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आगत (विदेशी / विदेशज) शब्द - फारसी, अरबी, तुर्की, पुर्तगाली, अंग्रेजी, चीनी, ग्रीक, जापानी, फ्रेंच, डच, रूसी, स्पेनी शब्द || अपभ्रंश शब्द
विदेशी या विदेशज (आगत) शब्द - नाम से स्पष्ट है विदेशी अर्थात दूसरे देशों के अर्थात दूसरे देशों की भाषाओं के ऐसे शब्द जो हिन्दी भाषा में समाहित हो गए हैं और इनका प्रयोग हिन्दी भाषी लोगों के द्वारा अपने दैनिक व्यवहार में प्रयोग किया जाता है, उन्हें विदेशी या विदेशज शब्द कहते हैं। जैसा कि हमें ज्ञात है हमारे भारत देश को सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था और इसी से आकर्षित होकर विदेशी आक्रांता एवं व्यापारी के भेष में कुछ लुटेरे देश को लूटने हमारे इस देश में आये। आक्रांताओं ने देश को लूटा, व्यापारी के देश में आए लोगों ने देश पर अपना शासन जमा
लिया। इस तरह के लोगों से उनकी भाषाओं (विदेशी भाषाओं) का सम्पर्क बना तो हिन्दी भाषा में शासन से सम्बन्धित शब्दों का प्रयोग भी होने लगा। मुसलमानों और अंग्रेजों ने तो यहाँ सैकड़ों वर्षों तक शासन भी किया। अतएव शासन सम्बन्धी अनेक शब्दावली हमारी हिन्दी भाषा में आज भी प्रयोग में लाई जाती है। अरबी, फारसी, तुर्की आदि शब्द एशिया की भाषाओं से और अंग्रेजी, फ्रेंच, पुर्तगाली, डच आदि शब्द यूरोपीय भाषाओं से आये हैं। वैसे तो हिन्दी भाषा में अंग्रेजी शब्दों की बहुत ही गहरी पैठ है। इसके बहुत
सारे उदाहरण हमें देखने को मिलते हैं। हमारे देश के कुछ निरक्षर ग्रामीणजन भी अंग्रेजी के अनेक शब्दों का प्रयोग करते हैं। चूँकि इन शब्दों के रूप काफी विकृत हो गए हैं।
उक्त शब्दों का प्रयोग घर-घर में किया जाता है। हालांकि अंग्रेजी के बहुत से शब्द ऐसे हैं जिन्हें केवल शहरों के अंग्रेजी पढ़े-लिखे व्यक्ति ही प्रयोग करते हैं। इसके द्वारा प्रयुक्त अंग्रेजी शब्द प्रायः तत्सम या अर्द्धतत्सम रूप में ही प्रयुक्त होते हैं। उदाहरण के लिए- हिन्दी भाषा में फारसी, अरबी, तुर्की, अंग्रेजी, पुर्तगाली और फ्रांसीसी भाषाओं का मुख्य रुप से आगम (प्रवेश) हुआ है। अरबी, फारसी और तुर्की के शब्दों को हिन्दी ने अपने उच्चारण के अनुरुप या अपभ्रंश रूप में ढाल लिया है। नीचे विभिन्न भाषाओं से आए हुए शब्दों के उदाहरण दिए गए हैं। अंग्रेजी शब्द - कॉलेज, स्कूल, कापी, पेंसिल, पेन, फाउंटेन पेन, नंबर, नोटिस, पेपर, कालेज, क्लास, लाइब्रेरी, ट्यूशन, डायरी, डिग्री, प्रेस, मीटिंग, टेबल, इंच, कोर्ट, अपील, जज, जेल, मजिस्ट्रेट, कलक्टर, पुलिस, इन्सपेक्टर, डिप्टी, डिस्ट्रिक्ट, पार्टी, बोर्ड, आफ़िसर, गजट, गार्ड, कमिश्नर, गवर्नर, चेयरमैन, काउंसिल, यूनियन, पेन्शन, इंटर, क्वार्टर, इयरिंग, एजेंसी, कंपनी, डॉक्टर, थर्मामीटर, हास्पिटल, आपरेशन, टाइफाइड, वार्ड, फीस, नर्स, बैंक, कमीशन, क्रिकेट, फुटबाल, टीम, चेस, रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा, टेलीफोन, थियेटर, ट्रेन, रेल, बस, स्टेशन, लारी, मोटर, रोड, मशीन, बैटरी, इंजन, पेट्रोल, ब्रेक, स्टॉप, जम्पर, टैक्सी, ड्राइवर, टिकट, टैक्स, प्लेट, जग, कप, बोतल, लैम्प, सूटकेस, गैस, टोस्ट, माचिस, बिस्कुट, टाफ़ी, केक, चाकलेट, सिगरेट, राशन, पार्सल, वोट, इलेक्शन, इलेक्ट्रॉनिक, कोट, पैंट, हैट, कैप, बूट, ब्लाउज, पाउडर, गेट, सिंगल, चर्च, टायर, ट्यूब, ऑर्डर, होल्डर, कॉलर आदि। फारसी शब्द - अगर, अमरूद, अफसोस, अंजीर, अंगूर, अंदेशा, अनार, आबदार, आबरू, आतिशबाजी, अदा, आराम, आमदनी, आदमी, आवारा, आफत, आवाज, आईना, आसमान, ईमानदार, उम्मीद, उस्ताद, कद्द, कबूतर, कमीना, कुश्ती, कुश्ता, कागज, किशमिश, कमरबंद, किनारा, किताब, कूचा, कारीगर, कुरता, खाल, खुद, खामोश खरगोश, खुश, खुराक, खूब, गर्द, गज, गुम, गल्ला, गोला, गवाह, गिरफ्तार, गरम, गिरह, गुलूबंद, गुलाब, गुल, गोश्त, गंदा, चम्मच, चाबुक, चादर, चिराग, चश्मा, चरखा, चूँकि, चेहरा, चाशनी, चालाक, जबर, जलेबी, जंग, जहर, जीन, जोर, जोश, जल्दी, जिन्दगी, जादू, जागीर, जान, जुकाम, जुरमाना, जिगर, जुलाहा, जोश, तरकश, तमाशा, तेज, तीर, ताक, तवाह, तनख्वाह, ताजा, दीवार, देहात, दस्तूर, दुकान, दरबार, दफ़्तर, दंगल, दिलेर, दिल, दर्जी, दवा, दरवाजा, दीवार, दलाल, नापाक, नामर्द, नाव, नापसंद, निशान, निगाह, पलंग, पैदावार, पलक, पुल, पारा, पाजामा, पेशा, पैमाना, प्याला, फरमाइश बच्चा, बदन, बदनाम, बेवा, बहरा, बेहूदा, बीमार, बेरहम, बारिश, बुखार, बदहजमी, बर्फी, बालूशाही, बरामदा, बेकार, बुलबुल, मरहम, मदरसा, मेहनत, मेज, मकान, मजदूर, मजा, मलीदा, मादा, माशा, मलाई, मुर्दा, मुश्किल, मुफ्त, मुर्गा, मीना, मोर्चा, याद, यार, रंग, रोगन, राह, लश्कर, लगाम, लेकिन, वर्ना, वापिस, विज्ञान, शादी, शोर, साल, समोसा, सितारा, सितार, सिक्का, सरासर, सुर्ख, सरदार, सरकार, सूद, सौदागार, हफ्ता, हजार इत्यादि। अरबी शब्द - अदा, अमीर, अजीब, अक्ल, अजनबी, अजीब, अक्कल, अल्ला, अल्लाह, अजब, अजायब, अदावत, असर, अहमक, आसार, आखिर, आदमी, आदत, इरादा, इशारा, इनाम, इजलास, इजाजत, इज्जत, इमारत, इस्तीफा, इलाज, ईमान, ईद, उम्र, एहसान, औसत, औरत, औलाद, कसूर, कदम, कब्र, कत्ल, कातिल, कसर, कमाल, कर्ज, किस्त, किस्मत, किस्सा, किला, कसम, कीमत, कसरत, कुर्सी, किताब, कायदा, कातिल, खबर, खत्म, खत, खिदमत खराब, खारिज, खयाल, गरीब, गजल, गदर, गैर, जनून, जाहिल, जिस्म, जलसा, जनाब, जवाब जहाज, जालिम, जिक्र, जिहन, जिला, जिद, तमाम तकाजा, तकदीर, तारीख, तकिया, तमाशा, तरफ, तै, तादाद, तरक्की, तजुरबा, तबीयत, तहसील, दाखिल, दिमाग, दवा, दाबा, दावत, दफ्तर, दगा, दुआ, दफा, दल्लाल, दुकान, दिक, दुनिया, दौलत, दान, दीन, नतीजा, नशा, नाल, नकद, नकल, नहर, फरार, फर्ज, फकीर, फायदा, फैसला, बाज, बालिग, बहस, बाकी, बुनियाद, मजहब, महल, मसीहा, महान, मरहम, मुसलमान, मुल्ला, मुहावरा, मदद, मुद्दई, मरजी, माल, मिसाल, मशहूर मतलब, मजबूर, मुंसिफ, मालूम, मामूली, मालिक, माहौल, मुकदमा, मुल्क, मल्लाह, मवाद, मौसम, मौका, मौलवी, मुसाफिर, मशहूर, मजमून, मतलब, मानी, मात, यतीम, राय, लिहाज, लफ्ज, लहजा, लिफाफा, लियाकत, लायक, यतीम, वारिस, वहम, वकील, शराब, साफ़, हलवाई हिम्मत, हैजा, हिसाब, हरामी, हद, हज्जाम, हक, हुक्म, हाजिर, हाल, हाशिया, हाकिम, हकीम, हमला, हवालात, हैजा हौसला इत्यादि। तुर्की शब्द - आका, आगा, आका, उजबक, उर्दू, उजबक, कनात, कलगी, कालीन, काबू, कज्जाक, कैची, कुली, कुर्की, कुरता, कुमक, कुँची, कूच, कोरमा, खंजर, चाकू, चिक, चेचक, चम्मच, चमचा चुगल, चकमक, चोगा, जाजिम, जुर्रा, तलाश, तमगा, तोप, तोशक, दारोगा, नाशपाती, बेगम, बहादुर, बारूद, बाबा, बुलाक, मुगल, लफंगा, लाश, सराय, सौगात, सुराग इत्यादि। पुर्तगाली भाषा के शब्द - अचार, अनान्नास, अलमारी, आया (दाई), आलू, आलफिनेटर (आलपीन), इस्पात, इस्तरी, कमरा, कनस्तर, कप्तान, कमीज, कमरा, कोको, गमला, गिरिजा (गिरजा), गोभी, गोदाम, चाबी, जेंमिला (जंगला), तम्बाकू, तुरूप, तौलिया, नीलाम, परात, पपीता, पादरी, पाव (रोटी), पादरी, पिस्तौल, पीपा, प्याला, फर्मा, फीता, फालतू, मस्तूल, मेज, बम्बा, बाल्टी, लबादा, बाल्टी, सन्तरा, साया, सागू , साबुन आदि। पुर्तगाली तत्सम के तद्भव रूप भी हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं। फ्रांसीसी (फ्रेंच) भाषा के शब्द - अंग्रेज, कूपन, कार्तूस / कारतूस कास, काजू, पुलिस, बिगुल आदि। उक्त शब्द सूची से यह स्पष्ट होता है कि हिन्दी भाषा में विदेशी शब्दों की कमी नहीं है। ये शब्द हमारी भाषा में दूध-पानी की तरह मिले हुए हैं। निस्संदेह, इनसे हमारी भाषा समृद्ध हुई है। विदेशी भाषाओं के अपभ्रंश रुप बनने के उदाहरण - अरबी, फारसी और तुर्की के शब्दों को हिन्दी ने अपने उच्चारण के अनुरूप या अपभ्रंश रूप में ढाल लिया है। हिन्दी में उनके कुछ हेर-फेर इस प्रकार हुए है। (1) हिन्दी में प्रयुक्त होने पर क़, ख़, ग़, फ़ जैसे नुक्तेदार उच्चारण और लिखावट को हिन्दी में साधारणतया बेनुक्तेदार उच्चरित किया और लिखा जाता है। (2) हिन्दी में प्रयुक्त होने पर शब्दों के अंतिम विसर्ग की जगह हिन्दी में आकार की मात्रा लगाकर लिखा या बोला जाता है। (3) हिन्दी में प्रयुक्त होने पर शब्दों के अंतिम हकार की जगह हिन्दी में आकार की मात्रा कर दी जाती है। (4) हिन्दी
में प्रयुक्त होने पर शब्दों के अंतिम आकार की मात्रा को हिन्दी में हकार कर दिया जाता है। (5) हिन्दी में प्रयुक्त होने पर शब्दों के अंतिम अनुनासिक आकार को 'आन' कर दिया जाता है। (6) हिन्दी में प्रयुक्त होने पर बीच के 'इ' को 'य' कर दिया जाता है। (7) हिन्दी में प्रयुक्त होने पर बीच के आधे अक्षर को लुप्त कर दिया जाता है। (8) हिन्दी में प्रयुक्त होने पर बीच के आधे अक्षर को पूरा कर दिया जाता है। (9) हिन्दी में प्रयुक्त होने पर बीच की मात्रा लुप्त कर दी जाती है। (10) हिन्दी में प्रयुक्त होने पर बीच में कोई ह्रस्व मात्रा (खासकर 'इ' की मात्रा) लगा दी जाती है। (11) हिन्दी में प्रयुक्त होने पर बीच की ह्रस्व मात्रा को दीर्घ में, दीर्घ मात्रा को ह्रस्व में या गुण में, गुण मात्रा को ह्रस्व में और ह्रस्व मात्रा को गुण में बदल देने की परम्परा है। (12) हिन्दी में प्रयुक्त होने पर अक्षर में सवर्गी परिवर्तन भी कर दिया जाता है। शब्द निर्माण एवं प्रकारों से संबंधित प्रकरणों को पढ़ें। I Hope the
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हिंदी भाषा में विदेशी को क्या कहा जाता है?ये भेद तत्सम, तद्भव, देशज और विदेशज कहलाते हैं। विदेशी जातियों के संपर्क से उनकी भाषा के बहुत से शब्द हिन्दी में इस्तेमाल किए जाने लगे हैं। ऐसे शब्द विदेशी अथवा विदेशज कहलाते हैं।
हिंदी में विदेशी भाषा के शब्दों का आगमन क्यों उचित है?हिन्दी में नए शब्दों का आगमन हिन्दी का प्रचार बढ़ने के कारण उचित है। सन्दर्भ पंक्ति - हमारी हिंदी सजीव भाषा है। इसी कारण, यह पहले अरबी, फारसी आदि के संपर्क में आकर उनके व अब बाद में अंग्रेजी के भी शब्द ग्रहण करती जा रही है।
हिंदी भाषा का नाम हिंदी कैसे पड़ा?हिन्दी शब्द का सम्बन्ध संस्कृत शब्द 'सिन्धु' से माना जाता है। 'सिन्धु' सिन्धु नदी को कहते थे और उसी आधार पर उसके आस-पास की भूमि को सिन्धु कहने लगे। यह सिन्धु शब्द ईरानी में जाकर 'हिन्दू', हिन्दी और फिर 'हिन्द' हो गया।
हिंदी भाषा की शुरुआत कहाँ से हुई?हिंदी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना गया है। संस्कृत भारत की सबसे प्राचीन भाषा है, जिसे आर्य भाषा या देवभाषा भी कहा जाता है। हिंदी इसी आर्य भाषा संस्कृत की उत्तराधिकारिणी मानी जाती है, साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि हिंदी का जन्म संस्कृत की ही कोख से हुआ है। भारत में संस्कृत 1500 ई.
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