मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। Show
मूक प्राणी भी संवेदनशील होते हैं, उन्हें भी स्नेह की अनुभूति होती है। पाठ में रविन्द्रनाथ जी के कुत्ते के कुछ प्रसंगों से यह बात स्पष्ट हो जाती है - 1433 Views प्रस्तुत पाठ एक निबंध है। निबंध गद्य-साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं ? किन्हीं चार का उल्लेख कीजिए। (1) आश्रम के अधिकांश लोग बाहर चले गए, एक दिन हमने सपरिवार उनके 'दर्शन' की ठानी। 781 Views गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया? गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक तब समझ पाए जब रविन्द्रनाथ के कहने पर लेखक ने मैना को ध्यानपूर्वक देखा। 753 Views आशय स्पष्ट कीजिए -
आज बदलते समय के साथ मनुष्य के विचारों में भी बदलाव आ गया है। आज मनुष्य पहले कि अपेक्षा अधिक आत्मकेंद्रित हो गया है। आज मनुष्य, मनुष्य के भाव को नहीं समझ पाता है। ऐसे में कवि ने एक मूक पशु की भावनाओं का अनुभव कर लिया। कवि कहते है - गुरुदेव के स्पर्श को कुत्ता आँखें बंद करके अनुभव करता है, तब ऐसा लगता है मानों उसके अतृप्त मन को उस स्पर्श ने तृप्ति मिल गई हो। 484 Views गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं ओर रहने का मन क्यों बनाया?गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं ओर रहने का मन इसलिए बनाया क्योंकि उनका स्वास्थ्य अच्छा न था। वे स्वास्थय लाभ लेने के लिए श्रीनिकेतन चले गए। उन्हें आराम और शांति चाहिए थी, मिलने वाले लोगो की वजह से जो सम्भव नहीं हो रहा था। 1091 Views गुरुदेव ने शांति निकेतन को छोड़कर कहीं और रहने का मन क्यों बनाया?गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं ओर रहने का मन इसलिए बनाया क्योंकि उनका स्वास्थ्य अच्छा न था। वे स्वास्थय लाभ लेने के लिए श्रीनिकेतन चले गए। उन्हें आराम और शांति चाहिए थी, मिलने वाले लोगो की वजह से जो सम्भव नहीं हो रहा था। मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते।
शांतिनिकेतन छोड़कर गुरुदेव कहाँ रहने लगे?बात और इस प्रसंग में उल्लेख की जा सकती है। जब गुरुदेव का चिताभस्म कलकत्ते (कोलकाता) से आश्रम में लाया गया, उस समय भी न जाने किस सहज बोध के बल पर वह कुत्ता आश्रम के द्वार तक आया और चिताभस्म के साथ अन्यान्य रवींद्रनाथ टैगोर आश्रमवासियों के साथ शांत गंभीर भाव से उत्तरायण तक गया।
गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया उत्तर?गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी गई कविता का मर्म लेखक को तब समझ आया जब रविन्द्रनाथ के कहने पर उन्होंने मैना को ध्यान पूर्वक देखा। तब उन्हें मैना की करुण दशा ज्ञात हुई।
श्रीनिकेतन में ऐसा कौन सा कथन था जिसके कारण गुरुदेव ने वहां रहने का मन बनाया?अंत: वे शांति-निकेतन छोड़ना चाहते थे। (ख) शांति-निकेतन छोड़कर गुरुदेव कहाँ जाकर रहने लगे? उत्तर― गुरुदेव शांति-नितन छोड़कर श्री निकेतन में जाकर रहने लगे।
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