाषा से अनुवाद किया जाता है, वह मूलभाषा या स्रोतभाषा है।

शब्द अनुवाद को क्या कहते हैं?

शब्दानुवाद : स्रोत-भाषा के शब्द एवं शब्द क्रम को उसी प्रकार लक्ष्य-भाषा में रूपान्तरित करना शब्दानुवाद कहलाता है। इसमें अनुवादक का लक्ष्य स्रोत-भाषा में अभिव्यक्त भावों, विचारों एवं अर्थों का लक्ष्य-भाषा में अन्तरण करना होता है।

अनुवाद किसे कहते हैं कितने प्रकार के होते हैं?

स्रोत भाषा के पाठ का अनुवाद जब भाव के आधार पर लक्ष्य भाषा में किया जाता है तो उस अनुवाद को भावानुवाद कहते हैं। भावानुवाद के रूप में साहित्यिक पाठों का अनुवाद विशेष रूप से किया जाता है। छायानुवाद: किसी कृति की छाया का अनुवाद यदि एक भाषा से दूसरी भाषा में किया जाता है तो उस अनुवाद को छायानुवाद कहा कहा जाता है।