जन्मदिन पर क्या दान करना चाहिए - janmadin par kya daan karana chaahie

अपने जन्मदिन पर लोग कई तरह के आयोजन करते हैं तो कुछ घर-परिवार के बीच ही अपना जन्मदिन मनाते हैं। इस दिन को यदि आप शुभ कार्यों के साथ मनाते हैं तो आने वाले समय में आपके ऊपर ईश्वर की कृपा बनी रहती है और आने वाला समय अच्छा रहता है।

जन्मदिन पर क्या दान करना चाहिए - janmadin par kya daan karana chaahie

जन्मदिन पर क्या दान करना चाहिए - janmadin par kya daan karana chaahie

Asianet News Hindi

Ujjain, First Published Jul 1, 2021, 8:35 AM IST

उज्जैन. ज्योतिष में कुछ कार्य बताए गए हैं, अपने जन्म दिवस पर इन कार्यों को करके आप पूरे वर्ष को सुखमय बना सकते हैं। आगे जानिए कौन-से हैं वो कार्य…

1. अपने जन्म दिवस पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद सूर्यदेव के दर्शन करने चाहिए और अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद अपने इष्ट देव का ध्यान व पूजा आराधना करें। इसके साथ ही अपनी राशि के अनुसार स्वामी ग्रह का मंत्र जाप करना चाहिए। इससे आपके ऊपर देवताओं की कृपा बनी रहती है।
2. इस दिन अपने से बड़े, माता-पिता, बुजुर्गों व गुरु का आशीर्वाद लेना चाहिए। जो लोग अपने से बड़ों का सम्मान करते हैं उनसे देवता भी प्रसन्न रहते हैं। यह कार्य हर व्यक्ति को प्रतिदिन करना चाहिए।
3. जरुरतमंदों की सेवा और दान-पुण्य करना सबसे शुभ कार्य होता है। अपने जन्मदिवस पर जरुरतमंदों की भोजन करवाना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें अपनी क्षमतानुसार अन्न व जरुरत की चीजें दान करना चाहिए।
4. प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का बहुत ही महत्व होता है। अपने जन्मदिवस के मौके पर आप अशुभ ग्रह से संबंधित दान आदि कर सकते हैं या फिर इनके निमित्त पूजन व जाप करना चाहिए। इससे आपके अशुभ ग्रह अनुकूल होते हैं और आपके जीवन से समस्याएं दूर होती हैं।
5. अपने जन्मदिन पर पशुओं की सेवा अवश्य करनी चाहिए। गाय को चारा खिलाएं। मछलियों के लिए नदी या तालाब में आटे की गोलियां बनाकर डालें। कुत्ते को रोटी खिलाएं। इससे भी आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

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6. शुक्र : ज्वार, रुई, दही, इत्र, सफेद कपड़े, श्रृंगार की वस्तुएं, चावल, शक्कर और गाय को हरा चारा दान करें।

7. शनि : काला कपड़ा, कंबल, चाय की पत्ती, उड़द दाल, काले तिल, सरसों का तेल, लोहा, छाता, काले तिल और छाया दान करें।

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सोनिया संधू-टोरे ने अपना 50वां जन्मदिन मनाया तो शानदार पार्टी दी. तब उन्होंने अपने आपको एक महत्वपूर्ण तोहफा दिया. एक वादा किया कि पार्टी कार्बन-न्यूट्रल होगी.

पश्चिमी राजस्थान के एक होटल में पार्टी देने वालीं संधू बताती हैं, "हमने 50 मेहमान बुलाए थे जो फ्लाइट और कार लेकर आने वाले थे. मैं पार्टी करना चाहती थी लेकिन इस बात को लेकर भी चिंतित थी कि इससे कार्बन फुटप्रिंट कितना बड़ा होगा. मैं कुछ करना चाहती थी क्योंकि मैं जानती हूं कि अब हम जो भी कदम उठाएंगे उनका असर भविष्य पर होगा.”

क्या यात्री जहाज पर्यावरण अनुकूल हो सकते हैं?

तो संधू ने क्लाइम्स का प्रयोग किया. यह एक क्लाइमेट-टेक स्टार्टअप है, जो लोगों और कंपनियों को कार्बन ऑफसेट खरीदकर ‘क्लाइमेट फ्रेंडली' यानी पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार करने में मदद करता है. ऐसे कई उद्यम शुरू हो चुके हैं जिनके जरिए भारत में कार्बन क्रेडिट की बिक्री हो रही है.

भारत में बढ़ती जागरूकता

क्लाइम्स, लोसूट और वोस (WOCE) जैसे ये उद्यम उन भारतीयों की जरूरत पूरी कर रहे हैं जो जलवायु परिवर्तन को लेकर सजग हैं और इसे रोकने में अपनी तरफ से कोई योगदान देना चाहते हैं. ऐसे लोग यात्राओं, शादियों और ऑनलाइन खरीदारी  में होने वाले कार्बन उत्सर्जन की भरपाई करना चाहते हैं.

वैश्विक स्तर पर कार्बन क्रेडिट का व्यापार दो अरब डॉलर तक पहुंच चुका है और लगातार तेजी से बढ़ रहा है. ‘ईकोसिस्टम मार्केटप्लेस' के मुताबिक 2021 का व्यापार 2020 के मुकाबले चार गुना ज्यादा रहा था जबकि 50 करोड़ कार्बन क्रेडिट बिके थे. ये कार्बन क्रेडिट 50 करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन के बराबर है.

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक है. उसका मकसद 2070 तक कार्बन न्यूट्रल हो जाने का है. यानी देश में उतनी ही कार्बन हाउस गैसें उत्सर्जित हों जितनी सोखी जा सकें. धीरे-धीरे देश में कार्बन क्रेडिट की मांग और बिक्री बढ़ रही है.

संधू की पार्टी में केक काटा गया, फैंसी ड्रेस कॉम्पटिशन हुआ, नाच-गाना भी हुआ. लेकिन साथ में लोगों को एक प्रेजेंटेशन भी दिखाई गई, जिसमें लोगों को बताया गया कि कार्बन क्रेडिट किस तरह काम करता है. इस प्रेजेंटेशन के जरिए लोगों को कार्बन क्रेडिट खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया गया ताकि वे कार्बन उत्सर्जन कम करने में अपना योगदान दे सकें.

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तोहफों के पैकेटों पर क्यूआर कोड लगे थे जिनमें क्लाइम्स की वेबसाइट का लिंक था. लोग इस लिंक पर जाकर पार्टी के उत्सर्जन में हिस्सेदारी खरीद सकते थे. इस धन का प्रयोग जंगलो को पुनर्जीवित करने से लेकर कचरे को ऊर्जा में बदलने वाली तकनीक को विकसित करने में होता है.

संधू कहती हैं, "प्रक्रिया बहुत सरल थी और बहुत से मेहमानों ने वन परियोजनाओं के लिए दान देने का विकल्प चुना. हर कोई देख सकता है कि उसका दिया पैसा कहां खर्च हो रहा है. इससे बातचीत शुरू हुई और कई मेहमान और ज्यादा जानना चाहते थे क्योंकि इस बारे में बहुत सारे गोरखधंधे भी चल रहे हैं.”

क्या हैं मुश्किलें?

पर्यावरण के अनुकूल काम करने वाली कपड़ा कंपनी टैमरिंड चटनी ने जब सोचा कि अपने कार्बन उत्सर्जन के बराबर धन कहीं दान दिया जाए तो उसे ऐसे विकल्प खोजने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा.

कंपनी की संस्थापक 29 साल की तन्वी भीखचंदानी बताती हैं, "एक साल तक शोध करने के बाद हमने तो उम्मीद ही छोड़ दी क्योंकि कोई पारदर्शी विकल्प नहीं मिला था. हम यह जानना चाहते थे कि हमारा धन कहां जा रहा है. लेकिन सब कुछ ब्लैक होल जैसा था. ज्यादातर परियोजनाएं ऐसी थीं जिनमें कार्बन ऑफसेट को एक हल की तरह पेश किया गया था और उसके स्रोत की बात ही नहीं थी. यह निराशाजनक था.”

शायद यही वजह है कि स्वयंसेवी कार्बन बाजारों को लोगों का भरोसा जीतने में मुश्किल हो रही है. पर्यावरणविद कहते हैं कि कार्बन क्रेडिट खरीदना अपने उत्सर्जन की जिम्मेदारी छोड़ने का आसान तरीका है क्योंकि आपके उत्सर्जन के लिए कोई और भुगतान कर रहा है. कार्बन मार्केट वॉच नामक संस्था के संचार निदेशक खालिद दियाब कहते हैं, "एक टन उत्सर्जित कार्बन का असर बचाए गए या सोख लिए गए गए एक टन कार्बन से हमेशा ज्यादा होगा. यह एक वजह है कि कार्बन क्रेडिट को कार्बन ऑफसेट के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. जलवायु के लिए काम करना अच्छी बात है लेकिन कार्बन क्रेडिट खरीदने को जेल से निकलने की कीमत चुकाने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.”

कार्बन क्रेडिट से कमाई का रास्ता

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कार्बन क्रेडिट के बाजार के बारे में दियाब कहते हैं कि यह अनियमित है और कार्बन क्रेडिट की विश्वसनीयता तय करने की पूरी जिम्मेदारी ग्राहकों पर छोड़ दी गई है, जो एक बड़ी चुनौती है क्योंकि ज्यादातर ग्राहक विशेषज्ञ नहीं हैं. वह कहते हैं, "इससे कॉरपोरेशनों को ग्रीनवॉशिंग का ताकतवर हथियार मिल जाता है.” ग्रीनवॉशिंग उस प्रक्रिया को कहा जाता है जिसमें कार्बन उत्सर्जित कर बड़ी कंपनियां उसके बराबर कार्बन क्रेडिट खरीदकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेती हैं.

उद्योग और सरकार की सक्रियता

भारत ने पिछले महीने ही ऊर्जा संरक्षण कानून पारित किया है जिसमें सरकारों और उद्योगों को कार्बन क्रेडिट कमाने और खर्चने के नियम बनाने का प्रावधान किया गया है. इसकी शुरुआत स्वेच्छा के आधार पर होगी.

भारत में हरित ऊर्जा के उत्पादन से जुड़ीं कंपनियों ने अक्टूबर में मिलकर एक कार्बन मार्किट बनाने पर काम शुरू किया है जिसका मकसद भारत में ऊर्जा उत्पादन को जीवाश्म से हरित स्रोतों की ओर ले जाना है और सरकार के साथ मिलकर बाजार के लिए दिशा-निर्देश तय करना है.

इस नई बनी कार्बन मार्केट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनीष दबकारा कहते हैं कि कुछ कंपनियों को ग्रीनवॉशिंग में शामिल पाया गया है लेकिन सभी ऐसा नहीं करती हैं. उन्होंने कहा, "अब बाजार में ज्यादा पारदर्शिता और जागरूकता है.”

अब तक कार्बन क्रेडिट को भारत में एक लग्जरी उत्पाद के रूप में देखा जाता रहा है जिसे धनी लोग खरीदते हैं लेकिन दबकारा कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय चलन में बदलाव से भारत में भी बदलाव आएगा.

जन्मदिन पर क्या नहीं करना चाहिए?

ज्यादातर लोग जन्मदिन मनाने के लिए मांस और मदिरा का सेवन करते हैं, जो की पूरी तरह गलत है। जन्मदिन के दिन जीव हत्या करना या मांस का सेवन करना बहुत बड़ा पाप माना जाता है।

बच्चों के जन्मदिन पर क्या दान करना चाहिए?

जन्‍मदिन के दिन आपको जरूरतमंद लोगों को अनाज के साथ खाने की अन्‍य वस्‍तुएं दान करनी चाहिएदान करने से पहले आपको मिठाई और अन्‍य खाने की वस्‍तुएं अपने इष्‍ट देवता को दान करनी चाहिए। गरीबों को दान करके उनके चरण स्‍पर्श करके आशीर्वाद प्राप्‍त करना चाहिए

जन्मदिन पर कौन सी पूजा करें?

अपने जन्मदिन पर हमें अष्टचिरंजीवी अर्थात- हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम, मार्कण्डेय ऋषि, अश्वथामा, दैत्यराज बलि और वेद व्यासजी का स्मरण करना चहिये तथा इनकी पूजा करनी चाहिए, यह आठों चिरंजीवी है इन्हें अमरत्व का आशिर्वाद मिला हुआ है।

किसी का जन्मदिन हो तो क्या करना चाहिए?

अपने जन्म दिवस पर प्रातः जल्दी उठकर सबसे पहले स्नानादि करने के पश्चात सूर्यदेव के दर्शन करने चाहिए और जल देना चाहिए। इसके बाद अपने इष्ट देव का ध्यान व पूजा आराधना करें। इसके साथ ही अपनी राशि के अनुसार स्वामी ग्रह का मंत्र जाप करना चाहिए। इससे आपके ऊपर देवताओं की कृपा बनी रहती है।