अब तक हड़प्पा या सिंधु घाटी सभ्यता के स्थल खोजे जा चुके हैं. लेकिन हम बात करेंगे केवल महत्वपूर्ण स्थलों के बारे में तथा उनसे जुड़े हुए महत्वपूर्ण बिंदुओं को जानेंगे. हडप्पा सभ्यता या सिन्धुघाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल 1. महान हडप्पा नगर 2. कालीबंगा 3. राखीगढ़ी 4. मोहनजोदड़ो 5. लोथल 6. रंगपुर 7. सुरकोटड़ा 8. चन्हूदरो 9. रोपड़ और अन्य
हड़प्पा नगर की विशेषता
- इस सभ्यता का सर्वप्रथम खोजा गया स्थल था. वर्तमान में यह पाकिस्तान के जिला मोटेगिरी में स्थित है. यह रवि नदी के किनारे है. इसकी खोज सन 1921 में राय बहादुर दयाराम साहनी एवं उनके साथी द्वारा की गई थी. इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु – यहां खोज के दौरान विशाल अन्न के भंडार मिले, दर्पण, r37 कब्रिस्तान और श्रमिक आवास के अवशेष मिले हैं.
मोहनजोदड़ो की विशेषताएं
- यह इस सभ्यता का एक प्रमुख स्थल है. विद्वानों का कहना है कि, सम्मिलित रूप से मोहनजोदड़ो और हड़प्पा दोनों ही इस सभ्यता की राजधानी रही होंगी. मोहनजोदड़ो वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत जिला लरकाना तथा सिंधु नदी के निकट स्थित है.
- इसकी खोज सन 1922 में राखलदास बनर्जी के द्वारा की गई थी. इस स्थान से विशाल स्नानागार के अवशेष मिले, कांसे की बनी नर्तकी की मूर्ति मिली. इसके अलावा भी यहां पुरोहित की मूर्ति, महाविद्यालय के अवशेष और एक सिंगी पशु अंकित मुद्राएं मिली.
लोथल
- वर्तमान में गुजरात में भोगवा नदी के किनारे स्थित है सन 1957 में रंगनाथ राव द्वारा इसकी खोज की गई थी.
- लोथल इस सभ्यता का बंदरगाह या गोदीवाड़ा था. जहां से समुद्र मार्ग द्वारा व्यापार किया जाता था यहां से चावल, अग्नि कुंड, हाथी दांत, मिट्टी से बनी घोड़े की मूर्ति और तीन युगल समाधिया के अवशेष मिले हैं.
रंगपुर
- यह स्थल गुजरात के अहमदाबाद नगर में भादर नदी के किनारे मिला है. सर्वप्रथम इस स्थल की खोज एस आर राव द्वारा की गई थी. यहां से धान की भूसी, ज्वार और बाजरा के अवशेष मिले हैं.
सुरकोटड़ा
- यह स्थल गुजरात के कच्छ जिले में सरस्वती नदी के किनारे स्थित मिला है. यहां से कलश शवधान के अवशेष, घोड़े की हड्डी तथा तराजू के अवशेष मिले हैं.
- इसकी खोज जगतपति जोशी ने की थी.
कालीबंगा सभ्यता की विशेषता
- कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में घग्गर नदी के निकट स्थित है.
- सर्वप्रथम इसकी खोज अमलानंद घोष द्वारा की गई थी. कालीबंगा का शाब्दिक अर्थ होता है- काले रंग की चूड़ियां. क्योंकि यहां काले रंग की चूड़ियों के अवशेष मिले हैं. इस कारण से कालीबंगा कहा गया.
- यह एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां जूते हुए खेतों के प्रमाण मिले हैं. यहां अग्नि के हवन कुंड के अवशेष मिले हैं. इसके अलावा यहां भूकंप के प्रमाण भी मिले हैं.
राखीगढ़ी
- वर्तमान में राखीगढ़ी हरियाणा के हिसार जिले में घग्गर नदी के किनारे स्थित है.
- सर्वप्रथम इसकी खोज सूरजभान द्वारा की गई थी. यह स्थल भारत में मिला हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल है. इसके अलावा यहां तांबे का बने उपकरण भी मिले हैं.
- बनावली – यह स्थल भी हरियाणा के हिसार जिले में सरस्वती नदी (वर्तमान विलुप्त) के किनारे स्थित है. यहां से मिट्टी का बना हल खिलौनों के रूप में प्राप्त हुआ.
चन्हूदरो
- यह स्थल पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के किनारे स्थित है.
- सर्वप्रथम इस स्थल की खोज अर्नेस्ट मेंके और प्रोफ़ेसर मजूमदार द्वारा की गई थी. यह भी एक महत्वपूर्ण स्थल है.
- यहां से मनके बनाने के कारखाने के अवशेष मिले. तथा महिलाओं द्वारा प्रयोग किए जाने वाले श्रृंगार प्रसाधन जैसे लिपस्टिक, पाउडर, काजल, कंघा आदि के अवशेष भी मिले. इसके अलावा बिल्ली का पीछा करते हुए कुत्ते के निशान भी यहीं से मिले हैं.
धोलावीरा सभ्यता की विशेषता
- धोलावीरा का शाब्दिक मतलब सफ़ेद कुआँ होता है. धोलावीरा नगर हड़प्पा सभ्यता का सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है.
- धोलावीरा कच्छ के भचाऊ में मसार और मानहर नदियों के बीच पनपा था.
- हाल ही में यूनेस्को ने इसे वर्ल्ड हेरिटेज पैलेस में शामिल किया है. यह इंडिया का 40 वा विश्व विरासत स्थल बन गया है.
- जगतपति जोशी ने 1968 में इसकी खोज की थी.
- हड़प्पा सभ्यता के अन्य नगर दो भागो में बंटे थे जबकि धोलावीरा तीन भागो में बंटा था.
रोपड़
- यह स्थल पंजाब के रूपनगर जिले में सतलुज नदी के किनारे मिले हैं. सर्वप्रथम इसकी खोज यज्ञदत्त शर्मा द्वारा की गई थी. यहां से मिले उपकरणों में से तांबे की बनी कुल्हाड़ी महत्वपूर्ण है.
हड़प्पा सभ्यता का सामाजिक जीवन
हड़प्पा सभ्यता से उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर इतिहासकारों ने वहां के सामाजिक जीवन की कल्पना की. समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार होती थी. संभवत परिवार मातृसत्तात्मक होते थे. यानी कि माताओं का स्थान परिवार में अहम होता था. वहां के लोग देवी पूजा के महत्व को समझते थे.
वर्ण व्यवस्था एवं प्रशासन
प्रश्न – हड़प्पा सभ्यता की वर्ण व्यवस्था और प्रशासन की विशेषता का वर्णन करे?
- किसी प्रकार की लिखित जानकारी नहीं मिलने के कारण यहां वर्ण व्यवस्था का कोई उल्लेख नहीं मिलता. विद्वानों का मानना है कि, संभवत यहां कई वर्ग हुए होंगे. जो व्यवसाय पर आधारित थे. जैसे एक पुरोहित वर्ग, व्यापारी वर्ग, श्रमिक वर्ग और शिल्पी वर्ग रहे होंगे.
- वहां की सामाजिक जीवन शैली एवं प्रशासन सुव्यवस्थित रही होंगी. क्योंकि यहां किसी प्रकार के युद्ध के प्रमाण नहीं मिले हैं. तो ऐसा कहा जा सकता है कि, हड़प्पा सभ्यता के लोग शांतिप्रिय थे. वे उत्सव, समारोह में सामूहिक रूप से भाग लेते थे. क्योंकि यहां सामूहिक भवनों के प्रमाण मिलते हैं.
खान-पान
- वहां के लोग शाकाहारी एवं मांसाहारी दोनों ही थे. कई स्थलों पर मछली के मांस और अन्य पशुओं के मांस के अवशेष मिले हैं. आभूषणों का प्रयोग महिलाओं महिलाएं और पुरुष दोनों में ही प्रचलित था. उच्च वर्ग के लोग सोने-चांदी के आभूषण पहना करते थे. जबकि निम्न वर्ग के लोग हाथी दांत और मिट्टी के बने आभूषणों, मनके आदि का प्रयोग करते थे.
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रहन सहन
- इस सभ्यता के लोग सूती वस्त्र, ऊनी वस्त्रों का प्रयोग करते थे. यहां कपास के अवशेष भी मिले हैं. जो अन्य किसी सभ्यता में अब तक नहीं मिले हैं. इस सभ्यता के लोग मनोरंजन के साधन के रूप में नृत्य-गान, शिकार करना, पशुओं को लड़ाना और पासे से खेलना आदि के बारे में परिचित थे.
हड़प्पा सभ्यता से सम्बंधित प्रमुख प्रश्न
पहले उतर दे, फिर वोट करे.
निम्न में कौन सा हड़प्पा सभ्यता का नगर नहीं है?
रोपड़
चन्हूदरो
बैराठ
रंगपुर
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हड़प्पा स्थल किस नदी के किनारे स्थित है?
सरस्वती
सिंधु
व्यास
रावी
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निम्नलिखित में से कौन सा शहर जल प्रबंधन के लिए जाना जाता था?
लोथल
मोहनजोदड़ो
हड्डपा
धोलावीरा
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हड़प्पा सभ्यता में निम्नलिखित में से किसकी खेती नहीं की जाती थी
जौ
सरसों
तिल
गन्ना
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हड़प्पा सभ्यता में आयात की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण वस्तु कौन सी थी
कपड़ा
खाद्यान्न सामग्री
धातु और कीमती पत्थर
मिट्टी के बर्तन
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गुजरात में खोजा गया सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल कौन सा है?
खंडिया
धोलावीरा
मांडा
लोथल
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हड़प्पा सभ्यता के सभी स्थलों की तीन सबसे सामान्य विशेषताएं कौन सी थी?
भवन, शहर और दफन प्रणाली
मरुस्थल, नदियां और प्राणी शास्त्रीय विशेषताएं
जलवायु, वनस्पति और कृषि सिंचाई
पकी हुई ईंटो और मिट्टी के बर्तनों का उपयोग, विस्तृत जल निकासी व्यवस्था और जंगली जानवरों की घटना
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निम्नलिखित में से कौन सी एक हड़प्पा सभ्यता की विशेषता नहीं है?
ऊपरी गढ़ की चारदीवारी थी लेकिन निचले शहर की चारदीवारी नहीं थी
घरों में आम तौर पर स्नान घर और शौचालय अलग से होते थे
दूसरी मंजिल से नाली और पानी की ढलाने अक्सर दीवार के अंदर बनाई जाती थी
दरवाजे और खिड़कियां मुख्य सड़कों पर नहीं खुलती थी
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हड़प्पा सभ्यता के संबंध में निम्न में से कौन सा कथन सही है?
हड़प्पा सभ्यता एक ग्रामीण सभ्यता थी
निवासियों को तांबे और कांसे का ज्ञान नहीं था
हड़प्पा के निवासी कपास की खेती करते थे
हड़प्पा की मोहरे की मिट्टी की बनी होती थी
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असंगत युग्म को छांटिए
कालीबंगा - राजस्थान
धोलावीरा - गुजरात
लोथल - महाराष्ट्र
हड़प्पा - (सिंध पाकिस्तान)
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निम्नलिखित में से कौन-सी सभ्यता हड़प्पा सभ्यता से प्रभावित थी?
जोर्वे सभ्यता
कायथा सभ्यता
महापाषाण सभ्यता
मालव सभ्यता
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हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशेषता pdf
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