संथालों ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विद्रोह क्यों किया? Show
संथालों के विद्रोह के निम्नलिखित कारण थे:
ज़मींदार लोग अपनी जमींदारियों पर किस प्रकार नियंत्रण बनाए रखते थे? जमींदार द्वारा अपने ज़मींदारियों पर अपना नियंत्रण बनाए रखने के लिए कई प्रकार के हथकंडे अपनाते गए:
दक्कन के रैयत ऋणदाताओं के प्रति क्रुद्ध क्यों थे? दक्कन के रैयत निम्नलिखित कारणों से ऋणदाताओं के प्रति क्रुद्ध थे:
पहाड़िया लोगों ने बाहरी लोगों के आगमन पर कैसी प्रतिक्रिया दर्शाई? पहाड़िया लोग बाहर से आने वाले लोगों को संदेह तथा अविश्वास की दृष्टि से देखते थे। बाहरी लोगों का आगमन पहाड़ियां लोगों के लिए जीवन का संकट बन गया
था। उनके पहाड़ व जंगलों पर कब्जा करके खेत बनाए जा रहे थे। पहाड़ी लोगों में इसकी प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक था। पहाड़ियों के आक्रमणों में तेजी आती गई। अनाज व पशुओं की लूट के साथ इन्होने अंग्रेजों की कोठियों, ज़मींदारों की कचहरियों तथा महाजनों के घर-बारों पर अपने मुखियाओं के नेतृत्व में संगठित हमले किए और लूटपाट की। ग्रामीण बंगाल के बहुत से इलाकों में जोतदार एक ताकतवर हस्ती क्यों था?ग्रामीण बंगाल में बहुत-से इलाकों में जोतदार काफ़ी शक्तिशाली थे। वे ज़मींदारों से भी अधिक प्रभावशाली थे उनके शक्तिशाली होने के निम्नलिखित कारण थे:
1 ग्रामीण बंगाल के बहुत से इलाकों में जोतदार एक ताकतवर हस्ती क्यों था ?`?गाँवों में, जोतोदारों की शक्ति, जमींदारों की ताकत की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली होती थी। जमींदार के विपरीत जो शहरी इलाकों में रहते थे, जोतदार गाँवों में ही रहते थे और गरीब ग्रामवासियों के काफी बड़े वर्ग पर सीधे अपने नियंत्रण का प्रयोग करते थे। जोतदार ग्राम में ज़मींदारों के लगान वृद्धि के प्रयासों का विरोध करते थे।
समझाएं कि कैसे एक गांव के भीतर जोतदारों की शक्ति जमींदारों की तुलना में अधिक प्रभावी थी?कई गाँवों में जोतदारों की ताकत जमींदारों की ताकत की तुलना में अधिक प्रभावशाली थी। ये जोतदार जमींदारों की तरह जमीनों से दूर शहरों में नहीं बल्कि गाँव में रहते थे और इस तरह गाँवों के गरीब ग्रामीणों के काफी बड़े वर्ग पर सीधा नियंत्रण करते थे।
जमींदारों द्वारा अपनी जमींदारों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए क्या उपाय किए गए?जमींदार अपनी जमींदारियों के कुछ भाग परिवार की महिलाओं के नाम कर देते थे, क्योंकि कम्पनी की नीति में महिलाओं की सम्पत्ति न छीनने का प्रावधान था। ऐसा करने से भी जमींदार अपनी ज़मींदारी पर नियंत्रण बनाए रखते थे। ज़मदार अपनी ज़मींदारी पर किसी अन्य व्यक्ति का कब्ज़ा सरलतापूर्वक नहीं होने देते थे।
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