बवासीर में क्या क्या प्रॉब्लम होती है? - bavaaseer mein kya kya problam hotee hai?

बवासीर एक गंभीर बीमारी है, जो मलाशय और गुदा में मौजूद सूजन के कारण होती है। इस दौरान मल त्याग करना बेहद दर्दनाक होता है । कभी-कभी तो मल के साथ खून भी आता है। आमतौर पर पाइल्स या बवासीर दो प्रकार की होती है- आंतरिक और बाहरी बवासीर। आंतरिक बवासीर में मल त्याग के साथ खून निकलता है, जबकि बाहरी बवासीर में गुदा के आसपास का हिस्से में सूजन आ जाती है, जिसमें दर्द और खुजली होने लगती है।

इसके इलाज के तौर पर अक्सर कुछ तरह के खाद्य पदार्थों को खाने और कुछ से परहेज करने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर अक्सर पाइल्स वाले लोगों को फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने के लिए कहते है। फाइबर मल को नरम बनाता है, जिससे इसे बाहर निकेालना आसान हो जाता है। अगर आप भी बवासीर से परेशान हैं, तो पानी और फलों के रस के रूप में आप ढेर सारे तरल पदार्थ ले सकते हैं।

​बवासीर में क्या खाना चाहिए

बवासीर में क्या क्या प्रॉब्लम होती है? - bavaaseer mein kya kya problam hotee hai?

साबुन अनाज खाएं

पाइल्स होने पर अपने आहार में ढेर सारे साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, होल व्हीट शामिल करें। बता दें कि साबुत अनाज में फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इनके सेवन से मल नरम हो जाता है और मल त्याग के दौरान होने वाले दर्द में कमी आती है।

​खूब फल खाएं

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एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्वों से भरपूर फल मल त्याग को नियंत्रित करते हैं। बवासीर से परेशान लोगों के लिए सेब, अंगूर, प्रून और जामुन जैसे फलों को छिलके सहित खाना बहुत फायदेमंद है। ये सभी फल फाइबर, विटामिन और मिनरल से भरपूर हैं, जो स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे हैं।

​हर्बल टी पीएं

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अलग-अलग प्रकार की हर्बल चाय बवासीर के प्रबंधन में मदद कर सकती है। हर्बल टी पीने से सूजन और मल में निकलने वाले खून में कमी आती है।

​केला खाएं

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इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति अगर केला खांए, तो बहुत आराम मिलता है। केला गुदा की सूजन को कम कर मल त्यग को आसान बनाता है। केला एंटीबैक्टीरियल होने के लिहाज से बवासीर के घरेलू इलाज के लिए एक बेहतरीन भोजन है।

​खूब पानी पीएं

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बवासीर के लिए सही आहार में ढेर सारा पानी शामिल होना चाहिए। यह मल को नरम बनाकर बवासीर को निसंत्रित करने में मदद करता है। इतना ही नहीं पानी पीने से शरीर में पानी की कमी पूरी हो जाती है, इसलिए पाइल्स वाले व्यक्ति को हर दिन कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।

​हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं

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पाइल्स की स्थिति में हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से पाचन क्रिया आसान होती है। बवासीर के रोगियों के लिए ब्रोकोली, गोभी, गाजर, फूलगोभ और टमाटर खाने के लिए कहा जाता है। इन सब्जियों में अधिक मात्रा में फाइबर होने से बवासीर की तकलीफ बढ़ती नहीं है।

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​फलों का रस पीएं

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हाइड्रेट रहने के लिए दिनभर में अलग-अलग तरह के जूस पीएं। ये न केवल विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालेंगे, बल्कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट सूजन और दर्द को भी कम करेंगे। ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी और चेरी जैसे फल मलाशय और गुदा में मौजूद नसों में मजबूत करने का काम करते हैं। इसलिए इन फलों का रस जरूर पीएं।

​पाइल्स में क्या नहीं खाना चाहिए

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तली-भुनी चीजें न खाएं

अगर आपको बवासीर है, तो फ्रेंच फ्राइज और ज्यादा तले हुए खाद्य पदार्थों को खाने से बचें। दरअसल, ऑयली और फ्राई फूड आइटम्स में भरपूर मात्रा में फैट मौजूद होता है, जो पाचन तंत्र पर दबाव डालकर इसे कमजोर बनाता है। इसमें मिलाए जाने वाले मसाले अम्लता को बढ़ाते हैं और सूजन पैदा करते हैं।

​व्हाइट ब्रेड का सेवन न करें

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दरअसल, ब्रेड को पचाना काफी मुश्किल होता है। इससे कब्ज की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए बवासीर के रोगियों को ब्रेड खाने के लिए अक्सर मना किया जाता है।

​कॉफी पीने से बचें

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पाइल्स के मरीज के लिए कॉफी नुकसानदायक है। इसमें मौजूद कैफीन निर्जलीकरण का कारण है। जिससे मल कठोर हो जाता है और एनल वेन्स पर दबाव डालता है। जिससे मल त्याग में दिक्कत होती है।

​बवासीर को रोकने के लिए जीवनशैली में करें बदलाव

बवासीर में क्या क्या प्रॉब्लम होती है? - bavaaseer mein kya kya problam hotee hai?

  1. अपने आहार में फाइबर से भरपूर भोजन जैसे बीन्स, फल और सब्जियों का सेवन करें।
  2. दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीएं।
  3. रोजाना व्यायाम करें।
  4. लंबे समय तक शौचालय में न बैठें।
  5. जैसे ही मन करें, शौचालय जरूर जाएं।
  6. एक स्वस्थ आहार और जीवनशैली बनाए रखें।
  7. यदि आप मल त्याग के दौरान दर्द का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  8. मल पास करते समय गुदा की मांसपेशियों पर दबाव न डालें। इससे बवासीर का खतरा बढ़ जाता है।
  9. कब्ज को रोकने के लिए हर डाइट के साथ दही का सेवन जरूर करना चाहिए।

अब जब आप बवासीर को ठीक करने वाले भोजन के बारे में जान गए हैं, तो इन्हें अपने आहार में जरूर शामिल कर लें। एक स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनावमुक्त दिमाग बवासीर को रोकने का बढ़िया उपाय है।

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बवासीर होने पर क्या क्या दिक्कत होती है?

चिह्न व लक्षण.
गुदा के आस-पास कठोर गांठ जैसी महसूस होती है। ... .
शौच के बाद भी पेट साफ ना हेने का आभास होना।.
शौच के वक्त जलन के साथ लाल चमकदार खून का आना।.
शौच के वक्त अत्यधिक पीड़ा होना।.
गुदा के आस-पास खुजली, एवं लालीपन, व सूजन रहना।.
शौच के वक्त म्यूकस का आना।.
बार-बार मल त्यागने की इच्छा होना, लेकिन त्यागते समय मल न निकलना।.

बवासीर में क्या सब होता है?

यह एक गंभीर बीमारी है जिससे पीड़ित मरीज के मलाशय और गुदा में सूजन आ जाती है। बवासीर दो प्रकार के होते हैं जिसमें पहला आंतरिक बवासीर और दूसरा बाहरी बवासीर है। आंतरिक बवासीर में मल के साथ खून आता है और बाहरी बवासीर में गुदा के आसपास सूजन आ जाती है तथा तेज दर्द एवं खुजली होती है।

बवासीर की शुरुआत कैसे होती है?

बवासीर की शुरुआत होने पर मलाशय में लगातार जलन और सूजन होने लगती है। इसमें मांसपेशियों में सूजन रहती है, जो कि रह-रह कर जलन पैदा करती है। यह सूजन दर्द और परेशानी का कारण बनती है और यहां तक कि उठने-बैठने के दौरान भी समस्या बन जाती है। ये आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर, दोनों के दौरान हो सकता है।

बवासीर ठीक करने के लिए क्या खाना चाहिए?

बवासीर रोग में अधिक से अधिक फाइबर खाना चाहिए। पानी भी अधिक मात्रा में पिएं। ताजी हरी सब्जियों का सेवन करें और फलों को डाइट में शामिल करें। विशेषज्ञ डॉक्टर के अनुसार, अगर बवासीर अपनी शुरुआती स्टेज में है तो खान-पान और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाकर इसे ठीक किया जा सकता है।