One Line Answer Show पुत्र की मृत्यु के अवसर पर भगत अपनी पतोहू को परंपरा से हटकर कौन-सा कार्य करने को कह रहे थे और क्यों? Advertisement Remove all ads Solutionपुत्र की मृत्यु के अवसर पर भगत तल्लीनता से गाए जा रहे थे और उनकी पतोहू विलाप कर रही थी। इसी समय भगत अपनी पतोहू से रोने के बदले उत्सव मनाने को कहते। भगत ऐसा इसलिए कह रहे थे क्योंकि उनका मानना था कि मृत्यु | खुशी का अवसर है। इस समय आत्मा और परमात्मा का मिलन हो जाता है। Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 11: रामवृक्ष बेनीपुरी - बालगोबिन भगत - अतिरिक्त प्रश्न Q 8Q 7Q 9 APPEARS INNCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2 Chapter 11 रामवृक्ष बेनीपुरी - बालगोबिन भगत Advertisement Remove all ads बालगोबिन भगत रोती हुई पतोहू को उत्सव मनाने के लिए क्यों कह रहे थे?Solution : (क) भगत अपनी रोटी हुई पतोहू को उत्सव मनाने के लिए आज इसलिए कह रहे थे क्योकि उनका मानना था कि आज आत्मा परमात्मा से जा मिली है। इस संबंध में उनका दर्शन कबीर से प्रभावित था।
भगत बेटे की मृत्यु पर उत्सव मनाने की बात कहते हैं क्योंकि?Solution : भगत ने अपने बेटे की मृत्यु को ईश्वर की इच्छा कहकर उसका सम्मान किया। उन्होंने उस मृत्यु को आत्मा-परमात्मा का शुभ मिलन माना । इसलिए उसे उत्सव की तरह मनाया।
बेटे की मृत्यु के बाद बालगोबिन भगत की पतोहू ने क्या किया?Balgobin Bhagat Class 10: प्रश्न-उत्तर खेतीबारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे? बालगोबिन भगत कबीर के पक्के भक्त थे। वे कभी झूठ नहीं बोलते थे और हमेशा खरा व्यवहार करते थे।
बाल गोबिन भगत कबीर को क्या मानते थे?14. बालगोबिन भगत 'कबीर' को साहब क्यों मानते थे ?
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