पंडित नेहरू अहमदनगर के किले में क्या काम करते थे? - pandit neharoo ahamadanagar ke kile mein kya kaam karate the?

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Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 1 Question Answers Summary अहमदनगर का किला

Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 1 Question and Answers

पाठाधारित प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
‘अहमदनगर का किला’ पाठ कब व किसके द्वारा लिखा गया।
(i) 14 अप्रैल 1914 में जवाहरलाल नेहरू जी द्वारा
(ii) 13 अप्रैल 1944 में जवाहरलाल नेहरू जी द्वारा
(iii) 13 अप्रैल 1944 में महात्मा गांधी द्वारा
(iv) 14 अप्रैल 1933 सरदार बल्लभ भाई पटेल द्वारा
उत्तर:
(ii) 13 अप्रैल 1944 में जवाहरलाल नेहरू जी द्वारा

प्रश्न 2.
नेहरू जी ने जीवन में कितनी बार जेल की यात्रा की थी?
(i) आठ बार
(ii) दो बार
(iii) नौवीं बार
(iv) पाँचवी बार
उत्तर:
(iii) नौवीं बार

प्रश्न 3.
नेहरू जी ने जेल में कैदी के रूप में कलम क्यों उठाई?
(i) पत्रकारिता के लिए
(ii) भारतीय जनमानस में राष्ट्र प्रेम भरने के लिए
(iii) इतिहास लिखने के लिए
(iv) राष्ट्र का गान लिखने के लिए
उत्तर:
(ii) भारतीय जनमानस में राष्ट्र प्रेम भरने के लिए

प्रश्न 4.
मनुष्य का अतीत मनुष्य को किस प्रकार से प्रभावित करता है?
(i) अच्छे रूप में
(ii) बुरे रूप में
(iii) अच्छे और बुरे दोनों रूप में
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(iii) अच्छे और बुरे दोनों रूप में

प्रश्न 5.
भारतीय विरासत की क्या विशेषता थी?
(i) आर्थिक संपन्नता को बढ़ाना
(ii) विश्व-बंधुत्व का संदेश
(iii) अलग-अलग रहने की प्रथा
(iv) आत्म-निर्भरता
उत्तर:
(ii) विश्व-बंधुत्व का संदेश

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
इस पाठ में किसकी कौन-सी यात्रा का वर्णन है?
उत्तर:
इस पाठ में पं. जवाहर लाल नेहरू की नवीं जेल यात्रा का वर्णन हुआ है। यह जेल अहमदनगर किले में थी। इस जेल में उन्हें बीस महीने गुज़ारना पड़ा था।

प्रश्न 2.
नेहरू जी ने चाँद को अपना सहचर क्यों कहा? उन्हें वह क्या सीख देता प्रतीत होता है?
उत्तर:
वहाँ का चाँद लेखक को अपना सहचर इसलिए प्रतीत होता है क्योंकि वह दिन प्रतिदिन निश्चित समय पर आकर एक-एक दिन का अहसास करवाता था। साथ यह अहसास दिलाता है कि अंधेरे के बाद उजाला होता है। यानी दुख के बाद सुख

प्रश्न 3.
अहमदनगर किले में रहकर नेहरू जी ने क्या कार्य शुरू किया?
उत्तर:
अहमद नगर के किले में नेहरू जी ने बागवानी का कार्य शुरू किया। क्योंकि वे खाली बैठकर व्यर्थ समय व्यतीत नहीं करना चाहते थे। उन्होंने पथरीली व कंकरीली ज़मीन को उपजाऊ बना डाला।

प्रश्न 4.
इतिहासकार गेटे ने इतिहास लेखन के बारे में क्या कहा?
उत्तर:
इतिहासकार गेटे ने इतिहास लेखन के बारे में कहा कि इतिहास लेखन अतीत के भारी बोझ से एक सीमा तक राहत दिलाता है।

प्रश्न 5.
नेहरू जी ने कुदाल छोड़कर कलम क्यों उठा ली?
उत्तर:
नेहरू जी को बागवानी के लिए खुदाई का काम जारी रखने के लिए अधिकारियों की मंजूरी नहीं मिलने पर उन्होंने विवश होकर जेल में इतिहास लेखन के लिए कलम उठा लिया।

प्रश्न 6.
चाँद बीबी की हत्या किसने की?
उत्तर:
चाँद बीबी की हत्या उसी के अपने एक साथी ने की।

प्रश्न 7.
नेहरू जी ने किसके बारे में लिखने का निश्चय किया?
उत्तर:
नेहरू जी ने वर्तमान के विचारों और क्रिया-कलापों के साथ संबंध स्थापित करके, उनके बारे में लिखने का प्रयास किया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अतीत का दबाव कैसा होता है?
उत्तर:
अतीत का दबाव अच्छा हो या बुरा दोनों रूपों में अभिभूत करता है। मनुष्य के मस्तिष्क पर सभ्यता और संस्कृति की जो छाप रहती है, और जो लोग प्राचीन सभ्यताओं से जुड़े हैं जब उनकी सभ्यता विकृत होती है तो वे जल्दी ही विचलित हो उठते हैं।

प्रश्न 2.
भारतवासियों की विरासत की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर:
भारतवासियों की विरासत की विशेषताएँ हैं कि वे आपस में अलग रहने में विश्वास नहीं करते। इस संबंध में नेहरू जी का कहना है कि यह हमारे रक्त-माँस और अस्थियों में कूट-कूट कर भरा है कि कोई व्यक्ति औरों से अलग नहीं होता यानी विश्व बंधुत्व की भावना में विश्वास करते हैं।

प्रश्न 3.
चाँद बीबी कौन थी? उनसे संबंधित कौन-सी घटना याद की जाती है?
उत्तर:
चाँद बीबी अहमदनगर में रहने वाली महिला शासिका थी। उसने किले की रक्षा के लिए अकबर की शाही सेना के विरुद्ध युद्ध किया और सेना का नेतृत्व किया। अंत में उसकी हत्या उसके अपने ही एक आदमी ने कर दिया।

पाठ विवरण

इस पाठ में नेहरू जी की नवीं जेल यात्रा का वर्णन है। इस पाठ के माध्यम से नेहरू जी का कहना है कि मनुष्य के मानस पटल पर अपनी संस्कृति और सभ्यता की जो पुरानी छाप है रहती है, वह अच्छी और बुरी दोनों रूपों में प्रभावित करती है। अहमदनगर के किले में नेहरू जी को 1942-45 तक रखा गया था, यह पाठ उसका का संस्मरण है।

Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 1 Summary

अतीत का भार नेहरू जी को बागवानी का शौक था। उन्हें अंग्रेज़ी सरकार द्वारा जिन जेलों में रखा गया वहाँ उन्होंने अपने शौक को पूरा किया। दूसरी जेलों की तरह उन्होंने अहमद नगर के किले में भी बागवानी शुरू कर दी थी। वे प्रतिदिन धूप में भी फूलों के लिए क्यारियाँ बनाते थे। वहाँ की ज़मीन की मिट्टी काफ़ी खराब थी। यह मिट्टी पुराने मलबे से भरी हुई थी। इस मिट्टी ने अनेक युद्ध और गुप्त संधियाँ देखी हैं। इसलिए इसे ऐतिहासिक जगह भी कहा जाता है। यहाँ की एक महत्त्वपूर्ण घटना चाँद बीबी की याद नेहरू जी को आती है। उसी चाँद बीबी ने इस किले की रक्षा के लिए अकबर की मुगल सेना के विरुद्ध युद्ध लड़ा था। उसी चाँद बीबी की हत्या उसी के विश्वासी आदमी ने की थी।

जेल में बागवानी के लिए खुदाई करते समय नेहरू जी को सतह के काफ़ी नीचे पुरानी दीवारों के हिस्से, गुंबद और इमारतों के ऊपरी हिस्से मिले। लेकिन जेल अधिकारी सीमित स्थानों से आगे बढ़ने की इजाजत नहीं देते थे। इसलिए उन्होंने कुदाल छोड़कर कलम हाथ में उठाई और उन्होंने यह प्रण लिया जब तक देश आज़ाद नहीं हो जाता है, वे देश की आजादी के लिए लिखते रहेंगे। वे भविष्य के बारे में इसलिए नहीं लिख सकते, क्योंकि वह किसी पैगम्बर की भूमिका में नहीं हैं। अब बचा अतीत के बारे में इतिहास व विद्वान की तरह लिखने में सक्षम नहीं थे। वे केवल वर्तमान विचारों और क्रियाकलापों के साथ संबंध स्थापित करके ही उसके बारे में कुछ लिख सकते हैं। गेटे के अनुसार, इस तरह का इतिहास लेखन अतीत के भारी बोझ से एक सीमा तक राहत दिलाता है।

अतीत का दबाव
मनुष्य के मस्तिष्क पर सभ्यता के अतीत का दबाव चाहे भला हो या बुरा दोनों तरह से अभिभूत करता है। यह दबाव कभी-कभी दमघोटू होता है।

नेहरू जी बराबर सोचा करते थे कि आखिर इनकी विरासत क्या है ? वे किन बातों के उत्तराधिकारी हैं? फिर स्वयं ही उनका मानना है कि मानवता के जिन मूल्यों को हजारों वर्षों से प्राप्त किया गया, जीत का उल्लास, हार का दुख व मानव के साहसी कारनामे ये सभी उनके साथ जुड़े हैं। वे इन्हीं सबके संतान हैं।

नेहरू जी ने अपने विचारों में अपनी घटना का भी उल्लेख किया है कि भारतवासियों की विरासत की विशेष बात यह है कि ये आपको अपना-पराया का भेद-भाव नहीं करते। यह विचार हमारे अंदर कूट-कूट कर भरा हुआ है। यही विचार हमें एकसूत्र में बाँधकर रखते हैं। इन आधारों पर वर्तमान और भावी रूप बनेगा।

शब्दार्थ:

पृष्ठ संख्या 1- दूज – शुक्ल पक्ष का दूसरा दिन, शुक्ल पक्ष – पंद्रह दिनों की यह अवधि जब चाँद सायंकाल निकलता है, कारावास – जेल, स्थायी – लंबे समय तक, सहचर – साथ चलने वाला।

पृष्ठ संख्या 2- बागवानी – बाग-बगीचे लगाना, अवशेषों – बचे हुए पदार्थ, अतीत – पुराना, दूरभिसंधियाँ – दुश्मनों या गलत इरादों से की गई संधि, अहमियत – विशेषता, विरुद्ध – खिलाफ नेतृत्व, मंजूरी – अनुमति, कुदाल – फावड़ा, कर्म – कार्य।

पृष्ठ संख्या 3- पैगंबर – ईश्वर का दूत, अख्तियार – अधिकार, विद्वत्तापूर्ण – पांडित्य, राहत – आराम, वारिस – उत्तराधिकारी, भावी – आनेवाला, मन में घर करना, स्पर्श – छूना।

अहमदनगर के किले में नेहरू जी क्या क्या काम करते थे?

प्रश्न 3: अहमदनगर किले में नेहरू जी अपना शौक पूरा करने के लिए क्या काम करने लगे? उत्तर: नेहरू जी ने अपना बागवानी का शौक पूरा करने के लिए कुदाल उठा ली और पथरीली एवं कंकरीली जमीन की खुदाई शुरू कर दी और उस बंजर जमीन को पेड़-पौधे लगाने के योग्य बना दिया।

अहमदनगर के किले में लेखक कौन से कार्य करते थे?

अहमदनगर जिले में लेखक नेहरु जी की दिनचर्या बागवानी का कार्य करने की थी। जब नेहरू अपनी जेल नौंवी यात्रा पर अहमदनगर किले में कैद थे, तब वहाँ पर उन्हें काफी समय खाली रहना पड़ता था। यह खाली समय व्यर्थ नही जाए, इसलिए उन्होंने आसपास के बंजर भूमि पर बागवानी का कार्य करना शुरू कर दिया।

नेहरू जी ने जेल में कौन कौन से काम किए खुदाई के दौरान उन्हें क्या मिला वे खुदाई का काम क्यों जारी नहीं रख सकें?

नेहरुजी ने कुदाल छोड़कर कलम क्यों उठाई? उन्होंने जेल में खुदाई के दौरान जमीन में से प्राचीन दीवारों के अवशेष एवं कुछ गुंबदों और इमारतों के ऊपरी हिस्से के टुकड़े प्राप्त किए

नेहरू जी ने अहमदनगर के किले में कुदाल छोड़कर हाथ में क्या उठा लिया?

इससे उन्हें अहमदनगर के किले के बारे में कई जानकारियां मिल सकती थीं लेकिन अधिकारियों ने इसकी इजाजत नहीं दी तो उन्होंने कुदाल छोड्कर कलम हाथ में पकड़ी अर्थात् बंदी होने के बावजूद, अपनी लेखनी से लेख लिखकर भारत की जनता के दिलों में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत करवाने का प्रयत्न करते रहे।