प्रत्येक छात्र का सपना होता है की वह अपने जीवन मे एक अच्छा जॉब पाए या कोई अच्छे पद पर हो। इसके लिए जरूरी होता है एक सही दिशा का होना। जैसा कि हम सभी जानते हैं की कक्षा 12वीं के बाद की पढ़ाई ही करियर बनाती है। तो निश्चित रूप से हमे एक अच्छा विषय चुनना चाहिए। क्योंकि यह विषय ही आपका भविष्य तय करेगी। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप के पास कुछ ऑप्शन हो जिसमे से आप अपने पसन्द का कोर्स चुन सकें। आइए इस ब्लॉग में विस्तार से जानते हैं कि 12th बायो के बाद क्या करें। Show
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बहुत सारे छात्रों के मन मे यह ख्याल आता है कि अगरउन्होंने बायोलॉजी ली है तो वह सिर्फ एमबीबीएस डॉक्टर ही बन सकते हैं। एमबीबीएस डॉक्टर बनने की यह सोच एक बहुत अच्छा सोच है। लेकिन बहुत सारे विद्यार्थी पैसे के अभाव मे या किसी दूसरे कारण से अपना यह सपना पुरा नही कर पाते हैं और उदास हो जाते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नही है। क्योंकि आपके लिए बहुत सारे अच्छे कोर्स हैं जिसे आप चुन सकते हैं। नर्सिंग कोर्सनर्सिंग कोर्स में यह सिखाया जाता है कि मरीज के साथ कैसे पेश आना है? डॉक्टर की सहायता करना आदि। नर्स बनने के लिए आप बीएससी नर्सिंग कोर्स, जीएनएम, एएनएम कोर्स कर सकते हैं। शुरुआत में नर्स का वेतन 20 से ₹25000 होता है। अनुभव के साथ आपकी सैनर्सिंग कोर्सरी बढ़ती है। बी फार्मा (बैचलर ऑफ फार्मेसी)बी फार्मा कोर्स के अंतर्गत दवाइयों और औषधियों के बारे में जानकारी दी जाती है। इस कोर्स में विभिन्न प्रकार की बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के बारे में बताया जाता है। इस कोर्स को करने के बाद आप खुद का मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं। इसके लिए आप डिप्लोमा इन फार्मेसी, बैचलर ऑफ फार्मेसी या फिर मास्टर ऑफ साइंस ऑफ फार्मेसी कोर्स कर सकते हैं। बैचलर ऑफ फार्मेसी कोर्स करने के बाद आप 25 से 30,000 प्रति महीना कमा सकते हैं, यह आपके अनुभव के साथ बढ़ती है। पैरामेडिकल कोर्सपैरामेडिकल कोर्स में नर्सिंग, फार्मेसी जैसे सभी प्रकार का ज्ञान दिया जाता है। हेल्थ केयर सेक्टर में जॉब के बहुत अवसर होते हैं। पैरामेडिकल कोर्स करने के बाद फ्रेशर का मासिक वेतन लगभग भी 25 से ₹30000 होता है। और 4 से 5 वर्ष के एक्सपीरियंस के बाद 80000 से डेढ़ लाख रुपए प्रति महीने सैलरी होती है। एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी)एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको 12वीं व NEET एंट्रेंस एग्जाम में अच्छे अंक लाने होंगे। एमबीबीएस कोर्स किसी विशेष स्पेशलाइजेशन के साथ पूरा करना होता है। इस प्रकार आप किसी विशेष स्पेशलाइजेशन के डॉक्टर बन जाते हैं। स्पेशलाइजेशन जैसे कि न्यूरोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, ऑर्थोपेडिक्स, चाइल्ड स्पेशलिस्ट, एनएसथीसिया स्पेशलिस्ट आदि। बी डी एस (बैचलर ऑफ डेंटल साइंस)यह एक अंडरग्रैजुएट कोर्स है। 12वीं के बाद यह 3 वर्ष का कोर्स होता है। इस कोर्स के दौरान स्टूडेंट्स को दांतो से संबंधित बीमारियों की जानकारी दी जाती है। दांतो के मरीज का इलाज कैसे करना है यह भी सिखाया जाता है। आप बैचलर ऑफ डेंटल साइंस कोर्स करके प्राइवेट और गवर्नमेंट हॉस्पिटल में डेंटिस्ट बन सकते हैं। साइकोलॉजिस्टअगर आप साइक्लोजेस्ट के रूप में करियर बनाना चाहते हैं। तो आपको 12 के बाद 3 वर्ष का बैचलर ऑफ साइकोलॉजी डिग्री कोर्स करना होता है। इसके बाद आपको 2 वर्ष का मास्टर ऑफ साइकोलॉजी कोर्स करना होता है। डर्मेटोलॉजिस्टडर्मेटोलॉजिस्ट त्वचा (स्किन) की बीमारियों का इलाज करते हैं। डर्मेटोलॉजिस्ट त्वचा पर होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों जैसे कि मुंहासे, शरीर में धब्बे, खुजली आदि का इलाज करते हैं। रेडियोग्राफीरेडियोग्राफी कोर्स करने के लिए आप डिप्लोमा इन रेडियोग्राफी, पोस्ट ग्रेजुएशन इन रेडियोग्राफी या फिर अन्य रेडियोग्राफी डिग्री कोर्सेज करके आप करियर की शुरुआत कर सकते हैं। न्यूट्रिशन एंड डायटिस्टदोस्तों इस कोर्स के अंतर्गत आपको फूड मैनेजमेंट की जानकारी प्रदान की जाती है। यह जानकारी दी जाती है कि स्वस्थ रहने के लिए व किस बीमारी में किस प्रकार के भोजन का इस्तेमाल करना चाहिए। शरीर में न्यूट्रीशन की कमी होने से विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने का खतरा होता है। आजकल न्यूट्रिशन और डायटिस्ट कोर्स किए हुए लोगों की बहुत डिमांड है। NEET क्या है?NEET की फुल फॉर्म द नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट होती है। NEET एक तरह का एंट्रेंस एग्जाम होता है जो सिर्फ मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए संचालित किया जाता है।अगर कोई अंडरग्रेजुएट कोर्स जैसे की एमबीबीएस/बीडीएस करना चाहता है या फिर पोस्टग्रेजुएट कोर्स जैसे की MD/MS/MDS करना चाहता है तो इसके लिए NEET एग्जाम को पास करना जरुरी है।अगर कोई NEET एग्जाम में अच्छे रैंक हासिल करता है तभी उसका एडमिशन किसी सरकारी या प्राइवेट कॉलेज में हो सकता है। इससे पहले NEET को AIPMT नाम से जाना जाता था जिसमे अलग अलग राज्य और कॉलेज के हिसाब से एंट्रेंस एग्जाम भी अलग था। लेकिन NEET आने के बाद से AIPMT और बाकि सभी मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर समाप्त कर दिया गया था। अभी सिर्फ तीन तरह के मेडिकल एग्जाम मोजूद है जिसमे पहला आता है नीट किसी सरकारी या प्राइवेट कॉलेज के लिए, दूसरा AIIMS एंट्रेंस टेस्ट जिन्हें AIIMS में एडमिशन चाहिए और तीसरा जिपमर उनके लिए जो जवाहरलाल मेडिकल इंस्टिट्यूट में एडमिशन चाहते है। आइए जानते हैं नीट की तैयारी कैसे करें। NEET की तैयारी कैसे करें?12th बायो के बाद क्या करें जानने के साथ-साथ NEET की तैयारी के बारे में पहले से ही पता करना ज़रूरी है, यह इस प्रकार है:
मेडिकल के लिए भारत में सर्वश्रेष्ठ NEET कोचिंग संस्थानयदि आप भारत में NEET परीक्षा को क्रैक करना चाहते हैं, तो आपको मेडिकल के लिए ऑल बेस्ट NEET कोचिंग इंस्टीट्यूट्स इन इंडिया के सभी प्रासंगिक विवरणों के साथ अपडेट रहना होगा ताकि आपके सपने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर बनने के लिए सच हो सकें। मकसद पेशेवर तरीके से काम करके राष्ट्र की सेवा करना और ज्ञान और सर्वोत्तम शिक्षा प्राप्त करना है। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट भारत के जिम्मेदार निकाय द्वारा आयोजित एकमात्र प्रवेश परीक्षा परीक्षा है, जो कि MBBS, मेडिकल, इंजीनियरिंग, BDS जैसी सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में प्रवेश लेने के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) है। भारत में पाठ्यक्रम। यह शीर्ष-सबसे प्रवेश परीक्षा वार्षिक रूप से आयोजित की जाती है और इसे भारत में सबसे महत्वपूर्ण चिकित्सा परीक्षा के रूप में जाना जाता है।
NEET के लिए क्रैश कोर्सक्रैश कोर्स दो शब्दों से मिलकर बना हुआ शब्द है पहला शब्द है “क्रैश” जिसका अर्थ होता है “बहुत ही सीमित या कम अवधि” दूसरा शब्द है “कोर्स” है जिसका अर्थ होता है “पाठ्यक्रम” इस प्रकार “क्रैश कोर्स” शब्द का सयुंक्त अर्थ होता है “बहुत ही कम अवधि में पूरा किया गया पाठ्यक्रम”। जब हम किसी भी विषय के बारे में महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित कर उसे एक पाठ्यक्रम का रूप देकर बहुत ही कम समय में पूरा करते हैं तो इस प्रकार के कोर्स को क्रैश कोर्स कहा जाता है। क्रैश कोर्स से NEET की तैयारी जिन तीन प्रमुख फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं वे हैं ।अनुशासित अध्ययन दिनचर्या, खूब रिविजन करना और नियमित मॉक टेस्ट प्रैक्टिस। इन तीन फैक्टर्स के बारे में विस्तृत गाइडिंग प्वाइंट्स नीचे दिए जा रहे हैं ताकि छात्र आखिरी महीने की प्रभावशाली नीट तैयारी रणनीति बना सकें। NEET की तैयारी के सबसे महत्वपूर्ण तैयारी टिप्स में से एक है अंतिम माह में अच्छी तरह से बनाया गया स्टडी रूटीन, जो यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक विषय के लिए उचित मात्रा में समय निर्धारित किया गया है-
आप AI Course Finder की मदद से अपने पसंद के कोर्सेज और उससे सम्बंधित टॉप यूनिवर्सिटी का चयन कर सकते हैं। MBBSबैचलर ऑफ मेडिसिन ऐंड बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) भारत के सबसे पसंदीदा और प्रतिष्ठित पाठ्यक्रमों में से एक है। MBBS की डिग्री पूरी करके उम्मीदवार डॉक्टर बनते हैं। MBBS की पढ़ाई एक चुनौतीपूर्ण काम है, क्योंकि डॉक्टर बनाने वाले इस कोर्स के हर चरण पर छात्रों की परीक्षा होती है। डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले उम्मीदवारों को भारत की एमबीबीएस प्रवेश प्रक्रिया के बारे में विस्तार से पता होना चाहिए। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी वर्ष में एक बार NEET परीक्षा आयोजित करती है। नीट भारत में MBBS प्रवेश के लिए आयोजित एकमात्र राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है, जिसे भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मान्यता प्राप्त है। एम्स संस्थानों में MBBS की 1,899 सीटों और जिपमर में 249 सीटों पर प्रवेश भी NEET परीक्षा के माध्यम से दिया जाता है। नीट रिजल्ट के आधार पर कुल 542 मेडिकल कॉलेज, 15 एम्स और 2 जिपमर संस्थान MBBS में प्रवेश देते हैं। एमबीबीएस सीटों और परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों की संख्या की तुलना में, भारत में MBBS प्रवेश के लिए प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ रही है। एमबीबीएस के बारे में
एमबीबीएस के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालयएमबीबीएस के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालय के नाम नीचे दिए गए हैं-
एमबीबीएस के लिए प्रसिद्ध भारतीय विश्वविद्यालयएमबीबीएस के लिए प्रसिद्ध भारतीय विश्वविद्यालय के नाम इस प्रकार हैं:
वेटनरी साइंसपशु चिकित्सा दवा की वह शाखा है जो जानवरों में बीमारी, विकार और चोट की रोकथाम, नियंत्रण, निदान और उपचार से संबंधित है। इसके साथ ही यह पशु पालन, पालन, प्रजनन, पोषण पर अनुसंधान और उत्पाद विकास से संबंधित है। पशु चिकित्सा का दायरा व्यापक है, जिसमें पालतू और जंगली दोनों तरह की सभी जानवरों की प्रजातियों को शामिल किया गया है, जिसमें विभिन्न प्रजातियों को प्रभावित करने वाली स्थितियों की एक विस्तृत श्रृंखला है। पशु चिकित्सा विज्ञान जूनोटिक रोग (अमानवीय जानवरों से मनुष्यों में संचरित संक्रामक रोग), खाद्य सुरक्षा, और चिकित्सा अनुसंधान के माध्यम से मानव अनुप्रयोगों के माध्यम से मानव स्वास्थ्य की निगरानी और नियंत्रण में मदद करता है। वे पशुओं के स्वास्थ्य की निगरानी और उपचार, और पालतू जानवरों को स्वस्थ और लंबे समय तक जीवित रखकर मानसिक स्वास्थ्य के माध्यम से खाद्य आपूर्ति को बनाए रखने में भी मदद करते हैं। पशु चिकित्सा वैज्ञानिक अक्सर काम के प्रकार के आधार पर महामारी विज्ञानियों और अन्य स्वास्थ्य या प्राकृतिक वैज्ञानिकों के साथ सहयोग करते हैं। नैतिक रूप से, पशु चिकित्सक आमतौर पर पशु कल्याण की देखभाल करने के लिए बाध्य होते हैं। पशु चिकित्सक जानवरों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए निदान, उपचार और मदद करते हैं। वेटनरी साइंस के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालयवेटनरी साइंस के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालय के नाम इस प्रकार हैं:
वेटनरी साइंस के लिए प्रसिद्ध भारतीय विश्वविद्यालयवेटरनरी डिप्लोमा कोर्स प्रमुख संस्थान निम्नलिखित हैं:
BAMSBAMS भारत में चिकित्सा की एक डिग्री है। यह 12वीं कक्षा के बाद साढ़े पाँच वर्ष की अवधि में पूरी की जाती है, जिसमें एक वर्ष का इंटर्नशिप भी सम्मिलित है। BAMS का डिग्रीधारी व्यक्ति भारत में कहीं भी प्रैक्टिस कर सकता है। इस पाठ्यक्रम में शरीर रचना विज्ञान, शरीरक्रिया विज्ञान, चिकित्सा के सिद्धान्त, रोगों से बचाव तथा सामाजिक चिकित्सा, फर्माकोलोजी, विषविज्ञान फोरेंसिक चिकित्सा, कान-नाक-गले की चिकित्सा, आँख की चिकित्सा, शल्यक्रिया मॉडर्न मेडिसिन (अर्वाचीन वैद्यक) पुर्ण ज्ञान व के सिद्धान्त आदि का पठन-पाठन होता ही है इसके साथ ही आयुर्वेद की भी शिक्षा दी जाती है। कुछ विशेषज्ञों का मत है कि भविष्य में BAMS और MBBS का एकीकरण किया जा सकता है। BAMS के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालयBAMS के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालय के नाम नीचे दिए गए हैं-
BAMS के लिए प्रसिद्ध भारतीय विश्वविद्यालयभारत में आज विभिन्न राज्यों में कई ऐसे संस्थान हैं जो आयुर्वेद से जुड़े कोर्स कराते हैं-
BHMSबैचलर ऑफ़ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी मेडिकल क्षेत्र में एक स्नातक डिग्री प्रोग्राम है | इस डिग्री में होम्योपैथिक प्रणाली के चिकित्सा ज्ञान को शामिल किया गया है। इस डिग्री को पूरा करने के बाद आप होम्योपैथिक चिकित्सा क्षेत्र में एक डॉक्टर बनने के लिए योग्य हैं। बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी क्या है? होम्योपैथी एक समग्र चिकित्सा प्रणाली है। जिसमें शरीर की प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली को बढ़ाकर रोगियों के उपचार को शामिल किया जाता है। यह प्रशिक्षित होम्योपैथों द्वारा किया जाता है जो अपने निदान के अनुसार दवाओं को सलाह देने और उन्हें निर्धारित करने के लिए अनुभवी और योग्य हैं। होम्योपैथी चिकित्सा के विभिन्न स्कूलों के बीच अपने लिए एक जगह बना चुकी है। बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी या BHMS होम्योपैथी में बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम है जो होम्योपैथिक चिकित्सा के ज्ञान को कवर करता है। इस डिग्री के पूरा होने पर, छात्र होम्योपैथिक चिकित्सा क्षेत्र में डॉक्टर बनने के योग्य हैं। आजकल, होम्योपैथिक चिकित्सा अध्ययन कई छात्रों द्वारा पसंद किया जा रहा है, जब वे अन्य चिकित्सा पाठ्यक्रमों की तुलना में दवाओं में अपना व्यवसाय बनाना चाहते हैं। BHMS के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालयBHMS के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालय के नाम नीचे दिए गए हैं-
BHMS के लिए प्रसिद्ध भारतीय विश्वविद्यालयBHMS के लिए प्रसिद्ध भारतीय विश्वविद्यालय के नाम नीचे दिए गए हैं-
BDSBDS की फुल फॉर्म बैचलर आफ डेंटल सर्जरी है। इस कोर्स के अंतर्गत आपको दंत चिकित्सा के बारे में पढ़ाया जाता है। यह एक अंडरग्रैजुएट वाला कोर्स है। यह एक प्रकार का दंत विज्ञान से संबंधित डिग्री कोर्स होता है। इस कोर्स को आप 12वीं के बाद आसानी से कर सकते हैं। इस कोर्स में अभ्यार्थियों को दातों से संबंधित सभी प्रकार की बीमारियों और उनके निदान के बारे में पढ़ाया जाता है। इन कोर्स में छात्रों को दातों के उपचार, प्रत्यारोपण आदि सभी प्रकार के दातों के संबंधित जानकारियां दी जाती हैं। कोर्स को कंप्लीट होने के बाद 1 वर्ष या फिर एक से अधिक साल का इंटरनशिप कराया जाता है। जिससे उम्मीदवारों को आसानी से जॉब मिल जाती है। BDS के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालयBDS के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालय के नाम इस प्रकार हैं:
BDS के लिए प्रसिद्ध विश्वविद्यालयBDS के लिए प्रसिद्ध विश्वविद्यालय के नाम इस प्रकार हैं:
फॉर्मेसीफ़ार्मेसीक्लीनिकल स्वास्थ्य विज्ञान है जो चिकित्सा विज्ञान को रसायन विज्ञान से जोड़ता है और इसे दवाओं और दवाओं की खोज, उत्पादन, निपटान, सुरक्षित और प्रभावी उपयोग और नियंत्रण का आरोप लगाया जाता है । फार्मेसी के अभ्यास के लिए दवाओं का उत्कृष्ट ज्ञान, उनकी क्रिया का तंत्र , दुष्प्रभाव , बातचीत, गतिशीलता और विषाक्तता की आवश्यकता होती है । साथ ही, इसे उपचार के ज्ञान और रोग प्रक्रिया की समझ की आवश्यकता होती है। फार्मासिस्टों की कुछ विशेषताएँ, जैसे कि नैदानिक फार्मासिस्टों की, अन्य कौशल की आवश्यकता होती है। फॉर्मेसी के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालयफॉर्मेसी के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालय के नाम इस प्रकार हैं:
फॉर्मेसी के लिए प्रसिद्ध भारतीय विश्वविद्यालयफॉर्मेसी के लिए प्रसिद्ध भारतीय विश्वविद्यालय के नाम इस प्रकार हैं:
इनके साथ ही जादवपुर विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान भी फार्मेसी के क्षेत्र में अच्छे संस्थान हैं। BSc के लिए प्रसिद्ध भारतीय कॉलेजBSc एक अंडर ग्रेजुएशन का कोर्स है जो छात्र 11वीं 12वीं में विज्ञान की से पढ़ाई किए हैं और वह चाहते हैं कि वह अपना आगे की पढ़ाई भी विज्ञान विषय से करें तो वह बीएससीकोर्स को कर सकते हैं बीएससी एक रेगुलर ग्रेजुएशन कोर्स है।
BSc के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालयBSc के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालय के नाम नीचे दिए गए हैं-
डिप्लोमा कोर्सेज12th बायो के बाद क्या करें जानने के साथ-साथ डिप्लोमा कोर्सेज के बारे में जानना भी आवश्यक है, जो नीचे दिए गए हैं-
12th बायो के बाद यूजी के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालय12th बायो के बाद क्या करें जानने के साथ-साथ प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालय के नाम भी जानिए, जो इस प्रकार हैं:
आप UniConnect के जरिए विश्व के पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका पा सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सकेंगे। 12th बायो के बाद यूजी के लिए प्रसिद्ध भारतीय विश्वविद्यालय12th बायो के बाद क्या करें जानने के साथ-साथ प्रसिद्ध भारतीय विश्वविद्यालय के नाम जानिए, जो इस प्रकार हैं:
विदेशी विश्वविद्यालय के लिए आवेदन प्रक्रियाविश्वविद्यालय के लिए आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है-
आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और मदद के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800572000 पर संपर्क करें। आवश्यक दस्तावेज12th बायो के बाद क्या करें जान लेने के बाद अब विदेशी विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए नीचे दिए गए दस्तावेजों के बारे में जानना आवश्यक है, जो इस प्रकार है:
क्या आप IELTS/TOEFL/SAT/GRE में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं? आज ही इन एक्साम्स की बेहतरीन तैयारी के लिए Leverage Live पर register करें और अच्छे अंक प्राप्त करें। जॉब प्रोफाइल और करियर स्कोपमेडिकल के फील्ड में करियर के काफी अच्छे अवसर होते हैं। यंहा पर आपको जॉब के अलावा स्वरोजगार के अच्छे अवसर मिलते हैं। MBBS, BAMS, BHMS, BDS जैसे कोर्स करके आप खुद का हॉस्पिटल, नर्सिंग होम या क्लिनिक स्टार्ट कर सकते हैं। इन कोर्स के बाद आप डॉक्टर बन कर प्रैक्टिस कर सकते हैं। लेकिन इन कोर्स में एडमिशन के लिए आपको NEET परीक्षा देनी होगी। 12वीं बायो से पास कर चुके या 12वीं कर रहे स्टूडेंट्स इस एग्जाम को क्वालीफाई कर MBBS, BAMS, BHMS, BDS जैसे कोर्स करके डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। नीचे कुछ जॉब प्रोफाइल्स दी गई हैं- FAQs12th बायो के बाद क्या करें? उम्मीदवारों के लिए फार्मास्यूटिकल्स, हेल्थकेयर, जेनेटिक्स और क्लिनिकल रिसर्च सभी विकल्प हैं। कृषि, पशुपालन, पोषण, सौंदर्य प्रसाधन, समुद्री जैव प्रौद्योगिकी, पर्यावरण संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन कई सरकारी और वाणिज्यिक क्षेत्रों में से हैं। PCB का छात्र क्या बन सकता है? नैदानिक शोधकर्ता, अनुसंधान वैज्ञानिक, प्रयोगशाला तकनीशियन, गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षक, स्वास्थ्य क्षेत्र के अधिकारी और अन्य सामान्य कार्य संभावनाएं उपलब्ध हैं। कई उपखंड हैं, कई विकल्प प्रदान करते हैं। पशु शरीर रचना विज्ञान के अध्ययन को जूलॉजी के रूप में जाना जाता है। 12वीं के बाद किस कोर्स में सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है? 12वीं के बाद एमबीबीए कोर्स में करने के बाद सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है। आज के समय में एक सरकारी MBBS डॉक्टर को INR 60 हजार-1 लाख प्रति माह, स्पेशलिस्ट डॉक्टर को INR 1 लाख और विशेषज्ञ (डिग्री) वाले सरकारी डॉक्टर को INR 1.25 लाख दिए जाने का प्रावधान है। हम आशा करते हैं कि अब आप जान गए होंगे कि 12th बायो के बाद क्या करें और इससे संबंधी सारी जानकारी आपको इस ब्लॉग में मिल गई होंगी। अगर आप विदेश में मेडीकल कोर्स करना चाहते हैं और साथ ही एक उचित मार्गदर्शन चाहते हैं तो आज ही 1800572000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक कीजिए। बायोलॉजी से हम क्या क्या कर सकते हैं?यह कोर्स करने के बाद रिसर्च, फूड प्रोडक्ट्स, फार्मा, एग्रीकल्चर, सरकारी लैब्स और केमिकल इंडस्ट्री में नौकरी मिल सकती है. बायोलॉजी के स्टूडेंट्स के बीच माइक्रोबायोलॉजी की लोकप्रियता काफी तेज़ी से बढ़ रही है. यह कोर्स कई संस्थानों में उपलब्ध है. इस कोर्स में माइक्रोऑगेर्निज्म की पढ़ाई करवाई जाती है.
बायोलॉजी पढ़ने से क्या होता है?बायोलॉजी सब्जेक्ट में आपको जीव जंतु के विभिन्न अंगों और उनके कार्यों के बारे में जानकारी दी जाती है। बायोलॉजी विषय में दो ब्रांच botany और zoology है। बायोलॉजी विषय में आपको इन दोनों ब्रांच के बारे में सामान्य जानकारी दी जाती है इसमें आपको पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं दोनों के बारे में पढ़ाया जाता है।
बायोलॉजी में कौन कौन से कोर्स होते हैं?परन्तु बायोलॉजी विषय लेने से जुड़े काफी सवाल जवाब मन में उठ रहे होंगे कि बायोलॉजी में कौन – कौन से सब्जेक्ट होते है और भविष्य में बायोलॉजी से पढ़ने के क्या – क्या फायदे होते हैं।. 1 : MBBS. MBBS का फुल फॉर्म Bachelor of medicine and Bachelor of Surgery होता है। ... . 2 : BHMS. ... . 3 : BDS. ... . 4 : B. ... . 5 : B.Sc. ... . 6 : B.Sc.. 12वीं पास करने के बाद क्या करना चाहिए?12वीं के बाद साइंस (PCM) के विद्यार्थी B. Tech, B.Sc, आदि कर सकते हैं तथा PCB के विद्यार्थी MBBS, BDS, आदि कर सकते हैं. कॉमर्स के विद्यार्थीयों के लिए B.Com, CA, आदि करना ठीक रहेगा तो वहीं आर्ट्स के विद्यार्थीयों के लिए BA, BJMS, आदि उपयुक्त रहेगा.
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