लोन नहीं चुकाया तो क्या होगा? - lon nahin chukaaya to kya hoga?

जब भी हम मकान खरीदते या बनवाते हैं तो होम लोन लेते हैं, इसी तरह कार वगैरह खरीदने पर कार लोन लेते हैं. इस तरह के लोन को सिक्‍योर लोन की श्रेणी में रखा जाता है क्‍योंकि इनके बदले में आपको गारंटी के तौर पर बैंक के पास किसी संपत्ति को गिरवी रखना होता है. जाहिर सी बात है कि अगर आपने कर्ज लिया है तो उसे समय से चुकाना भी होगा. अगर आप समय से लोन नहीं चुका पाते हैं तो बैंक आपके विरुद्ध एक्‍शन लेना शुरू कर सकता है और आप मुश्किल में पड़ सकते हैं. जानिए लोन की किस्‍त की भरपाई न करने पर आपके सामने किस-किस तरह की चुनौतियां आ सकती हैं.

पहले बैंक भेजता है रिमाइंडर

अगर आप लोन की दो ईएमआई नहीं देते हैं, तो बैंक सबसे पहले आपको रिमाइंडर भेजता है. अगर आप अपने होम लोन की लगातार तीन किस्तों का भुगतान करने से चूक जाते हैं, तो बैंक आपको ऋण चुकाने के लिए एक कानूनी नोटिस भेजता है. मगर चेतावनी के बाद भी अगर आपने ईएमआई पूरी नहीं कीं तो बैंक की तरफ से आपको डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा.

रिकॉर्ड होता खराब

अगर आप समय से लोन नहीं चुकाते हैं तो इससे आपका रिकॉर्ड खराब हो जाता है और आपका क्रेडिट स्‍कोर बिगड़ जाता है. ऐसे में आपको अगली बार बैंक से लोन आसानी से नहीं मिल पाता. अगर किसी तरह जुगाड़ से आपने लोन ले भी लिया तो आपको सख्‍त नियमों और शर्तों के साथ ऊंची ब्‍याज दरों पर लोन मिलेगा.

नीलामी से पहले एनपीए 

बैंक या वो वित्तीय संस्थान जिससे आपने लोन लिया हो, अगर आप उस लोन की लगातार तीन किस्‍तें जमा न करें और बैंक की चेतावनी के बाद भी ईएमआई का भुगतान न करें तो बैंक लोन अकाउंट को एनपीए मान लेता है. अन्य वित्तीय संस्थाओं के मामले में यह सीमा 120 दिन की होती है. ऐसे में जो भी डिफॉल्टर हो, उसे एक कानूनी नोटिस भेजा जाएगा. उसमें तय समय में बकाया चुकाने को कहा जाएगा.

खतरे में आ जाती है गिरवी संपत्ति

सिक्‍योर्ड लोन में प्रॉपर्टी को गिरवी इस‍लिए रखवाया जाता है, ताकि लोन न चुकाने पर बैंक उस प्रॉपर्टी को बेचकर लोन की भरपाई कर सके. ऐसे में आपकी गिरवी रखी संपत्ति खतरे में आ जाती है. बैंक आपकी गिरवी रखी प्रॉपर्टी पर कब्‍जा कर सकता है. ये बैंक का अधिकार है.

आखिरी विकल्‍प होता है नीलामी

बैंक की तरफ से लोन लेने वाले को लोन को चुकाने के लिए काफी समय दिया जाता है. लेकिन अगर लोन लेने वाला व्यक्ति फिर भी कर्ज नहीं चुका पाता है, तो बैंक उसे रिमाइंडर और नोटिस भेजता है. इसके बाद भी अगर ऋण लेने वाला व्‍यक्ति लोन का भुगतान नहीं करता, तब बैंक उसकी प्रॉपर्टी को कब्‍जे में लेता है और इसके बाद नीलामी करता है. यानी लोन चुकाने के लिए बैंक कई मौके देता है, फिर भी न चुकाने पर प्रॉपर्टी की नीलामी करके लोन की रकम की भरपाई की जाती है.
 

अभी के समय अधिकतर व्यक्तियों के द्वारा लोन लिया जाता है चाहे वो लोन लेकर कोई कारोबार शुरू करते हो या घर बनवाते हो पढाई करते हो प्रॉपर्टी खरीदते हो या फिर व्हीकल लोन पर लेते हो या किसी अन्य काम के लिय ऋण लेता हो सभी उद्धारकर्ता के मन यह प्रश्न ज़रूर रहता होगा। कि loan na chukane par kya hoga. क्या लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है. या kcc लोन नहीं चुकाने पर क्या होता है. इसकी जानकारी मैं आपको देता हूँ।

लोन लेना आज के समय में आम बात हो गयी है हर एक दूसरे व्यक्ति के ऊपर लोन होता है जोकि उसे चुकाना ही पड़ता है चाहे वो छोटी रकम का लोन हो या फिर बड़ी रकम का लोन हो बैंक या फाइनेंस कंपनी को ऋण चुकाना ही पड़ता है उसके साथ साथ लोन रकम पर लगे ब्याज को भी चुकाना पड़ता है यदि न चूका पाए तो क्या हो सकता है आइये इस विषय पर चर्चा करते है।

वैसे बैंक से ऋण लेने के प्रश्चात उस रकम को किस्तों में यानि EMI के जरिये वापस करना होता है कई बार उधारकर्ता की कंडीशन नहीं होती है की अगले महीने की EMI भर सके तो इसके लिए बैंक उधारकर्ता को कुछ मोहलत देता है जोकि आरबीआई भी यही कहता है उधारकर्ता को मोहलत मिलनी चाहिए जब 1 से 2 EMI उधारकर्ता नहीं भर पाता है तब बैंक के तरफ से नोटिस जारी की जाती है।

जब उधारकर्ता को रीपेमेंट करने में आनाकानी करता है बिना किसी परेशानी के वो EMI नहीं भरता है या किसी परेशानी को लेकर EMI नहीं भर पाता है तो बैंक उधारकर्ता को कुछ समय के लिए मोहलत देता है यदि बैंक के द्वारा दिए समय पर भी उधारकर्ता रीपेमेंट नहीं कर रहे है तो उधारकर्ता के ऊपर के बैंक कार्यवाही कर सकता है जो बैंक के पास अधिकार होता है।

लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है – Loan na Chukane Per Jel

लोन नहीं चुकाया तो क्या होगा? - lon nahin chukaaya to kya hoga?

बैंक आपना कार्यवाही उधारकर्ता के द्वारा पहली ईएमआई न भरने के पश्चात् ही शुरू कर देता है लेकिन यह मामला कितना आगे तक जा सकता है ये उधारकर्ता और बैंक के रिश्ते पर निर्भर करता है यदि ग्राहक चाहे तो बड़ी आसानी से इस मैटर को शॉर्टआउट कर सकता है वही बैंक चाहे तो ग्राहक के पास पैसे न होने तक मोहलत दे सकता है और ग्राहक जल्दी से जल्दी रीपेमेंट करने का प्रयास करे। जब ग्राहक के द्वारा रीपेमेंट करने में समय लगता है या कोशिश नाकाम होती है तब बैंक कानूनी कार्रवाही करता है।

अगर उधारकर्ता के साथ कोई ऐसी स्थिति आ गयी हो जिसमे वह क़िस्त नहीं चूका सकता है जैसे उधारकर्ता का एक्सीडेंट हो गया हो, मृत्य हो गयी हो, रीपेमेंट करने में कठिनाई आ रही हो तो उसे बैंक कुछ समय के लिए मोहलत दे देता है लेकिन सब कुछ सही होने पर बैंक उधारकर्ता को कोई मोहलत नहीं देता है पहली रीपेमेंट न होने के बाद बैंक कार्यवाही शुरू कर सकता है।

यदि बैंक को ये लग रहा है कि उधारकर्ता के पास ईएमआई के लिए पैसे पर्याप्त है और ये जानबूझकर रीपेमेंट नहीं कर रहा है तो बैंक कानूनी कार्यवाही कर सकता है जोकी बैंक के पास इसका अधिकार होता है ये मेटर आगे बढ़ने पर कोर्ट और पुलिस स्टेशन के चक्कर भी लगाने पड़ सकते है बैंक अधिकतर बार प्रयास करता है की उधारकर्ता आसानी से लोन रकम चूका दे और उधारकर्ता कई ईएमआई को मिस कर रहा होता है तो बैंक कारवाही कर सकता है।

emi नहीं चुकाने पर क्या होता है?

कार्यवाही के लिए बैंक सबसे पहले उधारकर्ता को एक नोटिस भेजता है। उसमे बैंक से लिये लोन रकम चुकाने लोन रकम और ब्याज दर से जुडी जानकारी होगी। कितनी ईएमआई उधारकर्ता की अभी तक बची है। इसके बावजूद उधारकर्ता रीपेमेंट के लिए आगे नहीं आता है। तो लोन लेते समय गारंटर से संपर्क किया जाता है। क्योकि लोन लेते समय गारंटर से एग्रीमेंट होता है। उधारकर्ता लोन रकम न चूका पाए तो गारंटर को पैसे चुकाने पड़ सकते है।

उधारकर्ता जानबूझकर डिफाल्ट करता है। और वह किसी मायने में रीपेमेंट करने को तैयार नहीं होता है। तो इस स्थिति में लोन रकम में बदलें में रखी गिरवी के रूप में संपत्ति को बैंक नीलाम कर सकता है। और उसे नीलाम करके अपनी रकम की भरपाई कर सकता है। यदि लोन रकम उस संपत्ति से अधिक की बिक जाती है. तो बैंक बचे पैसो को उधारकर्ता को वापस कर देता है।

kcc लोन नहीं चुकाने पर क्या होता है?

यदि अपने किसी भी बैंक से किसी प्रकार का लोन लिया है तो चुकाना ज़रूरी है बिना चुकाए बचने का कोई गुंजाइस नहीं है यदि उधारकर्ता के सामने किसी प्रकार की कोई मुसीबत है तो उसे बैंक कुछ समय का मोहलत दे सकता है जो अगर कोई उधारकर्ता जानबूझकर रीपेमेंट करने से कतराता है तो उसके ऊपर बैंक कानूनी कार्यवाही कर सकता है।

जैसा की मैंने ऊपर के लेख में बताया है बैंक नोटिस भेजता है उसके बावजूद की उधारकर्ता लोन रकम चुकता नहीं करता है उसके बाद बैंक उधारकर्ता के ऊपर कानूनी कार्यवाही कर सकता है और उधारकर्ता को कोर्ट के चक्कर भी लगाने पड़ सकते है अगर आप एक उधारकर्ता है तो इस स्थिति तक कभी न पहुंचे। क्योकि क्रेडिट स्कोर ख़राब हो जाता है दुबारा लोन मिलने के चान्सेस बहुत कम हो जाते है इस लिए समय समय पर EMI भरकर लोन रकम चुकाए।

लोन माफ कैसे होगा?

जब उधारकर्ता बैंक से लोन लेकर कोई काम करता है तो बैंक से लिए लोन रकम को किस्तों में वापस करना होता है लेकिन बहुत सारे उधारकर्ता इस फ़िराक में रहते है की हमारा लोन किसी भी तरह माफ हो जाये इसका भरपाई न करना पड़े बहुत सारे लोगो के साथ ऐसा हुआ भी है लेकिन सभी का लोन नहीं माफ़ हो सकता है।

अधिकतर लोन माफ़ सरकारी योजना के तहत होते है कई बार सरकार कुछ ऐसे योजनाए लाती है जिसमे बहुत सारे गरीब मजलूम और किसानो के लोन रकम को माफ़ किया जाता है जो काफी पुराना लोन उधारकर्ता है जिसे भरने में कई लोग असर्मथ रहते है इस योजना के तहत कई लोगो के फायदे होते है लोन माफ़ होने के बाद बैंक को कोई पैसा नहीं देना होता है।

लोन सेटलमेंट क्या होता है?

लोन सेटलमेंट एक प्रकिर्या है जिसके अंतर्गत ऋण देनदार एक तय राशि को माहवारी भरने का प्रस्ताव रखता है फिर उधारकर्ता को इस रकम को महवारी चुकाना होता है जब पूरी किस्तों उधारकर्ता के द्वारा टाइम टाइम पर जमा कर दी जाती है तब लोन सेटलमेंट हो जाता है इसी प्रकिर्या को लोन सेटलमेन्ट कहते है।

समाप्त

आशा है यह लेख हमारे प्रिये पाठक को पसंद आया हो और इन प्रश्नो के आपको सटीक उत्तर मिले होंगे ऐसी ही जानकारी इस ब्लॉग पर डेली बेसेस पर पब्लिश की जाती है इस लेख में हमने बात की क्या लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है. इसका उत्तर और इसके साथ कई अन्य प्रश्नो के उत्तर इस लेख में मैंने दिए है यह लेख लोन उधारकर्ता के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

इस लेख से जुड़ा आपका कोई प्रश्न हो जिसका आपको उत्तर नहीं मालूम है उसे लेकर आप कंफ्यूज है तो उसे आप कमेंट बॉक्स के जरिये हमसे पूछ सकते है उसका उत्तर आपको अवश्य दिया जायेगा यह लेख आपके लिए हेल्पफुल रहा हो तो इसे सोशल मीडिया पर ज़रूर शेयर करे तभी अधिक लोगो तक यह जानकारी पहुंच सके।

बैंक का लोन न चुकाने पर क्या होगा?

अगर आपके बैंक से लोन लिया है और आप उसे चुकाने में विफल हैं तो बैंक आपको इसकी रिकवरी के लिए संपर्क कर सकता है, लेकिन किसी भी ग्राहक से बदसलूकी करने का अधिकार किसी भी बैंक अधिकारी या रिकवरी एजेंट को नहीं हैं. अगर कोई आपको मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता है तो आप इसकी शिकायत बैंक से कर सकते हैं.

लोन नहीं भरेंगे तो क्या होगा?

बैंक की तरफ से लोन लेने वाले को लोन को चुकाने के लिए काफी समय दिया जाता है. लेकिन अगर लोन लेने वाला व्यक्ति फिर भी कर्ज नहीं चुका पाता है, तो बैंक उसे रिमाइंडर और नोटिस भेजता है. इसके बाद भी अगर ऋण लेने वाला व्‍यक्ति लोन का भुगतान नहीं करता, तब बैंक उसकी प्रॉपर्टी को कब्‍जे में लेता है और इसके बाद नीलामी करता है.

लोन रिकवरी क्या होता है?

Loan Recovery: अक्सर लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से कई तरीके के लोन लेते हैं. हर महीने के फिक्स डेट को लोन चुकाना होता है. कभी -कभी इस मामलों में रिकवरी एजेंट्स की मनमानी और जबरदस्ती के ढेरों मामले सामने आते हैं. जिसमें लोग अगर फिक्स डेट पर लोन नहीं चुका पाते तो बैंक उन्हें डराया- धमकाया जाता है.

पर्सनल लोन चुकाने पर क्या होता है?

पर्सनल लोन पात्रता मानदंड को पूरा करने और लोन दस्तावेज जमा करने के बाद, आप उस अवधि के भीतर लोन चुकाने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं जिसे आपने समान मासिक किश्तों (ईएमआई) के रूप में चुना होता है। इसका मतलब है कि आपको हर महीने निर्धारित तारीख पर एक निश्चित राशि का भुगतान करना होता है।