विषयसूची इसे सुनेंरोकेंमान्यता है कि इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. कुछ पुराणों में नारियल को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. आइए जानते हैं इसके बारे में कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें. कोई भी यज्ञ, हवन और पूजा बिना नारियल के अधूरी मानी जाती है. नारियल को श्रीफल क्यों कहते हैं? इसे सुनेंरोकेंक्रोधित विश्वामित्र ने राजा के लिए एक नया स्वर्ग लोक बनाने का आदेश दिया। नये स्वर्ग लोक के नीचे एक खंभे का निर्माण हुआ, जो बाद में एक मोटे पेड़ और राजा सत्यव्रत का सिर एक फल में बदल गया। कहते हैं कि यह फल ही श्रीफल कहलाया, जिसे हम नारियल कहते हैं। नारियल चढ़ाने से क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंमंगलवार के दिन हनुमान जी को नारियल चढ़ाने से लोग संकट मुक्त होते हैं. आइए आपको बताते हैं कि नारियल चढ़ाने से हनुमान जी किस तरह प्रसन्न होकर भक्तों की मदद करते हैं. कहते हैं कि यदि आपके जीवन में कोई घोर संकट है या ऐसा काम है जिसे करना आपके बस का नहीं हो रहा है, तो आप अपनी जिम्मेदारी हनुमानजी को सौंप दें. नारियल कैसे चढ़ाये?इसे सुनेंरोकेंहिन्दू धर्म में नारियल को बहुत शुभ माना जाता है. इसलिए अधिकतर मंदिरों में नारियल फोड़ने या चढ़ाने रिवाज है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हिन्दू धर्म के लगभग सभी देवी-देवताओं को नारियल चढ़ाया जाता है. कहते हैं, किसी भी कार्य को शुरु करने से पूर्व नारियल फोड़कर भगवान को चढ़ाना शुभ होता है. क्या महिला नारियल फोड़ सकती है? इसे सुनेंरोकेंस्त्रियां बीज रूप में ही शिशु को जन्म देती है यही कारण है कि स्त्रियों को बीज रूपी नारियल को नहीं फोड़ना चाहिए। ऐसा करना शास्त्रों में अशुभ माना गया है। देवी देवताओं की पूजा साधना आदि के बाद केवल पुरुषों द्वारा ही नारियल को फोड़ा जा सकता है। नारियल के अंदर फूल निकलने का मतलब क्या है? इसे सुनेंरोकेंइस वजह से वो अंदर से सूख जाता है और ये एक संकेत माना जाता है। कहते है कि ऐसा होने से मनोकामना पूर्ण हो जाती है। ऐसे मौके पर आप जो भी इच्छाएं जाहिर करेंगे वो पूरी होती है। नारियल अच्छा निकलने पर क्या करें? Ladki को नारियल क्यों नहीं फोड़ना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंक्योंकि नारियल एक बीज फल है जो वनस्पति के उत्पादन या प्रजनन का कारक है। नारियल को प्रजनन क्षमता से जोड़ा गया है। स्त्रियां बीज रूप में ही शिशु को जन्म देती है। इसी कारण स्त्रियों को बीज रूपी नारियल को नहीं फोड़ना चाहिए। शिव जी को नारियल कैसे चढ़ाएं? इसे सुनेंरोकेंनारियल पानी: शिवजी की प्रतिमा पर नारियल चढ़ाया जा सकता है लेकिन शिवलिंग पर नारियल पानी चढ़ाना वर्जित बताया गया है. इसके अलावा शिव जी को अर्पित किए गए नारियल को प्रसाद के रूप में नहीं खाना चाहिए. तुलसी दल: तुलसी दल भगवान विष्णु को चढ़ाई जाती है. इसे गलती से भी शिव जी को नहीं चढ़ाना चाहिए. क्या महिलाएं नारियल फोड़ सकती हैं? Ladies को नारियल क्यों नहीं फोड़ना चाहिए?पूजा के बाद नारियल का क्या करें? इसे सुनेंरोकेंपूजा के बाद उस नारियल को तिजोरी में रख दें। रात के समय इस नारियल को निकालकर किसी गणेश मंदिर में अर्पित कर दें। साथ ही श्रीगणेश से निर्धनता दूर करने की प्रार्थना करें। ऐसा कम से कम पांच शुक्रवार करें। News24 क्यों देते हैं नारियल की बलि, जानिए- क्या है इसका धार्मिक महत्व ?
नई दिल्ली: शादी-त्योहार हो या कोई भी जरूरी पूजा हो, हवन हो या कोई भी अनुष्ठान हो, हर मांगलिक (Hindu Religion) कार्य में नारियल (Coconut) का महत्व बहुत ज्यादा होता है। नारियल को श्रीफल कहा गया है, 'श्री' जो लक्ष्मी की असीम कृपा दिलाए । कोई भी पूजा या हवन बिना नारियल के पूर्ण नहीं होता। कहने को तो नारियल एक फल है लेकिन किसी भी अनुष्ठान में इसका बहुत महत्व होता है। किसी भी शुभ काम से पहले नारियल बलि दी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है, क्यों दी जाती है नारियल बलि, क्या है नारियल और नारियल बलि का महत्व, आइए इस बारे में जानते हैं...
किसी भी शुभ काम में क्यों जरूरी होता है नारियल ? हिंदू धर्म में नारियल बहुत शुभ माना गया है. मान्यता है कि इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. कुछ पुराणों में नारियल को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. आइए जानते हैं इसके बारे में कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें.कोई भी यज्ञ, हवन और पूजा बिना नारियल के अधूरी मानी जाती है. ये पूजा पाठ की अभिन्न सामग्री है जिसका इस्तेमाल हमेशा से किया जाता रहा है. नारियल एक ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल हर कोई पूजा पाठ में होता है. हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले नारियल फोड़ने की परंपरा है. ये एक शुभ फल माना जाता है. इसलिए मंदिरों में इसे चढ़ाने का रिवाज है. कोई भी पूजा या शुभ काम बिना नारियल चढ़ाएं फलदायी नहीं माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में भी नारियल का फल हर पूजा उपासन में सम्पन्नता का प्रतीक माना गया है. इसे लक्ष्मी जी का स्वरूप मानते हैं इसलिए इसे श्रीफल भी कहते हैं. शास्त्रों में भी कहा गया है कि नारियल चढ़ाने से जातक के सभी दुख- दर्द दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं इसके पौराणिक महत्व के बारे में. विष्णु अपने साथ लाएं नारियल का पेड़मान्यता है कि भगवान विष्णु पृथ्वी पर अवतरित होते समय अपने साथ माता लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष और कामधेनु साथ लाए थे. नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है जिसमें ब्रह्मा, विष्णु, महेश वास करते हैं. कई पुराणों में नारियल को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. इसलिए माना जाता है कि जिस घर में नारियल होता है वहां देवी लक्ष्मी का वास होता है. पूजा में क्यों फोड़ा जाता है नारियलपूजा में नारियल तोड़ने का अर्थ है कि व्यक्ति ने अपने इष्ट देव को खुद को समर्पित कर दिया इसलिए पूजा में भगवान के सामने नारियल फोड़ा जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार ऋषि विश्वामित्र इंद्र से नाराज हो गए और दूसरा स्वर्ग बनाने की रचना करना लगे. लेकिन वो दूसरे स्वर्ग की रचना से स्तुंष्ट नहीं थे. इसके बाद उन्होंने दूसरी सृष्टि के निर्माण में मानव के रूप में नारियल का प्रयोग किया था. इसलिए उस पर दो आंखें और एक मुख की रचना होती है. पहले के समय में बलि देने का प्रथा बहुत अधिक थी. उस समय में मनुष्य और जानवरों की बलि देना समान बात थी. तभी इस परंपरा को तोड़ने के लिए नारियल चढ़ाने की प्रथा शुरू हुई. नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. ये भी पढ़ें – Chanakya Niti : अगर बनाना चाहते हैं जीवन को खुशहाल, तो आचार्य चाणक्य की इन नीतियों को अपनाएं ये भी पढ़ें – Krishna Janmashtami 2021: नंद बाबा के घर जन्मे भगवान श्री कृष्ण, मथुरा-वृंदावन समेत देश के अलग-अलग मंदिरों में सुनाई दी जन्माष्टमी की गूंज हवन में नारियल क्यों जलाया जाता है?कोई भी शुभ कार्य हो या मांगलिक हवन, अनुष्ठान, हमेशा पूजा के समय नारियल को फोड़ा जाता है। इसे नारियल की बलि देना कहते हैं । पूजा के दौरान नारियल फोड़ना शुभ माना जाता है। नारियल के बाहरी हिस्से को घमंड का प्रतीक जबकि अंदर के हिस्से को पवित्रता और शांति का प्रतीक माना जाता है ।
नारियल का हवन करने से क्या होता है?ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और धन की कमी नहीं होती. हिंदू धर्म में की जाने वाली पूजा-पाठ में नारियल प्रमुख रूप से शामिल किया जाता है.
नारियल की बलि क्यों दी जाती है?क्यों दी जाती है नारियल बलि ? ऐसी भी मान्यता है कि किसी भी शुभ कार्य सेपहले नारियल फोड़ने से उस काम में विघ्न नहीं आते हैं, सफलता मिलती है और बरकत होती चली जाती है । नारियल फोड़ने की परंपरा को एक प्रथा से भी जोड़कर देखा जाता है । कहा जाता है कि नर बलि या पशु बलि की प्रथा को रोकने के लिए नारियल बलि की शुरुआत की गयी ।
नारियल को जलाने से क्या होता है?नारियल से कीजिए नेगेटिविटी को दूर
उसके बाद जले हुए नारियल को जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से नजर दोष के साथ-साथ सभी नकारात्मक शक्तियों दूर हो जाती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार शुरू हो जाता है।
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